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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Yūsuf   Ayah:
وَمَاۤ اُبَرِّئُ نَفْسِیْ ۚ— اِنَّ النَّفْسَ لَاَمَّارَةٌ بِالسُّوْٓءِ اِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और अज़ीज़ की स्त्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा : मैं खुद को बुराई की इच्छा से पाक नहीं ठहराती और न इससे मेरा उद्देश्य अपनी पवित्रता साबित करना था। क्योंकि इनसान के मन का मामला यह है कि वह इच्छाओं की ओर झुकाव रखने और उनसे बचना कठिन होने के कारण, बुराई का बहुत ज़्यादा आदेश देने वाला है। सिवाय उसके जिसपर अल्लाह दया करे और उसे बुराई का आदेश देने से सुरक्षित रखे। निश्चय मेरा पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदों को क्षमा करने वाला और उनपर दया करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖۤ اَسْتَخْلِصْهُ لِنَفْسِیْ ۚ— فَلَمَّا كَلَّمَهٗ قَالَ اِنَّكَ الْیَوْمَ لَدَیْنَا مَكِیْنٌ اَمِیْنٌ ۟
जब यूसुफ़ की बेगुनाही स्पष्ट हो गई और राजा को उसका ज्ञान हो गया, तो उसने अपने सहयोगियों से कहा : उन्हें मेरे पास लाओ। मैं उन्हें अपने लिए ख़ास कर लूँगा। चुनाँचे उन्हें राजा के पास लाया गया। फिर जब राजा ने उनसे बात की और उनका ज्ञान और बुद्धि उसके लिए स्पष्ट हो गई, तो उसने उनसे कहा : निश्चय (ऐ यूसुफ़!) आप आज हमारे यहाँ एक पद-प्रतिष्ठा वाले और विश्वसनीय व्यक्ति बन गए हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ اجْعَلْنِیْ عَلٰی خَزَآىِٕنِ الْاَرْضِ ۚ— اِنِّیْ حَفِیْظٌ عَلِیْمٌ ۟
यूसुफ़ ने राजा से कहा : मुझे मिस्र के देश में धन एवं अनाज के ख़ज़ानों के संरक्षण पर नियुक्त कर दीजिए, क्योंकि मैं एक विश्वसनीय कोषाध्यक्ष हूँ और जो ज़िम्मेदारी ले रहा हूँ उसका जानकार और समझ रखने वाला हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَكَذٰلِكَ مَكَّنَّا لِیُوْسُفَ فِی الْاَرْضِ ۚ— یَتَبَوَّاُ مِنْهَا حَیْثُ یَشَآءُ ؕ— نُصِیْبُ بِرَحْمَتِنَا مَنْ نَّشَآءُ وَلَا نُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
जिस तरह हमने यूसुफ़ पर निर्दोषता और जेल से मुक्ति के द्वारा उपकार किया, उसी तरह हमने उन्हें मिस्र की धरती में सशक्त बनाकर उनपर उपकार किया। वह जहाँ चाहें जाएँ और जहाँ चाहें रहें। हम इस दुनिया में अपने बंदों में से जिसे चाहते हैं, अपनी दया प्रदान करते हैं, और हम अच्छे कर्म करने वालों का सवाब बर्बाद नहीं करते, बल्कि उन्हें उसे बिना कमी के पूरा देते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَاَجْرُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟۠
निश्चय अल्लाह का बदला, जो उसने आख़िरत में तैयार किया है, उन लोगों के लिए दुनिया के बदले से बेहतर है, जो अल्लाह पर ईमान लाए और उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते रहे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَجَآءَ اِخْوَةُ یُوْسُفَ فَدَخَلُوْا عَلَیْهِ فَعَرَفَهُمْ وَهُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟
और यूसुफ़ के भाई अपने सामान लेकर मिस्र आए। जब वे उनके पास गए तो वह पहचान गए कि वे उनके भाई हैं, जबकि वे पहचान नहीं सके कि वह उनका भाई (यूसुफ़) है, क्योंकि काफ़ी समय बीत चुका था और उनकी शक्ल-सूरत भी बदल चुकी थी। क्योंकि जब उन्होंने यूसुफ़ को कुएँ में डाला था, तो वह बच्चे थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ قَالَ ائْتُوْنِیْ بِاَخٍ لَّكُمْ مِّنْ اَبِیْكُمْ ۚ— اَلَا تَرَوْنَ اَنِّیْۤ اُوْفِی الْكَیْلَ وَاَنَا خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
