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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Tā-ha   Ayah:
وَاَنَا اخْتَرْتُكَ فَاسْتَمِعْ لِمَا یُوْحٰی ۟
तथा मैंने (ऐ मूसा!) तुझे अपने संदेश के प्रचार के लिए चुन लिया है। इसलिए मैं तुम्हारी ओर जो वह़्य (प्रकाशना) कर रहा हूँ, उसे सुनो।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّنِیْۤ اَنَا اللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنَا فَاعْبُدْنِیْ ۙ— وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ لِذِكْرِیْ ۟
निःसंदेह मैं ही अल्लाह हूँ। मेरे सिवा कोई वास्तविक पूज्य नहीं। इसलिए केवल मेरी ही इबादत करो और संपूर्ण रूप से नमाज़ अदा करो, ताकि तुम मुझे उसमें याद रख सको।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ السَّاعَةَ اٰتِیَةٌ اَكَادُ اُخْفِیْهَا لِتُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا تَسْعٰی ۟
निश्चय ही क़ियामत आने वाली और घटित होने वाली है। क़रीब है कि मैं उसे छिपाकर रखूँ। इसलिए कोई भी प्राणी उसका समय नहीं जानता। लेकिन नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के उन्हें बताने के कारण, वे उसकी निशानियों को जानते हैं; ताकि हर प्राणी को उसके अच्छे या बुरे किए गए कार्यों का बदला दिया जाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَلَا یَصُدَّنَّكَ عَنْهَا مَنْ لَّا یُؤْمِنُ بِهَا وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ فَتَرْدٰی ۟
अतः तुम्हें उसे सच मानने और अच्छे कर्म के द्वारा उसके लिए तैयारी करने से वह व्यक्ति हरगिज़ न रोक, जो उसपर विश्वास नहीं रखता और उन वर्जित चीज़ों का पालन करता है, जिनकी उसका मन इच्छा करता है। क्योंकि उसके कारण तुम्हारा विनाश हो जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا تِلْكَ بِیَمِیْنِكَ یٰمُوْسٰی ۟
तथा ऐ मूसा! यह तुम्हारे दाहिने हाथ में क्या हैॽ
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ هِیَ عَصَایَ ۚ— اَتَوَكَّؤُا عَلَیْهَا وَاَهُشُّ بِهَا عَلٰی غَنَمِیْ وَلِیَ فِیْهَا مَاٰرِبُ اُخْرٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : यह मेरी लाठी है। मैं इसका सहारा लेकर चलता हूँ और इसे पेड़ पर मारकर अपनी बकरियों के लिए उसके पत्ते गिराता हूँ, तथा इसके अलावा मेरे लिए इसमें अन्य लाभ हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ اَلْقِهَا یٰمُوْسٰی ۟
अल्लाह ने फरमाया : ऐ मूसा! तुम इसे डाल दो।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَلْقٰىهَا فَاِذَا هِیَ حَیَّةٌ تَسْعٰی ۟
अतः मूसा ने उसे डाल दिया, तो वह फुर्ती और हलके से चलने वाला साँप बन गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ خُذْهَا وَلَا تَخَفْ ۫— سَنُعِیْدُهَا سِیْرَتَهَا الْاُوْلٰی ۟
अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : लाठी को पकड़ लो और उसके साँप में बदल जाने से न डरो। जब तुम उसे पकड़ोगे, तो हम उसे उसकी पहली हालत पर लौटा देंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاضْمُمْ یَدَكَ اِلٰی جَنَاحِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ اٰیَةً اُخْرٰی ۟ۙ
और अपने हाथ को अपनी बग़ल के नीचे ले जाओ, वह कुष्ठरोग के बिना सफ़ेद (चमकता हुआ) निकलेगा; यह तुम्हारे लिए दूसरी निशानी है।
Arabic explanations of the Qur’an:
لِنُرِیَكَ مِنْ اٰیٰتِنَا الْكُبْرٰی ۟ۚ
हमने तुम्हें ये दो निशानियाँ दिखाई हैं, ताकि हम (ऐ मूसा!) तुम्हें अपनी कुछ बड़ी निशानियाँ दिखाएँ, जो हमारी शक्ति तथा तुम्हारे अल्लाह के रसूल होने को इंगित करती हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِذْهَبْ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟۠
(ऐ मूसा!) तुम फ़िरऔन के पास जाओ। क्योंकि वह कुफ़्र और अल्लाह के ख़िलाफ़ विद्रोह में सीमा पार कर चुका है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ رَبِّ اشْرَحْ لِیْ صَدْرِیْ ۟ۙ
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए मेरा सीना विस्तृत कर दे ताकि मैं कष्ट को सहन कर सकूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَیَسِّرْ لِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
और मेरे लिए मेरा काम सरल कर दे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِّنْ لِّسَانِیْ ۟ۙ
और मुझे स्पष्ट रूप से बात करने की शक्ति प्रदान कर।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَفْقَهُوْا قَوْلِیْ ۪۟
ताकि जब मैं तेरा संदेश उन तक पहुँचाऊँ, तो वे मेरी बात समझ सकें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاجْعَلْ لِّیْ وَزِیْرًا مِّنْ اَهْلِیْ ۟ۙ
और मेरे परिवार में से मेरा एक सहायक बना दे, जो मेरे कामों में मेरी सहायता करे।
Arabic explanations of the Qur’an:
هٰرُوْنَ اَخِی ۟ۙ
मेरे भाई हारून बिन इमरान को।
Arabic explanations of the Qur’an:
اشْدُدْ بِهٖۤ اَزْرِیْ ۟ۙ
उसके साथ मेरी पीठ मज़बूत़ कर दे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاَشْرِكْهُ فِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
तथा उसे ईश्वरीय संदेश पहुँचाने के कार्य में मेरा साझीदार बना दे।
Arabic explanations of the Qur’an:
كَیْ نُسَبِّحَكَ كَثِیْرًا ۟ۙ
ताकि हम तेरी बहुत ज़्यादा पवित्रता बयान करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَّنَذْكُرَكَ كَثِیْرًا ۟ؕ
और हम तुझे बहुत ज़्यादा याद करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّكَ كُنْتَ بِنَا بَصِیْرًا ۟
निश्चय तू हमें अच्छी तरह देख रहा है। हमारा कोई काम तुझसे छिपा नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ قَدْ اُوْتِیْتَ سُؤْلَكَ یٰمُوْسٰی ۟
अल्लाह ने कहा : ऐ मूसा! तूने जो माँगा, हमने तुझे दे दिया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَیْكَ مَرَّةً اُخْرٰۤی ۟ۙ
और हम तुझ पर एक बार और (भी) उपकार कर चुके हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• وجوب حسن الاستماع في الأمور المهمة، وأهمها الوحي المنزل من عند الله.
• महत्वपूर्ण बातों को अच्छी तरह से सुनना अनिवार्य है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण अल्लाह की तरफ से अवतरित वह़य (प्रकाशना) है।

