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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߡߎ߬ߙߊ߲߬ ߞߐߙߍ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنْ تُطِیْعُوا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا یَرُدُّوْكُمْ عَلٰۤی اَعْقَابِكُمْ فَتَنْقَلِبُوْا خٰسِرِیْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! यदि तुम यहूदियों, ईसाइयों और बहुदेववादियों में से काफिरों के सीधे रास्ते से हटाने वाले आदेशों को मानने लगो गे, तो वे तुम्हें तुम्हारे ईमान लाने के बाद तुम्हारी पुरानी अवस्था अर्थात कुफ्र की ओर लौटा देंगे, फिर तुम दुनिया एवं आख़िरत का घाटा उठाने वाले बन जाओगे।
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بَلِ اللّٰهُ مَوْلٰىكُمْ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ النّٰصِرِیْنَ ۟
यदि तुम इन काफ़िरों का पालन करोगे, तो ये कभी तुम्हारी सहायता नहीं करेंगे। बल्कि अल्लाह ही तुम्हारे शत्रुओं के विरुद्ध तुम्हारा सहायक है। अतः तुम उसी की आज्ञा का पालन करो। वह सर्वशक्तिमान सबसे अच्छा सहायक है। इसलिए तुम्हें उसके बाद किसी की भी आवश्यकता नहीं है।
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سَنُلْقِیْ فِیْ قُلُوْبِ الَّذِیْنَ كَفَرُوا الرُّعْبَ بِمَاۤ اَشْرَكُوْا بِاللّٰهِ مَا لَمْ یُنَزِّلْ بِهٖ سُلْطٰنًا ۚ— وَمَاْوٰىهُمُ النَّارُ ؕ— وَبِئْسَ مَثْوَی الظّٰلِمِیْنَ ۟
हम अल्लाह का इनकार करने वाले लोगों के दिलों में अत्यधिक भय डाल देंगे, ताकि वे तुम्हारे सामने युद्ध में ठहर न पाएँ। ऐसा इस कारण होगा कि उन्होंने अल्लाह के ऐसे साझी ठहरा लिए हैं, जिनकी वे अपनी इच्छाओं के अनुसार पूजा करते हैं, जिसके लिए अल्लाह ने उनपर कोई तर्क नहीं उतारा। उनका ठिकाना जिसकी ओर वे आख़िरत में लौटेंगे, वह आग है, और आग अत्याचारियों का क्या ही बुरा ठिकाना है।
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وَلَقَدْ صَدَقَكُمُ اللّٰهُ وَعْدَهٗۤ اِذْ تَحُسُّوْنَهُمْ بِاِذْنِهٖ ۚ— حَتّٰۤی اِذَا فَشِلْتُمْ وَتَنَازَعْتُمْ فِی الْاَمْرِ وَعَصَیْتُمْ مِّنْ بَعْدِ مَاۤ اَرٰىكُمْ مَّا تُحِبُّوْنَ ؕ— مِنْكُمْ مَّنْ یُّرِیْدُ الدُّنْیَا وَمِنْكُمْ مَّنْ یُّرِیْدُ الْاٰخِرَةَ ۚ— ثُمَّ صَرَفَكُمْ عَنْهُمْ لِیَبْتَلِیَكُمْ ۚ— وَلَقَدْ عَفَا عَنْكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ ذُوْ فَضْلٍ عَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और अल्लाह ने उहुद के दिन तुम्हारे दुश्मनों के विरुद्ध मदद का अपना वादा पूरा कर दिखाया, जब तुम उसकी अनुमति से उन्हें गंभीर रूप से मार रहे थे, यहाँ तक कि जब तुमने कायरता दिखाई और रसूल के आदेश पर जमे रहने से कमज़ोर पड़ गए और इस बात में मतभेद करने लगे कि अपने-अपने स्थानों पर बने रहें या अपना स्थान छोड़कर ग़नीमत का माल जमा करने लग जाएँ, और तुमने हर हाल में अपने स्थानों पर बने रहने से संबंधित रसूल के आदेश की अवहेलना की। तुमसे यह मामला इसके बाद घटित हुआ कि अल्लाह ने तुम्हें तुम्हारे दुश्मनों पर विजय के दृश्य दिखा दिए, जिसे तुम पसंद करते थे। तुममें से कुछ लोग दुनिया का लाभ चाहते थे और ये वे लोग थे जिन्होंने अपना स्थान छोड़ दिया। तथा तुम में से कुछ लोग आख़िरत का बदला चाहते थे और ये वही लोग थे, जो अल्लाह के रसूल के आदेश का पालने करते हुए अपने स्थानों