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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-হাশ্বৰ   আয়াত:
وَالَّذِیْنَ جَآءُوْ مِنْ بَعْدِهِمْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَا اغْفِرْ لَنَا وَلِاِخْوَانِنَا الَّذِیْنَ سَبَقُوْنَا بِالْاِیْمَانِ وَلَا تَجْعَلْ فِیْ قُلُوْبِنَا غِلًّا لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا رَبَّنَاۤ اِنَّكَ رَءُوْفٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
और जो इन लोगों के बाद आए और क़ियामत के दिन तक भलाई के साथ उनका अनुसरण किया, वे कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हमें क्षमा कर दे और हमारे उन इस्लामी भाइयों को भी क्षमा कर दे, जो हमसे पहले अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए हैं। तथा हमारे दिलों में किसी मोमिन के प्रति घृणा तथा द्वेष न रख। ऐ हामारे पालनहार! निश्चय तू अपने बंदों के प्रति बहुत स्नेहक, उनपर अत्यंत दयालु है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ نَافَقُوْا یَقُوْلُوْنَ لِاِخْوَانِهِمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَىِٕنْ اُخْرِجْتُمْ لَنَخْرُجَنَّ مَعَكُمْ وَلَا نُطِیْعُ فِیْكُمْ اَحَدًا اَبَدًا ۙ— وَّاِنْ قُوْتِلْتُمْ لَنَنْصُرَنَّكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ یَشْهَدُ اِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
क्या (ऐ रसूल) आपने उन लोगों को नहीं देखा, जिन्होंने कुफ़्र को छिपाया और ईमान का प्रदर्शन किया कि वे विकृत तौरात को मानने वाले यहूदियों में से अपने काफ़िर भाइयों से कहते हैं : अपने घरों के अंदर डटे रहो, हम तुम्हारी सहायता से पीछे नहीं हटेंगे और तुम्हें असहाय नहीं छोड़ेंगे। यदि मुसलमानों ने तुम्हें यहाँ से बाहर निकाल दिया, तो हम भी तुम्हारे साथ एकजुटता दिखाते हुए निकल खड़े होंगे। तथा हम किसी की भी बात नहीं मानेंगे, जो हमें तुम्हारे साथ बाहर जाने से रोकना चाहेगा। और अगर मुसलमानों ने तुमसे युद्ध किया, तो हम उनके विरुद्ध तुम्हारी मदद करेंगे। हालाँकि अल्लाह गवाही देता है कि निःसंदेह मुनाफ़िक़ अपने इस दावे में झूठे हैं कि यदि यहूदियों को निकाला गया तो वे उनके साथ निकल खड़े होंगे और यदि उनसे युद्ध किया गया तो वे उनकी ओर से युद्ध करेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَىِٕنْ اُخْرِجُوْا لَا یَخْرُجُوْنَ مَعَهُمْ ۚ— وَلَىِٕنْ قُوْتِلُوْا لَا یَنْصُرُوْنَهُمْ ۚ— وَلَىِٕنْ نَّصَرُوْهُمْ لَیُوَلُّنَّ الْاَدْبَارَ ۫— ثُمَّ لَا یُنْصَرُوْنَ ۟
अगर मुसलमानों ने यहूदियों को निकाल दिया, तो वे उनके साथ नहीं निकलेंगे। और अगर मुसलमानों ने उनसे युद्ध किया, तो वे उनकी सहायता और मदद नहीं करेंगे। और अगर उनकी मदद और सहायता करने के लिए निकले भी, तो उनसे पीठ फेरकर भाग खड़े होंगे। फिर इसके बाद मुनाफ़िक़ों की मदद नहीं की जाएगी, बल्कि अल्लाह उन्हें अपमानित और तिरस्कृत करेगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَاَنْتُمْ اَشَدُّ رَهْبَةً فِیْ صُدُوْرِهِمْ مِّنَ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا یَفْقَهُوْنَ ۟
