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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߡߎ߬ߙߊ߲߬ ߞߐߙߍ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
هُنَالِكَ دَعَا زَكَرِیَّا رَبَّهٗ ۚ— قَالَ رَبِّ هَبْ لِیْ مِنْ لَّدُنْكَ ذُرِّیَّةً طَیِّبَةً ۚ— اِنَّكَ سَمِیْعُ الدُّعَآءِ ۟
उसी समय, जब ज़करिय्या ने मरयम बिन्त इमरान के पास जीविका में अल्लाह के सामान्य नियम के विपरीत अल्लाह की जीविका देखी, तो उनके अंदर यह आशा पैदा हुई कि उनकी वृद्धावस्था और उनकी पत्नी के बाँझपन की स्थिति के बावजूद अल्लाह उन्हें संतान दे सकता है। चुनाँचे उन्होंने प्रार्थना की : ऐ मेरे पालनहार! मुझे एक अच्छी संतान प्रदान कर। निःसंदेह तू प्रार्थना करने वाले की प्रार्थना सुनने वाला और उसे क़बूल करने वाला है।
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فَنَادَتْهُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ وَهُوَ قَآىِٕمٌ یُّصَلِّیْ فِی الْمِحْرَابِ ۙ— اَنَّ اللّٰهَ یُبَشِّرُكَ بِیَحْیٰی مُصَدِّقًا بِكَلِمَةٍ مِّنَ اللّٰهِ وَسَیِّدًا وَّحَصُوْرًا وَّنَبِیًّا مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
फ़रिश्तों ने उन्हें संबोधित करते हुए, जबकि वह अपने उपासना स्थल में नमाज़ पढ़ रहे थे, आवाज़ देकर कहा : अल्लाह तुम्हें एक पुत्र की शुभ सूचना देता है जो आपके हाँ पैदा होगा, जिसका नाम 'यह़या' होगा। उसकी विशेषता यह होगी कि वह 'अल्लाह के शब्द' अर्थात् मरयम के पुत्र ईसा की पुष्टि करने वाला होगा। (ईसा को 'अल्लाह का शब्द' इसलिए कहा गया क्योंकि वह एक विशेष तरीक़े से अल्लाह के एक शब्द ('कुन' यानी 'हो जा') से पैदा हुए थे) और यह लड़का ज्ञान तथा इबादत में अपने समुदाय का सरदार होगा, खुद को इच्छाओं से रोकने वाला होगा, जिनमें महिलाओं के निकट जाना भी शामिल है, अपने पालनहार की इबादत के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होगा। तथा वह सदाचारियों में से एक नबी - भी - होगा।
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قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّقَدْ بَلَغَنِیَ الْكِبَرُ وَامْرَاَتِیْ عَاقِرٌ ؕ— قَالَ كَذٰلِكَ اللّٰهُ یَفْعَلُ مَا یَشَآءُ ۟
जब फरिश्तों ने ज़करिय्या को यह़्या की ख़ुशख़बरी दी, तो उन्होंने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे हाँ लड़का कैसे हो सकता है, जबकि मैं बूढ़ा हो चुका हूँ और मेरी पत्नी बाँझ है, उसके बच्चे नहीं होते?! तो अल्लाह ने उसे उत्तर देते हुए फरमाया : तुम्हारे बुढ़ापे और तुम्हारी पत्नी के बाँझपन के बावजूद, यह़या को पैदा करने का उदाहरण; अल्लाह के सामान्य नियम के विपरीत अन्य चीज़ों को पैदा करने की तरह है। क्योंकि अल्लाह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। वह अपनी हिकमत तथा ज्ञान के अनुसार जो चाहता है, करता है।
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قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّیْۤ اٰیَةً ؕ— قَالَ اٰیَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَةَ اَیَّامٍ اِلَّا رَمْزًا ؕ— وَاذْكُرْ رَّبَّكَ كَثِیْرًا وَّسَبِّحْ بِالْعَشِیِّ وَالْاِبْكَارِ ۟۠
ज़करिय्या ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए इस बात की कोई निशानी बना दे कि मेरी पत्नी मुझसे गर्भवती है। अल्लाह ने कहा : तुमने जो निशानी माँगी है, वह यह है कि : तुम तीन दिन और तीन रात लोगों से बात नहीं कर सकते, सिवाय इशारा इत्यादि करके, जबकि तुम किसी दोष से पीड़ित नहीं होगे। अतः तुम दिन के अंत और उसकी शुरुआत में अधिक से अधिक अल्लाह को याद करो और उसकी पवित्रता का वर्णन करो।
