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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: جاثیه   آیت:
قُلْ لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا یَغْفِرُوْا لِلَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ اَیَّامَ اللّٰهِ لِیَجْزِیَ قَوْمًا بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अल्लाह पर ईमान लाने वालों तथा उसके रसूल को सच्चा मानने वालों से कह दें : तुम अपने संग बुरा व्यवहार करने वाले काफ़िरों को क्षमा कर दो, जो अल्लाह की नेमतों या उसके प्रकोपों की परवाह नहीं करते हैं। निश्चय ही अल्लाह धैर्य रखने वाले मोमिनों तथा अतिक्रमण करने वाले काफ़िरों में से प्रत्येक को, उनके उन कर्मों का बदला देगा, जो वे संसार में किया करते थे।
عربي تفسیرونه:
مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ اَسَآءَ فَعَلَیْهَا ؗ— ثُمَّ اِلٰی رَبِّكُمْ تُرْجَعُوْنَ ۟
जिसने अच्छे कर्म किए, उसके अच्छे कर्म का परिणाम उसी के लिए है। और अल्लाह उसके अच्छे कर्म से बेनियाज़ है। और जिसने बुरे कर्म किए, तो उसके बुरे कर्म का परिणाम उसी को भुगतना पड़ेगा। उसका बुरा कर्म करना अल्लाह को कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगा। फिर तुम आख़िरत में अकेले हमारी ही ओर वापस आओगे, ताकि हम हर एक को वह बदला दें, जिसका वह हक़दार है।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْكِتٰبَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ وَرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ وَفَضَّلْنٰهُمْ عَلَی الْعٰلَمِیْنَ ۟ۚ
निःसंदेह हमने बनी इसराईल को तौरात और उसके नियमों के अनुसार लोगों के बीच निर्णय करने का आदेश दिया, तथा हमने उनमें से अधिकांश नबियों को इबराहीम अलैहिस्सलाम के वंश से बनाया, और हमने उन्हें अनेक प्रकार की अच्छी चीज़ों से जीविका प्रदान की, और उन्हें उनके समय के संसार वालों पर श्रेष्ठता प्रदान की।
عربي تفسیرونه:
وَاٰتَیْنٰهُمْ بَیِّنٰتٍ مِّنَ الْاَمْرِ ۚ— فَمَا اخْتَلَفُوْۤا اِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَهُمُ الْعِلْمُ ۙ— بَغْیًا بَیْنَهُمْ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ یَقْضِیْ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
और हमने उन्हें ऐसे प्रमाण दिए, जो सत्य को असत्य से स्पष्ट करते हैं। लेकिन उन्होंने उस समय विभेद किया, जब हमारे पैग़ंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने के द्वारा उनपर तर्क स्थापित हो चुका था। और उनके इस विभेद का एकमात्र कारण, वैभव और सरदारी के लोभ में, उनका एक-दूसरे पर अतिक्रमण करना था। निःसंदेह आपका पालनहार (ऐ रसूल!) क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे दुनिया में मतभेद किया करते थे। अतः वह स्पष्ट कर देगा कि कौन सत्य पर था और कौन असत्य पर।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ جَعَلْنٰكَ عَلٰی شَرِیْعَةٍ مِّنَ الْاَمْرِ فَاتَّبِعْهَا وَلَا تَتَّبِعْ اَهْوَآءَ الَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
फिर हमने आपको अपने उस धर्म के एक स्पष्ट मार्ग, पद्वति और प्रणाली पर स्थापित कर दिया, जिसका आदेश हमने आपसे पूर्व अपने रसूलों को दिया था, जो ईमान और अच्छे कर्म की ओर बुलाता है। अतः आप इसी शरीयत का पालन करें और उन लोगों की इच्छाओं का पालन न करें, जो सत्य को नहीं जानते; क्योंकि उनकी इच्छाएँ सत्य से भ्रमित करने वाली हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهُمْ لَنْ یُّغْنُوْا عَنْكَ مِنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا ؕ— وَاِنَّ الظّٰلِمِیْنَ بَعْضُهُمْ اَوْلِیَآءُ بَعْضٍ ۚ— وَاللّٰهُ وَلِیُّ الْمُتَّقِیْنَ ۟
