Check out the new design

ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߞߟߏߝߋ߲ ߠߎ߬   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
وَمَا لَكُمْ اَلَّا تَاْكُلُوْا مِمَّا ذُكِرَ اسْمُ اللّٰهِ عَلَیْهِ وَقَدْ فَصَّلَ لَكُمْ مَّا حَرَّمَ عَلَیْكُمْ اِلَّا مَا اضْطُرِرْتُمْ اِلَیْهِ ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا لَّیُضِلُّوْنَ بِاَهْوَآىِٕهِمْ بِغَیْرِ عِلْمٍ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِالْمُعْتَدِیْنَ ۟
(ऐ ईमान वालो!) अल्लाह के नाम पर ज़बह किए हुए जानवर को खाने से तुम्हें कौन-सी चीज़ रोकती है, जबकि अल्लाह ने तुम्हारे लिए वे चीज़ें स्पष्ट रूप से बयान कर दी हैं, जो उसने तुमपर हराम की हैं। अतः तुम्हारे लिए उन्हें छोड़ देना अनिवार्य है, यह और बात है कि ज़रूरत तुम्हें उन्हें खाने पर मजबूर कर दे। क्योंकि ज़रूरत निषिद्ध चीज़ को अनुमेय कर देती है। निःसंदेह बहुत-से बहुदेववादी अज्ञानतावश अपने भ्रष्ट विचारों के कारण अपने अनुयायियों को सत्य से दूर रखते हैं। क्योंकि वे उस चीज़ को वैध ठहराते हैं, जो अल्लाह ने उनपर हराम की है, जैसे मृत जानवर आदि, और उस चीज़ को हराम ठहराते हैं, जो अल्लाह ने उनके लिए हलाल की है, जैसे बह़ीरा, वसीला और ह़ामी इत्यादि। निःसंदेह आपका रब (ऐ रसूल!) उन लोगों को अधिक जानता है, जो अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वाले हैं और वह उन्हें अपनी सीमाओं का उल्लंघन करने का बदला देगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَذَرُوْا ظَاهِرَ الْاِثْمِ وَبَاطِنَهٗ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَكْسِبُوْنَ الْاِثْمَ سَیُجْزَوْنَ بِمَا كَانُوْا یَقْتَرِفُوْنَ ۟
(ऐ लोगो!) प्रत्यक्ष रूप से और गुप्त रूप से पाप करना छोड़ दो। निःसंदेह जो लोग गुप्त रूप से या खुले रूप से पाप करते हैं, शीघ्र ही अल्लाह उन्हें उनके किए हुए पाप का बदला देगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَا تَاْكُلُوْا مِمَّا لَمْ یُذْكَرِ اسْمُ اللّٰهِ عَلَیْهِ وَاِنَّهٗ لَفِسْقٌ ؕ— وَاِنَّ الشَّیٰطِیْنَ لَیُوْحُوْنَ اِلٰۤی اَوْلِیٰٓـِٕهِمْ لِیُجَادِلُوْكُمْ ۚ— وَاِنْ اَطَعْتُمُوْهُمْ اِنَّكُمْ لَمُشْرِكُوْنَ ۟۠
(ऐ मुसलमानो!) उस जानवर का मांस न खाओ, जिसपर अल्लाह का नाम नहीं लिया गया है, चाहे उसपर अल्लाह के सिवा किसी और का नाम लिया गया है या नहीं। क्योंकि उसमें से खाना निश्चित रूप से अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकलकर उसकी अवज्ञा में प्रस्थान है। निःसंदेह शैतान अपने दोस्तों के मन में संशय डालते रहते हैं, ताकि वे तुमसे मृत मांस खाने के बारे में बहस करें। और यदि (ऐ मुसलमानो!) तुमने - मृत मांस को अनुमेय करने हेतु - उनके डाले जाने वाले संदेहों को स्वीकार कर लिया, तो तुम और वे बहुदेववाद में समान हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَوَمَنْ كَانَ مَیْتًا فَاَحْیَیْنٰهُ وَجَعَلْنَا لَهٗ نُوْرًا یَّمْشِیْ بِهٖ فِی النَّاسِ كَمَنْ مَّثَلُهٗ فِی الظُّلُمٰتِ لَیْسَ بِخَارِجٍ مِّنْهَا ؕ— كَذٰلِكَ زُیِّنَ لِلْكٰفِرِیْنَ مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
