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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: طه   آیت:

ताहा

د سورت د مقصدونو څخه:
السعادة باتباع هدى القرآن وحمل رسالته، والشقاء بمخالفته.
क़ुरआन के मार्गदर्शन का पालन करने और उसके संदेश को ग्रहण करने में सौभाग्य, तथा उसका उल्लंघन करने में दुर्भाग्य है।

طٰهٰ ۟
(ता, हा) इन जैसे अक्षरों के बारे में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात की जा चुकी है।
عربي تفسیرونه:
مَاۤ اَنْزَلْنَا عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ لِتَشْقٰۤی ۟ۙ
हमने (ऐ रसूल!) आपपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं उतारा कि वह आपकी जाति के आपपर ईमान लाने से उपेक्षा करने पर खेद के परिणामस्वरूप आपके कष्ट तथा थकावट का कारण बन जाए।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا تَذْكِرَةً لِّمَنْ یَّخْشٰی ۟ۙ
हमने इसे केवल उन लोगों की याददहानी के लिए उतारा है, जिन्हें अल्लाह ने अपने डर की तौफ़ीक़ प्रदान की है।
عربي تفسیرونه:
تَنْزِیْلًا مِّمَّنْ خَلَقَ الْاَرْضَ وَالسَّمٰوٰتِ الْعُلٰی ۟ؕ
इसे उस अल्लाह ने उतारा है, जिसने धरती की रचना की और ऊँचे आकाश बनाए। अतः यह एक महान क़ुरआन है; क्योंकि यह एक महान अस्तित्व (अल्लाह) की ओर से अवतरित हुआ है।
عربي تفسیرونه:
اَلرَّحْمٰنُ عَلَی الْعَرْشِ اسْتَوٰی ۟
रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) अपनी महिमा के अनुरूप अर्श (सिंहासन) के ऊपर बुलंद हुआ।
عربي تفسیرونه:
لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا وَمَا تَحْتَ الثَّرٰی ۟
जो भी प्राणी आकाशों और धरती में तथा मिट्टी के नीचे हैं, उन सबका स्रष्टा, स्वामी और प्रबंधन करने वाला केवल पवित्र अल्लाह है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ یَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰی ۟
और यदि (ऐ रसूल!) आप ऊँची आवाज़ में बात करें अथवा चुपके से करें, वह पवित्र अल्लाह तो सब कुछ जानता है। क्योंकि वह गुप्त रहस्य को तथा गुप्त रहस्य से भी अधिक गुप्त चीज़, जैसे हृदय में उत्पन्न होने वाले विचारों एवं भावनाओं को भी जानता है। उससे उसमें से कुछ भी छिपा नहीं है।
عربي تفسیرونه:
اَللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— لَهُ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی ۟
अल्लाह वह है, जिसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। केवल उसी के ऐसे नाम हैं, जो सुंदरता में पूर्णता को पहुँचे हुए हैं।
عربي تفسیرونه:
وَهَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ مُوْسٰی ۟ۘ
निश्चय (ऐ रसूल!) आपके पास मूसा बिन इमरान अलैहिस्सलाम की ख़बर पहुँच चुकी है।
عربي تفسیرونه:
اِذْ رَاٰ نَارًا فَقَالَ لِاَهْلِهِ امْكُثُوْۤا اِنِّیْۤ اٰنَسْتُ نَارًا لَّعَلِّیْۤ اٰتِیْكُمْ مِّنْهَا بِقَبَسٍ اَوْ اَجِدُ عَلَی النَّارِ هُدًی ۟
जब उसने अपनी यात्रा के दौरान एक आग देखी, तो अपने परिवार से कहा : तुम यहीं ठहरो, मैंने एक आग देखी है। शायद मैं उस आग से तुम्हारे लिए कोई अंगारा ले आऊँ, या मुझे वहाँ कोई मार्ग दिखाने वाला मिल जाए।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّاۤ اَتٰىهَا نُوْدِیَ یٰمُوْسٰی ۟ؕ
फिर जब वह उस आग के पास आया, तो पवित्र अल्लाह ने उसे यह कहकर पुकारा : ऐ मूसा!
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْۤ اَنَا رَبُّكَ فَاخْلَعْ نَعْلَیْكَ ۚ— اِنَّكَ بِالْوَادِ الْمُقَدَّسِ طُوًی ۟ؕ
निःसंदेह मैं ही तेरा पालनहार हूँ। अतः मुझसे बात करने की तैयारी के तौर पर अपने जूते उतार दो। निःसंदेह तुम पवित्र वादी “तुवा” में हो।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• ليس إنزال القرآن العظيم لإتعاب النفس في العبادة، وإذاقتها المشقة الفادحة، وإنما هو كتاب تذكرة ينتفع به الذين يخشون ربهم.
• महान क़ुरआन अपने आपको इबादत में थकाने और भारी कठिनाई में डालने के लिए नहीं उतारा गया है। बल्कि, वह एक अनुस्मारक पुस्तक है, जिससे वे लोग लाभान्वित होते हैं, जो अपने पालनहार का भय रखते हैं।

• قَرَن الله بين الخلق والأمر، فكما أن الخلق لا يخرج عن الحكمة؛ فكذلك لا يأمر ولا ينهى إلا بما هو عدل وحكمة.
• अल्लाह ने रचना और आदेश का एक साथ उल्लेख किया है। अतः जिस प्रकार उसकी रचना हिकमत से खाली नहीं है, उसी तरह उसका कोई आदेश या निषेध न्याय एवं हिकमत से खाली नहीं होता।

• على الزوج واجب الإنفاق على الأهل (المرأة) من غذاء وكساء ومسكن ووسائل تدفئة وقت البرد.
• पति का कर्तव्य है कि वह अपने परिवार (पत्नी) के लिए भोजन, वस्त्र, आवास और ठंड के समय गर्म करने के साधनों की व्यवस्था करे।

وَاَنَا اخْتَرْتُكَ فَاسْتَمِعْ لِمَا یُوْحٰی ۟
तथा मैंने (ऐ मूसा!) तुझे अपने संदेश के प्रचार के लिए चुन लिया है। इसलिए मैं तुम्हारी ओर जो वह़्य (प्रकाशना) कर रहा हूँ, उसे सुनो।
عربي تفسیرونه:
اِنَّنِیْۤ اَنَا اللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنَا فَاعْبُدْنِیْ ۙ— وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ لِذِكْرِیْ ۟
निःसंदेह मैं ही अल्लाह हूँ। मेरे सिवा कोई वास्तविक पूज्य नहीं। इसलिए केवल मेरी ही इबादत करो और संपूर्ण रूप से नमाज़ अदा करो, ताकि तुम मुझे उसमें याद रख सको।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ السَّاعَةَ اٰتِیَةٌ اَكَادُ اُخْفِیْهَا لِتُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا تَسْعٰی ۟
निश्चय ही क़ियामत आने वाली और घटित होने वाली है। क़रीब है कि मैं उसे छिपाकर रखूँ। इसलिए कोई भी प्राणी उसका समय नहीं जानता। लेकिन नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के उन्हें बताने के कारण, वे उसकी निशानियों को जानते हैं; ताकि हर प्राणी को उसके अच्छे या बुरे किए गए कार्यों का बदला दिया जाए।
عربي تفسیرونه:
فَلَا یَصُدَّنَّكَ عَنْهَا مَنْ لَّا یُؤْمِنُ بِهَا وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ فَتَرْدٰی ۟
अतः तुम्हें उसे सच मानने और अच्छे कर्म के द्वारा उसके लिए तैयारी करने से वह व्यक्ति हरगिज़ न रोक, जो उसपर विश्वास नहीं रखता और उन वर्जित चीज़ों का पालन करता है, जिनकी उसका मन इच्छा करता है। क्योंकि उसके कारण तुम्हारा विनाश हो जाएगा।
عربي تفسیرونه:
وَمَا تِلْكَ بِیَمِیْنِكَ یٰمُوْسٰی ۟
तथा ऐ मूसा! यह तुम्हारे दाहिने हाथ में क्या हैॽ
عربي تفسیرونه:
قَالَ هِیَ عَصَایَ ۚ— اَتَوَكَّؤُا عَلَیْهَا وَاَهُشُّ بِهَا عَلٰی غَنَمِیْ وَلِیَ فِیْهَا مَاٰرِبُ اُخْرٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : यह मेरी लाठी है। मैं इसका सहारा लेकर चलता हूँ और इसे पेड़ पर मारकर अपनी बकरियों के लिए उसके पत्ते गिराता हूँ, तथा इसके अलावा मेरे लिए इसमें अन्य लाभ हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَلْقِهَا یٰمُوْسٰی ۟
अल्लाह ने फरमाया : ऐ मूसा! तुम इसे डाल दो।
عربي تفسیرونه:
فَاَلْقٰىهَا فَاِذَا هِیَ حَیَّةٌ تَسْعٰی ۟
अतः मूसा ने उसे डाल दिया, तो वह फुर्ती और हलके से चलने वाला साँप बन गया।
عربي تفسیرونه:
قَالَ خُذْهَا وَلَا تَخَفْ ۫— سَنُعِیْدُهَا سِیْرَتَهَا الْاُوْلٰی ۟
अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : लाठी को पकड़ लो और उसके साँप में बदल जाने से न डरो। जब तुम उसे पकड़ोगे, तो हम उसे उसकी पहली हालत पर लौटा देंगे।
عربي تفسیرونه:
وَاضْمُمْ یَدَكَ اِلٰی جَنَاحِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ اٰیَةً اُخْرٰی ۟ۙ
और अपने हाथ को अपनी बग़ल के नीचे ले जाओ, वह कुष्ठरोग के बिना सफ़ेद (चमकता हुआ) निकलेगा; यह तुम्हारे लिए दूसरी निशानी है।
عربي تفسیرونه:
لِنُرِیَكَ مِنْ اٰیٰتِنَا الْكُبْرٰی ۟ۚ
हमने तुम्हें ये दो निशानियाँ दिखाई हैं, ताकि हम (ऐ मूसा!) तुम्हें अपनी कुछ बड़ी निशानियाँ दिखाएँ, जो हमारी शक्ति तथा तुम्हारे अल्लाह के रसूल होने को इंगित करती हैं।
عربي تفسیرونه:
اِذْهَبْ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟۠
(ऐ मूसा!) तुम फ़िरऔन के पास जाओ। क्योंकि वह कुफ़्र और अल्लाह के ख़िलाफ़ विद्रोह में सीमा पार कर चुका है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اشْرَحْ لِیْ صَدْرِیْ ۟ۙ
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए मेरा सीना विस्तृत कर दे ताकि मैं कष्ट को सहन कर सकूँ।
عربي تفسیرونه:
وَیَسِّرْ لِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
और मेरे लिए मेरा काम सरल कर दे।
عربي تفسیرونه:
وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِّنْ لِّسَانِیْ ۟ۙ
और मुझे स्पष्ट रूप से बात करने की शक्ति प्रदान कर।
عربي تفسیرونه:
یَفْقَهُوْا قَوْلِیْ ۪۟
ताकि जब मैं तेरा संदेश उन तक पहुँचाऊँ, तो वे मेरी बात समझ सकें।
عربي تفسیرونه:
وَاجْعَلْ لِّیْ وَزِیْرًا مِّنْ اَهْلِیْ ۟ۙ
और मेरे परिवार में से मेरा एक सहायक बना दे, जो मेरे कामों में मेरी सहायता करे।
عربي تفسیرونه:
هٰرُوْنَ اَخِی ۟ۙ
मेरे भाई हारून बिन इमरान को।
عربي تفسیرونه:
اشْدُدْ بِهٖۤ اَزْرِیْ ۟ۙ
उसके साथ मेरी पीठ मज़बूत़ कर दे।
عربي تفسیرونه:
وَاَشْرِكْهُ فِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
तथा उसे ईश्वरीय संदेश पहुँचाने के कार्य में मेरा साझीदार बना दे।
عربي تفسیرونه:
كَیْ نُسَبِّحَكَ كَثِیْرًا ۟ۙ
ताकि हम तेरी बहुत ज़्यादा पवित्रता बयान करें।
عربي تفسیرونه:
وَّنَذْكُرَكَ كَثِیْرًا ۟ؕ
और हम तुझे बहुत ज़्यादा याद करें।
عربي تفسیرونه:
اِنَّكَ كُنْتَ بِنَا بَصِیْرًا ۟
निश्चय तू हमें अच्छी तरह देख रहा है। हमारा कोई काम तुझसे छिपा नहीं है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ قَدْ اُوْتِیْتَ سُؤْلَكَ یٰمُوْسٰی ۟
अल्लाह ने कहा : ऐ मूसा! तूने जो माँगा, हमने तुझे दे दिया।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَیْكَ مَرَّةً اُخْرٰۤی ۟ۙ
और हम तुझ पर एक बार और (भी) उपकार कर चुके हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• وجوب حسن الاستماع في الأمور المهمة، وأهمها الوحي المنزل من عند الله.
• महत्वपूर्ण बातों को अच्छी तरह से सुनना अनिवार्य है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण अल्लाह की तरफ से अवतरित वह़य (प्रकाशना) है।

