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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: اسراء   آیت:

अल्-इस्रा

د سورت د مقصدونو څخه:
تثبيت الله لرسوله صلى الله عليه وسلم وتأييده بالآيات البينات، وبشارته بالنصر والثبات.
अल्लाह का अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सुदृढ़ करना और स्पष्ट निशानियों के साथ उनका समर्थन करना, तथा उन्हें विजय और दृढ़ता की खुशख़बरी देना।

سُبْحٰنَ الَّذِیْۤ اَسْرٰی بِعَبْدِهٖ لَیْلًا مِّنَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ اِلَی الْمَسْجِدِ الْاَقْصَا الَّذِیْ بٰرَكْنَا حَوْلَهٗ لِنُرِیَهٗ مِنْ اٰیٰتِنَا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْبَصِیْرُ ۟
महिमावान अल्लाह पवित्र एवं महान है, क्योंकि वह ऐसी चीज़ पर क्षमता रखता है, जो उसके सिवा कोई नहीं कर सकता। वही अपने बंदे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को रात के एक भाग में, शरीर एवं आत्मा के साथ, जागने की हालत में, मस्जिदे-हराम से बैतुल-मक़्दिस की मस्जिद तक ले गया, जिसके चारों ओर हमने फलों और फसलों के द्वारा तथा नबियों के घरों के रूप में बरकतें रखी हैं। ताकि वह महिमावान अल्लाह की शक्ति को इंगित करने वाली हमारी कुछ निशानियों का अवलोकन करें। निःसंदेह अल्लाह सब कुछ सुनने वाला है, इसलिए कोई भी सुनी जाने वाली चीज़ उससे छिपी नहीं रहती, तथा सब कुछ देखने वाला है, अतः कोई भी देखी जाने वाली चीज़ उससे ओझल नहीं हो सकती।
عربي تفسیرونه:
وَاٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ وَجَعَلْنٰهُ هُدًی لِّبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اَلَّا تَتَّخِذُوْا مِنْ دُوْنِیْ وَكِیْلًا ۟ؕ
और हमने मूसा अलैहिस्सलाम को तौरात प्रदान की और उसे बनी इसराईल के लिए मार्गदर्शक व पथप्रदर्शक बना दिया। तथा हमने बनी इसराईल से कहा : मेरे सिवा किसी और को कार्यसाधक न बनाओ, जिसे तुम अपने मामले सौंप दो। बल्कि केवल मेरे ऊपर भरोसा रखो।
عربي تفسیرونه:
ذُرِّیَّةَ مَنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَبْدًا شَكُوْرًا ۟
तुम उन लोगों की संतान हो, जिन्हें हमने नूह अलैहिस्सलाम के साथ पानी के तूफान में डूबने से बचाया था। अतः तुम इस नेमत को याद रखो और अकेले अल्लाह की इबादत और उसका आज्ञापालन करके, उसका शुक्रिया अदा करो। तथा इस संबंध में नूह अलैहिस्सलाम का अनुसरण करो, क्योंकि वह अल्लाह तआला का बहुत ज़्यादा शुक्रिया अदा करने वाले थे।
عربي تفسیرونه:
وَقَضَیْنَاۤ اِلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ فِی الْكِتٰبِ لَتُفْسِدُنَّ فِی الْاَرْضِ مَرَّتَیْنِ وَلَتَعْلُنَّ عُلُوًّا كَبِیْرًا ۟
और हमने बनी इसराईल को तौरात में बता दिया था कि वे अनिवार्य रूप से पाप एवं घमंड के ज़रिए दो बार धरती में उत्पात मचाएँगे तथा अत्याचार और अतिक्रमण के साथ लोगों पर अपनी उच्चता सिद्ध करने का प्रयास करेंगे और इसमें सीमा को पार कर जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
فَاِذَا جَآءَ وَعْدُ اُوْلٰىهُمَا بَعَثْنَا عَلَیْكُمْ عِبَادًا لَّنَاۤ اُولِیْ بَاْسٍ شَدِیْدٍ فَجَاسُوْا خِلٰلَ الدِّیَارِ وَكَانَ وَعْدًا مَّفْعُوْلًا ۟
फिर जब उन्होंने प्रथम बार उत्पात मचाया, तो हमने उनपर अपने ऐसे बंदों को हावी कर दिया, जो बड़े शक्तिशाली एवं पकड़ वाले थे। वे उन्हें मारते और घरों से निकालते थे। चुनाँचे वे उनके घरों में घुस गए और जहाँ से गुज़रे, विनाश करते चले गए। और अल्लाह का यह वादा निश्चित रूप से पूरा होने वाला था।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ رَدَدْنَا لَكُمُ الْكَرَّةَ عَلَیْهِمْ وَاَمْدَدْنٰكُمْ بِاَمْوَالٍ وَّبَنِیْنَ وَجَعَلْنٰكُمْ اَكْثَرَ نَفِیْرًا ۟
फिर जब तुमने अल्लाह से तौबा कर ली, तो हमने (ऐ बनी इसराईल) तुम्हें पुनः राज्य और उन लोगों पर आधिपत्य प्रदान किया, जो तुम्हारे ऊपर हावी कर दिए गए थे। और हमने तुम्हें धन छिनने के बाद धन और संतान के बंदी बना लिए जाने के बाद संतान प्रदान की और तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं से अधिक संख्याबल प्रदान किया।
عربي تفسیرونه:
اِنْ اَحْسَنْتُمْ اَحْسَنْتُمْ لِاَنْفُسِكُمْ ۫— وَاِنْ اَسَاْتُمْ فَلَهَا ؕ— فَاِذَا جَآءَ وَعْدُ الْاٰخِرَةِ لِیَسُوْٓءٗا وُجُوْهَكُمْ وَلِیَدْخُلُوا الْمَسْجِدَ كَمَا دَخَلُوْهُ اَوَّلَ مَرَّةٍ وَّلِیُتَبِّرُوْا مَا عَلَوْا تَتْبِیْرًا ۟
ऐ बनी इसराईल! यदि तुमने अच्छे कर्म किए और उन्हें वांछित तरीके से किया, तो उसका प्रतिफल तुम्हें ही मिलने वाला है। क्योंकि अल्लाह तुम्हारे कर्मों से बेनियाज़ है। और यदि तुमने बुरे कर्म किए, तो उसका दुष्परिणाम तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा। क्योंकि अल्लाह को, न तो तुम्हारे सुकर्मों से कोई लाभ पहुँचता है और न तुम्हारे कुकर्मों से उसे कोई हानि पहुँचती है। फिर जब दूसरा उपद्रव हुआ, तो हमने तुमपर तुम्हारे शत्रुओं को हावी कर दिया, ताकि वे तुम्हें अपमानित करें और तुम्हें अनेक प्रकार के तिरस्कार व अपमान का स्वाद चखाएँ कि उत्पीड़न तुम्हारे चेहरों पर प्रत्यक्ष हो। और ताकि वे बैतुल मक़्दिस में प्रवेश करें और उसे विनष्ट कर दें, जैसा कि उन्होंने उसमें प्रथम बार प्रवेश किया था और उसे विनष्ट किया था। तथा वे जिन शहरों पर हावी हो सकें, उन्हें पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दें।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• في قوله: ﴿الْمَسْجِدِ الْأَقْصَا﴾: إشارة لدخوله في حكم الإسلام؛ لأن المسجد موطن عبادةِ المسلمين.
• अल्लाह के फ़रमान : {الْمَسْجِدِ الْأَقْصَا} (मस्जिदे अक़्सा) में इस बात का संकेत है कि वह इस्लाम के हुक्म में दाखिल है, क्योंकि मस्जिद मुसलमानों की इबादत का स्थान है।

