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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Anbiyā’   Ayah:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ مِنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا نُوْحِیْۤ اِلَیْهِ اَنَّهٗ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنَا فَاعْبُدُوْنِ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले जो भी रसूल भेजा, उसकी ओर यही वह़्य (प्रकाशना) करते रहे कि मेरे सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं है। इसलिए एकमात्र मेरी इबादत करो और मेरे साथ किसी भी चीज़ को साझी न बनाओ।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا سُبْحٰنَهٗ ؕ— بَلْ عِبَادٌ مُّكْرَمُوْنَ ۟ۙ
और मुश्रिकों (बहुदेववादियों) ने कहा : अल्लाह ने फ़रिश्तों को बेटियाँ बना लिया है। अल्लाह उनके इस झूठ से पाक एवं पवित्र है। बल्कि फ़रिश्ते अल्लाह के बंदे हैं। उसकी ओर से सम्मान दिए गए हैं और उसके निकटवर्ती हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَا یَسْبِقُوْنَهٗ بِالْقَوْلِ وَهُمْ بِاَمْرِهٖ یَعْمَلُوْنَ ۟
वे अपने पालनहार से आगे बढ़कर नहीं बोलते। चुनाँचे उसकी अनुमति के बिना कोई बात नहीं करते, तथा वे उसके आदेश के अनुसार ही काम करते हैं। अतः उसके किसी आदेश का विरोध नहीं करते।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَعْلَمُ مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا یَشْفَعُوْنَ ۙ— اِلَّا لِمَنِ ارْتَضٰی وَهُمْ مِّنْ خَشْیَتِهٖ مُشْفِقُوْنَ ۟
वह उनके अगले और पिछले कर्मों को जानता है। वे (क़ियामत के दिन) उसकी अनुमति ही से केवल उसके हक़ में सिफ़ारिश करेंगे, जिसके लिए सिफ़ारिश को वह पसंद करेगा। तथा वे अल्लाह के भय से सहमे हुए रहते हैं। चुनाँचे किसी आदेश या निषेध में उसका विरोध नहीं करते।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَنْ یَّقُلْ مِنْهُمْ اِنِّیْۤ اِلٰهٌ مِّنْ دُوْنِهٖ فَذٰلِكَ نَجْزِیْهِ جَهَنَّمَ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟۠
मान लिया जाए कि यदि फ़रिश्तों में से कोई यह कहे कि मैं अल्लाह के सिवा पूज्य हूँ, तो हम उसे उसके इस कथन के कारण क़ियामत के दिन जहन्नम की सज़ा देंगे, जिसमें वह हमेशा रहेगा। तथा हम अल्लाह के साथ कुफ़्र और शिर्क के द्वारा अत्याचार करने वालों को इसी तरह दंडित करते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَوَلَمْ یَرَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اَنَّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ كَانَتَا رَتْقًا فَفَتَقْنٰهُمَا ؕ— وَجَعَلْنَا مِنَ الْمَآءِ كُلَّ شَیْءٍ حَیٍّ ؕ— اَفَلَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
क्या अल्लाह का इनकार करने वाले नहीं जानते कि आकाश और धरती दोनों आपस में मिले हुए थे, दोनों के बीच कोई खाली स्थान नहीं था, जहाँ से बारिश उतरती, तो हमने दोनों को अलग-अलग कर दिया। तथा हमने आसमान से धरती पर उतरने वाली बारिश से हर तरह की जानदार चीज़ें और पौधे बनाए। तो क्या वे इन बातों से सीख नहीं लेते और एक अल्लाह पर ईमान नहीं लाते?!
