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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Mu’minūn   Ayah:
فَاِذَا اسْتَوَیْتَ اَنْتَ وَمَنْ مَّعَكَ عَلَی الْفُلْكِ فَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ نَجّٰىنَا مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
फिर जब तुम और तुम्हारे मुक्ति पाने वाले मोमिन साथी नाव पर सवार हो जाएँ, तो कहो : सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें काफ़िर लोगों से बचाया और उन्हें नष्ट कर दिया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقُلْ رَّبِّ اَنْزِلْنِیْ مُنْزَلًا مُّبٰرَكًا وَّاَنْتَ خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
और यह दुआ करो कि ऐ मेरे पालनहार! तू मुझे भूमि पर बरकत वाला उतारना उतार और तू सब उतारने वालों से उत्तम है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ وَّاِنْ كُنَّا لَمُبْتَلِیْنَ ۟
नूह़ (अलैहिस्सलाम) और उनके मोमिन साथियों को बचाने और काफ़िरों को विनष्ट करने में इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि हम अपने रसूलों की मदद करने और उन्हें झुठलाने वालों को नष्ट करने की शक्ति रखते हैं। निश्चय हम नूह अलैहिस्सलाम की जाति की ओर नूह़ अलैहिल्लाम को भेजकर उनका परीक्षण करने वाले थे, ताकि काफ़िर से मोमिन और अवज्ञाकारी से आज्ञाकारी स्पष्ट हो जाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قَرْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ۚ
फिर नूह अलैहिस्सलाम की जाति को विनष्ट करने के बाद हमने एक और समुदाय को पैदा किया।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَرْسَلْنَا فِیْهِمْ رَسُوْلًا مِّنْهُمْ اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟۠
तो हमने उनके अंदर उन्हीं में से एक रसूल भेजा, ताकि उन्हें अल्लाह की ओर बुलाए। चुनाँचे उसने उनसे कहा : अकेले अल्लाह की इबादत करो। उस महिमावान के अलावा तुम्हारा कोई सत्य पूज्य नहीं। तो क्या तुम अल्लाह के निषेधों से बचकर और उसके आदेशों का पालन करके उससे नहीं डरते?
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ الْمَلَاُ مِنْ قَوْمِهِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِلِقَآءِ الْاٰخِرَةِ وَاَتْرَفْنٰهُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ— مَا هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۙ— یَاْكُلُ مِمَّا تَاْكُلُوْنَ مِنْهُ وَیَشْرَبُ مِمَّا تَشْرَبُوْنَ ۟ۙ
उसकी जाति के अशराफिया एवं प्रमुख लोग, जिन्होंने अल्लाह का इनकार किया, आख़िरत तथा उसके इनाम और सज़ा को झुठलाया, और सांसारिक जीवन में हमारी दी हुई विस्तृत नेमतों ने उन्हें सरकश बना दिया था, उन्होंने अपने अनुयायियों और आम लोगों से कहा : यह तो तुम्हारे ही जैसा एक इनसान है। जो वही कुछ खाता और पीता है, जो कुछ तुम खाते और पीते हो। इसलिए इसे तुम्हारे ऊपर कोई विशिष्टता प्राप्त नहीं है कि वह तुम्हारी ओर रसूल बनाकर भेजा जाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَىِٕنْ اَطَعْتُمْ بَشَرًا مِّثْلَكُمْ ۙ— اِنَّكُمْ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟ۙ
अगर तुमने अपने ही जैसे एक इनसान की बात मान ली, तो निश्चय तुम उस समय अवश्य घाटा उठाने वाले होगे, क्योंकि तुम्हें उसकी आज्ञाकारिता से कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए कि तुमने अपने देवताओं को छोड़कर, ऐसे व्यक्ति का अनुसरण किया, जिसको तुमपर कोई विशेषता प्राप्त नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَیَعِدُكُمْ اَنَّكُمْ اِذَا مِتُّمْ وَكُنْتُمْ تُرَابًا وَّعِظَامًا اَنَّكُمْ مُّخْرَجُوْنَ ۟
क्या यह आदमी, जो रसूल होने का दावा करता है, तुमसे यह वादा करता है कि जब तुम मर गए और धूल तथा सड़ी-गली हड्डियाँ हो गए, तो तुम अपनी क़ब्रों से जीवित निकाले जाओगे? क्या यह समझ में आता है?!
Arabic explanations of the Qur’an:
هَیْهَاتَ هَیْهَاتَ لِمَا تُوْعَدُوْنَ ۟
तुमसे अपनी मृत्यु तथा धूल और सड़ी-गली हड्डियाँ हो जाने के बाद, अपनी क़ब्रों से जीवित बाहर निकाले जाने का जो वादा किया जाता है, वह बहुत दूर कि बात है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنْ هِیَ اِلَّا حَیَاتُنَا الدُّنْیَا نَمُوْتُ وَنَحْیَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوْثِیْنَ ۟
जीवन तो केवल इस संसार का जीवन है। आख़िरत का जीवन कुछ भी नहीं है। हम में से जीवित लोग मरते हैं और वे फिर से जीवित नहीं होते। तथा अन्य लोग जन्म लेते हैं और वे जीवित रहते हैं। और हम अपनी मौत के बाद क़ियामत के दिन हिसाब के लिए निकाले जाने वाले नहीं हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنْ هُوَ اِلَّا رَجُلُ ١فْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا وَّمَا نَحْنُ لَهٗ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
यह जो तुम्हारे पास रसूल बनकर आने का दावा करता है, एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अपना यह दावा करके अल्लाह पर एक झूठ गढ़ा है। और हम इसकी बातों पर विश्वास करने वाले नहीं हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ بِمَا كَذَّبُوْنِ ۟
रसूल ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! तू इन लोगों के विरुद्ध मेरी मदद कर, इस प्रकार कि तू इनके मुझे झुठलाने के कारण इनसे मेरा बदला ले।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ عَمَّا قَلِیْلٍ لَّیُصْبِحُنَّ نٰدِمِیْنَ ۟ۚ
तो अल्लाह ने उनका उत्तर यह कहकर दिया : थोड़े समय के बाद, आपके लाए हुए संदेश को झुठलाने वाले ये लोग, अपने झुठलाने के रवैये पर पछताएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَخَذَتْهُمُ الصَّیْحَةُ بِالْحَقِّ فَجَعَلْنٰهُمْ غُثَآءً ۚ— فَبُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
चुनाँचे उन्हें एक भयंकर, घातक आवाज़ ने पकड़ लिया, क्योंकि वे अपने दुराग्रह के कारण यातना के हक़दार बन गए थे, तो उन्हें सैलाब की झाग की तरह विनष्ट कर दिया। तो विनाश है अत्याचारी लोगों के लिए।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قُرُوْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने उनका विनाश करने के बाद, अन्य समुदायों और दूसरी जातियों को पैदा किया, जैसे- लूत अलैहिस्सलाम की जाति, शुऐब अलैहिस्सलाम की जाति और यूनुस अलैहिस्सलाम की जाति।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• وجوب حمد الله على النعم.
• नेमतों पर अल्लाह की प्रशंसा करना ज़रूरी है।

• الترف في الدنيا من أسباب الغفلة أو الاستكبار عن الحق.
• दुनिया में विलासिता लापरवाही या सत्य से अभिमान के कारणों में से है।

• عاقبة الكافر الندامة والخسران.
• काफ़िर का परिणाम पछतावा और घाटा है।

• الظلم سبب في البعد عن رحمة الله.
• अत्याचार,अल्लाह की रहमत से दूरी का एक कारण है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Mu’minūn
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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