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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Anbiyā’   Ayah:

अल्-अम्बिया

Purposes of the Surah:
إثبات الرسالة وبيان وحدة غاية الأنبياء وعناية الله بهم.
ईशदूतता (पैग़ंबरी) का प्रमाणन, तथा अंबिया (पैग़ंबरों) के उद्देश्य की एकता और उनके लिए अल्लाह की देखभाल का बयान।

اِقْتَرَبَ لِلنَّاسِ حِسَابُهُمْ وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ مُّعْرِضُوْنَ ۟ۚ
क़ियामत के दिन लोगों के लिए उनके कार्यों का हिसाब बहुत निकट आ गया। इसके बावजूद वे लापरवाही में पड़े हुए हैं, आख़िरत से मुँह मोड़कर दुनिया में व्यस्त हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنْ رَّبِّهِمْ مُّحْدَثٍ اِلَّا اسْتَمَعُوْهُ وَهُمْ یَلْعَبُوْنَ ۟ۙ
उनके पास उनके पालनहार की ओर से क़ुरआन की जो भी नई अवतरित बात आती है, तो वे उसे लाभ उठाने के लिए (गंभीरता से) नहीं सुनते हैं। बल्कि, वे इस बात की परवाह किए बिना कि उसमें क्या है, हँसी-खेल करते हुए सुनते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَاهِیَةً قُلُوْبُهُمْ ؕ— وَاَسَرُّوا النَّجْوَی ۖۗ— الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۖۗ— هَلْ هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۚ— اَفَتَاْتُوْنَ السِّحْرَ وَاَنْتُمْ تُبْصِرُوْنَ ۟
उन्होंने इसे इस हाल में सुना कि उनके दिल इससे पूरी तरह ग़ाफ़िल थे। और कुफ़्र के द्वारा अत्याचार करने वालों ने उस बात को गुप्त रखा, जो वे आपस में यह कहते हुए कानाफूसी कर रहे थे : यह व्यक्ति जो रसूल होने का दावा करता है, तुम्हारे ही जैसे एक इनसान के सिवा क्या है, जिसे तुमसे हटकर कोई विशिष्टता प्राप्त नहीं है?! तथा वह जो कुछ लेकर आया है, केवल जादू है। तो क्या तुम यह जानते हुए भी कि वह तुम्हारे ही जैसा एक इनसान है और वह जो कुछ लेकर आया है, मात्र जादू है, तुम उसके पीछे चलने के लिए तैयार हो?!
Arabic explanations of the Qur’an:
قٰلَ رَبِّیْ یَعْلَمُ الْقَوْلَ فِی السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؗ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : तुमने गुप्त रूप से जो बात कही है, मेरा पालनहार उसे खूब जानता है। क्योंकि वह आकाशों और धरती में बोलने वाले के मुँह से निकलने वाली हर बात को जानता है। वह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कार्यों को जानने वाला है और वह उन्हें उनका बदला देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
بَلْ قَالُوْۤا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍ بَلِ افْتَرٰىهُ بَلْ هُوَ شَاعِرٌ ۖۚ— فَلْیَاْتِنَا بِاٰیَةٍ كَمَاۤ اُرْسِلَ الْاَوَّلُوْنَ ۟
बल्कि सच्चाई यह है कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जो क़ुरआन लाए हैं, उसके बारे में वे असमंजस में पड़े हुए हैं। चुनाँचे कभी कहते हैं कि ये मिश्रित सपने हैं जिनकी कोई व्याख्या नहीं होती। कभी कहते हैं कि नहीं, बल्कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसे गढ़ लिया है, जिसका कोई आधार नहीं है। तथा कभी कहते हैं कि आप शायर हैं। और यदि आप अपने दावे में सच्चे हैं, तो पहले रसूलों की तरह हमारे पास कोई चमत्कार लेकर आएँ। क्योंकि वे चमत्कार लाए थे, जैसे कि मूसा अलैहिस्सलाम की लाठी और सालेह अलैहिस्सलाम की ऊँटनी।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَاۤ اٰمَنَتْ قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْیَةٍ اَهْلَكْنٰهَا ۚ— اَفَهُمْ یُؤْمِنُوْنَ ۟
