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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Adh-Dhāriyāt   Ayah:
قَالَ فَمَا خَطْبُكُمْ اَیُّهَا الْمُرْسَلُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने फ़रिश्तों से कहा : तुम्हारा क्या मामला है और तुम किस उद्देश्य से आए हो?
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْۤا اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمٍ مُّجْرِمِیْنَ ۟ۙ
फ़रिश्तों ने उनके जवाब में कहा : अल्लाह ने हमें कुछ अपराधी लोगों की ओर भेजा है, जो घिनौने पाप करते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
لِنُرْسِلَ عَلَیْهِمْ حِجَارَةً مِّنْ طِیْنٍ ۟ۙ
ताकि हम उनपर कठोर मिट्टी के पत्थर बरसाएँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
مُّسَوَّمَةً عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُسْرِفِیْنَ ۟
जो (ऐ इबारहीम!) आपके पालनहार के पास चिह्नित हैं, जिन्हें अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वालों, कुफ़्र और पापों में अतिशयोक्ति करने वालों पर बरसाया जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَخْرَجْنَا مَنْ كَانَ فِیْهَا مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
चुनाँचे लूत (अलैहिस्सलाम) की बस्ती में जो ईमान वाले थे, हमने उन्हें निकाल लिया, ताकि वे उस यातना की चपेट में न आएँ, जो उन अपराधियों पर आने वाली थी।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَمَا وَجَدْنَا فِیْهَا غَیْرَ بَیْتٍ مِّنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟ۚ
तो हमने उनकी इस बस्ती में मुसलमानों का केवल एक घर पाया। वे लूत अलैहिस्सलाम के घर के लोग थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَتَرَكْنَا فِیْهَاۤ اٰیَةً لِّلَّذِیْنَ یَخَافُوْنَ الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟ؕ
और हमने लूत (अलैहिस्सलाम) की बस्ती में यातना के कुछ निशान छोड़ दिए, जो उनपर यातना उतरने का पता देते हैं; ताकि इससे वह व्यक्ति सीख ग्रहण करे, जो उनपर आने वाली दर्दनाक यातना से डरता है। अतः वह उनके जैसा काम न करे ताकि उस यातना से बच सके।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَفِیْ مُوْسٰۤی اِذْ اَرْسَلْنٰهُ اِلٰی فِرْعَوْنَ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
और मूसा (की कहानी) में, जब हमने उन्हें स्पष्ट प्रमाणों के साथ फ़िरऔन की ओर भेजा, उसके लिए एक निशानी है, जो दर्दनाक यातना से डरता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَتَوَلّٰی بِرُكْنِهٖ وَقَالَ سٰحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟
तो फ़िरऔन ने अपनी शक्ति और सेना के घमंड में आकर सत्य से मुँह फेर लिया और मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में कहने लगा : वह जादूगर है, जो लोगों पर जादू कर देता है, या पागल है, जो ऐसी बात कहता है जिसे वह नहीं समझता।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَخَذْنٰهُ وَجُنُوْدَهٗ فَنَبَذْنٰهُمْ فِی الْیَمِّ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟ؕ
तो हमने उसे और उसके सभी सैनिकों को पकड़ लिया, फिर उन्हें समुद्र में फेंक दिया और वे डूब गए और नष्ट हो गए। दरअसल फ़िरऔन ऐसे काम करने वाला था, जो भर्त्सना के योग्य थे, जैसे रसूलों को झुठलाना और खुद पूज्य होने का दावा करना।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَفِیْ عَادٍ اِذْ اَرْسَلْنَا عَلَیْهِمُ الرِّیْحَ الْعَقِیْمَ ۟ۚ
और हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति आद में उसके लिए एक निशानी है जो दर्दनाक अज़ाब से डरता है, जब हमने उनपर एक ऐसी हवा भेजी, जो न बारिश रखती थी और न ही पेड़ों को परागित करती थी, (दरअसल) उसमें कोई बरकत ही न थी।
Arabic explanations of the Qur’an:
مَا تَذَرُ مِنْ شَیْءٍ اَتَتْ عَلَیْهِ اِلَّا جَعَلَتْهُ كَالرَّمِیْمِ ۟ؕ
