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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (6) ছুৰা: আল-জ্বিন
وَّاَنَّهٗ كَانَ رِجَالٌ مِّنَ الْاِنْسِ یَعُوْذُوْنَ بِرِجَالٍ مِّنَ الْجِنِّ فَزَادُوْهُمْ رَهَقًا ۟ۙ
जाहिलीयत के ज़माने में इनसानों में से कुछ लोग, जब किसी भयानक स्थान पर उतरते, तो जिन्नों में से कुछ लोगों की शरण लिया करते थे, चुनाँचे उनमें से एक कहता था : मैं इस वादी के प्रमुख जिन्न की शरण में आता हूँ, उसकी जाति के नासमझ जिन्नों की बुराई से।इस तरह इनसानों का जिन्नों से भय और डर बढ़ा गया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• تأثير القرآن البالغ فيمَنْ يستمع إليه بقلب سليم.
• सच्चे दिल से क़ुरआन सुनने वाले पर, उसका व्यापक प्रभाव।

• الاستغاثة بالجن من الشرك بالله، ومعاقبةُ فاعله بضد مقصوده في الدنيا.
• जिन्नों से फ़रियाद करना अल्लाह के साथ शिर्क है। ऐसा करने वाले को, दुनिया में उसके उद्देश्य के विपरीत चीज़ के द्वारा दंडित किया जाता है।

• بطلان الكهانة ببعثة النبي صلى الله عليه وسلم.
• मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से कहानत का खंडित होना।

• من أدب المؤمن ألا يَنْسُبَ الشرّ إلى الله.
• यह एक मोमिन का शिष्टाचार है कि वह बुराई की निस्बत अल्लाह की ओर न करे।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (6) ছুৰা: আল-জ্বিন
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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