• اشتمل أول الوحي إلى موسى على أصلين في العقيدة وهما: الإقرار بتوحيد الله، والإيمان بالساعة (القيامة)، وعلى أهم فريضة بعد الإيمان وهي الصلاة.
• मूसा अलैहिस्सलाम पर अवतरित प्रथम वह़्य अक़ीदे के दो बुनियादी सिद्धांतों, अर्थात् : अल्लाह की तौह़ीद (एकेश्वर्वाद) की स्वीकृति और क़ियामत (प्रलय के दिन) पर ईमान, तथा ईमान लाने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य नमाज़ को शामिल है।

• التعاون بين الدعاة ضروري لإنجاح المقصود؛ فقد جعل الله لموسى أخاه هارون نبيَّا ليعاونه في أداء الرسالة.
• उद्देश्य को सफल बनाने के लिए धर्म प्रचारकों के बीच सहयोग आवश्यक है। क्योंकि अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम के लिए उनके भाई हारून अलैहिस्सलाम को नबी बनाया, ताकि वह अल्लाह के संदेश को पहुँचाने में उनका सहयोग करें।

• أهمية امتلاك الداعية لمهارة الإفهام للمدعوِّين.
• धर्म प्रचारक के लिए आमंत्रितों को समझाने का कौशल रखने का महत्व।

اِذْ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰۤی اُمِّكَ مَا یُوْحٰۤی ۟ۙ
जब हमने तेरी माँ के हृदय में वह बात डाल दी, जिसके द्वारा अल्लाह ने तुझे फ़िरऔन के छल-कपट से संरक्षित किया।
عربي تفسیرونه:
اَنِ اقْذِفِیْهِ فِی التَّابُوْتِ فَاقْذِفِیْهِ فِی الْیَمِّ فَلْیُلْقِهِ الْیَمُّ بِالسَّاحِلِ یَاْخُذْهُ عَدُوٌّ لِّیْ وَعَدُوٌّ لَّهٗ ؕ— وَاَلْقَیْتُ عَلَیْكَ مَحَبَّةً مِّنِّیْ ۚ۬— وَلِتُصْنَعَ عَلٰی عَیْنِیْ ۟ۘ
जब हमने उसे इल्हाम किया, तो आदेश दिया कि मूसा को उसके जन्म के बाद संदूक़ में डाल दे और संदूक़ को समुद्र में फेंक दे। फिर समुद्र हमारे आदेश से उसे तट पर डाल देगा, तो उसे मेरा शत्रु और उसका शत्रु यानी फ़िरऔन उठा लेगा। तथा मैंने तुझ पर अपनी ओर से प्रेम डाल दिया, तो लोग तुझसे प्रेम करने लगे, और ताकि मेरी आँख के सामने तथा मेरी सुरक्षा और देखभाल में तेरा पालन-पोषण हो।
عربي تفسیرونه:
اِذْ تَمْشِیْۤ اُخْتُكَ فَتَقُوْلُ هَلْ اَدُلُّكُمْ عَلٰی مَنْ یَّكْفُلُهٗ ؕ— فَرَجَعْنٰكَ اِلٰۤی اُمِّكَ كَیْ تَقَرَّ عَیْنُهَا وَلَا تَحْزَنَ ؕ۬— وَقَتَلْتَ نَفْسًا فَنَجَّیْنٰكَ مِنَ الْغَمِّ وَفَتَنّٰكَ فُتُوْنًا ۫۬— فَلَبِثْتَ سِنِیْنَ فِیْۤ اَهْلِ مَدْیَنَ ۙ۬— ثُمَّ جِئْتَ عَلٰی قَدَرٍ یّٰمُوْسٰی ۟
जब तेरी बहन चलने लगी, जहाँ-जहाँ ताबूत (संदूक़) जा रहा था वह उसका पीछा कर रही थी। फिर उसने ताबूत को उठाने वालों से कहा : क्या मैं उसकी तरफ तुम्हारी रहनुमाई करूँ जो इसकी रक्षा करे, इसे दूध पिलाए और इसका पालन-पोषण करेॽ इस प्रकार हमने तुम्हें तुम्हारी माँ के पास वापस पहुँचाकर तुमपर उपकार किया, ताकि वह तुम्हें अपने पास वापस पाकर खुश हो जाए और तुम्हारी वजह से शोक न करे। तथा तुमने उस “क़िब्ती” को क़त्ल कर दिया, जिसे तुमने घूँसा मारा था, तो हमने तुम्हें दंड से बचा लिया। इसी तरह हमने एक के बाद एक तुम्हें हर परीक्षा से बचाया, जिससे तुम ग्रस्त हुए। फिर तू वहाँ से निकलकर वर्षों तक मदयन के लोगों में ठहरा रहा। फिर तू उस समय आया, जब ऐ मूसा! तुझसे बात करने के लिए तेरा आना नियत था।
عربي تفسیرونه:
وَاصْطَنَعْتُكَ لِنَفْسِیْ ۟ۚ
और मैंने तुझे चुन लिया, ताकि तू मेरा संदेशवाहक हो जाए और जो कुछ मैं तेरी ओर वह़्य करूँ, उसे लोगों तक पहुँचाए।
عربي تفسیرونه:
اِذْهَبْ اَنْتَ وَاَخُوْكَ بِاٰیٰتِیْ وَلَا تَنِیَا فِیْ ذِكْرِیْ ۟ۚ
(ऐ मूसा!) तू और तेरा भाई हारून अल्लाह की शक्ति तथा उसके एकेश्वरवाद को दर्शाने वाली हमारी निशानियाँ लेकर जाओ और तुम दोनों मेरी तरफ आमंत्रित करने तथा मुझे याद करने में कमज़ोर मत पड़ना।
عربي تفسیرونه:
اِذْهَبَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟ۚۖ
तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ, क्योंकि वह कुफ़्र और अल्लाह के ख़िलाफ़ विद्रोह में सीमा पार कर चुका है।
عربي تفسیرونه:
فَقُوْلَا لَهٗ قَوْلًا لَّیِّنًا لَّعَلَّهٗ یَتَذَكَّرُ اَوْ یَخْشٰی ۟
तुम दोनों उससे कोमल बात करना, जिसमें कठोरता न हो। आशा है कि वह उपदेश ग्रहण करे, या अल्लाह से डर जाए और तौबा कर ले।
عربي تفسیرونه:
قَالَا رَبَّنَاۤ اِنَّنَا نَخَافُ اَنْ یَّفْرُطَ عَلَیْنَاۤ اَوْ اَنْ یَّطْغٰی ۟
मूसा और हारून अलैहिमस्सलाम ने कहा : हमें भय है कि उसको निमंत्रण देने से पहले ही वह हमें सज़ा दे दे, अथवा हत्या आदि के द्वारा हमपर अत्याचार करने में सीमा से आगे बढ़ जाए।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لَا تَخَافَاۤ اِنَّنِیْ مَعَكُمَاۤ اَسْمَعُ وَاَرٰی ۟
अल्लाह ने उन दोनों से फरमाया : तुम दोनों डरो नहीं। निःसंदेह मैं मदद एवं समर्थन करने के लिए तुम्हारे साथ हूँ। मैं वह सब कुछ सुन और देख रहा हूँ, जो तुम दोनों और फ़िरऔन के बीच होने जा रहा है।
عربي تفسیرونه:
فَاْتِیٰهُ فَقُوْلَاۤ اِنَّا رَسُوْلَا رَبِّكَ فَاَرْسِلْ مَعَنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۙ۬— وَلَا تُعَذِّبْهُمْ ؕ— قَدْ جِئْنٰكَ بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— وَالسَّلٰمُ عَلٰی مَنِ اتَّبَعَ الْهُدٰی ۟
अतः तुम दोनों उसके पास जाओ और उससे कहो : ऐ फ़िरऔन! हम तेरे पालनहार के रसूल हैं। इसलिए बनी इसराईल (इसराईल की संतान) को हमारे साथ भेज दे और उनके बच्चों की हत्या करके और उनकी स्त्रियों को जीवित छोड़कर उन्हें पीड़ा न दे। निश्चय हम तेरे पास तेरे पालनहार की तरफ़ से अपने सच्चे होने का प्रमाण, तथा जो ईमान लाए और अल्लाह के मार्गदर्शन का पालन करे, उसके लिए अल्लाह की यातना से सुरक्षा (की खुशख़बरी) लेकर आए हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّا قَدْ اُوْحِیَ اِلَیْنَاۤ اَنَّ الْعَذَابَ عَلٰی مَنْ كَذَّبَ وَتَوَلّٰی ۟
निःसंदेह अल्लाह ने हमारी ओर वह़्य (प्रकाशना) की है कि दुनिया और आख़िरत में यातना उसी के लिए है, जो अल्लाह की निशानियों को झुठलाए और रसूलों की लाई हुई बातों से मुँह फेरे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَمَنْ رَّبُّكُمَا یٰمُوْسٰی ۟
फ़िरऔन ने उन दोनों की लाई हुई बातों का इनकार करते हुए कहा : तुम दोनों का रब कौन है, जिसके बारे में ऐ मूसा! तुम दोनों का दावा है कि उसने तुम दोनों को मेरे पास भेजा हैॽ
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبُّنَا الَّذِیْۤ اَعْطٰی كُلَّ شَیْءٍ خَلْقَهٗ ثُمَّ هَدٰی ۟
मूसा ने कहा : हमारा रब वही है, जिसने प्रत्येक चीज़ को उसका उचित रूप और आकार प्रदान किया, फिर पैदा की हुई चीज़ों को उसके लिए निर्देशित किया जिसके लिए उसने उन्हें बनाया था।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَمَا بَالُ الْقُرُوْنِ الْاُوْلٰی ۟
फ़िरऔन ने कहा : अच्छा, तो पिछले समुदायों का क्या हाल है, जो कुफ़्र पर थेॽ
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• كمال اعتناء الله بكليمه موسى عليه السلام والأنبياء والرسل، ولورثتهم نصيب من هذا الاعتناء على حسب أحوالهم مع الله.
• अल्लाह की अपने कलीम मूसा अलैहिस्सलाम तथा अन्य नबियों एवं रसूलों की पूर्ण देखभाल। तथा उनके उत्तराधिकारियों को भी, अल्लाह के साथ उनकी स्थितियों के अनुसार इस देखभाल का हिस्सा प्राप्त होता है।

