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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: شعراء   آیت:

अश्-शु-अ़-रा

د سورت د مقصدونو څخه:
بيان آيات الله في تأييد المرسلين وإهلاك المكذبين.
रसूलों का समर्थन करने और झुठलाने वाले लोगों का विनाश करने के बारे में अल्लाह की निशानियों का वर्णन।

طٰسٓمّٓ ۟
(ता, सीन, मीम) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
عربي تفسیرونه:
تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟
यह उस क़ुरआन की आयतें हैं, जो असत्य से सत्य को स्पष्ट करने वाला है।
عربي تفسیرونه:
لَعَلَّكَ بَاخِعٌ نَّفْسَكَ اَلَّا یَكُوْنُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟
शायद (ऐ रसूल!) आप उनकी हिदायत की तीव्र उत्सुकता के कारण, उनकी हिदायत की चिंता और ग़म में अपने आपको हलाक कर लेंगे।
عربي تفسیرونه:
اِنْ نَّشَاْ نُنَزِّلْ عَلَیْهِمْ مِّنَ السَّمَآءِ اٰیَةً فَظَلَّتْ اَعْنَاقُهُمْ لَهَا خٰضِعِیْنَ ۟
यदि हम उनपर आकाश से कोई निशानी उतारना चाहें, तो उसे उनपर उतार दें, फिर उनकी गर्दनें उसके आगे झुकी रह जाएँ। किंतु हमने उनकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से ऐसा नहीं चाहा कि : क्या वे ग़ैब (परोक्ष) पर ईमान लाते हैं?
عربي تفسیرونه:
وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنَ الرَّحْمٰنِ مُحْدَثٍ اِلَّا كَانُوْا عَنْهُ مُعْرِضِیْنَ ۟
जब भी इन मुश्रिकों के पास 'रहमान' की ओर से कोई नई नसीहत आती है, जो उसके एकेश्वरवाद और उसके नबी की सच्चाई को इंगित करने वाले प्रमाणों पर आधारित होती है, तो वे उसे सुनने तथा उसे सच्चा मानने से मुँह फेर लेते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَقَدْ كَذَّبُوْا فَسَیَاْتِیْهِمْ اَنْۢبٰٓؤُا مَا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
जो कुछ उनके रसूल उनके पास लाए थे, उन्होंने उसे झुठला दिया। इसलिए अब शीघ्र ही उनके पास उन समाचारों की पुष्टि आ जाएगी, जिनका वे मज़ाक़ उड़ाया करते थे तथा उनपर यातना उतरेगी।
عربي تفسیرونه:
اَوَلَمْ یَرَوْا اِلَی الْاَرْضِ كَمْ اَنْۢبَتْنَا فِیْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِیْمٍ ۟
क्या ये मुश्रिक अभी भी अपने कुफ्र पर अड़े हुए हैं, इसलिए उन्होंने धरती की ओर नहीं देखा कि हमने उसमें कितने प्रकार के पौधे उगाए हैं, जो अच्छे दिखने वाले और बहुत-से फायदे वाले हैं?!
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह धरती पर विभिन्न प्रकार के पौधे उगाने में निश्चय इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि उन्हें उगाने वाला, मुर्दों को पुनः जीवित करने में सक्षम है। परंतु इसके बावजूद उनमें से अधिकतर लोग ईमान लाने वाले नहीं हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और ऐ रसूल! आपका पालनहार ही सब पर प्रभुत्वशाली है जिसे कोई परास्त नहीं कर सकता, अपने बंदों पर अत्यंत दयालु है।
عربي تفسیرونه:
وَاِذْ نَادٰی رَبُّكَ مُوْسٰۤی اَنِ ائْتِ الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब आपके रब ने मूसा को आदेश देते हुए कहा कि वह उस अत्याचारी क़ौम के पास जाएँ, जिसने अल्लाह का इनकार किया है और मूसा (अलैहिस्सलाम) की क़ौम को ग़ुलाम बना रखा है।
عربي تفسیرونه:
قَوْمَ فِرْعَوْنَ ؕ— اَلَا یَتَّقُوْنَ ۟
उस क़ौम से अभिप्राय फ़िरऔन की क़ौम है। वहाँ जाकर उन्हें नरमी के साथ अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरने का आदेश दें।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یُّكَذِّبُوْنِ ۟ؕ
