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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
یَقْدُمُ قَوْمَهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَاَوْرَدَهُمُ النَّارَ ؕ— وَبِئْسَ الْوِرْدُ الْمَوْرُوْدُ ۟
क़ियामत के दिन फिरऔन अपनी जाति की आग की ओर अगुवाई करेगा यहाँ तक कि उन्हें उसमें दाखिल कर देगा और वह बहुत ही बुरा उतरने का स्थान है जहाँ वह उन्हें ले जाएगा।
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وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهٖ لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— بِئْسَ الرِّفْدُ الْمَرْفُوْدُ ۟
अल्लाह ने उन्हें डुबाकर विनष्ट करने के साथ-साथ, दुनिया के जीवन में उनपर धिक्कार, अभिशाप और अपनी दया से दूरी और निष्कासन अंकित कर दिया। तथा क़ियामत के दिन भी उनपर अपनी दया से दूरी और निष्कासन अंकित कर दिया। उनका दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों में धिक्कार और अज़ाब का भागीदार बनना कितना बुरा है!
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ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْقُرٰی نَقُصُّهٗ عَلَیْكَ مِنْهَا قَآىِٕمٌ وَّحَصِیْدٌ ۟
इस सूरत में बस्तियों के समाचार में से जो उल्लेख किया गया है, हम (ऐ रसूल) आपको उसके बारे में बता रहे हैं। इनमें से कुछ बस्तियाँ ऐसी हैं, जिनके निशान अभी बाक़ी हैं और कुछ ऐसी हैं, जिनके निशान मिट चुके हैं और उनका कोई चिह्न बाक़ी नहीं है।
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وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَمَاۤ اَغْنَتْ عَنْهُمْ اٰلِهَتُهُمُ الَّتِیْ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ لَّمَّا جَآءَ اَمْرُ رَبِّكَ ؕ— وَمَا زَادُوْهُمْ غَیْرَ تَتْبِیْبٍ ۟
और हमने उन्हें विनष्ट करके उनपर कोई अत्याचार नहीं किया, बल्कि उन्होंने अल्लाह के साथ कुफ़्र करके अपने आपको विनाश का हक़दार बनाकर स्वयं अपने ऊपर अत्याचार किया। ऐ रसूल! जब उन्हें विनष्ट करने का आपके पालनहार का आदेश आ गया, तो वे जिन पूज्यों की पूजा किया करते थे, वे उनसे उनपर आने वाले अज़ाब को न टाल सके तथा नुक़सान एवं विनाश में वृद्धि के सिवा उनके किसी काम न आए।
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وَكَذٰلِكَ اَخْذُ رَبِّكَ اِذَاۤ اَخَذَ الْقُرٰی وَهِیَ ظَالِمَةٌ ؕ— اِنَّ اَخْذَهٗۤ اَلِیْمٌ شَدِیْدٌ ۟
जिस तरह अल्लाह ने झुठलाने वाली जातियों की पकड़ की और उन्हें जड़ से उखाड़कर फेंक दिया, वैसे ही उसकी पकड़ हर काल और हर स्थान में होती है। निःसंदेह अत्याचार करने वाली बस्तियों के लिए उसकी पकड़ बहुत मज़बूत और दर्दनाक होती है।
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اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّمَنْ خَافَ عَذَابَ الْاٰخِرَةِ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمٌ مَّجْمُوْعٌ ۙ— لَّهُ النَّاسُ وَذٰلِكَ یَوْمٌ مَّشْهُوْدٌ ۟
निश्चय ही अल्लाह के उन अत्याचारी बस्तियों को पकड़ने में उसके लिए सीख और उपदेश है, जो क़ियामत के दिन के अज़ाब से डरता हो। यह वही दिन है, जिसमें अल्लाह लोगों को उनके हिसाब-किताब के लिए एकत्रित करेगा, और वह उपस्थिति का दिन है, जिसमें सभी मह्शर वाले उपस्थित होंगे।