क्या वह व्यक्ति, जो अल्लाह के उसे हिदायत देने से पहले मुर्दा था (क्योंकि वह कुफ़्र, अज्ञानता और पापों में लिप्त था), फिर हमने उसको ईमान, ज्ञान और आज्ञाकारिता का मार्गदर्शन प्रदान करके जीवित किया : उस आदमी के बराबर है, जो कुफ़्र, अज्ञानता और पापों के अंधेरों में पड़ा है जिनसे वह बाहर नहीं निकल सकता, उसके लिए सारे रास्ते भ्रमित और अंधेरे हो गए हैं?! जिस प्रकार इन मुश्रिकों के लिए उनका शिर्क पर क़ायम रहना तथा मृत जानवर का मांस खाना और झूठ के साथ बहस करना सुंदर बना दिया गया है, उसी प्रकार काफिरों के लिए उन पापों को सुंदर बना दिया गया है, जो वे किया करते थे, ताकि क़ियामत के दिन उन्हें उनके बदले में दर्दनाक यातना दी जाए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَكَذٰلِكَ جَعَلْنَا فِیْ كُلِّ قَرْیَةٍ اَكٰبِرَ مُجْرِمِیْهَا لِیَمْكُرُوْا فِیْهَا ؕ— وَمَا یَمْكُرُوْنَ اِلَّا بِاَنْفُسِهِمْ وَمَا یَشْعُرُوْنَ ۟
जिस प्रकार मक्का में हुआ कि बहुदेववादियों के प्रमुखों ने अल्लाह के रास्ते से रोकने का काम किया, उसी तरह हमने हर बस्ती में सरदार और महापुरुष बनाए, जो शैतान के मार्ग की ओर बुलाने तथा रसूलों और उनके अनुयायियों से लड़ने की खातिर अपनी चालें चलते हैं। हालाँकि तथ्य यह है कि उनकी चालें खुद उन्हीं पर लौट आती हैं, लेकिन वे अपनी अज्ञानता और इच्छाओं का अनुसरण करने के कारण इसे महसूस नहीं करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِذَا جَآءَتْهُمْ اٰیَةٌ قَالُوْا لَنْ نُّؤْمِنَ حَتّٰی نُؤْتٰی مِثْلَ مَاۤ اُوْتِیَ رُسُلُ اللّٰهِ ؔۘؕ— اَللّٰهُ اَعْلَمُ حَیْثُ یَجْعَلُ رِسَالَتَهٗ ؕ— سَیُصِیْبُ الَّذِیْنَ اَجْرَمُوْا صَغَارٌ عِنْدَ اللّٰهِ وَعَذَابٌ شَدِیْدٌۢ بِمَا كَانُوْا یَمْكُرُوْنَ ۟
जब काफ़िरों के प्रमुखों के पास अल्लाह द्वारा उसके नबी पर उतारी हुई निशानियों में से कोई निशानी आती है, तो वे कहते हैं : हम कदापि ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि अल्लाह हमें भी उसी जैसा प्रदान कर दे, जो उसने निबयों को नुबुव्वत तथा रिसालत प्रदान की है। तो अल्लाह ने उन्हें उत्तर दिया कि वह उसे अधिक जानने वाला है जो रिसालत (पैग़ंबरी) के लिए योग्य है और उसके बोझ को उठा सकता है। इसलिए वह उसे नुबुव्वत तथा रिसालत के लिए विशिष्ट कर लेता है। शीघ्र ही इन सरकशों को उनके सत्य से अभिमान के कारण अपमान और तिरस्कार, तथा उनकी चालबाज़ी (छल) के कारण कड़ी यातना का सामना करना पड़ेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الأصل في الأشياء والأطعمة الإباحة، وأنه إذا لم يرد الشرع بتحريم شيء منها فإنه باق على الإباحة.
• चीजों और खाद्य पदार्थों के संबंध में मूल सिद्धांत यह है कि वे अनुमेय हैं, और यदि शरीयत ने उनमें से किसी चीज़ को निषिद्ध नहीं ठहराया है, तो वह अनुमेय ही रहती है।

• كل من تكلم في الدين بما لا يعلمه، أو دعا الناس إلى شيء لا يعلم أنه حق أو باطل، فهو معتدٍ ظالم لنفسه وللناس، وكذلك كل من أفتى وليس هو بكفء للإفتاء.
• जो भी आदमी धर्म के बारे में बिना ज्ञान के बोलता है, अथवा लोगों को ऐसी चीज़ की ओर बुलाता है, जिसे वह नहीं जानता कि वह सत्य है या असत्य, तो वह सीमा का उल्लंघन करने वाला तथा अपने आपपर और लोगों पर अत्याचार करने वाला है। इसी तरह हर वह व्यक्ति भी है, जो फ़तवा देता है, हालाँकि वह फ़तवा देने के योग्य नहीं है।

• منفعة المؤمن ليست مقتصرة على نفسه، بل مُتَعدِّية لغيره من الناس.
• मोमिन का लाभ केवल स्वयं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य लोगों तक भी पहुँचता है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߞߟߏߝߋ߲ ߠߎ߬
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