• بيان فضيلة الشكر، والاقتداء بالشاكرين من الأنبياء والمرسلين.
• आभार प्रकट करने की फ़ज़ीलत तथा आभार प्रकट करने वाले नबियों एवं रसूलों का अनुसरण करने का वर्णन।

• من حكمة الله وسُنَّته أن يبعث على المفسدين من يمنعهم من الفساد؛ لتتحقق حكمة الله في الإصلاح.
• अल्लाह की हिकमत और उसका परंपरागत नियम है कि वह बिगाड़ पैदा करने वालों पर ऐसे लोगों को भेजता है, जो उन्हें बिगाड़ पैदा करने से रोकते हैं, ताकि सुधार से संबंधित अल्लाह की हिकमत साकार हो।

• التحذير لهذه الأمة من العمل بالمعاصي؛ لئلا يصيبهم ما أصاب بني إسرائيل، فسُنَّة الله واحدة لا تتبدل ولا تتحول.
• इस उम्मत के लोगों को गुनाह करने से सावधान करना, ताकि उन्हें भी उस विपत्ति का सामना न करना पड़े, जिससे बनी इसराईल ग्रस्त हुए थे। क्योंकि अल्लाह का नियम सबके लिए एकसमान है, जो बदलता और परिवर्तित नहीं होता है।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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