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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: حج   آیت:
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّهٗ یُحْیِ الْمَوْتٰی وَاَنَّهٗ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟ۙ
यह सब जो हमने तुम्हारे लिए उल्लेख किया है (जैसे तुम्हारी रचना की शुरुआत और उसके चरण और उन लोगों की स्थितियाँ जो तुममें से पैदा होते हैं) इस उद्देश्य के लिए है कि तुम इस बात पर ईमान लाओ कि वह अल्लाह जिसने तुम्हें पैदा किया, वही सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं है, जबकि तुम्हारी उन मूर्तियों का मामला इसके विपरीत है जिनकी तुम पूजा करते हो। और एक उद्देश्य यह भी है कि तुम यह विश्वास रखो कि अल्लाह ही मरे हुए लोगों को जीवित करेगा और यह कि वह हर चीज़ का सामर्थ्य रखता है, उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती।
عربي تفسیرونه:
وَّاَنَّ السَّاعَةَ اٰتِیَةٌ لَّا رَیْبَ فِیْهَا ۙ— وَاَنَّ اللّٰهَ یَبْعَثُ مَنْ فِی الْقُبُوْرِ ۟
और ताकि तुम इस बात का भी विश्वास रखो कि क़ियामत आने वाली है, उसके आने में कोई शक नहीं है, और यह कि अल्लाह मरे हुए लोगों को उनकी क़ब्रों से जीवित करके उठाएगा, ताकि उन्हें उनके कार्यों का बदला दे।
عربي تفسیرونه:
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یُّجَادِلُ فِی اللّٰهِ بِغَیْرِ عِلْمٍ وَّلَا هُدًی وَّلَا كِتٰبٍ مُّنِیْرٍ ۟ۙ
काफ़िरों में से कुछ लोग ऐसे हैं, जो अल्लाह की तौहीद के बारे में झगड़ते हैं, जबकि उनके पास सत्य तक पहुँचाने वाला कोई ज्ञान नहीं है, न वे किसी मार्गदर्शक का पालन करते हैं जो उन्हें सत्य का मार्गदर्शन करे, और न ही उनके पास अल्लाह की ओर से उतरी हुई कोई दीप्तिमान पुस्तक है, जो उन्हें मार्ग दिखाए।
عربي تفسیرونه:
ثَانِیَ عِطْفِهٖ لِیُضِلَّ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— لَهٗ فِی الدُّنْیَا خِزْیٌ وَّنُذِیْقُهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ عَذَابَ الْحَرِیْقِ ۟
वह घमंड से अपनी गरदन मोड़ने वाला है, ताकि लोगों को ईमान और इस्लाम ग्रहण करने से रोक दे। जिसकी विशेषता यह हो, उसके लिए दुनिया में अपमान है उसे मिलने वाले दंड के कारण, तथा आख़िरत में हम उसे जलाने वाली आग की यातना चखाएँगे।
عربي تفسیرونه:
ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ یَدٰكَ وَاَنَّ اللّٰهَ لَیْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِیْدِ ۟۠
और उससे कहा जाएगा : यह यातना जो तूने चखी है, तेरे कुफ्र एवं गुनाहों के कारण है, जो तूने कमाए हैं। और अल्लाह अपनी किसी मख़लूक़ को नाहक़ अज़ाब नहीं देता।
عربي تفسیرونه:
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یَّعْبُدُ اللّٰهَ عَلٰی حَرْفٍ ۚ— فَاِنْ اَصَابَهٗ خَیْرُ ١طْمَاَنَّ بِهٖ ۚ— وَاِنْ اَصَابَتْهُ فِتْنَةُ ١نْقَلَبَ عَلٰی وَجْهِهٖ ۫ۚ— خَسِرَ الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةَ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْخُسْرَانُ الْمُبِیْنُ ۟