पर बने रहे। फिर अल्लाह ने तुम्हें उनसे फेर दिया और तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए उन्हें तुम पर प्रभुत्व प्रदान कर दिया, ताकि विपत्ति पर धैर्य रखने वाला मोमिन उस व्यक्ति से प्रकट हो जाए जिसका पैर फिसल गया और उसकी आत्मा कमजोर हो गई। अल्लाह ने तुम्हारे उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आदेश का उल्लंघन करने को क्षमा कर दिया है। अल्लाह मोमिनों पर बड़ा अनुग्रह करने वाला है कि उसने उन्हें ईमान का मार्ग दिखाया, उनके पापों को क्षमा कर दिया और उन्हें उनकी मुसीबतों पर बदला दिया।
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اِذْ تُصْعِدُوْنَ وَلَا تَلْوٗنَ عَلٰۤی اَحَدٍ وَّالرَّسُوْلُ یَدْعُوْكُمْ فِیْۤ اُخْرٰىكُمْ فَاَثَابَكُمْ غَمًّا بِغَمٍّ لِّكَیْلَا تَحْزَنُوْا عَلٰی مَا فَاتَكُمْ وَلَا مَاۤ اَصَابَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ خَبِیْرٌ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
(ऐ ईमान वालो!) उस समय को याद करो जब उहुद के युद्ध के दिन, रसूल के आदेश का उल्लंघन करने के कारण विफलता का सामना करने पर, तुम पृथ्वी में तेज़ी से भागे जा रहे थे, और तुममें से कोई भी किसी को मुड़कर नहीं देख रहा था। जबकि रसूल तुम्हारे और बहुदेववादियों के बीच खड़े तुम्हारे पीछे से तुम्हें यह कहते हुए बुला रहे थे : अल्लाह के बंदो! मेरी ओर आओ, अल्लाह के बंदो! मेरी ओर आओ। अतः अल्लाह ने इसपर तुम्हें बदले में दर्द और संकट से पीड़ित किया क्योंकि तुम विजय और ग़नीमत के धन से वंचित हो गए, जिसके बाद एक और दर्द और संकट था, क्योंकि तुम्हारे बीच नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हत्या की ख़बर फैला दी गई। और अल्लाह ने तुम्हें इस आपदा से इसलिए पीड़ित किया, ताकि तुम विजय और ग़नीमत के धन से वंचित होने पर, तथा हत्या और घाव से पीड़ित होने पर दुखी न हो। क्योंकि जब तुम्हें यह पता चल गया कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हत्या नहीं हुई है, तो तुम्हारे लिए हर मुसीबत और तकलीफ़ आसान हो गई। अल्लाह तुम्हारे कार्यों से अवगत है, तुम्हारे दिलों की स्थितियों तथा तुम्हारे शारीरिक अंगों के कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• التحذير من طاعة الكفار والسير في أهوائهم، فعاقبة ذلك الخسران في الدنيا والآخرة.
• काफिरों का पालन करने और उनकी आकांक्षाओं के पीछे चलने से सावधान करना। क्योंकि इसका परिणाम दुनिया एवं आख़िरत का घाटा है।

• إلقاء الرعب في قلوب أعداء الله صورةٌ من صور نصر الله لأوليائه المؤمنين.
• अल्लाह के दुश्मनों के दिलों में भय डालना, अल्लाह की अपने मोमिन दोस्तों की सहायता का एक रूप है।

• من أعظم أسباب الهزيمة في المعركة التعلق بالدنيا والطمع في مغانمها، ومخالفة أمر قائد الجيش.
• युद्ध में हार के सबसे बड़े कारणों में से, दुनिया के प्रति लगाव तथा उसके धन में लालच और सेना के कमांडर के आदेश का उल्लंघन करना है।

• من دلائل فضل الصحابة أن الله يعقب بالمغفرة بعد ذكر خطئهم.
• सहाबा की श्रेष्ठता के प्रमाणों में से एक यह है कि अल्लाह उनकी त्रुटि का उल्लेख करने के बाद क्षमा का भी उल्लेख करता है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߡߎ߬ߙߊ߲߬ ߞߐߙߍ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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