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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: نور   آیت:

अन्-नूर

د سورت د مقصدونو څخه:
الدعوة إلى العفاف وحماية الأعراض.
पाक दामनी (इस्मत) और सतीत्व (इज़्ज़त-आबरू) की रक्षा का आह्वान।

سُوْرَةٌ اَنْزَلْنٰهَا وَفَرَضْنٰهَا وَاَنْزَلْنَا فِیْهَاۤ اٰیٰتٍۢ بَیِّنٰتٍ لَّعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ۟
यह एक सूरत है, जिसे हमने उतारा और इसके आदेशों पर अमल करने को अनिवार्य किया तथा इसमें स्पष्ट आयतें उतारी हैं; इस आशा में कि तुम उसके आदेशों को याद रखो और उनपर अमल करो।
عربي تفسیرونه:
اَلزَّانِیَةُ وَالزَّانِیْ فَاجْلِدُوْا كُلَّ وَاحِدٍ مِّنْهُمَا مِائَةَ جَلْدَةٍ ۪— وَّلَا تَاْخُذْكُمْ بِهِمَا رَاْفَةٌ فِیْ دِیْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ تُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ ۚ— وَلْیَشْهَدْ عَذَابَهُمَا طَآىِٕفَةٌ مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
अविवाहित व्यभिचार करने वाली महिला और व्यभिचार करने वाले पुरुष, दोनें में से प्रत्येक को सौ कोड़े लगाओ। तथा अगर तुम अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान रखते हो, तो उन दोनों के प्रति तुम कोई नरमी और दया न अपनाओ कि उनपर ह़द (दंड) ही लागू न करो या उसमें कमी कर दो। और उन दोनों पर ह़द (दंड) लागू करते समय ईमान वालों का एक गिरोह उपस्थित रहना चाहिए; ताकि उनकी सज़ा की खबर को खूब फैलाया जा सके और खुद उन्हें तथा अन्य लोगों को व्यभिचार से बाज़ रखा जा सके।
عربي تفسیرونه:
اَلزَّانِیْ لَا یَنْكِحُ اِلَّا زَانِیَةً اَوْ مُشْرِكَةً ؗ— وَّالزَّانِیَةُ لَا یَنْكِحُهَاۤ اِلَّا زَانٍ اَوْ مُشْرِكٌ ۚ— وَحُرِّمَ ذٰلِكَ عَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
व्यभिचार के घिनौनेपन को स्पष्ट करने के लि ए, अल्लाह ने यह उल्लेख किया है कि जो व्यक्ति व्यभिचार का आदी है, वह किसी अपनी ही जैसी व्यभिचार में लिप्त स्त्री अथवा बहुदेववादी महिला से, जो व्यभिचार से नहीं बचती, विवाह करना चाहेगा। हालाँकि बहुदेववादी महिला से निकाह करना जायज़ नहीं है। तथा जो महिला व्यभिचार की आदी है, वह अपने ही जैसे व्यभिचारी या बहुदेववादी पुरुष से, जो व्यभिचार से नहीं बचता, विवाह करना चाहेगी। जबकि बहुदेवादी पुरुष से उसका विवाह हराम (निषिद्ध) है। व्यभिचारिणी से विवाह करना और व्यभिचारी का निकाह कराना ईमान वालों के लिए हराम (निषिद्ध) कर दिया गया है।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ یَرْمُوْنَ الْمُحْصَنٰتِ ثُمَّ لَمْ یَاْتُوْا بِاَرْبَعَةِ شُهَدَآءَ فَاجْلِدُوْهُمْ ثَمٰنِیْنَ جَلْدَةً وَّلَا تَقْبَلُوْا لَهُمْ شَهَادَةً اَبَدًا ۚ— وَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟ۙ
और जो लोग सच्चरित्रा स्त्रियों (तथा सच्चरित्र पुरुष भी इसी हुक्म में हैं) पर व्यभिचार का आरोप लगाएँ, फिर वे अपने इस आरोप पर चार गवाह हाज़िर न करें, तो (ऐ शासको!) उन्हें अस्सी कोड़े लगाओ और उनकी कोई गवाही कभी स्वीकार न करो। और वही लोग जो सच्चरित्रा स्त्रियों पर आरोप लगाते हैं, अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर निकलने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا الَّذِیْنَ تَابُوْا مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ وَاَصْلَحُوْا ۚ— فَاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
परंतु जिन लोगों ने आरोप लगाने के बाद तौबा कर ली और अपने कर्म को सुधार लिया, तो निश्चय अल्लाह उनकी तौबा और उनकी गवाही को कबूल करेगा। निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदो को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ یَرْمُوْنَ اَزْوَاجَهُمْ وَلَمْ یَكُنْ لَّهُمْ شُهَدَآءُ اِلَّاۤ اَنْفُسُهُمْ فَشَهَادَةُ اَحَدِهِمْ اَرْبَعُ شَهٰدٰتٍۢ بِاللّٰهِ ۙ— اِنَّهٗ لَمِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
वे पुरुष जो अपनी पत्नियों पर व्यभिचार का आरोप लगाएँ और उनके पास खुद के अलावा कोई गवाह न हों, जो उनके आरोप के सत्य होने की गवाही दें; तो उनमें से एक व्यक्ति अल्लाह की क़सम के साथ चार बार गवाही दे कि : निःसंदेह वह अपनी पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगाने में निश्चय सच्चा है।
عربي تفسیرونه:
وَالْخَامِسَةُ اَنَّ لَعْنَتَ اللّٰهِ عَلَیْهِ اِنْ كَانَ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
फिर अपनी पाँचवीं गवाही में, वह खुद के अभिशाप (लानत) के योग्य होने की बददुआ करे, अगर वह उसपर आरोप लगाने में झूठा है।
عربي تفسیرونه:
وَیَدْرَؤُا عَنْهَا الْعَذَابَ اَنْ تَشْهَدَ اَرْبَعَ شَهٰدٰتٍۢ بِاللّٰهِ ۙ— اِنَّهٗ لَمِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟ۙ
इस क़सम के बाद स्त्री व्यभिचार की सज़ा की हक़दार हो जाएगी। लेकिन यह बात उसकी सज़ा को हटा देगी कि वह अल्लाह की क़सम खाकर चार बार यह गवाही दे कि : निःसंदेह उसका पति उसपर आरोप लगाने में निश्चय झूठा है।
عربي تفسیرونه:
وَالْخَامِسَةَ اَنَّ غَضَبَ اللّٰهِ عَلَیْهَاۤ اِنْ كَانَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
फिर अपनी पाँचवीं गवाही में, वह अपने ऊपर अल्लाह के प्रकोप की बददुआ करेगी, यदि वह (व्यक्ति) उसपर आरोप लगाने में सच्चा है।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَیْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ وَاَنَّ اللّٰهَ تَوَّابٌ حَكِیْمٌ ۟۠
(ऐ लोगो!) अगर तुमपर अल्लाह की कृपा और दया न होती और यह कि वह अपने तौबा करने वाले बंदों की तौबा को स्वीकार करने वाला है, तथा अपने प्रबंधन और शरीयत में पूर्ण हिकमत वाला है, तो तुम्हें जल्द ही तुम्हारे गुनाहों की सज़ा देता और तुम्हें अपमान का सामना करना पड़ता।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• التمهيد للحديث عن الأمور العظام بما يؤذن بعظمها.
• महत्वपूर्ण मामलों के बारे में बात करने के लिए ऐसी भूमिका, जो उनके महत्व को इंगित करे।