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَعَلْنَا فِی الْاَرْضِ رَوَاسِیَ اَنْ تَمِیْدَ بِهِمْ وَجَعَلْنَا فِیْهَا فِجَاجًا سُبُلًا لَّعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
और हमने धरती में स्थिर पहाड़ बनाए, ताकि वह अपने ऊपर मौजूद लोगों को लेकर हिलने-डुलने न लगे, और हमने उसमें चौड़े रास्ते बना दिए, ताकि लोग अपनी यात्राओं में अपने गंतव्यों तक मार्ग प्राप्त कर सकें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَعَلْنَا السَّمَآءَ سَقْفًا مَّحْفُوْظًا ۖۚ— وَّهُمْ عَنْ اٰیٰتِهَا مُعْرِضُوْنَ ۟
और हमने आकाश को एक खंभे के बिना गिरने से संरक्षित, तथा शैतानों के चोरी-छिपे सुनने से सुरक्षित छत बनाया। जबकि मुश्रिकों का हाल यह है कि वे आकाश में मौजूद निशानियों (जैसे सूर्य और चाँद) से मुँह फेरने वाले हैं, उनसे सीख नहीं लेते।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ؕ— كُلٌّ فِیْ فَلَكٍ یَّسْبَحُوْنَ ۟
अकेला अल्लाह ही है, जिसने आराम के लिए रात बनाई और रोज़ी-रोटी कमाने के लिए दिन बनाया, तथा सूर्य को दिन का संकेत और चाँद को रात का संकेत बनाया। प्रत्येक सूर्य और चंद्रमा अपनी कक्षा में चल रहे हैं, कोई उससे विचलित और इधर-उधर नहीं होता।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا جَعَلْنَا لِبَشَرٍ مِّنْ قَبْلِكَ الْخُلْدَ ؕ— اَفَاۡىِٕنْ مِّتَّ فَهُمُ الْخٰلِدُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले किसी मनुष्य को इस जीवन में हमेशा रहने वाला नहीं बनाया। फिर क्या यदि इस जीवन में आपका नियत समय पूरा हो जाए और आपकी मृत्यु हो जाए, तो ये लोग आपके बाद हमेशा रहने वाले हैं?! हरगिज़ नहीं।
Arabic explanations of the Qur’an:
كُلُّ نَفْسٍ ذَآىِٕقَةُ الْمَوْتِ ؕ— وَنَبْلُوْكُمْ بِالشَّرِّ وَالْخَیْرِ فِتْنَةً ؕ— وَاِلَیْنَا تُرْجَعُوْنَ ۟
प्रत्येक प्राणी को, चाहे मोमिन हो या काफ़िर, इस दुनिया में मौत का स्वाद चखना है। और (ऐ लोगो!) हम दुनिया के जीवन में शरई कर्तव्यों का पाबंद बनाकर तथा नेमतों और विपत्तियों से ग्रस्त कर तुम्हारी आज़माइश करते हैं। फिर तुम अपनी मौत के बाद केवल हमारी ही ओर लौटाए जाओगे। फिर हम तुम्हें तुम्हारे कार्यों का बदला देंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• تنزيه الله عن الولد.
• अल्लाह को संतान से पवित्र ठहराना।

• منزلة الملائكة عند الله أنهم عباد خلقهم لطاعته، لا يوصفون بالذكورة ولا الأنوثة، بل عباد مكرمون.
• अल्लाह के पास फ़रिश्तों का स्थान यह है कि वे उसके बंदे हैं, जिन्हें उसने अपनी आज्ञा का पालन करने के लिए पैदा किया है, उन्हें पुरुषत्व या स्त्रीत्व के साथ वर्णित नहीं किया जाएगा, बल्कि वे अल्लाह के सम्मानित बंदे हैं।

• خُلِقت السماوات والأرض وفق سُنَّة التدرج، فقد خُلِقتا مُلْتزِقتين، ثم فُصِل بينهما.
• आकाश और धरती अल्लाह के 'चरण–दर–चरण' नियम के अनुसार पैदा किए गए हैं। चुनाँचे वे (पहले) आपस में मिले हुए पैदा किए गए थे, फिर दोनों को अलग किया गया।

• الابتلاء كما يكون بالشر يكون بالخير.
• आज़माइश बुराई तथा भलाई दोनों से होती है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Anbiyā’
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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