लोगों में से कोई व्यक्ति ढुलमुल-यक़ीन होता है, जो अल्लाह की इबादत संदेह के साथ करता है। अगर उसे स्वास्थ्य और धन जैसी कोई भलाई प्राप्त होती है, तो वह अपने ईमान और अल्लाह की इबादत पर बना रहता है। और अगर उसे बीमारी और ग़रीबी के रूप में कोई आज़माइश आती है, तो अपने धर्म के प्रति निराशावादी होकर उससे फिर जाता है। इस तरह वह अपनी दुनिया का घाटा करता है, क्योंकि उसके कुफ़्र के कारण उसे दुनिया की कोई ऐसी चीज़ हरगिज़ नहीं मिलेगी, जो उसके भाग्य में नहीं लिखी थी। तथा वह अपनी आख़िरत का भी घाटा करता है, क्योंकि वह अल्लाह की यातना का सामना करेगा। यही तो स्पष्ट घाटा है।
عربي تفسیرونه:
یَدْعُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَضُرُّهٗ وَمَا لَا یَنْفَعُهٗ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الضَّلٰلُ الْبَعِیْدُ ۟ۚ
वह अल्लाह को छोड़कर ऐसे बुतों की पूजा करता है, जो न अवज्ञा के कारण नुक़सान पहुँचाते हैं और न आज्ञापालन के नतीजे में लाभ पहुँचाते हैं। यह ऐसे बुतों को पुकारना, जो हानि या लाभ नहीं पहुँचाते, ऐसी गुमराही है, जो सत्य से बहुत दूर है।
عربي تفسیرونه:
یَدْعُوْا لَمَنْ ضَرُّهٗۤ اَقْرَبُ مِنْ نَّفْعِهٖ ؕ— لَبِئْسَ الْمَوْلٰی وَلَبِئْسَ الْعَشِیْرُ ۟
बुतों की पूजा करने वाला यह काफ़िर ऐसी चीज़ को पुकारता है, जिसका निश्चित नुक़सान, उसके लुप्त लाभ से अधिक निकट है। वह पूज्य बहुत बुरा है, जिसका नुक़सान उसके लाभ से अधिक निकट है। वह बुरा मददगार है उसके लिए जो उससे मदद माँगता है और बुरा साथी है उसके लिए जो उसका साथ पकड़ता है।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ اللّٰهَ یُدْخِلُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَفْعَلُ مَا یُرِیْدُ ۟
निःसंदेह अल्लाह उन लोगों को जो ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा, जिनके महलों के नीचे से नहरें बहती हैं। निःसंदेह अल्लाह जो चाहता है, करता है। जिसपर चाहता है, दया करता है, और जिसे चाहता है सज़ा देता है, उसे कोई मजबूर करने वाला नहीं है।
عربي تفسیرونه:
مَنْ كَانَ یَظُنُّ اَنْ لَّنْ یَّنْصُرَهُ اللّٰهُ فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ فَلْیَمْدُدْ بِسَبَبٍ اِلَی السَّمَآءِ ثُمَّ لْیَقْطَعْ فَلْیَنْظُرْ هَلْ یُذْهِبَنَّ كَیْدُهٗ مَا یَغِیْظُ ۟
जो व्यक्ति यह सोचता है कि अल्लाह दुनिया और आख़िरत में अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मदद नहीं करेगा, वह अपने घर की छत से एक रस्सी बाँध ले, फिर अपने शरीर को धरती से अलग करके उसके साथ अपना गला घोंट ले (और मर जाए), फिर देखे कि क्या इससे उसके दिल में पाया जाने वाला क्रोध समाप्त हो जाता है? अल्लाह हर हाल में अपने रसूल की मदद करने वाला है, आपका शत्रु चाहे या न चाहे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• أسباب الهداية إما علم يوصل به إلى الحق، أو هادٍ يدلهم إليه، أو كتاب يوثق به يهديهم إليه.
• हिदायत के कारण : या तो सत्य तक पहुँचाने वाला ज्ञान है, या एक मार्गदर्शक है जो सत्य की ओर उनका मार्गदर्शन करता है, या सत्य की ओर मार्गदर्शन करने वाली कोई विश्वसनीय पुस्तक है।

• الكبر خُلُق يمنع من التوفيق للحق.
• घमंड एक ऐसी आदत है जो सत्य की तौफ़ीक़ से रोक देती है।

• من عدل الله أنه لا يعاقب إلا على ذنب.
• यह अल्लाह का न्याय है कि वह केवल पाप के लिए दंडित करता है।

• الله ناصرٌ نبيَّه ودينه ولو كره الكافرون.
• अल्लाह अपने नबी और अपने धर्म की मदद करने वाला है, भले ही काफ़िरों को बुरा लगे।

 
د معناګانو ژباړه سورت: حج
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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