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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: حشر   آیت:
ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ شَآقُّوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ ۚ— وَمَنْ یُّشَآقِّ اللّٰهَ فَاِنَّ اللّٰهَ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟
यह जो उनके साथ हुआ, वह इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने कुफ़्र करके और प्रतिज्ञाएँ तोड़कर अल्लाह का विरोध किया और उसके रसूल का विरोध किया। और जो अल्लाह का विरोध करे, तो अल्लाह बहुत कड़ी सज़ा देने वाला है। इसलिए उसे उसकी कड़ी सज़ा मिलकर रहेगी।
عربي تفسیرونه:
مَا قَطَعْتُمْ مِّنْ لِّیْنَةٍ اَوْ تَرَكْتُمُوْهَا قَآىِٕمَةً عَلٰۤی اُصُوْلِهَا فَبِاِذْنِ اللّٰهِ وَلِیُخْزِیَ الْفٰسِقِیْنَ ۟
तुमने (ऐ मोमिनो के समुदाय) बनी नज़ीर के युद्ध के दौरान, अल्लाह के दुश्मनों को भड़काने के लिए जो भी खजूर के पेड़ काटे या जो पेड़ उनके तनों पर खड़े छोड़ दिए ताकि उनसे लाभ उठाओ, वह अल्लाह के आदेश से था। वह धरती में बिगाड़ पैदा करना नहीं था, जैसा कि उन्होंने दावा किया है। यह सब इसलिए हुआ ताकि अल्लाह अपनी अवज्ञा से निकल जाने वाले उन यहूदियों को अपमानित करे, जिन्होंने वचन तोड़ा और वफादारी के रास्ते को त्यागकर विश्वासघात का रास्ता चुना।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَفَآءَ اللّٰهُ عَلٰی رَسُوْلِهٖ مِنْهُمْ فَمَاۤ اَوْجَفْتُمْ عَلَیْهِ مِنْ خَیْلٍ وَّلَا رِكَابٍ وَّلٰكِنَّ اللّٰهَ یُسَلِّطُ رُسُلَهٗ عَلٰی مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
और अल्लाह ने बनी नज़ीर की संपत्ति में से अपने रसूल को जो कुछ दिया, तो उसे पाने के लिए तुमने घोड़े और ऊँट नहीं दौड़ाए और तुम्हें उसके लिए कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन अल्लाह अपने रसूल को जिसपर चाहता है, प्रभुत्व प्रदान कर देता है। चुनाँचे उसने अपने रसूल को बनी नज़ीर पर प्रभुत्व प्रदान कर दिया। इसलिए आपने बिना युद्ध किए उनके नगर पर विजय प्राप्त कर ली। और अल्लाह हर चीज़ का सामर्थ्य रखता है। उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती।
عربي تفسیرونه:
مَاۤ اَفَآءَ اللّٰهُ عَلٰی رَسُوْلِهٖ مِنْ اَهْلِ الْقُرٰی فَلِلّٰهِ وَلِلرَّسُوْلِ وَلِذِی الْقُرْبٰی وَالْیَتٰمٰی وَالْمَسٰكِیْنِ وَابْنِ السَّبِیْلِ ۙ— كَیْ لَا یَكُوْنَ دُوْلَةً بَیْنَ الْاَغْنِیَآءِ مِنْكُمْ ؕ— وَمَاۤ اٰتٰىكُمُ الرَّسُوْلُ فَخُذُوْهُ ۚ— وَمَا نَهٰىكُمْ عَنْهُ فَانْتَهُوْا ۚ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟ۘ
अल्लाह ने अपने रसूल को बस्तियों वालों की संपत्ति में से जो कुछ बिना युद्ध किए दिया है, वह अल्लाह के लिए है, वह जिसे चाहे प्रदान करे, तथा उसके रसूल के लिए है जो उनके स्वामित्व में है, तथा बनी हाशिम और बनी मुत्तलिब में से आपके रिश्तेदारों के लिए है; उनके लिए उसके मुआवज़े के रूप में है जो उन्हें दान से रोक दिया गया है, तथा अनाथों के लिए, ग़रीबों के लिए और उस पथिक के लिए है जिसका खर्च समाप्त हो गया हो। यह आदेश इसलिए दिया गया है, ताकि ऐसा न हो कि धन केवल अमीरों के बीच घूमता रहे और ग़रीब लोग उससे वंचित रह जाएँ। और रसूल तुम्हें बिना युद्ध के प्राप्त होने वाले धन में से जो कुछ दें, उसे (ऐ ईमान वालो!) ले लो और जिससे तुम्हें रोक दें, उससे रुक जाओ। और अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करते हुए और उसके निषेधों से बचते हुए, डरते रहो। निश्चय अल्लाह बहुत कठोर सज़ा देने वाला है। अतः उसकी सज़ा से बचो।
