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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: نمل   آیت:
فَلَمَّا جَآءَ سُلَیْمٰنَ قَالَ اَتُمِدُّوْنَنِ بِمَالٍ ؗ— فَمَاۤ اٰتٰىنِ اللّٰهُ خَیْرٌ مِّمَّاۤ اٰتٰىكُمْ ۚ— بَلْ اَنْتُمْ بِهَدِیَّتِكُمْ تَفْرَحُوْنَ ۟
जब रानी का दूत और उसके साथ उसके सहायक उपहार लेकर सुलैमान के पास आए, तो सुलैमान ने उनके उपहार भेजने को नकारते हुए कहा : क्या तुम धन से मेरी सहायता करते हो, ताकि मुझे अपनी ओर से फेर सको? (सुनो!) अल्लाह ने मुझे पैग़ंबरी, राजत्व तथा धन-दौलत के रूप में जो कुछ दिया है, वह उससे बेहतर है, जो उस ने तुम्हें दिया है। बल्कि, तुम ही लोग इस प्रकार के सांसारिक उपहारों के दिए जाने पर खुश होते हो।
عربي تفسیرونه:
اِرْجِعْ اِلَیْهِمْ فَلَنَاْتِیَنَّهُمْ بِجُنُوْدٍ لَّا قِبَلَ لَهُمْ بِهَا وَلَنُخْرِجَنَّهُمْ مِّنْهَاۤ اَذِلَّةً وَّهُمْ صٰغِرُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने रानी के दूत से कहा : तुम जो उपहार लेकर आए हो, उसे लेकर उनके पास वापस जाओ। यदि वे आज्ञाकारी बनकर मेरे पास नहीं आए, तो हम रानी तथा उसके लोगों पर ऐसी सेनाएँ लेकर आएँगे जिनका सामना करने की उनमें कोई शक्ति नहीं और हम अवश्य उन्हें 'सबा' से इस हाल में निकालेंगे कि वे वहाँ सम्मान पूर्ण रहने के बाद अपमानित और तिरस्कृत होंगे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَؤُا اَیُّكُمْ یَاْتِیْنِیْ بِعَرْشِهَا قَبْلَ اَنْ یَّاْتُوْنِیْ مُسْلِمِیْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने अपने राज्य के प्रमुख लोगों को संबोधित करते हुए कहा : ऐ प्रमुखो! तुममें से कौन रानी का सिंहासन मेरे पास लेकर आएगा, इससे पहले कि वे आज्ञाकारी होकर मेरे पास आएँ?
عربي تفسیرونه:
قَالَ عِفْرِیْتٌ مِّنَ الْجِنِّ اَنَا اٰتِیْكَ بِهٖ قَبْلَ اَنْ تَقُوْمَ مِنْ مَّقَامِكَ ۚ— وَاِنِّیْ عَلَیْهِ لَقَوِیٌّ اَمِیْنٌ ۟
एक बलवान सरकश जिन्न ने कहा : इससे पहले कि आप अपनी इस जगह से उठें, मैं उसका सिंहासन आपके पास ले आऊँगा, और निःसंदेह मैं उसके उठाने की पूरी शक्ति रखता हूँ तथा उसमें जो कुछ है, उसके प्रति अमानतदार हूँ। इसलिए मैं उसमें कोई कमियागीरी नहीं करूँगा।
عربي تفسیرونه:
قَالَ الَّذِیْ عِنْدَهٗ عِلْمٌ مِّنَ الْكِتٰبِ اَنَا اٰتِیْكَ بِهٖ قَبْلَ اَنْ یَّرْتَدَّ اِلَیْكَ طَرْفُكَ ؕ— فَلَمَّا رَاٰهُ مُسْتَقِرًّا عِنْدَهٗ قَالَ هٰذَا مِنْ فَضْلِ رَبِّیْ ۫— لِیَبْلُوَنِیْۤ ءَاَشْكُرُ اَمْ اَكْفُرُ ؕ— وَمَنْ شَكَرَ فَاِنَّمَا یَشْكُرُ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ كَفَرَ فَاِنَّ رَبِّیْ غَنِیٌّ كَرِیْمٌ ۟
सुलैमान के पास उपस्थित एक सदाचारी ज्ञानी व्यक्ति, जिसके पास आसमानी किताबों का ज्ञान था, जिसमें अल्लाह का वह "इस्मे आज़म" (महान नाम) भी शामिल है, जिसकी विशेषता यह है कि यदि उसके द्वारा दुआ की जाए तो अल्लाह क़बूल करता है, ने कहा : मैं आपके पलक झपकाने से पहले ही उसका सिंहासन आपके पास ले आऊँगा; इस तौर पर कि मैं अल्लाह से प्रार्थना करूँगा और वह उसे यहाँ ले आएगाl अतः उसने प्रार्थना की और अल्लाह ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। जब सुलैमान ने उसके सिंहासन को अपने पास हाज़िर देखा, तो कहा : यह मेरे पालनहार की कृपा से है; ताकि वह मेरी परीक्षा ले कि मैं उसकी नेमतों का शुक्र अदा करता हूँ या उनकी नाशुक्री करता हूँ? और जो अल्लाह का शुक्र अदा करता है, तो उसकी शुक्रगुज़ारी का लाभ उसी को मिलता है। क्योंकि अल्लाह बेनियाज़ है, बंदों की शुक्रगुज़ारी उसे नहीं बढ़ाती। तथा जिसने अल्लाह की नेमतों का