निःसंदेह जो लोग सत्य का ज्ञान नहीं रखते, वे आपसे अल्लाह की यातना को कदापि नहीं रोकेंगे यदि आप उनकी इच्छाओं का पालन करते हैं। निश्चय सभी धर्मों और संप्रदायों एवं समुदायों के अत्याचारी लोग, मोमिनों के विरुद्ध एक-दूसरे के सहायक और समर्थक हैं। और अल्लाह उन लोगों का सहायक है, जो उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, उससे डरने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
هٰذَا بَصَآىِٕرُ لِلنَّاسِ وَهُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّقَوْمٍ یُّوْقِنُوْنَ ۟
हमारे रसूल पर अवतरित यह क़ुरआन अंतर्दृष्टि और प्रबुद्धता है, जिसके द्वारा लोग असत्य से सत्य को देख सकते हैं, तथा सत्य का मार्गदर्शन और विश्वास करने वालों के लिए दया है; क्योंकि वही लोग उसके द्वारा सीधा रास्ता प्राप्त करते हैं, ताकि उनका पालनहार उनसे प्रसन्न हो जाए। फिर वह उन्हें जन्नत में दाखिल कर दे और जहन्नम से बचा ले।
عربي تفسیرونه:
اَمْ حَسِبَ الَّذِیْنَ اجْتَرَحُوا السَّیِّاٰتِ اَنْ نَّجْعَلَهُمْ كَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ۙ— سَوَآءً مَّحْیَاهُمْ وَمَمَاتُهُمْ ؕ— سَآءَ مَا یَحْكُمُوْنَ ۟۠
क्या अपने शरीर के अंगों द्वारा कुफ़्र और पाप करने वालों ने यह समझ रखा है कि हम उन्हें उन लोगों के समान बदला देंगे, जो अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छे कर्म किए, ताकि वे इस दुनिया और आख़िरत में बराबर हो जाएँ?! उनका यह निर्णय बहुत बुरा है।
عربي تفسیرونه:
وَخَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ وَلِتُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
अल्लाह ने आकाशों तथा धरती की रचना व्यापक हिकमत के तहत की है, उसने उन्हें व्यर्थ नहीं बनाया है। और ताकि हर प्राणी को उसके किए हुए अच्छे या बुरे कर्म का बदला दिया जाए। तथा अल्लाह उनके अच्छे कामों में कमी करके, या उनकी बुराइयों में वृद्धि करके, उनपर अत्याचार नहीं करेगा।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• العفو والتجاوز عن الظالم إذا لم يُظهر الفساد في الأرض، ويَعْتَدِ على حدود الله؛ خلق فاضل أمر الله به المؤمنين إن غلب على ظنهم العاقبة الحسنة.
• यदि अत्याचारी धरती में खुल्लम खुल्ला उपद्रव न फैलाए और अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन न करे, तो उससे उपेक्षा करना और माफ़ कर देना; एक उत्तम आचरण है, जिसका अल्लाह ने ईमान वालों को आदेश दिया है, यदि उन्हें उसके अच्छे परिणाम का प्रबल अनुमान है।

• وجوب اتباع الشرع والبعد عن اتباع أهواء البشر.
• शरीयत का पालन करना तथा मानवीय इच्छाओं का पालन करने से दूर रहना आवश्यक है।

• كما لا يستوي المؤمنون والكافرون في الصفات، فلا يستوون في الجزاء.
• जिस तरह मोमिन और काफ़िर गुणों में समान नहीं हैं, उसी तरह वे प्रतिफल में भी समान नहीं हैं।

• خلق الله السماوات والأرض وفق حكمة بالغة يجهلها الماديون الملحدون.
• अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को व्यापक हिकमत के अनुसार पैदा किया है, जिससे नास्तिक भौतिकवादी अनभिज्ञ हैं।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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