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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-ফাতাহ   আয়াত:

अल्-फ़त्ह़

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
تبشير النبي والمؤمنين بالفتح والتمكين.
पैगंबर और मोमिनों को विजय और सशक्तिकरण की शुभ सूचना देना।

اِنَّا فَتَحْنَا لَكَ فَتْحًا مُّبِیْنًا ۟ۙ
निःसंदेह हमने (ऐ रसूल!) आपको हुदैबियह की संधि के रूप में एक स्पष्ट विजय प्रदान की है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لِّیَغْفِرَ لَكَ اللّٰهُ مَا تَقَدَّمَ مِنْ ذَنْۢبِكَ وَمَا تَاَخَّرَ وَیُتِمَّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكَ وَیَهْدِیَكَ صِرَاطًا مُّسْتَقِیْمًا ۟ۙ
ताकि अल्लाह आपके इस विजय से पहले हुए और इसके बाद होने वाले गुनाहों को क्षमा कर दे, और आपके धर्म की मदद करके आपपर अपनी अनुकंपा को पूर्ण कर दे, और आपको सीधे मार्ग पर चलाए, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है और वह इस्लाम का सीधा मार्ग है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَّیَنْصُرَكَ اللّٰهُ نَصْرًا عَزِیْزًا ۟
और अल्लाह आपकी आपके दुश्मनों के विरुद्ध भरपूर सहायता करे, जिसका कोई मुकाबला न कर सके।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
هُوَ الَّذِیْۤ اَنْزَلَ السَّكِیْنَةَ فِیْ قُلُوْبِ الْمُؤْمِنِیْنَ لِیَزْدَادُوْۤا اِیْمَانًا مَّعَ اِیْمَانِهِمْ ؕ— وَلِلّٰهِ جُنُوْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟ۙ
अल्लाह वही है, जिसने ईमान वालों के दिलों में स्थिरता और शांति उतारी, ताकि वे अपने ईमान के साथ ईमान में और बढ़ जाएँ। तथा आकाशों और धरती की सेनाएँ केवल अल्लाह ही की हैं। वह उनके द्वारा अपने बंदों में से जिसका चाहता है, समर्थन करता है। और अल्लाह अपने बंदों के हितों को जानने वाला, सहायता और समर्थन के मामले में जो करता है उसमें पूर्ण हिकमत वाला है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لِّیُدْخِلَ الْمُؤْمِنِیْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا وَیُكَفِّرَ عَنْهُمْ سَیِّاٰتِهِمْ ؕ— وَكَانَ ذٰلِكَ عِنْدَ اللّٰهِ فَوْزًا عَظِیْمًا ۟ۙ
ताकि वह अल्लाह पर तथा उसके रसूल पर ईमान रखने वाले पुरुषों और ईमान रखने वाली स्त्रियों को ऐसे बाग़ों में दाखिल करे, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हैं और उनके गुनाहों को उनसे मिटा दे और उनपर उनकी पकड़ न करे। और यह जिसका उल्लेख हुआ (अर्थात् जन्नत की प्राप्ति और गुनाहों पर पकड़ होने से मुक्ति) अल्लाह के निकट बहुत बड़ी सफलता है, जिसके बराबर कोई अन्य सफलता नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَّیُعَذِّبَ الْمُنٰفِقِیْنَ وَالْمُنٰفِقٰتِ وَالْمُشْرِكِیْنَ وَالْمُشْرِكٰتِ الظَّآنِّیْنَ بِاللّٰهِ ظَنَّ السَّوْءِ ؕ— عَلَیْهِمْ دَآىِٕرَةُ السَّوْءِ ۚ— وَغَضِبَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ وَلَعَنَهُمْ وَاَعَدَّ لَهُمْ جَهَنَّمَ ؕ— وَسَآءَتْ مَصِیْرًا ۟
और (ताकि) उन मुनाफ़िक़ पुरुषों और मुनाफ़िक़ स्त्रियों, तथा अल्लाह के साथ साझी ठहराने वाले पुरुषों और साझी ठहराने वाली स्त्रियों को यातना दे, जो अल्लाह के बारे में यह सोच रखते हैं कि वह अपने धर्म की सहायता नहीं करेगा और अपनी बात को सर्वोच्च नहीं करेगा। अतः यातना का चक्र उन्हीं पर लौट आया, उनके कुफ़्र और बुरी सोच के कारण अल्लाह उनपर क्रोधित हुआ और उन्हें अपनी दया से दूर कर दिया, तथा उसने आख़िरत में उनके लिए जहन्नम तैयार कर रखा है, जिसमें वे हमेशा रहने के लिए प्रवेश करेंगे, और जहन्नम बहुत बुरा ठिकाना है, जहाँ वे लौटकर जाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلِلّٰهِ جُنُوْدُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
और आकाशों और धरती की सब सेनाएँ अल्लाह ही की हैं, जिनके द्वारा वह अपने बंदों में से जिसका चाहता है, समर्थन करता है। और अल्लाह सबपर प्रभुत्वशाली है, उसे कोई पराजित नहीं कर सकता, अपनी रचना, तक़दीर और प्रबंधन में हिकमत वाला है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّمُبَشِّرًا وَّنَذِیْرًا ۟ۙ
(ऐ रसूल!) हमने आपको गवाह बनाकर भेजा है। आप क़ियामत के दिन अपनी उम्मत के बारे में गवाही देंगे। और ईमान वालों को उस चीज़ की खुशख़बरी देने वाला बनाकर भेजा है, जो दुनिया में उनके लिए विजय और सशक्तिकरण तैयार किया गया है, और जो आख़िरत में उनके लिए आनंद तैयार किया गया। तथा काफ़िरों को उस चीज़ से डराने वाला बनाकर भेजा है, जो दुनिया में उनके लिए ईमान वालों के हाथों अपमान और पराजय तैयार किया गया है और जो आख़िरत में दर्दनाक यातना तैयार की गई है, जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لِّتُؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَتُعَزِّرُوْهُ وَتُوَقِّرُوْهُ ؕ— وَتُسَبِّحُوْهُ بُكْرَةً وَّاَصِیْلًا ۟
इस उम्मीद में कि तुम अल्लाह पर और उसके रसूल पर ईमान लाओ, उसके रसूल का सम्मान और आदर करो और दिन की शुरुआत और उसके अंत में अल्लाह की पवित्रता का गान करो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• صلح الحديبية بداية فتح عظيم على الإسلام والمسلمين.
• हुदैबियह की संधि इस्लाम और मुसलमानों की एक महान विजय की शुरुआत है।

• السكينة أثر من آثار الإيمان تبعث على الطمأنينة والثبات.
• 'सकीनत' (सुकून एवं शांति) ईमान का एक प्रभाव है, जिससे संतोष और स्थिरता आती है।

• خطر ظن السوء بالله، فإن الله يعامل الناس حسب ظنهم به سبحانه.
• अल्लाह के बारे में बुरा गुमान रखने का खतरा, क्योंकि अल्लाह लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करता है जैसा वे उसके बारे में सोचते हैं।

• وجوب تعظيم وتوقير رسول الله صلى الله عليه وسلم.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सम्मान और आदर करना ज़रूरी है।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: আল-ফাতাহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - আল-মুখতাচাৰ ফী তাফছীৰিল কোৰআনিল কাৰীমৰ হিন্দী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

তাফছীৰ চেণ্টাৰ ফৰ কোৰানিক ষ্টাডিজৰ ফালৰ পৰা প্ৰচাৰিত।

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