• من الهداية العامة للمخلوقات أن تجد كل مخلوق يسعى لما خلق له من المنافع، وفي دفع المضار عن نفسه.
• सृष्टियों के सामान्य मार्गदर्शन ही का प्रतीक है कि आप हर प्राणी को उस लाभ को प्राप्त करने के लिए, जिसके लिए उसे पैदा किया गया है और ख़ुद से नुक़सान को दूर करने में प्रयासरत पाते है।

• بيان فضيلة الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر، وأن ذلك يكون باللين من القول لمن معه القوة، وضُمِنَت له العصمة.
• भलाई का आदेश देने तथा बुराई से रोकने की फ़ज़ीलत का बयान और यह कि जिसके पास इसकी शक्ति हो और उसे सुरक्षा की गारंटी प्राप्त हो, उसे यह काम नरमी के साथ करना चाहिए।

• الله هو المختص بعلم الغيب في الماضي والحاضر والمستقبل.
• अतीत, वर्तमान और भविष्य से संबंधित परोक्ष का ज्ञान केवल अल्लाह के पास है।

قَالَ عِلْمُهَا عِنْدَ رَبِّیْ فِیْ كِتٰبٍ ۚ— لَا یَضِلُّ رَبِّیْ وَلَا یَنْسَی ۟ؗ
मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन से कहा : उन उम्मतों की स्थिति का ज्ञान मेरे रब के पास है, जो लौह़-ए-महफ़ूज़ (सुरक्षित-पट्टिका) में अंकित है। मेरा रब उसके जानने में ग़लती नहीं करता और उनकी स्थिति का उसे जो ज्ञान है, उसे नहीं भूलता।
عربي تفسیرونه:
الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّسَلَكَ لَكُمْ فِیْهَا سُبُلًا وَّاَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً ؕ— فَاَخْرَجْنَا بِهٖۤ اَزْوَاجًا مِّنْ نَّبَاتٍ شَتّٰی ۟
(उसका ज्ञान) मेरे उस रब के पास है, जिसने तुम्हारे लिए धरती को उसके ऊपर जीवन-यापन करने के लिए हमवार बनाया, उसमें तुम्हारे लिए चलने-योग्य मार्ग बनाए और आकाश से वर्षा का पानी उतारा, फिर हमने उस पानी से विभिन्न प्रकार के पौधे निकाले।
عربي تفسیرونه:
كُلُوْا وَارْعَوْا اَنْعَامَكُمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّاُولِی النُّهٰی ۟۠
(ऐ लोगो!) हमने तुम्हारे लिए जो पवित्र चीज़ें उगाई हैं, उनमें से खाओ और अपने पशुओं को चराओ। निःसंदेह इन उपर्युक्त नेमतों में बुद्धि वाले लोगों के लिए अल्लाह की शक्ति और उसके एकेश्वरवाद की बहुत-सी निशानियाँ हैं।
عربي تفسیرونه:
مِنْهَا خَلَقْنٰكُمْ وَفِیْهَا نُعِیْدُكُمْ وَمِنْهَا نُخْرِجُكُمْ تَارَةً اُخْرٰی ۟
धरती की मिट्टी से हमने तुम्हारे पिता आदम अलैहिस्सलाम को पैदा किया और जब तुम्हारी मृत्यु होगी, तो हम तुम्हें उसी में दोबारा दफ़न करवाएँगे, फिर क़ियामत के दिन पुनर्जीवन के लिए हम तुम्हें उसी से निकालेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اَرَیْنٰهُ اٰیٰتِنَا كُلَّهَا فَكَذَّبَ وَاَبٰی ۟
तथा निश्चय हमने फ़िरऔन को अपनी सभी नौ निशानियाँ दिखाईं, लेकिन उसने उन्हें देखकर भी झुठला दिया और अल्लाह पर ईमान लाने से इनकार कर दिया।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَجِئْتَنَا لِتُخْرِجَنَا مِنْ اَرْضِنَا بِسِحْرِكَ یٰمُوْسٰی ۟
फ़िरऔन ने कहा : (ऐ मूसा!) क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि तू अपने लाए हुए जादू के द्वारा हमें मिस्र से निकाल दे, ताकि तू उसपर राज कर सकेॽ
عربي تفسیرونه:
فَلَنَاْتِیَنَّكَ بِسِحْرٍ مِّثْلِهٖ فَاجْعَلْ بَیْنَنَا وَبَیْنَكَ مَوْعِدًا لَّا نُخْلِفُهٗ نَحْنُ وَلَاۤ اَنْتَ مَكَانًا سُوًی ۟
अतः हम भी (ऐ मूसा!) तेरे पास तेरे जादू जैसा जादू अवश्य लाएँगे। अतः तू हमारे और अपने बीच एक निश्चित समय और एक विशिष्ट स्थान पर मिलने का एक समय निर्धारित कर ले, जिससे न हम पीछे हटें और न तुम पीछे हटो, तथा वह स्थान दोनों पक्षों के बीच में और बराबर हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ مَوْعِدُكُمْ یَوْمُ الزِّیْنَةِ وَاَنْ یُّحْشَرَ النَّاسُ ضُحًی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन से कहा : हमारे और तुम्हारे बीच मिलने का समय ईद (उत्सव) का दिन है, जब लोग ईद मनाने के लिए दिन चढ़े इकट्ठे होते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَتَوَلّٰی فِرْعَوْنُ فَجَمَعَ كَیْدَهٗ ثُمَّ اَتٰی ۟
फिर फ़िरऔन वापस लौटा, सो उसने अपने दाँव-पेंच और हथकंडे जुटाए। फिर मुक़ाबले के लिए नियत समय और स्थान पर आया।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لَهُمْ مُّوْسٰی وَیْلَكُمْ لَا تَفْتَرُوْا عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا فَیُسْحِتَكُمْ بِعَذَابٍ ۚ— وَقَدْ خَابَ مَنِ افْتَرٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन के जादूगरों को उपदेश देते हुए कहा : सावधान रहो, तुम जादू के द्वारा लोगों को धोखा देकर अल्लाह पर झूठ न गढ़ो, अन्यथा वह तुम्हें अपनी ओर से यातना देकर उखाड़ फेंकेगा। निश्चय वह असफल हुआ, जिसने अल्लाह के विरुद्ध झूठ गढ़ा।
عربي تفسیرونه:
فَتَنَازَعُوْۤا اَمْرَهُمْ بَیْنَهُمْ وَاَسَرُّوا النَّجْوٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम की बातें सुनकर जादूगर आपस में वाद-विवाद करने लगे और वे चुपके से आपस में बातें करने लगे।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اِنْ هٰذٰنِ لَسٰحِرٰنِ یُرِیْدٰنِ اَنْ یُّخْرِجٰكُمْ مِّنْ اَرْضِكُمْ بِسِحْرِهِمَا وَیَذْهَبَا بِطَرِیْقَتِكُمُ الْمُثْلٰی ۟
कुछ जादूगरों ने चुपके से एक-दूसरे से कहा : निश्चय मूसा और हारून जादूगर हैं, जो चाहते हैं कि अपने लाए हुए जादू के द्वारा तुम्हें मिस्र से निकाल दें तथा जीवन में तुम्हारे सबसे उत्तम तौर-तरीक़े और तुम्हारे सर्वोच्च सिद्धांत को नष्ट कर दें।
عربي تفسیرونه:
فَاَجْمِعُوْا كَیْدَكُمْ ثُمَّ ائْتُوْا صَفًّا ۚ— وَقَدْ اَفْلَحَ الْیَوْمَ مَنِ اسْتَعْلٰی ۟
अतः तुम अपने उपाय को मज़बूत कर लो और उसमें मतभेद न करो, फिर पंक्तिबद्ध होकर आगे बढ़ो और तुम्हारे पास जो कुछ है, उसे एक ही बार में डाल दो। निश्चय आज के दिन वही सफल होगा, जिसने अपने विरोधी को परास्त कर दिया।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• إخراج أصناف من النبات المختلفة الأنواع والألوان من الأرض دليل واضح على قدرة الله تعالى ووجود الصانع.
• धरती से विभिन्न प्रकार और रंगों के पौधों की क़िस्में निकालना सर्वशक्तिमान अल्लाह की शक्ति और सृष्टिकर्ता के अस्तित्व का स्पष्ट प्रमाण है।

• ذكرت الآيات دليلين عقليين واضحين على الإعادة: إخراج النبات من الأرض بعد موتها، وإخراج المكلفين منها وإيجادهم.
• उपर्युक्त आयतों में पुनः जीवित किए जाने के दो स्पष्ट बौद्धिक प्रमाणों का उल्लेख किया गया है : बंजर धरती से बारिश के बाद पौधों को उगाना तथा धरती ही से इनसान को निकालकर दोबारा अस्तित्व प्रदान करना।

• كفر فرعون كفر عناد؛ لأنه رأى الآيات عيانًا لا خبرًا، واقتنع بها في أعماق نفسه.
• फ़िरऔन का कुफ़्र, हठ तथा अहंकार पर आधारित था। क्योंकि उसे किसी और के द्वारा निशानियों की सूचना नहीं मिली थी, बल्कि उसने उन्हें खुद अपनी आँखों से देखा था और उनकी सत्यता पर दिल से आश्वस्त हो चुका था।

• اختار موسى يوم العيد؛ لتعلو كلمة الله، ويظهر دينه، ويكبت الكفر، أمام الناس قاطبة في المجمع العام ليَشِيع الخبر.
• मूसा अलैहिस्सलाम ने ईद (उत्सव) का दिन चुना; ताकि आम सभा में सभी लोगों के सामने अल्लाह का शब्द ऊँचा हो जाए, उसका धर्म ग़ालिब हो जाए, कुफ़्र परास्त हो जाए और साथ ही यह ख़बर फैल जाए।