عربي تفسیرونه:
لِلْفُقَرَآءِ الْمُهٰجِرِیْنَ الَّذِیْنَ اُخْرِجُوْا مِنْ دِیَارِهِمْ وَاَمْوَالِهِمْ یَبْتَغُوْنَ فَضْلًا مِّنَ اللّٰهِ وَرِضْوَانًا وَّیَنْصُرُوْنَ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الصّٰدِقُوْنَ ۟ۚ
इस धन का कुछ हिस्सा अल्लाह की ख़ातिर घर-बार छोड़ने वाले उन ग़रीबों पर खर्च किया जाएगा, जो अपने धनों और बाल-बच्चों को छोड़ने के लिए मजबूर किए गए। वे आशा करते हैं कि अल्लाह उन्हें इस दुनिया में जीविका और आख़िरत में अपनी प्रसन्नता प्रदान करेगा। वे अल्लाह के रास्ते में जिहाद करके अल्लाह की मदद तथा उसके रसूल की मदद करते हैं। जो इन गुणों से विशिष्ट हैं, वही लोग वास्तव में ईमान में दृढ़ हैं।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ تَبَوَّءُو الدَّارَ وَالْاِیْمَانَ مِنْ قَبْلِهِمْ یُحِبُّوْنَ مَنْ هَاجَرَ اِلَیْهِمْ وَلَا یَجِدُوْنَ فِیْ صُدُوْرِهِمْ حَاجَةً مِّمَّاۤ اُوْتُوْا وَیُؤْثِرُوْنَ عَلٰۤی اَنْفُسِهِمْ وَلَوْ كَانَ بِهِمْ خَصَاصَةٌ ۫ؕ— وَمَنْ یُّوْقَ شُحَّ نَفْسِهٖ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟ۚ
और वे अंसार, जो मुहाजिरों से पहले से मदीना में निवास करते थे तथा उन्होंने अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान को चुन लिया था, वे उन लोगों से प्रेम करते हैं, जो मक्का से हिजरत करके उनके यहाँ आए हैं। तथा अपने दिलों में अल्लाह के रास्ते में हिजरत करने वाले लोगों के बारे में कोई क्रोध तथा ईर्ष्या नहीं पाते, जब मुहाजिरों को बिना युद्ध के प्राप्त होने वाले धन में से कुछ दिया जाता है और उन्हें नहीं दिया जाता। और वे सांसारिक फायदों के मामले में, मुहाजिरों को खुद से आगे रखते हैं, यद्यपि खुद ग़रीब और ज़रूरतमंद हों। और जिसके दिल को अल्लाह धन की लालच से बचा ले, और वह उसे अल्लाह की राह में खर्च करने लगे, तो ऐसे ही लोग हैं जो अपनी आकांक्षाओं की प्राप्ति और जिस चीज़ से डरते हैं उससे मुक्ति में सफल होने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• فعل ما يُظنُّ أنه مفسدة لتحقيق مصلحة عظمى لا يدخل في باب الفساد في الأرض.
• किसी महानतम हित को प्राप्त करने के लिए कोई ऐसा काम करना जिसे बिगाड़ (खराबी) समझा जाता है, पृथ्वी पर बिगाड़ करने के अंतर्गत नहीं आता है।

• من محاسن الإسلام مراعاة ذي الحاجة للمال، فَصَرَفَ الفيء لهم دون الأغنياء المكتفين بما عندهم.
• इस्लाम के गुणों में से एक पैसे के लिए ज़रूरतमंद लोगों का ध्यान रखना है, इसीलिए बिना युद्ध के प्राप्त होने वाला धन उन्हें दिया गया है, लेकिन धनी लोगों को नहीं, जिनके पास पर्याप्त धन हो।

• الإيثار منقبة عظيمة من مناقب الإسلام ظهرت في الأنصار أحسن ظهور.
• ईसार (दूसरे के हित के लिए अपना हित त्याग देना) इस्लाम के उत्कृष्ट गुणों में से एक महान गुण है, जो अंसारी सहाबा में सर्वश्रेष्ठ रूप से दिखाई दिया।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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