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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Mā’idah   Ayah:
قَالُوْا یٰمُوْسٰۤی اِنَّا لَنْ نَّدْخُلَهَاۤ اَبَدًا مَّا دَامُوْا فِیْهَا فَاذْهَبْ اَنْتَ وَرَبُّكَ فَقَاتِلَاۤ اِنَّا هٰهُنَا قٰعِدُوْنَ ۟
बनी इसराईल में से मूसा की जाति के लोगों ने अपने नबी मूसा अलैहिस्सलाम के आदेश का उल्लंघन करने पर अडिग रहते हुए कहा : हम शहर में हरगिज़ प्रवेश नहीं करेंगे जब तक कि उसमें शक्तिशाली लोग मौजूद हैं। इसलिए ऐ मूसा! आप अपने पालनहार के साथ जाएँ और उन शक्तिशाली लोगों से लड़ें। जहाँ तक हमारी बात है, तो हम अपने स्थान पर रहेंगे, आपके साथ युद्ध करने के लिए नहीं निकलेंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ لَاۤ اَمْلِكُ اِلَّا نَفْسِیْ وَاَخِیْ فَافْرُقْ بَیْنَنَا وَبَیْنَ الْقَوْمِ الْفٰسِقِیْنَ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार से कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरा स्वयं अपने और अपने भाई हारून के अतिरिक्त किसी पर कोई अधिकार नहीं है। अतः तू हमारे तथा ऐसे लोगों के बीच अलगाव कर दे, जो तेरे तथा तेरे रसूल के आज्ञापालन से निकल जाने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ فَاِنَّهَا مُحَرَّمَةٌ عَلَیْهِمْ اَرْبَعِیْنَ سَنَةً ۚ— یَتِیْهُوْنَ فِی الْاَرْضِ ؕ— فَلَا تَاْسَ عَلَی الْقَوْمِ الْفٰسِقِیْنَ ۟۠
अल्लाह ने अपने नबी मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : अल्लाह ने बनी इसराईल पर चालीस साल तक पवित्र भूमि में प्रवेश करना हराम कर दिया है। वे इस अवधि के दौरान रेगिस्तान में भ्रमित भटकते रहेंगे, वे निर्देशित नहीं होंगे। अतः (ऐ मूसा!) आप अल्लाह की अवज्ञा करने वालों पर अफ़सोस न करें। क्योंकि जो दंड उन्हें भुगतना पड़ रहा है, वह उनकी अवज्ञा और पापों के कारण है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاتْلُ عَلَیْهِمْ نَبَاَ ابْنَیْ اٰدَمَ بِالْحَقِّ ۘ— اِذْ قَرَّبَا قُرْبَانًا فَتُقُبِّلَ مِنْ اَحَدِهِمَا وَلَمْ یُتَقَبَّلْ مِنَ الْاٰخَرِ ؕ— قَالَ لَاَقْتُلَنَّكَ ؕ— قَالَ اِنَّمَا یَتَقَبَّلُ اللّٰهُ مِنَ الْمُتَّقِیْنَ ۟
तथा (ऐ रसूल!) इन ईर्ष्यालु, अत्याचारी यहूदियों को आदम के दोनों बेटों : क़ाबील और हाबील की कहानी, संदेह रहित सच्चाई के साथ सुना दें। जब उन दोनों ने अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के लिए एक क़ुर्बानी पेश की। अल्लाह ने हाबील की पेश की हुई क़ुर्बानी स्वीकार कर ली, क्योंकि वह तक़्वा (घर्मपरायणता) वालों में से था, जबकि क़ाबील की क़ुर्बानी को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वह तक़वा वालों में से नहीं था। क़ाबील ने ईर्ष्या के कारण हाबील की क़ुर्बानी की स्वीकृति की निंदा की और कहा : ऐ हाबील! मैं तुझे मार डालूँगा। तो हाबील ने कहा : अल्लाह केवल उसकी क़ुर्बानी स्वीकार करता है, जो उसके आदेशों का पालन करते हुए तथा उसके निषेधों से बचते हुए, उससे डरने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَىِٕنْۢ بَسَطْتَّ اِلَیَّ یَدَكَ لِتَقْتُلَنِیْ مَاۤ اَنَا بِبَاسِطٍ یَّدِیَ اِلَیْكَ لِاَقْتُلَكَ ۚ— اِنِّیْۤ اَخَافُ اللّٰهَ رَبَّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