قَالُوْا یٰمُوْسٰۤی اِمَّاۤ اَنْ تُلْقِیَ وَاِمَّاۤ اَنْ نَّكُوْنَ اَوَّلَ مَنْ اَلْقٰی ۟
जादूगरों ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : ऐ मूसा! आप दो बातों में से किसी एक का चयन कर लें : या तो आप अपने पास मौजूद जादू को फेंकने की पहले करें, या फिर हम ही इसकी शुरूआत करते हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالَ بَلْ اَلْقُوْا ۚ— فَاِذَا حِبَالُهُمْ وَعِصِیُّهُمْ یُخَیَّلُ اِلَیْهِ مِنْ سِحْرِهِمْ اَنَّهَا تَسْعٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : बल्कि जो कुछ तुम्हारे पास है, पहले तुम्हीं उसे फेंको। चुनाँचे उनके पास जो कुछ था, उन्होंने उसे फेंका, तो अचानक उनकी फेंकी हुई रस्सियाँ और लाठियाँ उनके जादू के प्रभाव से मूसा अलैहिस्सलाम के लिए ऐसा प्रतीत होने लगीं कि वे साँप बनकर दौड़ रही हैं।
عربي تفسیرونه:
فَاَوْجَسَ فِیْ نَفْسِهٖ خِیْفَةً مُّوْسٰی ۟
तो मूसा को उनके इस कार्य से अपने दिल में भय का अनुभव हुआ।
عربي تفسیرونه:
قُلْنَا لَا تَخَفْ اِنَّكَ اَنْتَ الْاَعْلٰی ۟
तब अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम को आश्वासन देते हुए कहा : तुम्हें जो कुछ महसूस हो रहा है, उससे न डरो। निश्चय (ऐ मूसा!) तुम ही उनपर प्रभुत्व एवं विजय प्राप्त करोगे।
عربي تفسیرونه:
وَاَلْقِ مَا فِیْ یَمِیْنِكَ تَلْقَفْ مَا صَنَعُوْا ؕ— اِنَّمَا صَنَعُوْا كَیْدُ سٰحِرٍ ؕ— وَلَا یُفْلِحُ السَّاحِرُ حَیْثُ اَتٰی ۟
तुम्हारे दाहिने हाथ में जो लाठी है, उसे डाल दो। वह साँप बनकर उनके बनाए हुए जादू को निगल जाएगा। क्योंकि उन्होंने जो कुछ बनाया है, वह एक जादुई चाल के अलावा कुछ भी नहीं है। तथा जादूगर जहाँ भी हो, वह किसी उद्देश्य में सफल नहीं होता।
عربي تفسیرونه:
فَاُلْقِیَ السَّحَرَةُ سُجَّدًا قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِرَبِّ هٰرُوْنَ وَمُوْسٰی ۟
फिर मूसा ने अपनी लाठी फेंकी, तो वह एक साँप बनकर जादूगरों के बनाए हुए साँपों को निगल गया। जादूगरों को जब यह यक़ीन हो गया कि मूसा के पास जो कुछ है, वह जादू नहीं है, बल्कि वह अल्लाह की ओर से है, तो वे अल्लाह के लिए सजदे में गिर पड़े और बोल उठे : हम हारून और मूसा के पालनहार पर ईमान ले आए, जो सभी प्राणियों का पालनहार है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اٰمَنْتُمْ لَهٗ قَبْلَ اَنْ اٰذَنَ لَكُمْ ؕ— اِنَّهٗ لَكَبِیْرُكُمُ الَّذِیْ عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ ۚ— فَلَاُقَطِّعَنَّ اَیْدِیَكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ مِّنْ خِلَافٍ وَّلَاُوصَلِّبَنَّكُمْ فِیْ جُذُوْعِ النَّخْلِ ؗ— وَلَتَعْلَمُنَّ اَیُّنَاۤ اَشَدُّ عَذَابًا وَّاَبْقٰی ۟
फ़िरऔन ने जादूगरों के ईमान लाने का खंडन करते हुए और उन्हें धमकी देते हुए कहा : क्या तुम लोग मूसा पर ईमान ले आए इससे पहले कि मैं तुम्हें ऐसा करने की अनुमति दूँ?! निश्चय मूसा ही (ऐ जादूगरो!) तुम्हारा वह सरदार है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है। इसलिए निश्चय मैं तुममें से प्रत्येक (जादूगर) का एक हाथ और एक पैर उनकी विपरीत दिशाओं से कटवा दूँगा और तुम्हारे शरीर को खजूर के तनों पर लटका दूँगा, यहाँ तक कि तुम्हारी मृत्यु हो जाए और तुम दूसरों के लिए सीख बन जाओ। उस समय तुम अवश्य ही जान लोगे कि हममें से कौन अधिक कठोर एवं स्थायी यातना देने वाला है : मैं या मूसा का रबॽ!
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا لَنْ نُّؤْثِرَكَ عَلٰی مَا جَآءَنَا مِنَ الْبَیِّنٰتِ وَالَّذِیْ فَطَرَنَا فَاقْضِ مَاۤ اَنْتَ قَاضٍ ؕ— اِنَّمَا تَقْضِیْ هٰذِهِ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا ۟ؕ
जादूगरों ने फ़िरऔन से कहा : (ऐ फ़िरऔन!) हमारे पास जो स्पष्ट निशानियाँ आ चुकी हैं, उनका अनुसरण करने के बजाय हम कभी तेरा अनुसरण करना पसंद नहीं करेंगे, तथा जिस अल्लाह ने हमारी रचना की है, हम उसपर कदापि तुझे तरजीह नहीं देंगे। अतः तू हमारे साथ जो कुछ करने वाला है, कर ले। इस नश्वर जीवन को छोड़कर तेरा हम पर कोई अधिकार नहीं है, और शीध्र ही तेरा अधिकार मिट जाएगा।
عربي تفسیرونه:
اِنَّاۤ اٰمَنَّا بِرَبِّنَا لِیَغْفِرَ لَنَا خَطٰیٰنَا وَمَاۤ اَكْرَهْتَنَا عَلَیْهِ مِنَ السِّحْرِ ؕ— وَاللّٰهُ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی ۟
हम अपने रब पर इस आशा में ईमान लाए हैं कि वह हमसे कुफ़्र और अन्य चीजों के हमारे पिछले पापों को मिटा दे, तथा हमारे उस जादू के पाप को क्षमा कर दे, जिसे सीखने और अभ्यास करने तथा उसके द्वारा मूसा को परास्त करने के लिए तूने हमें मजबूर किया था। तथा अल्लाह उससे कहीं बेहतर प्रतिफल देने वाला है, जिसका तूने हमसे वादा किया है तथा उससे कहीं अधिक स्थायी यातना देने वाला है, जिसकी तूने हमें धमकी दी है।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهٗ مَنْ یَّاْتِ رَبَّهٗ مُجْرِمًا فَاِنَّ لَهٗ جَهَنَّمَ ؕ— لَا یَمُوْتُ فِیْهَا وَلَا یَحْیٰی ۟
निःसंदेह तथ्य और निष्कर्ष यह है कि जो भी व्यक्ति क़ियामत के दिन अपने पालनहार के पास इस दशा में आएगा कि वह अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वाला होगा, तो उसके लिए जहन्नम की आग है, जिसमें वह प्रवेश करेगा और हमेशा वहीं रहेगा। वह वहाँ न तो मरेगा कि उसकी यातना से आराम पा जाए और न ही वह एक अच्छा जीवन जीएगा।
عربي تفسیرونه:
وَمَنْ یَّاْتِهٖ مُؤْمِنًا قَدْ عَمِلَ الصّٰلِحٰتِ فَاُولٰٓىِٕكَ لَهُمُ الدَّرَجٰتُ الْعُلٰی ۟ۙ
और जो क़ियामत के दिन अपने रब के पास मोमिन होकर आएगा और उसने अच्छे कर्म किए होंगे, तो ऐसे महान गुणों से सुसज्जित लोगों के लिए उच्च स्थान तथा ऊँचे पद हैं।
عربي تفسیرونه:
جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— وَذٰلِكَ جَزٰٓؤُا مَنْ تَزَكّٰی ۟۠
वे पद स्थायी निवास के बाग़ हैं, जिनके महलों के नीचे से नहरें बहती हैं, वे वहाँ हमेशा के लिए रहेंगे। यह उपर्युक्त बदला हर उस व्यक्ति का प्रतिफल है, जो कुफ़्र और पापों से शुद्ध हो गया।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• لا يفوز ولا ينجو الساحر حيث أتى من الأرض أو حيث احتال، ولا يحصل مقصوده بالسحر خيرًا كان أو شرًّا.
• जादूगर धरती में जहाँ भी आए या जहाँ भी चाल चले, वह सफल नहीं हो सकता और न बच सकता है, तथा जादू से उसका उद्देश्य, चाहे वह अच्छा हो या बुरा, प्राप्त नहीं होता।

• الإيمان يصنع المعجزات؛ فقد كان إيمان السحرة أرسخ من الجبال، فهان عليهم عذاب الدنيا، ولم يبالوا بتهديد فرعون.
• ईमान चमत्कार करता है; क्योंकि जादूगरों का ईमान पहाड़ों से भी अधिक दृढ़ था, इसलिए दुनिया की सज़ा उनके लिए आसान हो गई और उन्होंने फ़िरऔन की धमकी की परवाह नहीं की।

• دأب الطغاة التهديد بالعذاب الشديد لأهل الحق والإمعان في ذلك للإذلال والإهانة.
• क्रूर तथा दमनकारी शासकों का तरीक़ा रहा है कि वे सत्य के मार्ग पर चलने वालों को कड़ी सज़ा की धमकी देते हैं और अपमानित करने के लिए उसमें दूर तक चले जाते हैं।