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وَاِذْ قَالَتِ الْمَلٰٓىِٕكَةُ یٰمَرْیَمُ اِنَّ اللّٰهَ اصْطَفٰىكِ وَطَهَّرَكِ وَاصْطَفٰىكِ عَلٰی نِسَآءِ الْعٰلَمِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब फ़रिश्तों ने मरयम अलैहस्सलाम से कहा : अल्लाह ने तुम्हें तुम्हारे प्रशंसनीय गुणों के कारण चुन लिया है, तुम्हें कमियों से शुद्ध किया है तथा तुम्हें तुम्हारे समय में सारी दुनिया की महिलाओं के ऊपर चुन लिया है।
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یٰمَرْیَمُ اقْنُتِیْ لِرَبِّكِ وَاسْجُدِیْ وَارْكَعِیْ مَعَ الرّٰكِعِیْنَ ۟
ऐ मरयम! नमाज़ में लंबे समय तक खड़ी रहो, अपने पालनहार को सजदा करो और उसके रुकू करने वाले नेक बंदों के साथ रुकू करो।
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ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهِ اِلَیْكَ ؕ— وَمَا كُنْتَ لَدَیْهِمْ اِذْ یُلْقُوْنَ اَقْلَامَهُمْ اَیُّهُمْ یَكْفُلُ مَرْیَمَ ۪— وَمَا كُنْتَ لَدَیْهِمْ اِذْ یَخْتَصِمُوْنَ ۟
ज़करिय्या और मरयम अलैहिमस्सलाम के बारे में उपर्युक्त बातें परोक्ष (ग़ैब) की खबरों में से हैं, जो हम (ऐ रसूल!) आपकी ओर वह़्य करते हैं। और आप उन विद्वानों और नेक लोगों के पास उस समय उपस्थित नहीं थे, जब उन्होंने इस बारे में झगड़ा किया था कि मरयम के पालन-पोषण का अधिक योग्य कौन है, यहाँ तक कि उन्हें क़ुर'आ-अंदाज़ी का सहारा लेना पड़ा। चुनाँचे उन्होंने अपनी क़लमों को डाला, तो ज़करिय्या अलैहिस्सलाम की क़लम जीत गई।
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اِذْ قَالَتِ الْمَلٰٓىِٕكَةُ یٰمَرْیَمُ اِنَّ اللّٰهَ یُبَشِّرُكِ بِكَلِمَةٍ مِّنْهُ ۙۗ— اسْمُهُ الْمَسِیْحُ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ وَجِیْهًا فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ وَمِنَ الْمُقَرَّبِیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब फ़रिश्तों ने कहा : ऐ मरयम! अल्लाह तुम्हें एक ऐसे लड़के की ख़ुशख़बरी देता है, जिसकी रचना बिना पिता के होगी। उसकी रचना अल्लाह के एक शब्द से होगी, इस प्रकार कि वह कहेगा : "कुन" (हो जा) तो वह अल्लाह की आज्ञा से एक पुत्र हो जाएगा। उस बच्चे का नाम : 'मसीह ईसा बिन मरयम' है। उसका दुनिया और आख़िरत में एक महान स्थान होगा और वह अल्लाह के निकटवर्तियों में से होगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• عناية الله تعالى بأوليائه، فإنه سبحانه يجنبهم السوء، ويستجيب دعاءهم.
• अल्लाह का अपने 'औलिया' (प्रिय बंदों) की देखभाल करना। क्योंकि वह उन्हें बुराई से बचाता है और उनकी दुआ स्वीकार करता है।

• فَضْل مريم عليها السلام حيث اختارها الله على نساء العالمين، وطهَّرها من النقائص، وجعلها مباركة.
• मरयम अलैहस्सलाम की श्रेष्ठता। क्योंकि अल्लाह ने उन्हें दुनिया की महिलाओं पर चुन लिया, तथा उन्हें कमियों से शुद्ध किया और उन्हें बरकत वाली बनाया।

• كلما عظمت نعمة الله على العبد عَظُم ما يجب عليه من شكره عليها بالقنوت والركوع والسجود وسائر العبادات.
• बंदे पर अल्लाह की नेमत जितनी अधिक होती है, उसे नित्य आज्ञाकारिता, रुकू, सजदे और इबादत के अन्य कार्यों के साथ उतना ही अधिक शुक्रिया अदा करना चाहिए।

• مشروعية القُرْعة عند الاختلاف فيما لا بَيِّنة عليه ولا قرينة تشير إليه.
• क़ुर'आ-अंदाज़ी की वैधता ऐसी चीज़ में विवाद के समय है, जिसका न कोई सबूत हो और न उसको संदर्भित करने के लिए कोई संकेत हो।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߡߎ߬ߙߊ߲߬ ߞߐߙߍ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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