यदि तूने मुझे मार डालने की नीयत से मेरी ओर अपना हाथ बढ़ाया, तो जो कुछ तूने किया है, मैं तुझे उसका बदला देने वाला नहीं हूँ। यह मेरी ओर से कायरता नहीं है, लेकिन मैं सृष्टि के पालनहार अल्लाह से डरता हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنِّیْۤ اُرِیْدُ اَنْ تَبُوَْاَ بِاِثْمِیْ وَاِثْمِكَ فَتَكُوْنَ مِنْ اَصْحٰبِ النَّارِ ۚ— وَذٰلِكَ جَزٰٓؤُا الظّٰلِمِیْنَ ۟ۚ
फिर उसने उसे डराते हुए कहा : मैं चाहता हूँ कि तू अपने पिछले पापों के साथ-साथ मेरी अवैध और आक्रामकता में हत्या करने के पाप के साथ लौटे। फिर तू उन आग (जहन्नम) वालों में से हो जाए, जो क़ियामत के दिन उसमें प्रवेश करेंगे। यही अत्याचारियों का बदला है, और मैं तेरी हत्या करने के पाप के साथ लौटकर उन लोगों में से नहीं होना चाहता।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَطَوَّعَتْ لَهٗ نَفْسُهٗ قَتْلَ اَخِیْهِ فَقَتَلَهٗ فَاَصْبَحَ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
क़ाबील के लिए उसके 'नफ़्से अम्मारा' (बुराई का आदेश देने वाली आत्मा) ने अपने भाई की अन्यायपूर्ण तरीक़े से हत्या को सुसज्जित कर दिया, और उसने उसकी हत्या कर दी। अतः वह इसके कारण उन लोगों में से हो गया, जिनके अंश दुनिया तथा आख़िरत दोनों स्थानों में कम हो गए।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَبَعَثَ اللّٰهُ غُرَابًا یَّبْحَثُ فِی الْاَرْضِ لِیُرِیَهٗ كَیْفَ یُوَارِیْ سَوْءَةَ اَخِیْهِ ؕ— قَالَ یٰوَیْلَتٰۤی اَعَجَزْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِثْلَ هٰذَا الْغُرَابِ فَاُوَارِیَ سَوْءَةَ اَخِیْ ۚ— فَاَصْبَحَ مِنَ النّٰدِمِیْنَ ۟
फिर अल्लाह ने एक कौआ भेजा, जो उसके सामने भूमि को कुरेदता था, ताकि उसमें एक मरे हुए कौए को गाड़कर, उसे यह सिखाए कि वह अपने भाई के शव को कैसे छिपाए। उस समय अपने भाई के हत्यारे ने कहा : हाय मेरा विनाश! क्या मैं इस कौए जैसा भी न हो सका, जिसने दूसरे मरे हुए कौवे को दफन कर दिया, कि मैं अपने भाई के शव को छिपा सकूँ, फिर उसने उस समय उसे दफ़न किया; इस तरह वह पछताने वालों में से हो गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• مخالفة الرسل توجب العقاب، كما وقع لبني إسرائيل؛ إذ عاقبهم الله تعالى بالتِّيه.
• रसूलों की अवज्ञा दंड का कारण है, जैसा कि बनी इसराईल के साथ हुआ। क्योंकि अल्लाह ने उन्हें (रेगिस्तान में) भटकने की सज़ा दी।

• قصة ابني آدم ظاهرها أن أول ذنب وقع في الأرض - في ظاهر القرآن - هو الحسد والبغي، والذي أدى به للظلم وسفك الدم الحرام الموجب للخسران.
• आदम अलैहिस्सलाम के दोनों बेटों की कहानी से प्रत्यक्ष होता है कि धरती पर होने वाला पहला पाप - क़ुरआन के प्रत्यक्ष संदर्भ में - ईर्ष्या और अतिचार है, जिसके कारण अत्याचार और निषिद्ध रक्तपात उत्पन्न हुआ जो घाटे का कारण है।

• الندامة عاقبة مرتكبي المعاصي.
• पापियों का पिरणाम पछतावा (अफ़सोस) है।

• أن من سَنَّ سُنَّة قبيحة أو أشاع قبيحًا وشجَّع عليه، فإن له مثل سيئات من اتبعه على ذلك.
• जिस व्यक्ति ने कोई बुरी रीति निकाली, या उसे फैलाया और उसपर प्रोत्साहित किया, तो उसके लिए उसपर उसका पालन करने वाले की बुराइयों (पापों) के समान पाप है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Mā’idah
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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