निश्चय मुनाफ़िकों और यहूदियों के दिलों में (ऐ मोमिनो) तुम्हारा भय अल्लाह (के भय) से अधिक है। और यह (अर्थात् उनका तुमसे अत्यधिक डरना और अल्लाह का डर कमज़ोर होना) इस कारण है कि वे ऐसे लोग हैं, जो कुछ नहीं समझते। क्योंकि यदि वे समझते होते, तो उन्हें पता होता कि अल्लाह डरने और भयभीत होने के अधिक योग्य है। क्योंकि उसी ने तुम्हें उनपर प्रभुत्व प्रदान किया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا یُقَاتِلُوْنَكُمْ جَمِیْعًا اِلَّا فِیْ قُرًی مُّحَصَّنَةٍ اَوْ مِنْ وَّرَآءِ جُدُرٍ ؕ— بَاْسُهُمْ بَیْنَهُمْ شَدِیْدٌ ؕ— تَحْسَبُهُمْ جَمِیْعًا وَّقُلُوْبُهُمْ شَتّٰی ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا یَعْقِلُوْنَ ۟ۚ
यहूदी तुमसे (ऐ मोमिनो) इकट्ठे होकर युद्ध नहीं करेंगे, परंतु क़िलेबंद बस्तियों में या दीवारों के पीछे से। क्योंकि वे अपनी कायरता के कारण तुम्हारा सामना नहीं कर सकते। उनके बीच दुश्मनी के कारण उनकी आपस की लड़ाई बहुत सख़्त है। आप समझते हैं कि वे एकजुट हैं और उनके अंदर एकता है, जबकि सच्चाई यह है कि उनके दिल अलग-अलग हैं। यह विभेद और दुश्मनी इस कारण है कि वे बुद्धि नहीं रखते। क्योंकि यदि वे बुद्धि रखते, तो सत्य को जानते और उसका पालन करते और उसके बारे में विभेद न करते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
كَمَثَلِ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ قَرِیْبًا ذَاقُوْا وَبَالَ اَمْرِهِمْ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟ۚ
इन यहूदियों का उदाहरण उनके कुफ़्र तथा यातना ग्रस्त होने में, ठीक उसी तरह है, जैसे हाल ही में उन लोगों का था जो इनसे पहले मक्का के बहुदेववादियों में से थे। चुनाँचे उन्होंने अपने कुफ़्र का बुरा परिणाम चख लिया और बद्र के दिन उनमें से कुछ लोग मारे गए और कुछ लोग पकड़ लिए गए। तथा आख़िरत में उनके लिए दर्दनाक यातना है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
كَمَثَلِ الشَّیْطٰنِ اِذْ قَالَ لِلْاِنْسَانِ اكْفُرْ ۚ— فَلَمَّا كَفَرَ قَالَ اِنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّنْكَ اِنِّیْۤ اَخَافُ اللّٰهَ رَبَّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
मुनाफ़िक़ों की बात सुनने के मामले में इन (यहूदियों) का उदाहरण शैतान की तरह है जब वह इनसान के लिए कुफ़्र करने को सुंदर बनाकर पेश करता है, फिर जब वह उसके लिए कुफ़्र को शोभित करने के कारण कुफ़्र कर बैठता है, तो कहता है : मैं तुम्हारे इस कुफ़्र करने से बरी हूँ। मैं प्राणियों के पालनहार अल्लाह से डरता हूँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• رابطة الإيمان لا تتأثر بتطاول الزمان وتغير المكان.
• ईमान का बंधन समय के लंबे होने और स्थान के परिवर्तन से प्रभावित नहीं होता है।

• صداقة المنافقين لليهود وغيرهم صداقة وهمية تتلاشى عند الشدائد.
• यहूदियों और अन्य लोगों के साथ मुनाफ़िक़ों की दोस्ती एक भ्रामक (नकली) दोस्ती होती है, जो कठिनाइयों के समय हवा हो जाती है।

• اليهود جبناء لا يواجهون في القتال، ولو قاتلوا فإنهم يتحصنون بِقُرَاهم وأسلحتهم.
• यहूदी कायर हैं, आमने-सामने युद्ध नहीं कर सकते। और यदि युद्ध करें भी, तो अपनी बस्तियों में क़िलेबंद और हथियारों से लेस होकर।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-হাশ্বৰ
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তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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