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : मुझे इस बात का डर है कि जो कुछ मैं उन्हें तेरे विषय में बताऊँगा, वे मुझे झुठला देंगे।
عربي تفسیرونه:
وَیَضِیْقُ صَدْرِیْ وَلَا یَنْطَلِقُ لِسَانِیْ فَاَرْسِلْ اِلٰی هٰرُوْنَ ۟
मेरा सीना इस भय से संकुचित हो रहा है कि कहीं वे मुझे झुठला न दें और मेरी ज़बान बोलने से रुक रही है। अतः जिबरील द्वारा मेरे भाई हारून के पास संदेश भेज कि वह मेरा सहायक बन जाए।
عربي تفسیرونه:
وَلَهُمْ عَلَیَّ ذَنْۢبٌ فَاَخَافُ اَنْ یَّقْتُلُوْنِ ۟ۚۖ
तथा मेरे एक क़िबती को मारने के कारण, उनका मेरे खिलाफ एक जुर्म का आरोप है। इसलिए मुझे डर है कि वे मुझे मार डालेंगे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ كَلَّا ۚ— فَاذْهَبَا بِاٰیٰتِنَاۤ اِنَّا مَعَكُمْ مُّسْتَمِعُوْنَ ۟
अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : हरगिज़ ऐसा नहीं होगा। वे कदापि तुम्हें क़त्ल नहीं कर सकते। अतः तुम अपने भाई हारून के साथ हमारी निशानियाँ लेकर जाओ, जो तुम दोनों की सत्यता की पुष्टि करने वाली हैं। क्योंकि हम अपनी सहायता एवं समर्थन के साथ तुम्हारे साथ हैं, तुम उनसे तथा वे तुमसे जो कुछ कहेंगे हम सब कुछ सुनने वाले हैं। हमसे कोई भी चीज़ छूट नहीं सकती।
عربي تفسیرونه:
فَاْتِیَا فِرْعَوْنَ فَقُوْلَاۤ اِنَّا رَسُوْلُ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
अतः तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ और उससे कहो : हम दोनों सारी सृष्टि के पालनहार की ओर से तेरे पास संदेश लेकर आए हैं।
عربي تفسیرونه:
اَنْ اَرْسِلْ مَعَنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
कि तू बनी-इसराईल को हमारे साथ भेज दे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَلَمْ نُرَبِّكَ فِیْنَا وَلِیْدًا وَّلَبِثْتَ فِیْنَا مِنْ عُمُرِكَ سِنِیْنَ ۟ۙ
फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : क्या हमने तुझे बचपन में अपने यहाँ पाला नहीं था? और तूने हमारे बीच अपनी आयु के कई वर्ष गुज़ारे। फिर किस बात ने तुझे नुबुव्वत (पैग़ंबरी) का दावा करने के लिए प्रेरित किया?
عربي تفسیرونه:
وَفَعَلْتَ فَعْلَتَكَ الَّتِیْ فَعَلْتَ وَاَنْتَ مِنَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और तूने अपनी जाति के एक व्यक्ति के समर्थन में एक क़िबती को क़त्ल करके बहुत बड़ा अपराध किया है, तथा तू अपने ऊपर मेरे उपकारों को न मानने वालों में से है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• حرص الرسول صلى الله عليه وسلم على هداية الناس.
• लोगों के मार्गदर्शन के लिए रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उत्सुकता।

• إثبات صفة العزة والرحمة لله.
• अल्लाह के लिए 'इज़्ज़त' (प्रभुत्व) एवं 'रहमत' (दया) की विशेषताओं का सबूत।

• أهمية سعة الصدر والفصاحة للداعية.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले के लिए कुशादा दिल तथा सुभाषी होने का महत्व।

• دعوات الأنبياء تحرير من العبودية لغير الله.
• सभी नबियों का आहवान अल्लाह के अलावा किसी और की गुलामी से मुक्ति दिलाना है।

• احتج فرعون على رسالة موسى بوقوع القتل منه عليه السلام فأقر موسى بالفعلة، مما يشعر بأنها ليست حجة لفرعون بالتكذيب.
• फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम की पैग़ंबरी के विरुद्ध एक तर्क यह पेश किया कि उनसे एक व्यक्ति की हत्या हुई है। तो मूसा अलैहिस्सलाम ने इस कार्य को स्वीकार किया। जिससे इंगित होता है कि यह फ़िरऔन के लिए झुठलाने का कोई तर्क नहीं है।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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