इनकार किया और उनपर अल्लाह का शुक्र अदा नहीं किया, तो निश्चय मेरा पालनहार उसके शुक्र से बहुत बेनियाज़, बहुत उदार है। तथा यह उसकी उदारता है कि नेमतों की नाशुक्री करने वालों को भी प्रदान करता है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ نَكِّرُوْا لَهَا عَرْشَهَا نَنْظُرْ اَتَهْتَدِیْۤ اَمْ تَكُوْنُ مِنَ الَّذِیْنَ لَا یَهْتَدُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : उसके लिए उसके राज-सिंहासन का रूप बदल दो। ताकि हम देखें : क्या वह इस तथ्य को जान पाती है कि यह उसी का सिंहासन है, या कि वह उन लोगों में से हो जाती है जो अपनी वस्तुएँ भी नहीं पहचान पाते हैं?
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا جَآءَتْ قِیْلَ اَهٰكَذَا عَرْشُكِ ؕ— قَالَتْ كَاَنَّهٗ هُوَ ۚ— وَاُوْتِیْنَا الْعِلْمَ مِنْ قَبْلِهَا وَكُنَّا مُسْلِمِیْنَ ۟
जब सबा की रानी सुलैमान के पास आई, तो उसकी परीक्षा करने के लिए उससे कहा गया : क्या यह तेरे सिंहासन के समान है? उसने प्रश्न के अनुसार उत्तर दिया : मानो यह वही है। तो सुलैमान ने कहा : अल्लाह ने हमें इससे पहले ही ज्ञान दे रखा था कि वह इस तरह के कार्यों को अंजाम देने की पूरी शक्ति रखता है। तथा हम अल्लाह के आदेश के अधीन थे और उसके प्रति आज्ञाकारी थे।
عربي تفسیرونه:
وَصَدَّهَا مَا كَانَتْ تَّعْبُدُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّهَا كَانَتْ مِنْ قَوْمٍ كٰفِرِیْنَ ۟
और उसे अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) से उस चीज़ ने रोक रखा था जो वह अपनी जाति का अनुकरण करते हुए अल्लाह के अलावा पूजती थी। निःसंदेह वह उन लोगों में से थी जो अल्लाह का इनकार करने वाले थे। इसलिए वह (भी) उनके समान काफ़िर थी।
عربي تفسیرونه:
قِیْلَ لَهَا ادْخُلِی الصَّرْحَ ۚ— فَلَمَّا رَاَتْهُ حَسِبَتْهُ لُجَّةً وَّكَشَفَتْ عَنْ سَاقَیْهَا ؕ— قَالَ اِنَّهٗ صَرْحٌ مُّمَرَّدٌ مِّنْ قَوَارِیْرَ ؕ۬— قَالَتْ رَبِّ اِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ وَاَسْلَمْتُ مَعَ سُلَیْمٰنَ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
उससे कहा गया कि महल में प्रवेश कर जाओ, जो एक सतह के समान था। जब उसने महल को देखा, तो उसे कोई जलाशय समझ बैठी और उसमें उतरने के लिए अपनी दोनों पिंडलियाँ खोल दीं। सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : यह एक चिकना कांच का भवन है। फिर उसे इस्लाम की ओर आमंत्रित किया। और उसने उनके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया, यह कहते हुए : ऐ मेरे पालनहार! मैंने तेरे साथ तेरे अलावा की पूजा करके अपने ऊपर अत्याचार किया है और (अब) मैं सुलैमान अलैहिस्सलाम के साथ सभी प्राणियों के पालनहार अल्लाह की आज्ञाकारिणी हो गई।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• عزة الإيمان تحصّن المؤمن من التأثر بحطام الدنيا.
• ईमान की गरिमा मोमिन को सांसारिक सामग्री से प्रभावित होने से बचाती है।

• الفرح بالماديات والركون إليها صفة من صفات الكفار.
• भौतिक चीजों से खुश होना और उनपर भरोसा करना काफ़िरों की विशेषताओं में से एक विशेषता है।

• يقظة شعور المؤمن تجاه نعم الله.
• मोमिन अल्लाह की नेमतों के प्रति सदैव सजग रहता है।

• اختبار ذكاء الخصم بغية التعامل معه بما يناسبه.
• विरोधी पक्ष के साथ उचित व्यवहार करने के लिए उसकी बुद्धि का परीक्षण करना।

• إبراز التفوق على الخصم للتأثير فيه.
• विरोधी पक्ष को प्रभावित करने के लिए उस पर श्रेष्ठता दिखाना।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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