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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Fat'h   Ayah:
قُلْ لِّلْمُخَلَّفِیْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ سَتُدْعَوْنَ اِلٰی قَوْمٍ اُولِیْ بَاْسٍ شَدِیْدٍ تُقَاتِلُوْنَهُمْ اَوْ یُسْلِمُوْنَ ۚ— فَاِنْ تُطِیْعُوْا یُؤْتِكُمُ اللّٰهُ اَجْرًا حَسَنًا ۚ— وَاِنْ تَتَوَلَّوْا كَمَا تَوَلَّیْتُمْ مِّنْ قَبْلُ یُعَذِّبْكُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
(ऐ रसूल!) आप उन बद्दुओं से, जो मक्का के सफर में आपके साथ जाने से पीछे रह गए थे, उनकी परीक्षा के तौर पर, कह दें : बहुत जल्द तुम्हें एक ऐसे समुदाय से लड़ने के लिए कहा जाएगा, जो युद्ध में प्रबल शूरवीर हैं। तुम उनसे अल्लाह के मार्ग में लड़ाई करोगे, या वे बिना लड़ाई के इस्लाम में दाखिल हो जाएँगे। अगर तुम अल्लाह की बात मानते हुए उनसे युद्ध करोगे, तो वह तुम्हें अच्छा बदला अर्थात् जन्नत प्रदान करेगा। और अगर तुम उसकी आज्ञा मानने से फिर गए (जैसा कि तुम उस समय आज्ञा मानने से फिर गए जब तुम उसके साथ मक्का जाने से पीछे रह गए), तो वह तुम्हें दर्दनाक यातना देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَیْسَ عَلَی الْاَعْمٰی حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْاَعْرَجِ حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْمَرِیْضِ حَرَجٌ ؕ— وَمَنْ یُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ یُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۚ— وَمَنْ یَّتَوَلَّ یُعَذِّبْهُ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
जो व्यक्ति अंधापन, या लंगड़ापन, या बीमारी के कारण अक्षम है, यदि वह अल्लाह के मार्ग में लड़ने से पीछे रह गया, तो उसपर कोई पाप नहीं है। और जो अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करेगा, वह उसे ऐसे बाग़ों में दाखिल करेगा, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हैं। और जो उन दोनों की आज्ञाकारिता से मुँह फेरेगा, अल्लाह उसे दर्दनाक अज़ाब देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَقَدْ رَضِیَ اللّٰهُ عَنِ الْمُؤْمِنِیْنَ اِذْ یُبَایِعُوْنَكَ تَحْتَ الشَّجَرَةِ فَعَلِمَ مَا فِیْ قُلُوْبِهِمْ فَاَنْزَلَ السَّكِیْنَةَ عَلَیْهِمْ وَاَثَابَهُمْ فَتْحًا قَرِیْبًا ۟ۙ
निश्चय अल्लाह ईमान वालों से प्रसन्न हो गया, जबकि वे हुदैबियह के स्थान पर पेड़ के नीचे आपसे बै'अत कर रहे थे, जो बै'अत-ए-रिज़वान के नाम से प्रसिद्ध है। तो उसने उनके दिलों में जो ईमान, इख़्लास और सच्चाई थी, उसे जान लिया। अतः उनके दिलों पर शांति एवं स्थिरता उतार दी। तथा इसके बदले में उन्हें एक निकट विजय प्रदान की, जो ख़ैबर की विजय है। उन्हें यह सब इसके बदले दिया कि वे इससे पहले मक्का में दाखिल न हो सके।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَّمَغَانِمَ كَثِیْرَةً یَّاْخُذُوْنَهَا ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
और उसने उन्हें बहुत-से ग़नीमत के धन दिए, जो वे ख़ैबर वालों से हासिल करेंगे। और अल्लाह हमेशा से सब पर प्रभुत्वशाली है, उसे कोई हरा नहीं सकता। वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति) और प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَعَدَكُمُ اللّٰهُ مَغَانِمَ كَثِیْرَةً تَاْخُذُوْنَهَا فَعَجَّلَ لَكُمْ هٰذِهٖ وَكَفَّ اَیْدِیَ النَّاسِ عَنْكُمْ ۚ— وَلِتَكُوْنَ اٰیَةً لِّلْمُؤْمِنِیْنَ وَیَهْدِیَكُمْ صِرَاطًا مُّسْتَقِیْمًا ۟ۙ