وَلَقَدْ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰۤی ۙ۬— اَنْ اَسْرِ بِعِبَادِیْ فَاضْرِبْ لَهُمْ طَرِیْقًا فِی الْبَحْرِ یَبَسًا ۙ— لَّا تَخٰفُ دَرَكًا وَّلَا تَخْشٰی ۟
और हमने मूसा की ओर वह़्य (प्रकाशना) की कि मेरे बंदों को लेकर रातों रात मिस्र से रवाना हो जाओ, ताकि किसी को उनकी भनक न लगे तथा लाठी को समुद्र पर मारकर उनके लिए समुद्र में एक सूखा मार्ग बना लो। तुम्हें इस बात का डर न हो कि फ़िरऔन और उसके सरदार तुम्हें पकड़ लेंगे या तुम समुद्र में डूब जाओगे।
عربي تفسیرونه:
فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ بِجُنُوْدِهٖ فَغَشِیَهُمْ مِّنَ الْیَمِّ مَا غَشِیَهُمْ ۟ؕ
तब फ़िरऔन ने अपनी सेना के साथ उनका पीछा किया, तो उसे और उसकी सेना को समुद्र से उस चीज़ ने ढाँप लिया जिसकी वास्तविकता केवल अल्लाह ही जानता है। अंततः वे सब डूब गए और नाश हो गए, तथा मूसा और उनके संग के लोग बच गए।
عربي تفسیرونه:
وَاَضَلَّ فِرْعَوْنُ قَوْمَهٗ وَمَا هَدٰی ۟
फ़िरऔन ने अपनी जाति के लोगों को, उनके आगे कुफ़्र (अविश्वास) को सुंदर रूप में प्रस्तुत कर और उन्हें असत्य के जाल में फाँसकर पथभ्रष्ट किया तथा उन्हें सत्य का मार्ग नहीं दिखाया।
عربي تفسیرونه:
یٰبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ قَدْ اَنْجَیْنٰكُمْ مِّنْ عَدُوِّكُمْ وَوٰعَدْنٰكُمْ جَانِبَ الطُّوْرِ الْاَیْمَنَ وَنَزَّلْنَا عَلَیْكُمُ الْمَنَّ وَالسَّلْوٰی ۟
हमने बनी इसराईल से, उन्हें फ़िरऔन और उसकी सेना से बचाने के बाद कहा : ऐ इसराईल के पुत्रो! हमने तुम्हें तुम्हारे शत्रु से बचा लिया और “तूर” पर्वत के बगल में स्थित घाटी की दाहिनी ओर मूसा से बात करने का तुमसे वादा किया तथा तुमपर “तीह” के मैदान में अपनी नेमतों में से शहद-जैसा मीठा पेय और बटेर की तरह अच्छे मांस वाला छोटा-सा पक्षी उतारा।
عربي تفسیرونه:
كُلُوْا مِنْ طَیِّبٰتِ مَا رَزَقْنٰكُمْ وَلَا تَطْغَوْا فِیْهِ فَیَحِلَّ عَلَیْكُمْ غَضَبِیْ ۚ— وَمَنْ یَّحْلِلْ عَلَیْهِ غَضَبِیْ فَقَدْ هَوٰی ۟
हमने तुम्हें जो हलाल खाद्य पदार्थ प्रदान किए हैं, उनमें से स्वादिष्ट चीज़ें खाओ तथा हमने तुम्हारे लिए जो कुछ वैध किया है, उसे छोड़कर उस चीज़ की ओर न बढ़ो, जो हमने तुम्हारे ऊपर हराम किया है। अन्यथा तुमपर मेरा प्रकोप उतरेगा और जिसपर मेरा प्रकोप उतरा, तो निश्चय उसका सर्वनाश हो गया और दुनिया एवं आख़िरत में वह अभागा है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنِّیْ لَغَفَّارٌ لِّمَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ثُمَّ اهْتَدٰی ۟
निःसंदेह मैं उसे बहुत क्षमा करने वाला और माफ़ करने वाला हूँ, जिसने मुझसे तौबा की, ईमान लाया और अच्छा कर्म किया, फिर सत्य मार्ग पर सुदृढ़ रहा।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَعْجَلَكَ عَنْ قَوْمِكَ یٰمُوْسٰی ۟
और किस बात ने तुझे (ऐ मूसा!) अपनी जाति के लोगों से शीघ्र आने पर उकसाया, कि तू उन्हें अपने पीछे छोड़कर उनसे पहले आ गयाॽ
عربي تفسیرونه:
قَالَ هُمْ اُولَآءِ عَلٰۤی اَثَرِیْ وَعَجِلْتُ اِلَیْكَ رَبِّ لِتَرْضٰی ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : वे मेरे पीछे ही आ रहे हैं और जल्द ही मुझसे आ मिलेंगे। तथा मैं अपनी क़ौम से पहले तेरी ओर इसलिए आ गया, ताकि तू अपने पास मेरे जल्दी आने के कारण मुझसे प्रसन्न हो जाए।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَاِنَّا قَدْ فَتَنَّا قَوْمَكَ مِنْ بَعْدِكَ وَاَضَلَّهُمُ السَّامِرِیُّ ۟
अल्लाह ने कहा : हमने तेरी क़ौम को, जिन्हें तूने अपने पीछे छोड़ दिया था, बछड़े की पूजा के द्वारा परीक्षा में डाला है। दरअसल, “सामिरी” ने उन्हें उसकी पूजा करने के लिए बुलाया और इसके द्वारा उन्हें पथभ्रष्ट कर दिया।
عربي تفسیرونه:
فَرَجَعَ مُوْسٰۤی اِلٰی قَوْمِهٖ غَضْبَانَ اَسِفًا ۚ۬— قَالَ یٰقَوْمِ اَلَمْ یَعِدْكُمْ رَبُّكُمْ وَعْدًا حَسَنًا ؕ۬— اَفَطَالَ عَلَیْكُمُ الْعَهْدُ اَمْ اَرَدْتُّمْ اَنْ یَّحِلَّ عَلَیْكُمْ غَضَبٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ فَاَخْلَفْتُمْ مَّوْعِدِیْ ۟
तब मूसा अलैहिस्सलाम अपनी क़ौम की ओर वापस आए, इस हाल में कि उनके बछड़ा पूजने के कारण क्रोध से भरे हुए और उनपर खेद में डूबे हुए थे। मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरी क़ौम के लोगो! क्या अल्लाह ने तुमसे अच्छा वादा नहीं किया था कि वह तुमपर तौरात उतारेगा और तुम्हें जन्नत में दाखिल करेगा? क्या लंबा समय गुज़र जाने के कारण तुम उसे भूल गए होॽ अथवा तुम ऐसा करके यह चाहते थे कि तुमपर तुम्हारे रब की ओर से क्रोध उतरे और तुमपर उसकी यातना आ पड़े, इसलिए मेरे वापस आने तक आज्ञाकारिता पर दृढ़ रहने का मेरा वादा तोड़ दिया?!
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا مَاۤ اَخْلَفْنَا مَوْعِدَكَ بِمَلْكِنَا وَلٰكِنَّا حُمِّلْنَاۤ اَوْزَارًا مِّنْ زِیْنَةِ الْقَوْمِ فَقَذَفْنٰهَا فَكَذٰلِكَ اَلْقَی السَّامِرِیُّ ۟ۙ
मूसा की जाति के लोगों ने कहा : हमने (ऐ मूसा!) आपके वचन को अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि मजबूरी में भंग किया है। दरअसल हमपर फ़िरऔन की जाति के गहनों के भारी बोझ लाद दिए गए थे, जिनसे छुटकारा पाने के लिए हमने उन्हें एक गड्ढे में फेंक दिया। जिस प्रकार हमने उन्हें गड्ढे में फेंक दिया, उसी प्रकार सामिरी ने भी अपने पास मौजूद जिबरील अलैहिस्सलाम के घोड़े के खुर की मिट्टी को फेंक दिया।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• من سُنَّة الله انتقامه من المجرمين بما يشفي صدور المؤمنين، ويقر أعينهم، ويذهب غيظ قلوبهم.
• अल्लाह का दस्तूर है कि वह अपराधियों से प्रतिशोध लेता है, जो ईमान वालों के दिलों को ठंडा कर देता है, उनकी आँखों को शांत कर देता है और उनके दिलों के क्रोध को दूर कर देता है।

• الطاغية شؤم على نفسه وعلى قومه؛ لأنه يضلهم عن الرشد، وما يهديهم إلى خير ولا إلى نجاة.
• एक तानाशाह स्वयं अपने और अपनी क़ौम के लिए अनिष्ट होता है। क्योंकि वह उन्हें सत्य मार्ग से भटकाता है और उन्हें भलाई या उद्धार के लिए मार्गदर्शन नहीं करता है।

• النعم تقتضي الحفظ والشكر المقرون بالمزيد، وجحودها يوجب حلول غضب الله ونزوله.
• नेमतों का तक़ाजा यह है कि उनकी सुरक्षा की जाए और उनपर आभार व्यक्त किया जाए, जिससे उनमें वृद्धि होती है। जबकि उनकी नाशुक्री करना अल्लाह के प्रकोप के उतरने का कारण है।

• الله غفور على الدوام لمن تاب من الشرك والكفر والمعصية، وآمن به وعمل الصالحات، ثم ثبت على ذلك حتى مات عليه.
• जिसने शिर्क (बहुदेववाद), कुफ़्र (अविश्वास) और पाप से तौबा कर ली, अल्लाह पर ईमान लाया और अच्छे कर्म किए और अंतिम सांस तक अपनी इस रविश पर क़ायम रहा, अल्लाह उसे सदैव क्षमा करने वाला है।

• أن العجلة وإن كانت في الجملة مذمومة فهي ممدوحة في الدين.
• जल्दबाज़ी यद्यपि सामान्य रूप से निंदनीय है, परंतु धर्म के मामले में यह प्रशंसनीय है।

فَاَخْرَجَ لَهُمْ عِجْلًا جَسَدًا لَّهٗ خُوَارٌ فَقَالُوْا هٰذَاۤ اِلٰهُكُمْ وَاِلٰهُ مُوْسٰی ۚۙ۬— فَنَسِیَ ۟ؕ
फिर सामिरी ने उन गहनों से बनी इसराईल के लिए बछड़े का एक ढाँचा निकाला, जिसमें जान नहीं थी, परंतु उससे गाय की आवाज़ की तरह आवाज़ निकल रही थी। तो सामिरी के इस कृत्य से मोहित लोगों ने कहा : यही तुम्हारा और मूसा का पूज्य है। मूसा इसे भूलकर यहीं छोड़ गए हैं।
عربي تفسیرونه:
اَفَلَا یَرَوْنَ اَلَّا یَرْجِعُ اِلَیْهِمْ قَوْلًا ۙ۬— وَّلَا یَمْلِكُ لَهُمْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا ۟۠
क्या ये लोग जो बछड़े के फ़ितने में पड़कर उसकी पूजा करने लगे हैं, यह नहीं देखते कि बछड़ा न तो उनसे बात करता है और न ही उन्हें उत्तर देता है, और न उनकी या दूसरों की हानि को दूर कर सकता है, और न उन्हें और न दूसरों को लाभ पहुँचा सकता है?!
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ قَالَ لَهُمْ هٰرُوْنُ مِنْ قَبْلُ یٰقَوْمِ اِنَّمَا فُتِنْتُمْ بِهٖ ۚ— وَاِنَّ رَبَّكُمُ الرَّحْمٰنُ فَاتَّبِعُوْنِیْ وَاَطِیْعُوْۤا اَمْرِیْ ۟
तथा हारून अलैहिस्सलाम ने भी उनसे मूसा अलैहिस्सलाम के वापस आने से पहले कहा था : सोने से इस बछड़े का निर्माण और उसका राँभना तुम्हारे लिए एक परीक्षा के सिवा कुछ नहीं है ताकि ईमान वाला, काफिर से प्रकट हो जाए, और (ऐ मेरी क़ौम के लोगो!) निश्चय तुम्हारा पालनहार वह है, जो दया का मालिक है, न कि वह जो तुम्हें हानि या लाभ पहुँचाने का भी मालिक नहीं है, तुम पर दया करना तो बहुत दूर की बात है। अतः अकेले उसी की इबादत करने में मेरा अनुसरण करो तथा उसके अलावा दूसरों की उपासना को त्यागकर मेरी आज्ञा का पालन करो।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا لَنْ نَّبْرَحَ عَلَیْهِ عٰكِفِیْنَ حَتّٰی یَرْجِعَ اِلَیْنَا مُوْسٰی ۟
बछड़े की इबादत के फ़ितने में पड़े लोगों ने उत्तर दिया था : हम उसकी पूजा पर डटे रहेंगे, यहाँ तक कि मूसा हमारे पास वापस आ जाएँ।
عربي تفسیرونه:
قَالَ یٰهٰرُوْنُ مَا مَنَعَكَ اِذْ رَاَیْتَهُمْ ضَلُّوْۤا ۟ۙ
मूसा ने (वापस आने के बाद) अपने भाई हारून से कहा : जब तूने देखा कि वे अल्लाह को छोड़कर बछड़े की पूजा करके पथभ्रष्ट हो गए हैं, तो तुझे किस बात ने रोका
عربي تفسیرونه:
اَلَّا تَتَّبِعَنِ ؕ— اَفَعَصَیْتَ اَمْرِیْ ۟
कि तू उन्हें छोड़कर मुझसे आ मिलता?! क्या तूने मेरे उस आदेश की अवहेलना की है, जो मैंने तुझे उनपर अपना उत्तराधिकारी बनाते समय दिया था?!
عربي تفسیرونه:
قَالَ یَبْنَؤُمَّ لَا تَاْخُذْ بِلِحْیَتِیْ وَلَا بِرَاْسِیْ ۚ— اِنِّیْ خَشِیْتُ اَنْ تَقُوْلَ فَرَّقْتَ بَیْنَ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ وَلَمْ تَرْقُبْ قَوْلِیْ ۟
जब मूसा अलैहिस्सलाम अपने भाई के काम की निंदा करते हुए उनकी दाढ़ी एवं सिर को पकड़कर अपनी तरफ़ खींचने लगे, तो हारून ने दया की याचना करते हुए उनसे कहा : आप मेरी दाढ़ी और मेरे सिर के बाल मत पकड़ें। क्योंकि मेरे पास उनके साथ रहने का कारण है। दरअसल मुझे यह भय हुआ कि यदि मैंने उन्हें अकेले छोड़ दिया, तो वे विभेद कर लेंगे। फिर आप कहेंगे कि मैंने उनके बीच फूट डाल दी और मैंने उनके बारे में आपकी वसीयत की परवाह नहीं की।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَمَا خَطْبُكَ یٰسَامِرِیُّ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने सामिरी से कहा : ऐ सामिरी! तेरा क्या मामला है? जो कुछ तूने किया है, उसपर तुझे किस बात ने उभारा?
عربي تفسیرونه:
قَالَ بَصُرْتُ بِمَا لَمْ یَبْصُرُوْا بِهٖ فَقَبَضْتُ قَبْضَةً مِّنْ اَثَرِ الرَّسُوْلِ فَنَبَذْتُهَا وَكَذٰلِكَ سَوَّلَتْ لِیْ نَفْسِیْ ۟
सामिरी ने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : मैंने वह चीज़ देखी, जो उन लोगों ने नहीं देखी। मैंने जिबरील को घोड़े पर सवार देखा, तो उनके घोड़े के पद-चिह्न से एक मुट्ठी मिट्टी ले ली और उसे बछड़े के ढाँचे पर डाल दिया, जो उन आभूषणों को पिघलाकर बनाया गया था। चुनाँचे उससे एक बछड़े का शरीर तैयार हो गया, जो राँभता था। इस प्रकार, मेरे मन ने मेरे लिए उस कार्य को सुंदर बना दिया, जो मैंने किया।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَاذْهَبْ فَاِنَّ لَكَ فِی الْحَیٰوةِ اَنْ تَقُوْلَ لَا مِسَاسَ ۪— وَاِنَّ لَكَ مَوْعِدًا لَّنْ تُخْلَفَهٗ ۚ— وَانْظُرْ اِلٰۤی اِلٰهِكَ الَّذِیْ ظَلْتَ عَلَیْهِ عَاكِفًا ؕ— لَنُحَرِّقَنَّهٗ ثُمَّ لَنَنْسِفَنَّهٗ فِی الْیَمِّ نَسْفًا ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने सामिरी से कहा: अच्छा, तू यहाँ से निकल जा! तेरी सज़ा यह है कि तू जब तक जीवित रहे, कहता रहे : मैं किसी को नहीं छूता और न मुझे कोई छुए। इस प्रकार तू अछूत बनकर जिएगा। तथा क़ियामत के दिन तेरे लिए एक और वादा है, जिसमें तेरा हिसाब होगा और तुझे दंडित किया जाएगा। अल्लाह इस वादे को तुझसे कदापि न टालेगा। तू अपने उस बछड़े को देख, जिसे तूने अपना पूज्य बना रखा था और अल्लाह को छोड़कर तू उसकी पूजा कर रहा था। हम अवश्य ही उसपर आग दहकाएँगे, यहाँ तक कि वह पिघल जाए, फिर उसे समुद्र में उड़ा देंगे, ताकि उसका कोई निशान न रह जाए।
عربي تفسیرونه:
اِنَّمَاۤ اِلٰهُكُمُ اللّٰهُ الَّذِیْ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— وَسِعَ كُلَّ شَیْءٍ عِلْمًا ۟
निःसंदेह (ऐ लोगो!) तुम्हारा वास्तविक पूज्य वही अल्लाह है, जिसके सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं। उसने प्रत्येक वस्तु को अपने ज्ञान से घेर रखा है। अतः उस पवित्र अल्लाह के ज्ञान से कोई वस्तु छूट नहीं सकती।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• خداع الناس بتزوير الحقائق مسلك أهل الضلال.
• तथ्यों को तोड़-मरोड़कर लोगों को धोखा देना गुमराह लोगों का आचरण है।