और जब यूसुफ़ ने उनको वह अनाज और खाद्य-सामग्री दे दी, जो उन्होंने माँगी और जब उन्होंने बताया कि उनका एक बाप-शरीक (सौतेला) भाई है, जिसे वे उसके पिता के पास छोड़ आए हैं, तो कहा : तुम अपने बाप शरीक भाई को मेरे पास ले आना, मैं तुम्हें एक ऊँट के भार का ग़ल्ला अधिक दूँगा। क्या तुम नहीं देखते कि मैं पूरी माप देता हूँ, उसमें कमी नहीं करता और मैं सबसे अच्छा मेहमान नवाज़ हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاِنْ لَّمْ تَاْتُوْنِیْ بِهٖ فَلَا كَیْلَ لَكُمْ عِنْدِیْ وَلَا تَقْرَبُوْنِ ۟
यदि तुम उसे मेरे पास नहीं लाए, तो तुम्हारा अपने इस दावे में झूठा होना स्पष्ट हो जाएगा कि तुम्हारा एक बाप शरीक भाई है। फिर मैं तुम्हें कभी भोजन नहीं दूँगा और तुम मेरे देश का रुख नहीं करना।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا سَنُرَاوِدُ عَنْهُ اَبَاهُ وَاِنَّا لَفٰعِلُوْنَ ۟
तो उनके भाइयों ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा : हम उसके पिता से इसके लिए अनुरोध करेंगे और इसके लिए भरपूर प्रयास करेंगे। तथा आपने हमें जो आदेश दिया है, हम निश्चित रूप से उसे किसी लापरवाही के बिना अवश्य करने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقَالَ لِفِتْیٰنِهِ اجْعَلُوْا بِضَاعَتَهُمْ فِیْ رِحَالِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَعْرِفُوْنَهَاۤ اِذَا انْقَلَبُوْۤا اِلٰۤی اَهْلِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और यूसुफ़ ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा : इन लोगों का धन इन्हें लौटा दो, ताकि वे अपनी वापसी पर जान सकें कि हमने उनसे यह नहीं खरीदा है। और यह उन्हें अपने भाई के साथ फिर से लौटने के लिए मजबूर करेगा, ताकि वे यूसुफ़ के सामने अपनी सच्चाई साबित करें और यूसुफ़ उनसे उनका धन स्वीकार कर लें।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَلَمَّا رَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْهِمْ قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مُنِعَ مِنَّا الْكَیْلُ فَاَرْسِلْ مَعَنَاۤ اَخَانَا نَكْتَلْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
जब वे अपने पिता के पास लौटे, और उन्हें बताया कि यूसुफ़ ने उनका किस तरह सम्मान किया है, तो उन्होंने कहा : हे हमारे पिता! हमारे अपने भाई को अपने साथ न लाने पर हमसे ग़ल्ले की आपूर्ति रोक दी गई है। इसलिए उसे हमारे साथ भेजें। क्योंकि यदि आप उसे हमारे साथ भेजते हैं, तो हमें ग़ल्ले का माप मिलेगा। और हम आपसे उसकी तब तक रक्षा करने की प्रतिज्ञा करते हैं जब तक कि वह आपके पास सुरक्षित रूप से वापस न आ जाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• من أعداء المؤمن: نفسه التي بين جنبيه؛ لذا وجب عليه مراقبتها وتقويم اعوجاجها.
• मोमिन के दुश्मनों में से एक दुश्मन उसके सीने में मौजूद दिल है। इसलिए उसकी निगरानी और उसके टेढ़ेपन को ठीक करना उसके लिए आवश्यक है।

• اشتراط العلم والأمانة فيمن يتولى منصبًا يصلح به أمر العامة.
• आम लोगों के हित से संबंधित कोई पद संभालने के लिए ज्ञान तथा अमानत (ईमानदारी) का होना शर्त है।

• بيان أن ما في الآخرة من فضل الله، إنما هو خير وأبقى وأفضل لأهل الإيمان.
• इस बात का वर्णन कि आख़िरत में प्राप्त होने वाली अल्लाह की कृपा, ईमान वालों के लिए बेहतर, अधिक स्थायी और सर्वश्रेष्ठ है।

• جواز طلب الرجل المنصب ومدحه لنفسه إن دعت الحاجة، وكان مريدًا للخير والصلاح.
• किसी व्यक्ति के लिए आवश्यकता पड़ने पर पद माँगने और स्वयं अपनी प्रशंसा करने की वैधता, जबकि वह भलाई और सुधार चाहता हो।

 
Translation of the meanings Surah: Yūsuf
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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