वह प्राणी या धन या उनके अलावा जिस चीज़ पर से भी गुज़रती, उसे नष्ट कर देती तथा उसे उस चीज़ की तरह करके छोड़ती, जो जीर्ण-शीर्ण हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَفِیْ ثَمُوْدَ اِذْ قِیْلَ لَهُمْ تَمَتَّعُوْا حَتّٰی حِیْنٍ ۟
तथा सालेह (अलैहिस्सलाम) की जाति समूद में दुखदायी यातना से डरने वाले के लिए एक निशानी है, जब उन लोगों से कहा गया : अपना निर्धारित समय समाप्त होने से पहले अपने जीवन का आनंद ले लो।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَعَتَوْا عَنْ اَمْرِ رَبِّهِمْ فَاَخَذَتْهُمُ الصّٰعِقَةُ وَهُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟
तो उन्होंने अपने रब के आदेश को मानने से अभिमान किया और उनके घमंड और अहंकार ने उन्हें ईमान और आज्ञापालन से रोक दिया। चुनाँचे यातना की कड़क ने उन्हें पकड़ लिया, जबकि वे उसके आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। क्योंकि उसके आने से तीन दिन पहले ही उन्हें उसकी धमकी दे दी गई थी।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَمَا اسْتَطَاعُوْا مِنْ قِیَامٍ وَّمَا كَانُوْا مُنْتَصِرِیْنَ ۟ۙ
फिर वे अपने ऊपर उतरने वाली यातना को दूर करने में सक्षम नहीं हुए और न ही उनके पास कोई ऐसी शक्ति थी, जिसके द्वारा वे अपना बचाव कर सकें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَوْمَ نُوْحٍ مِّنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟۠
इन उल्लिखित लोगों से पहले, हमने नूह अलैहिस्सलाम की जाति को डुबोकर नष्ट कर दिया। निश्चय वे अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर निकलने वाले लोग थे। इसलिए वे उसकी सज़ा के पात्र थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالسَّمَآءَ بَنَیْنٰهَا بِاَیْىدٍ وَّاِنَّا لَمُوْسِعُوْنَ ۟
और आकाश को हमने बनाया और उसके निर्माण को शक्ति के साथ मज़बूत किया और निश्चय हम उसके किनारों को विस्तारित करने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالْاَرْضَ فَرَشْنٰهَا فَنِعْمَ الْمٰهِدُوْنَ ۟
हमने धरती को उस पर रहने वालों के लिए उनके लिए बिछौने की तरह बिछा दिया। तो हम क्या ही खूब बिछाने वाले हैं, जब हमने उनके लिए उसे बिछाया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمِنْ كُلِّ شَیْءٍ خَلَقْنَا زَوْجَیْنِ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ۟
और हमने हर चीज़ से दो प्रकार पैदा किए; जैसे नर और नारी, आकाश और धरती तथा जल और थल; ताकि तुम अल्लाह के एकेश्वरवाद को समझो, जिसने हर चीज़ से दो क़िस्में बनाईं, तथा उसकी शक्ति को याद करो।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَفِرُّوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚ
तो तुम अल्लाह की आज्ञा का पालन करके और उसकी अवज्ञा से दूर रहकर, उसकी सज़ा से भागते हुए उसके सवाब की ओर दौड़ो। निश्चय (ऐ लोगो!) मैं तुम्हें उसकी सज़ा से स्पष्ट रूप से डराने वाला हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَا تَجْعَلُوْا مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और तुम अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य न बनाओ कि अल्लाह को छोड़कर उसकी इबादत करने लगो। मैं तुम्हारे लिए उसकी ओर से खुले तौर पर डराने वाला हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• الإيمان أعلى درجة من الإسلام.
• ईमान का दरजा इस्लाम से ऊँचा है।

• إهلاك الله للأمم المكذبة درس للناس جميعًا.
• अल्लाह का झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट कर देना सभी लोगों के लिए एक सबक है।

• الخوف من الله يقتضي الفرار إليه سبحانه بالعمل الصالح، وليس الفرار منه.
• अल्लाह के भय की अपेक्षा यह है कि बंदा अच्छे कर्म के ज़रिए अल्लाह की ओर भागे, उससे दूर न भागे।

 
Translation of the meanings Surah: Adh-Dhāriyāt
Surahs’ Index Page Number
 
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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