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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (48) ছুৰা: আল-ক্বাচাচ
فَلَمَّا جَآءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوْا لَوْلَاۤ اُوْتِیَ مِثْلَ مَاۤ اُوْتِیَ مُوْسٰی ؕ— اَوَلَمْ یَكْفُرُوْا بِمَاۤ اُوْتِیَ مُوْسٰی مِنْ قَبْلُ ۚ— قَالُوْا سِحْرٰنِ تَظَاهَرَا ۫— وَقَالُوْۤا اِنَّا بِكُلٍّ كٰفِرُوْنَ ۟
४८. मग जेव्हा त्यांच्याजवळ आमच्यातर्फे सत्य येऊन पोहचले, तेव्हा म्हणू लागले, का नाही दिली गेली याला तशी वस्तू जशी मूसाला दिली गेली होती. तर काय मूसाला यापूर्वी जे काही दिले गेले होते त्याचा लोकांनी इन्कार नव्हता केला? (उघडपणे) म्हणाले होते की हे दोघे जादूगार आहेत. जे एकमेकांचे सहाय्यक आहेत आणि आम्ही तर त्या सर्वांचा इन्कार करणारे आहोत.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (48) ছুৰা: আল-ক্বাচাচ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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