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وَمَا نُؤَخِّرُهٗۤ اِلَّا لِاَجَلٍ مَّعْدُوْدٍ ۟ؕ
और हम उस उपस्थिति (क़ियामत) के दिन को केवल एक ऐसी अवधि के लिए विलंबित कर रहे हैं जिसकी संख्या (अल्लाह के यहाँ) ज्ञात है।
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یَوْمَ یَاْتِ لَا تَكَلَّمُ نَفْسٌ اِلَّا بِاِذْنِهٖ ۚ— فَمِنْهُمْ شَقِیٌّ وَّسَعِیْدٌ ۟
जिस दिन वह दिन आ जाएगा, तो कोई भी प्राणी किसी तर्क अथवा अनुशंसा की बात उसकी अनुमति के बाद ही कर सकेगा। उस दिन लोग दो प्रकार के होंगे : एक अभागा जो दोज़ख में जाएगा और एक भाग्यशाली जो जन्नत में प्रवेश करेगा।
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فَاَمَّا الَّذِیْنَ شَقُوْا فَفِی النَّارِ لَهُمْ فِیْهَا زَفِیْرٌ وَّشَهِیْقٌ ۟ۙ
जहाँ तक अपने कुफ्र और भ्रष्ट कर्मों के कारण अभागा ठहरने वाले लोगों की बात है, तो वे नरक में प्रवेश करेंगे। जिसमें, आग की लपटों से ग्रस्त होने की गंभीरता से, उनकी आवाज़ें और साँसें ऊँची हो जाएँगी।
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خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ فَعَّالٌ لِّمَا یُرِیْدُ ۟
वे उसमें सदैव रहेंगे, जब तक आकाश और धरती विद्यमान् हैं, वे उससे बाहर नहीं निकलेंगे। परन्तु अल्लाह एकेश्वरवादी अवज्ञाकारियों में से जिसे निकालना चाहे (उसे निकाल सकता है)। निःसंदेह (ऐ रसूल) आपका पालनहार जो चाहे, उसे कर गुज़रने वाला है। उसे कोई विवश नहीं कर सकता।
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وَاَمَّا الَّذِیْنَ سُعِدُوْا فَفِی الْجَنَّةِ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— عَطَآءً غَیْرَ مَجْذُوْذٍ ۟
जहाँ तक भाग्यशाली लोगों की बात है, जिनके लिए उनके ईमान और अच्छे कार्यों के कारण पहले ही से अल्लाह की ओर से भाग्यशाली होना लिख दिया गया है, वे सदैव जन्नत में रहेंगे जब तक आकाश और धरती विद्यमान् हैं, सिवाय इसके कि अल्लाह अवज्ञाकारी मोमिनों में से जिसे जन्नत से पूर्व दोज़ख में डालना चाहे। जन्नत वालों को मिलने वाली अल्लाह की नेमतें कभी ख़त्म नहीं होंगी।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• التحذير من اتّباع رؤساء الشر والفساد، وبيان شؤم اتباعهم في الدارين.
• बुराई और भ्रष्टाचार के प्रमुखों के पीछे चलने के खिलाफ चेतावनी और दोनों लोक में उनके अनुयायियों के दुर्भाग्य का वर्णन।

• تنزه الله تعالى عن الظلم في إهلاك أهل الشرك والمعاصي.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान का बहुदेववादियों और पापियों को नष्ट करने में अन्याय से पवित्र होना।

• لا تنفع آلهة المشركين عابديها يوم القيامة، ولا تدفع عنهم العذاب.
• बहुदेववादियों के पूज्य क़ियामत के दिन अपने उपासकों को न कुछ लाभ पहुँचाएँगे और न उनसे अज़ाब दूर कर सकेंगे।

• انقسام الناس يوم القيامة إلى: سعيد خالد في الجنان، وشقي خالد في النيران.
• क़यामत के दिन लोगों का दो गिरोहों में विभाजित होना : एक गिरोह भाग्यवानों का होगा, जो सदैव जन्नत में होगा और दूसरा अभागों का, जो सदैव दोज़ख में होगा।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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