और अल्लाह ने (ऐ मोमिनो!) तुमसे बहुत-से ग़नीमत के धन का वादा किया है, जो तुम भविष्य में इस्लामी विजयों में प्राप्त करोगे। फिर उसने ख़ैबर की ग़नीमत तुम्हें जल्दी प्रदान कर दी, और यहूदियों के हाथों को रोक दिया, जब उन्होंने तुम्हारे युद्ध में निकलने के बाद, तुम्हारे परिवारों को नुकसान पहुँचाना चाहा। ताकि ये शीघ्र प्राप्त होने वाले ग़नीमत के धन, तुम्हारे लिए अल्लाह की मदद और समर्थन की निशानी बन जाएँ, और वह तुम्हें सीधे रास्ते पर चलाए, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَّاُخْرٰی لَمْ تَقْدِرُوْا عَلَیْهَا قَدْ اَحَاطَ اللّٰهُ بِهَا ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرًا ۟
तथा अल्लाह ने तुमसे अन्य ग़नीमतों का (भी) वादा किया है, जिन्हें तुम इस समय प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो। उनपर केवल अल्लाह ही शक्ति रखता है और वे उसके ज्ञान और प्रबंधन में हैं। और अल्लाह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है, उसे कोई चीज़ अक्षम नहीं कर सकती।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَوْ قَاتَلَكُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوَلَّوُا الْاَدْبَارَ ثُمَّ لَا یَجِدُوْنَ وَلِیًّا وَّلَا نَصِیْرًا ۟
और यदि अल्लाह और उसके रसूल का इनकार करने वाले (ऐ ईमान वालो!) तुमसे युद्ध करते, तो तुम्हारे सामने पराजित होकर भाग खड़े होते, फिर वे अपने मामलों को संभालने के लिए न कोई संरक्षक पाते, और न ही उन्हें कोई सहायक मिलता, जो तुम्हारे ख़िलाफ़ लड़ने में उनकी मदद करता।
Arabic explanations of the Qur’an:
سُنَّةَ اللّٰهِ الَّتِیْ قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلُ ۖۚ— وَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّةِ اللّٰهِ تَبْدِیْلًا ۟
ईमान वालों की जीत और काफ़िरों की हार हर समय और जगह में तय है। यह उन समुदायों में अल्लाह का नियम रहा है, जो इन इनकार करने वालों से पहले गुज़रे हैं। और (ऐ रसूल!) आप अल्लाह के नियम में कदापि कोई बदलाव नहीं पाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• إخبار القرآن بمغيبات تحققت فيما بعد - مثل الفتوح الإسلامية - دليل قاطع على أن القرآن الكريم من عند الله.
• क़ुरआन का ग़ैब की चीज़ों (अनदेखी चीज़ों) के बारे में बताना जो बाद में सच साबित हुईं (जैसे कि इस्लामी विजय), इस बात का निर्णायक सबूत है कि क़ुरआन अल्लाह की ओर से है।

• تقوم أحكام الشريعة على الرفق واليسر.
• शरीयत के अहकाम (नियम) नरमी और आसानी पर आधारित हैं।

• جزاء أهل بيعة الرضوان منه ما هو معجل، ومنه ما هو مدَّخر لهم في الآخرة.
• 'बैअत-ए- रिज़वान' में शामिल सहाबा को उनके बदले का कुछ भाग दुनिया ही में दे दिया गया और कुछ भाग आखिरत के लिए सुरक्षित रखा गया है।

• غلبة الحق وأهله على الباطل وأهله سُنَّة إلهية.
• असत्य और उसके अनुयायियों पर सत्य और उसके अनुयायियों का प्रभुत्व एक ईश्वरीय परंपरा है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Fat'h
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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