• الغضب المحمود هو الذي يكون عند انتهاكِ محارم الله.
• प्रशंसनीय क्रोध वह है, जो उस समय होता है जब अल्लाह के निषेधों का उल्लंघन किया जाता है।

• في الآيات أصل في نفي أهل البدع والمعاصي وهجرانهم، وألا يُخَالَطوا.
• उक्त आयतों में बिद्अतियों और गुनाहगारों का निर्वासन एवं बहिष्कार करने, तथा उनके साथ मेल-जोल न रखने का प्रमाण है।

• في الآيات وجوب التفكر في معرفة الله تعالى من خلال مفعولاته في الكون.
• उक्त आयतों से पता चलता है कि सर्वशक्तिमान अल्लाह को ब्रह्मांड में उसके कार्यों (प्रभावों) के माध्यम से जानने के लिए चिंतन करना आवश्यक है।

كَذٰلِكَ نَقُصُّ عَلَیْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ مَا قَدْ سَبَقَ ۚ— وَقَدْ اٰتَیْنٰكَ مِنْ لَّدُنَّا ذِكْرًا ۟ۖۚ
जिस प्रकार हमने (ऐ रसूल!) आपके समक्ष मूसा और फ़िरऔन तथा उनकी क़ौमों के हालात रखे, उसी प्रकार हम आपको आपसे पहले गुज़र चुके पैगंबरों और समुदायों के वृत्तांत सुनाते हैं, ताकि आपको इससे सांत्वना मिले और निःसंदेह हमने आपको अपने पास से क़ुरआन प्रदान किया है, जिससे नसीह़त हासिल करने वाला नसीह़त ग्रहण करता है।
عربي تفسیرونه:
مَنْ اَعْرَضَ عَنْهُ فَاِنَّهٗ یَحْمِلُ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وِزْرًا ۟ۙ
जिसने आपपर उतरने वाले इस क़ुरआन से मुँह फेरा और उसपर ईमान नहीं लाया तथा उसकी शिक्षाओं पर अमल नहीं किया; वह क़ियामत के दिन बड़े पाप का बोझ उठाए हुए और दर्दनाक यातना का पात्र बनकर आएगा।
عربي تفسیرونه:
خٰلِدِیْنَ فِیْهِ ؕ— وَسَآءَ لَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ حِمْلًا ۟ۙ
वे उस यातना में हमेशा के लिए रहने वाले होंगे और वह बहुत बुरा बोझ होगा, जो वे क़ियामत के दिन उठाए हुए होंगे।
عربي تفسیرونه:
یَّوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ وَنَحْشُرُ الْمُجْرِمِیْنَ یَوْمَىِٕذٍ زُرْقًا ۟
जिस दिन मरने के बाद पुनर्जीवन के लिए फ़रिश्ता सूर (नरसिंघा) में दूसरी बार फूँक मारेगा और उस दिन हम काफिरों को इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि आख़िरत की गंभीर भयावहता का सामना करने के कारण उनके शरीर तथा आँखों का रंग नीला पड़ चुका होगा।
عربي تفسیرونه:
یَّتَخَافَتُوْنَ بَیْنَهُمْ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا عَشْرًا ۟
वे आपस में फुसफुसाते हुए कहेंगे : तुम मृत्यु के बाद बरज़ख़ में दस रातों से अधिक नहीं रहे।
عربي تفسیرونه:
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَقُوْلُوْنَ اِذْ یَقُوْلُ اَمْثَلُهُمْ طَرِیْقَةً اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا یَوْمًا ۟۠
हम सबसे अधिक जानने वाले हैं कि वे आपस में चुपके-चुपके क्या बात कर रहे होंगे, उनकी कोई चीज़ हमसे छिपी नहीं है। जब उनमें सबसे समझदार व्यक्ति कहेगा : तुम बरज़ख़ में केवल एक दिन रहे हो, उससे अधिक नहीं।
عربي تفسیرونه:
وَیَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْجِبَالِ فَقُلْ یَنْسِفُهَا رَبِّیْ نَسْفًا ۟ۙ
और वे (ऐ रसूल!) आपसे क़ियामत के दिन पहाड़ों की स्थिति के बारे में पूछते हैं। आप उनसे कह दीजिए : मेरा रब पहाड़ों को उनकी जड़ों से उखाड़कर उड़ा देगा और वे धूल बनकर रह जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
فَیَذَرُهَا قَاعًا صَفْصَفًا ۟ۙ
फिर वह उस धरती को, जो उन्हें उठाए हुए थी, समतल मैदान बनाकर छोड़ेगा, जिसपर न कोई निर्माण होगा और न कोई पौधा।
عربي تفسیرونه:
لَّا تَرٰی فِیْهَا عِوَجًا وَّلَاۤ اَمْتًا ۟ؕ
(ऐ उस धरती की ओर देखने वाले!) वह धरती इतनी समतल और सपाट होगी कि तू उसमें कोई झुकाव और ऊँच-नीच नहीं देखेगा।
عربي تفسیرونه:
یَوْمَىِٕذٍ یَّتَّبِعُوْنَ الدَّاعِیَ لَا عِوَجَ لَهٗ ۚ— وَخَشَعَتِ الْاَصْوَاتُ لِلرَّحْمٰنِ فَلَا تَسْمَعُ اِلَّا هَمْسًا ۟
उस दिन लोग महशर (क़ियामत के मैदान) की ओर बुलाने वाले की आवाज़ का अनुसरण करेंगे। उन्हें उसके पीछे चलने से कोई फेरने वाला नहीं होगा और सभी आवाज़ें रहमान के डर से खामोश हो जाएँगी। अतः उस दिन तुम्हें एक धीमी आवाज़ के अतिरिक्त कुछ सुनाई नहीं देगा।
عربي تفسیرونه:
یَوْمَىِٕذٍ لَّا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ اِلَّا مَنْ اَذِنَ لَهُ الرَّحْمٰنُ وَرَضِیَ لَهٗ قَوْلًا ۟
उस महान दिन किसी सिफ़ारिश करने वाले की सिफ़ारिश लाभ नहीं देगी, सिवाय उस सिफ़ारिश करने वाले के, जिसे अल्लाह सिफारिश करने की आज्ञा प्रदान करे तथा सिफ़ारिश से संबंधित उसकी बात को पसंद करे।
عربي تفسیرونه:
یَعْلَمُ مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا یُحِیْطُوْنَ بِهٖ عِلْمًا ۟
पवित्र अल्लाह जानता है कि लोग क़ियामत से संबंधित किन बातों का सामना करेंगे तथा वह यह भी जानता है कि वे दुनिया में क्या कुछ छोड़ आए हैं। जबकि सभी बंदे अल्लाह के अस्तित्व और उसके गुणों को अपने ज्ञान की घेरे में नहीं ला सकते।
عربي تفسیرونه:
وَعَنَتِ الْوُجُوْهُ لِلْحَیِّ الْقَیُّوْمِ ؕ— وَقَدْ خَابَ مَنْ حَمَلَ ظُلْمًا ۟
तथा बंदों के चेहरे उस जीवित हस्ती के सामने झुक जाएँगे और उसके लिए विनम्र हो जाएँगे, जिसे मौत नहीं आएगी और जो अपने बंदों के सारे कामों का प्रबंधन और संचालन करने वाला है। तथा वह व्यक्ति विफल हो गया, जिसने स्वयं को विनाश के रास्तों पर डालकर गुनाह का बोझ उठा लिया।
عربي تفسیرونه:
وَمَنْ یَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَا یَخٰفُ ظُلْمًا وَّلَا هَضْمًا ۟
तथा जो व्यक्ति नेक काम करे और वह अल्लाह तथा उसके रसूलों पर ईमान रखने वाला हो, उसे उसका पूरा बदला मिलेगा। उसे न अत्याचार का भय होगा कि उसे किसी ऐसे पाप का दंड दिया जाए, जो उसने किया न हो और न उसे अपने किए हुए नेक कर्म के सवाब में कमी का डर होगा।
عربي تفسیرونه:
وَكَذٰلِكَ اَنْزَلْنٰهُ قُرْاٰنًا عَرَبِیًّا وَّصَرَّفْنَا فِیْهِ مِنَ الْوَعِیْدِ لَعَلَّهُمْ یَتَّقُوْنَ اَوْ یُحْدِثُ لَهُمْ ذِكْرًا ۟
और जिस प्रकार हमने पिछले लोगों की कहानियाँ उतारीं हैं, उसी तरह हमने इस क़ुरआन को स्पष्ट अरबी भाषा में उतारा है और उसमें विभिन्न प्रकार की चेतावनियों जैसे धमकियों और डराने वाली बातों का वर्णन किया है; इस आशा में कि वे अल्लाह से डरें या क़ुरआन उनके लिए उपदेश और नसीहत पैदा कर दे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• القرآن العظيم كله تذكير ومواعظ للأمم والشعوب والأفراد، وشرف وفخر للإنسانية.
• संपूर्ण पवित्र क़ुरआन समुदायों, जातियों और व्यक्तियों के लिए अनुस्मारक और उपदेश है, तथा मानवता के लिए सम्मान और गौरव है।