• اشتمل أول الوحي إلى موسى على أصلين في العقيدة وهما: الإقرار بتوحيد الله، والإيمان بالساعة (القيامة)، وعلى أهم فريضة بعد الإيمان وهي الصلاة.
• मूसा अलैहिस्सलाम पर अवतरित प्रथम वह़्य अक़ीदे के दो बुनियादी सिद्धांतों, अर्थात् : अल्लाह की तौह़ीद (एकेश्वर्वाद) की स्वीकृति और क़ियामत (प्रलय के दिन) पर ईमान, तथा ईमान लाने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य नमाज़ को शामिल है।

• التعاون بين الدعاة ضروري لإنجاح المقصود؛ فقد جعل الله لموسى أخاه هارون نبيَّا ليعاونه في أداء الرسالة.
• उद्देश्य को सफल बनाने के लिए धर्म प्रचारकों के बीच सहयोग आवश्यक है। क्योंकि अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम के लिए उनके भाई हारून अलैहिस्सलाम को नबी बनाया, ताकि वह अल्लाह के संदेश को पहुँचाने में उनका सहयोग करें।

• أهمية امتلاك الداعية لمهارة الإفهام للمدعوِّين.
• धर्म प्रचारक के लिए आमंत्रितों को समझाने का कौशल रखने का महत्व।

 
Translation of the meanings Surah: Tā-ha
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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