• الزاني يفقد الاحترام والرحمة في المجتمع المسلم.
• व्यभिचारी व्यक्ति मुस्लिम समाज में सम्मान और दया खो देता है।

• الحصار الاجتماعي على الزناة وسيلة لتحصين المجتمع منهم، ووسيلة لردعهم عن الزنى.
• व्यभिचारियों पर सामाजिक घेराबंदी, समाज को उनसे बचाने का एक साधन, तथा उन्हें व्यभिचार से रोकने का एक उपाय है।

• تنويع عقوبة القاذف إلى عقوبة مادية (الحد)، ومعنوية (رد شهادته، والحكم عليه بالفسق) دليل على خطورة هذا الفعل.
• व्यभिचार का आरोप लगाने वाले के दंड में विविधता अपनाते हुए उसे एक भौतिक दंड (कोड़े लगाना) और एक नैतिक दंड देना (उसकी गवाही को रद्द कर देना और उसे फ़ासिक़ - दुराचारी - घोषित करना), इस कृत्य की गंभीरता का प्रमाण है।

• لا يثبت الزنى إلا ببينة، وادعاؤه دونها قذف.
• व्यभिचार केवल साक्ष्य (गवाही) से साबित होता है। इसके बिना उसका दावा करना आरोपण (मानहानि) समझा जाएगा।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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