• لا تنفع الشفاعة أحدًا إلا شفاعة من أذن له الرحمن، ورضي قوله في الشفاعة.
• सिफ़ारिश किसी को लाभ नहीं देगी, सिवा उस व्यक्ति की सिफ़ारिश के, जिसे रहमान ने अनुमति दी हो तथा सिफ़ारिश के बारे में उसकी बात से प्रसन्न हो।

• القرآن مشتمل على أحسن ما يكون من الأحكام التي تشهد العقول والفطر بحسنها وكمالها.
• क़ुरआन सबसे अच्छे नियमों पर आधारित है, जिनकी सुंदरता और पूर्णता की बुद्धि और फ़ितरत (प्रकृति) गवाही देते हैं।

• من آداب التعامل مع القرآن تلقيه بالقبول والتسليم والتعظيم، والاهتداء بنوره إلى الصراط المستقيم، والإقبال عليه بالتعلم والتعليم.
• क़ुरआन के साथ व्यवहार के शिष्टाचार में से उसे क़बूल करना, स्वीकारना, सम्मान करना, तथा उसके प्रकाश से सीधे रास्ते की ओर मार्ग दर्शन प्राप्त करना और उसे सीखने और सिखाने पर ध्यान देना।

• ندم المجرمين يوم القيامة حيث ضيعوا الأوقات الكثيرة، وقطعوها ساهين لاهين، معرضين عما ينفعهم، مقبلين على ما يضرهم.
• क़ियामत के दिन अपराधियों को इस बात का पछतावा होगा कि उन्होंने बहुत समय बर्बाद किया, तथा लाभ देने वाली चीज़ों से उपेक्षा करके और हानि पहुँचाने वाली चीज़ों में पड़कर, उन्हें लापरवाही और असावधानी में गुज़ार दिया।

فَتَعٰلَی اللّٰهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۚ— وَلَا تَعْجَلْ بِالْقُرْاٰنِ مِنْ قَبْلِ اَنْ یُّقْضٰۤی اِلَیْكَ وَحْیُهٗ ؗ— وَقُلْ رَّبِّ زِدْنِیْ عِلْمًا ۟
अतः सर्वोच्च, बहुत पवित्र और गौरवशाली है अल्लाह, जो ऐसा बादशाह है, जिसके पास हर चीज़ का स्वामित्व है, जो सत्य है और उसकी बात सत्य है। वह उस चीज़ से सर्वोच्च है, जो अनेकेश्वरवादी उसके साथ जोड़ते हैं। तथा (ऐ रसूल!) जब तक जिबरील आपको क़ुरआन का कोई अंश पहुँचाने का काम पूरा न कर लें, आप उनके साथ क़ुरआन पढ़ने में जल्दी न करें तथा कहते रहें : ऐ मेरे पालनहार! तूने मुझे जो ज्ञान दिया है, उसके साथ और अधिक ज्ञान प्रदान कर।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ عَهِدْنَاۤ اِلٰۤی اٰدَمَ مِنْ قَبْلُ فَنَسِیَ وَلَمْ نَجِدْ لَهٗ عَزْمًا ۟۠
हमने इससे पहले आदम को वृक्ष से न खाने की ताकीद की थी तथा उसे उससे रोका था और उसके परिणाम से अवगत करा दिया था। लेकिन वह हमारे आदेश को भूल गया और उस पेड़ से खा लिया, उससे धैर्य नहीं रख सका, तथा हमने उसे जो आदेश दिया था, उसे निभाने के लिए उसके अंदर दृढ़ संकल्प की ताकत को हमने नहीं देखा।
عربي تفسیرونه:
وَاِذْ قُلْنَا لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اسْجُدُوْا لِاٰدَمَ فَسَجَدُوْۤا اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— اَبٰی ۟
तथा (ऐ रसूल!) आप उस समय को याद करें, जब हमने फ़रिश्तों से कहा : आदम को सलाम के तौर पर सजदा करो, तो सभी फरिश्तों ने सजदा किया, सिवाय इबलीस के (जो फ़रिश्तों के साथ था, किंतु फ़रिश्तों में से नहीं था)। उसने अहंकार के कारण सजदा करने से इनकार कर दिया।
عربي تفسیرونه:
فَقُلْنَا یٰۤاٰدَمُ اِنَّ هٰذَا عَدُوٌّ لَّكَ وَلِزَوْجِكَ فَلَا یُخْرِجَنَّكُمَا مِنَ الْجَنَّةِ فَتَشْقٰی ۟
इसपर हमने कहा : ऐ आदम! निःसंदेह इबलीस तुम्हारा और तुम्हारी पत्नी का शुत्र है। अतः ऐसा न हो कि उसके बहकावे में आकर उसकी बात मानने के कारण वह तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को जन्नत से निकलवा दे और तुम कष्ट एवं कठिनाई में पड़ जाओ।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ لَكَ اَلَّا تَجُوْعَ فِیْهَا وَلَا تَعْرٰی ۟ۙ
निःसंदेह तुम्हारे लिए अल्लाह के ज़िम्मे यह है कि वह जन्नत में तुम्हें खिलाएगा, तो तुम भूखे नहीं होगे, तथा वह तुम्हें वस्त्र पहनाएगा, तो तुम नग्न नहीं होगे।
عربي تفسیرونه:
وَاَنَّكَ لَا تَظْمَؤُا فِیْهَا وَلَا تَضْحٰی ۟
तथा वह तुम्हें पिलाएगा, तो तुम प्यासे नहीं होगे और तुम्हें छाया देगा, तो तुम्हें सूर्य का ताप नहीं लगेगा।
عربي تفسیرونه:
فَوَسْوَسَ اِلَیْهِ الشَّیْطٰنُ قَالَ یٰۤاٰدَمُ هَلْ اَدُلُّكَ عَلٰی شَجَرَةِ الْخُلْدِ وَمُلْكٍ لَّا یَبْلٰی ۟
फिर शैतान ने आदम के दिल में विचार उत्पन्न किया और उससे कहा : क्या मैं तुझे ऐसे वृक्ष का पता बताऊँ, जो उसका फल खाए, वह कभी न मरेगा, बल्कि वह हमेशा जीवित (अमर) रहेगा, तथा वह ऐसे निरंतर राज्य का मालिक बन जाएगा, जो कभी समाप्त न होगा?!
عربي تفسیرونه:
فَاَكَلَا مِنْهَا فَبَدَتْ لَهُمَا سَوْاٰتُهُمَا وَطَفِقَا یَخْصِفٰنِ عَلَیْهِمَا مِنْ وَّرَقِ الْجَنَّةِ ؗ— وَعَصٰۤی اٰدَمُ رَبَّهٗ فَغَوٰی ۪۟ۖ
अन्ततः आदम और हव्वा ने उस वृक्ष से खा लिया, जिसमें से खाने से उन्हें मना किया गया था। अतः दोनों के सामने उनके गुप्तांग खुल गए, जबकि वे इससे पहले छुपे हुए थे और दोनों जन्नत के वृक्ष के पत्ते तोड़कर उनसे अपने गुप्तांग छुपाने लगे। आदम ने अपने रब की आज्ञा का उल्लंघन किया, क्योंकि उसने पेड़ से खाने से बचने की उसकी आज्ञा का पालन नहीं किया। इसलिए वह ऐसा काम कर बैठा, जो उसके लिए जायज़ नहीं था।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ اجْتَبٰهُ رَبُّهٗ فَتَابَ عَلَیْهِ وَهَدٰی ۟
फिर अल्लाह ने उसे चुन लिया और उसकी तौबा क़बूल कर ली और उसे सन्मार्ग पर निर्देशित किया।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اهْبِطَا مِنْهَا جَمِیْعًا بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۚ— فَاِمَّا یَاْتِیَنَّكُمْ مِّنِّیْ هُدًی ۙ۬— فَمَنِ اتَّبَعَ هُدَایَ فَلَا یَضِلُّ وَلَا یَشْقٰی ۟
अल्लाह ने आदम और ह़व्वा से कहा : तुम दोनों और इबलीस जन्नत से उतर जाओ। इबलीस तुम दोनों का शत्रु है और तुम दोनों उसके शत्रु हो। फिर यदि तुम्हारे पास मेरी ओर से मेरा मार्गदर्शन आए, तो तुममें से जो मेरे मार्गदर्शन का अनुपालन करेगा और उसके अनुसार कर्म करेगा तथा उससे इधर-उधर नहीं जाएगा; वह न सच्चे मार्ग से भटकेगा और न आख़िरत में इस दुर्भाग्य का शिकार होगा कि यातना सहनी पड़े। बल्कि अल्लाह उसे जन्नत में दाख़िल करेगा।
عربي تفسیرونه:
وَمَنْ اَعْرَضَ عَنْ ذِكْرِیْ فَاِنَّ لَهٗ مَعِیْشَةً ضَنْكًا وَّنَحْشُرُهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ اَعْمٰی ۟
और जो मेरी नसीहत से मुँह फेरेगा और उसे ग्रहण नहीं करेगा, उसके लिए दुनिया और आख़िरत में तंग जीवन होगा तथा हम उसे क़ियामत के दिन महशर की ओर इस स्थिति में ले जाएँगे कि वह दृष्टिहीन और प्रमाण विहीन होगा।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ لِمَ حَشَرْتَنِیْۤ اَعْمٰی وَقَدْ كُنْتُ بَصِیْرًا ۟
नसीहत से मुँह फेरने वाला यह व्यक्ति कहेगा : ऐ मेरे रब! आज तूने मुझे अंधा बनाकर क्यों उठाया, जबकि मैं दुनिया में दृष्टि वाला था।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الأدب في تلقي العلم، وأن المستمع للعلم ينبغي له أن يتأنى ويصبر حتى يفرغ المُمْلِي والمعلم من كلامه المتصل بعضه ببعض.
• ज्ञान प्राप्त करने में शिष्टाचार अपनाना चाहिए तथा ज्ञान के श्रोता को तब तक धैर्य रखना चाहिए जब तक कि शिक्षक अपनी आपस में मिली हुई बात पूरी न कर ले।