इन चमत्कार की माँग करने वालों से पहले कोई बस्ती, जिसने चमत्कारों का प्रस्ताव रखा, फिर उसे उसके सुझाव के अनुसार दिया गया, ईमान नहीं लाई। बल्कि उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उन्हें नष्ट कर दिया। तो क्या ये लोग ईमान ले आएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ فَسْـَٔلُوْۤا اَهْلَ الذِّكْرِ اِنْ كُنْتُمْ لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले मनुष्यों ही में से कुछ पुरुषों को रसूल बनाकर भेजे, जिनकी ओर हम वह़्य (प्रकाशना) करते थे। हमने रसूल बनाकर फ़रिश्तों को नहीं भेजा। इसलिए, यदि तुम नहीं जानते हो, तो अपने से पहले किताब वालों से पूछ लो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا جَعَلْنٰهُمْ جَسَدًا لَّا یَاْكُلُوْنَ الطَّعَامَ وَمَا كَانُوْا خٰلِدِیْنَ ۟
हमने उन रसूलों को, जिन्हें हम भेजते थे, ऐसे शरीर वाले नहीं बनाए थे, जो खाना न खाते हों। बल्कि वे अन्य लोगों की तरह खाते-पीते थे। तथा वे इस दुनिया में हमेशा रहने वाले अमर नहीं थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ صَدَقْنٰهُمُ الْوَعْدَ فَاَنْجَیْنٰهُمْ وَمَنْ نَّشَآءُ وَاَهْلَكْنَا الْمُسْرِفِیْنَ ۟
फिर हमने अपने रसूलों से किए हुए अपने वचन को पूरा कर दिया। चुनाँचे हमने उन्हें और जिन मोमिनों को चाहा, विनाश से बचा लिया, और उन लोगों को नष्ट कर दिया, जो अल्लाह का इनकार करके और गुनाह के कार्यों में पड़कर हद से आगे बढ़ने वाले थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَقَدْ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكُمْ كِتٰبًا فِیْهِ ذِكْرُكُمْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠
हमने तुम्हारी ओर क़ुरआन उतारा है, जिसमें तुम्हारा सम्मान और गौरव है अगर तुम उसे सत्य मानो और उसकी शिक्षाओं पर अमल करो। तो क्या तुम इस बात को नहीं समझते, कि तुम उसपर ईमान लाने में जल्दी करो और उसमें जो कुछ है, उसके अनुसार कार्य करो?!
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• قُرْب القيامة مما يستوجب الاستعداد لها.
• क़ियामत का निकट होना, जो उसके लिए तैयारी करने की अपेक्षा करता है।

• انشغال القلوب باللهو يصرفها عن الحق.
• दिलों का आमोद-प्रमोद में व्यस्त होना, उन्हें सत्य से फेर देता है।

• إحاطة علم الله بما يصدر من عباده من قول أو فعل.
• अल्लाह का ज्ञान बंदे के मुँह से निकलने वाली हर बात और उसके हर कार्य को घेरे हुए है।

• اختلاف المشركين في الموقف من النبي صلى الله عليه وسلم يدل على تخبطهم واضطرابهم.
• अल्लाह के नबी सल्ललल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति दृष्टिकोण (स्थिति) के बारे में मुश्रिकों का मतभेद, उनके भ्रम की स्थिति और उलझन को इंगित करता है।

• أن الله مع رسله والمؤمنين بالتأييد والعون على الأعداء.
• अल्लाह अपने समर्थन और दुश्मनों के विरुद्ध सहायता के द्वारा अपने रसूलों और ईमान वालों के साथ है।

• القرآن شرف وعز لمن آمن به وعمل به.
• क़ुरआन उसके लिए सम्मान और गर्व है, जो उस पर ईमान रखता और उसके अनुसार कार्य करता है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Anbiyā’
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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