• نسي آدم فنسيت ذريته، ولم يثبت على العزم المؤكد، وهم كذلك، وبادر بالتوبة فغفر الله له، ومن يشابه أباه فما ظلم.
• आदम से भूल हुई, इसलिए उनकी संतान से भी भूल हुई। वह दृढ़ संकल्प पर डटे नहीं रहे, अतः उनकी संतान का भी यही हाल है। फिर उन्होंने जल्दी से तौबा कर ली और अल्लाह ने उनको क्षमा कर दिया। अतः उनकी संतान में से जो अपने पिता की तरह होगा, वह अत्याचारी नहीं होगा।

• فضيلة التوبة؛ لأن آدم عليه السلام كان بعد التوبة أحسن منه قبلها.
• तौबा की फ़ज़ीलत; क्योंकि आदम अलैहिस्सलाम तौबा के बाद पहले से बेहतर स्थिति में थे।

• المعيشة الضنك في دار الدنيا، وفي دار البَرْزَخ، وفي الدار الآخرة لأهل الكفر والضلال.
• काफ़िरों और पथभ्रष्टों के लिए दुनिया, बरज़ख़ और आख़िरत में तंग तथा कठिन जीवन है।

قَالَ كَذٰلِكَ اَتَتْكَ اٰیٰتُنَا فَنَسِیْتَهَا ۚ— وَكَذٰلِكَ الْیَوْمَ تُنْسٰی ۟
सर्वशक्तिमान अल्लाह उस व्यक्ति का उत्तर देते हुए कहेगा : तूने दुनिया में ऐसा ही किया था। तेरे पास हमारी आयतें आई थीं, तो तूने उनसे मुँह फेर लिया था और उन्हें छोड़ दिया था। बिलकुल उसी तरह, आज तुझे यातना में छोड़ दिया जाएगा।
عربي تفسیرونه:
وَكَذٰلِكَ نَجْزِیْ مَنْ اَسْرَفَ وَلَمْ یُؤْمِنْ بِاٰیٰتِ رَبِّهٖ ؕ— وَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَشَدُّ وَاَبْقٰی ۟
इसी तरह का बदला हम उस व्यक्ति को भी देते हैं, जो निषिद्ध इच्छाओं में संलिप्त रहे और अपने पालनहार के स्पष्ट प्रमाणों पर ईमान लाने से उपेक्षा करे। और निश्चय आख़िरत में अल्लाह का अज़ाब दुनिया और बरज़ख़ के तंग जीवन से कहीं अधिक भयानक एवं कठोर और अधिक समय तक रहने वाला है।
عربي تفسیرونه:
اَفَلَمْ یَهْدِ لَهُمْ كَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنَ الْقُرُوْنِ یَمْشُوْنَ فِیْ مَسٰكِنِهِمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّاُولِی النُّهٰی ۟۠
क्या बहुदेववादियों के लिए उन समुदायों की बहुतायत स्पष्ट नहीं हुई, जिन्हें हमने उनसे पहले विनष्ट कर चुके हैं, ये लोग उन विनष्ट किए गए समुदायों के रहने के स्थानों में चलते-फिरते हैं और उन्हें पहुँचने वाले विनाश के प्रभावों को देखते हैं? उन बहुत सारे समुदायों को जिस विध्वंस और विनाश से पीड़ित होना पड़ा, उसमें बुद्धिमानों के लिए निश्चय बहुत-सी इबरतें (सीख एवं उपदेश) हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَكَانَ لِزَامًا وَّاَجَلٌ مُّسَمًّی ۟ؕ
यदि (ऐ रसूल!) आपके पालनहार की ओर से पहले ही यह बात निश्चित न हो गई होती कि वह किसी को भी, उसपर तर्क स्थापित करने से पहले दंडित नहीं करेगा तथा यदि अल्लाह के यहाँ उनके लिए एक नियत समय न होता, तो शीध्र ही उन्हें यातना का शिकार बना देता, क्योंकि वे यातना के अधिकारी बन ही चुके हैं।
عربي تفسیرونه:
فَاصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ قَبْلَ طُلُوْعِ الشَّمْسِ وَقَبْلَ غُرُوْبِهَا ۚ— وَمِنْ اٰنَآئِ الَّیْلِ فَسَبِّحْ وَاَطْرَافَ النَّهَارِ لَعَلَّكَ تَرْضٰی ۟
(ऐ रसूल!) आपको झुठलाने वाले लोग आपके बारे में जो झूठी बातें कहते हैं, उनपर धैर्य से काम लें, तथा सूर्य उगने से पहले फज्र की नमाज़ में, और सूर्य ड़ूबने से पहले अस्र की नमाज़ में, और रात की घड़ियों में मग़रिब एवं इशा की नमाज़ में, और दिन के पहले किनारे (हिस्से) के अंत के पश्चात सूर्य के ढलने के समय ज़ुहर की नमाज़ में, और दिन के दूसरे हिस्से के अंत के बाद मग़रिब की नमाज़ में अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करें; आशा है कि आपको अल्लाह के पास ऐसा सवाब (प्रतिफल) प्राप्त हो, जिससे आप प्रसन्न हो जाएँ।
عربي تفسیرونه:
وَلَا تَمُدَّنَّ عَیْنَیْكَ اِلٰی مَا مَتَّعْنَا بِهٖۤ اَزْوَاجًا مِّنْهُمْ زَهْرَةَ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ۬— لِنَفْتِنَهُمْ فِیْهِ ؕ— وَرِزْقُ رَبِّكَ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی ۟
आप सांसारिक जीवन की उस शोभा की ओर न देखें, जिसे हमने इस तरह के झुठलाने वालों के लिए आनंद का उपकरण बना दिया है, जिसका वे आनंद ले रहे हैं ताकि हम उनका परीक्षण करें। क्योंकि हमने उन्हें इस प्रकार की जो चीज़ दी है, वह नश्वर है। जबकि आपके पालनहार का प्रतिफल, जिसका उसने आपसे वादा किया है, ताकि आप प्रसन्न हो जाएँ, उन नश्वर आनंद की ची़ज़ों से बेहतर और अधिक स्थायी है, जो अल्लाह ने उन्हें प्रदान की हैं। क्योंकि आपको मिलने वाला प्रतिफल कभी समाप्त न होगा।
عربي تفسیرونه:
وَاْمُرْ اَهْلَكَ بِالصَّلٰوةِ وَاصْطَبِرْ عَلَیْهَا ؕ— لَا نَسْـَٔلُكَ رِزْقًا ؕ— نَحْنُ نَرْزُقُكَ ؕ— وَالْعَاقِبَةُ لِلتَّقْوٰی ۟
तथा (ऐ रसूल!) आप अपने परिवार को नमाज़ अदा करने का आदेश दें और आप स्वयं भी उसके अदा करने के पाबंद रहें। हम आपसे आपके लिए या किसी और के लिए आजीविका नहीं माँगते। आपकी आजीविका के उत्तरदायी भी हम ही हैं। तथा दुनिया और आख़िरत में प्रशंसनीय परिणाम तक़वा वालों के लिए है, जो अल्लाह से डरते हैं। इसलिए उसके आदेशों का पालन करते हैं और उसके निषेधों से बचते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا لَوْلَا یَاْتِیْنَا بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— اَوَلَمْ تَاْتِهِمْ بَیِّنَةُ مَا فِی الصُّحُفِ الْاُوْلٰی ۟
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले इन काफिरों ने कहा : मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अपने रब की तरफ से हमारे पास कोई ऐसी निशानी क्यों नहीं लाता, जो उसकी सत्यता और उसके संदेष्टा होने का प्रमाण बन सके? क्या इन झुठलाने वालों के पास क़ुरआन नहीं आया, जो पहली आसमानी पुस्तकों की पुष्टि करता हैॽ!
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ اَنَّاۤ اَهْلَكْنٰهُمْ بِعَذَابٍ مِّنْ قَبْلِهٖ لَقَالُوْا رَبَّنَا لَوْلَاۤ اَرْسَلْتَ اِلَیْنَا رَسُوْلًا فَنَتَّبِعَ اٰیٰتِكَ مِنْ قَبْلِ اَنْ نَّذِلَّ وَنَخْزٰی ۟
यदि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले इन काफ़िरों को हम उनके कुफ़्र एवं हठ के कारण, उनकी तरफ़ कोई संदेष्टा भेजने और उनपर कोई किताब उतारने से पहले ही, उनपर कोई यातना भेजकर विनष्ट कर देते, तो वे क़ियामत के दिन अपने कुफ़्र का बहाना पेश करते हुए कहते : (ऐ हमारे पालनहार!) तूने दुनिया में हमारी ओर कोई संदेष्टा क्यों नहीं भेजा कि हम उसपर ईमान लाते और उसकी लाई हुई आयतों का पालन करते, इससे पहले कि तेरे दंड के कारण हम अपमान एवं ज़िल्लत का सामना करतेॽ!
عربي تفسیرونه:
قُلْ كُلٌّ مُّتَرَبِّصٌ فَتَرَبَّصُوْا ۚ— فَسَتَعْلَمُوْنَ مَنْ اَصْحٰبُ الصِّرَاطِ السَّوِیِّ وَمَنِ اهْتَدٰی ۟۠
(ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वालों से कह दीजिए : हम और तुम में से प्रत्येक इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि अल्लाह क्या करने वाला है। सो तुम प्रतीक्षा करो। तुम्हें शीघ्र ही (अनिवार्य रूप से) पता चल जाएगा कि कौन सीधे मार्ग वाले हैं और किन लोगों को मार्गदर्शन प्राप्त है : हमें अथवा तुम लोगों कोॽ
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• من الأسباب المعينة على تحمل إيذاء المعرضين استثمار الأوقات الفاضلة في التسبيح بحمد الله.
• मुँह फेरने वालों की ओर से दिए गए कष्ट को सहन करने पर सहायक कारणों में से एक यह है कि आदमी अपने उत्कृष्ट समय को अल्लाह की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का गान करने में लगाए।

• ينبغي على العبد إذا رأى من نفسه طموحًا إلى زينة الدنيا وإقبالًا عليها أن يوازن بين زينتها الزائلة ونعيم الآخرة الدائم.
• जब बंदा अपने अंदर दुनिया की शोभा की ओर झुकाव महसूस करे और उसकी ओर रुझान देखे, तो उसे चाहिए कि वह दुनिया की नश्वर शोभा की आख़िरत की शाश्वत नेमत से तुलना करे।

• على العبد أن يقيم الصلاة حق الإقامة، وإذا حَزَبَهُ أمْر صلى وأَمَر أهله بالصلاة، وصبر عليهم تأسيًا بالرسول صلى الله عليه وسلم.
• बंदे पर अनिवार्य है कि वह नमाज़ को सुचारु रूप से स्थापित करे और यदि उसे कोई मामला पेश आ जाए, तो रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण करते हुए नमाज़ पढ़े तथा अपने परिवार को भी नमाज़ पढ़ने का आदेश दे और उनके साथ धैर्य रखे।

• العاقبة الجميلة المحمودة هي الجنة لأهل التقوى.
• तक़वा वालों के लिए अच्छा एवं प्रशंसनीय परिणाम जन्नत है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: طه
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