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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: رعد   آیت:
اَلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ طُوْبٰی لَهُمْ وَحُسْنُ مَاٰبٍ ۟
और ये लोग जो अल्लाह पर ईमान लाए और ऐसे अच्छे कार्य किए, जो उन्हें अल्लाह से क़रीब लाते हैं, उनके लिए आख़िरत में एक अच्छा जीवन है तथा उनके लिए अच्छा परिणाम है, जो कि जन्नत है।
عربي تفسیرونه:
كَذٰلِكَ اَرْسَلْنٰكَ فِیْۤ اُمَّةٍ قَدْ خَلَتْ مِنْ قَبْلِهَاۤ اُمَمٌ لِّتَتْلُوَاۡ عَلَیْهِمُ الَّذِیْۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ وَهُمْ یَكْفُرُوْنَ بِالرَّحْمٰنِ ؕ— قُلْ هُوَ رَبِّیْ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ وَاِلَیْهِ مَتَابِ ۟
जिस तरह हमने पिछले नबियों को उनके समुदायों की ओर भेजा था, वैसे ही हमने आपको (ऐ रसूल!) आपके समुदाय की ओर भेजा है; ताकि आप उन्हें वह क़ुरआन पढ़कर सुनाएँ, जो हमने आपकी ओर वह़्य की है। क्योंकि वह आपकी सच्चाई को प्रमाणित करने के लिए काफ़ी है। लेकिन आपके समुदाय का हाल यह है कि वे इस निशानी का इनकार करते हैं। क्योंकि वे 'रहमान' (अत्यंत दयावान्) पर अविश्वास करते हैं, जब वे उसके साथ उसके अलावा को साझी बनाते हैं। (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दीजिए : वह 'रहमान' (अत्यंत दयावान् हस्ती) जिसके साथ तुम उसके अलावा को साझी बनाते हो, वही मेरा पालनहार है, जिसके अलावा कोई सत्य पूज्य नहीं। मैंने अपने सभी मामलों में उसी पर भरोसा किया है और उसी की ओर मेरा लौटना है।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ اَنَّ قُرْاٰنًا سُیِّرَتْ بِهِ الْجِبَالُ اَوْ قُطِّعَتْ بِهِ الْاَرْضُ اَوْ كُلِّمَ بِهِ الْمَوْتٰی ؕ— بَلْ لِّلّٰهِ الْاَمْرُ جَمِیْعًا ؕ— اَفَلَمْ یَایْـَٔسِ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَنْ لَّوْ یَشَآءُ اللّٰهُ لَهَدَی النَّاسَ جَمِیْعًا ؕ— وَلَا یَزَالُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا تُصِیْبُهُمْ بِمَا صَنَعُوْا قَارِعَةٌ اَوْ تَحُلُّ قَرِیْبًا مِّنْ دَارِهِمْ حَتّٰی یَاْتِیَ وَعْدُ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یُخْلِفُ الْمِیْعَادَ ۟۠
यदि ईश्वरीय किताबों में से किसी किताब की यह विशेषता होती कि उसके द्वारा पहाड़ों को उनके स्थानों से हटा दिया जाता, या उसके द्वारा धरती को फाड़ दिया जाता और वह नदियों और जल-स्रोतों में बदल जाती, या उसे मुर्दों पर पढ़ा जाता और वे जीवित हो जाते - तो वह अवश्य (ऐ रसूल!) आप पर अवतरित किया गया यह क़ुरआन होता। क्योंकि यह किताब स्पष्ट प्रमाण वाली और महान प्रभाव वाली है, यदि वे साफ़-सुथरे हृदय के मालिक होते, लेकिन वे इनकार करने वाले हैं। बल्कि चमत्कारों आदि के उतारने का सारा काम अल्लाह के अधिकार में हैं। तो क्या अल्लाह पर ईमान रखने वालों ने नहीं जाना कि यदि अल्लाह चमत्कार उतारे बिना ही समस्त लोगों को हिदायत देना चाहता, तो अवश्य उन्हें उसके बिना ही हिदायत दे देता? लेकिन उसने ऐसा नहीं चाहा। तथा अल्लाह का इनकार करने वालों पर उनके कुफ़्र तथा पापों के कारण हमेशा कोई सख़्त आपदा आती रहेगी, जो उनकी शांति भंग कर देगी, या वह आपदा उनके घर के निकट उतरेगी, यहाँ तक कि निरंतर यातना उतरने का अल्लाह का वादा आ जाए। निश्चय अल्लाह अपने वादे को पूरा करना नहीं छोड़ता है, जब उसका नियत समय आ जाए।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدِ اسْتُهْزِئَ بِرُسُلٍ مِّنْ قَبْلِكَ فَاَمْلَیْتُ لِلَّذِیْنَ كَفَرُوْا ثُمَّ اَخَذْتُهُمْ ۫— فَكَیْفَ كَانَ عِقَابِ ۟
आप पहले रसूल नहीं हैं, जिसे उसके समुदाय ने झुठलाया और उसका मज़ाक़ उड़ाया है। (ऐ रसूल) आपसे पहले भी कई समुदायों ने अपने रसूलों का मज़ाक़ उड़ाया और उन्हें झुठलाया है। तो मैंने उन लोगों को मोहलत दी जिन्होंने अपने रसूलों को झुठलाया था, यहाँ तक कि उन्हें विश्वास हो गया कि मैं उन्हें नष्ट करने वाला नहीं हूँ। फिर मैंने मोहलत के बाद उन्हें तरह-तरह की यातना से ग्रस्त कर दिया, तो आपने उनके लिए मेरी सज़ा को कैसा पाया? निश्चय वह एक कड़ी सज़ा थी।
عربي تفسیرونه:
اَفَمَنْ هُوَ قَآىِٕمٌ عَلٰی كُلِّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ ۚ— وَجَعَلُوْا لِلّٰهِ شُرَكَآءَ ؕ— قُلْ سَمُّوْهُمْ ؕ— اَمْ تُنَبِّـُٔوْنَهٗ بِمَا لَا یَعْلَمُ فِی الْاَرْضِ اَمْ بِظَاهِرٍ مِّنَ الْقَوْلِ ؕ— بَلْ زُیِّنَ لِلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مَكْرُهُمْ وَصُدُّوْا عَنِ السَّبِیْلِ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟
तो क्या जो सभी सृष्टि की जीविका के संरक्षण का ज़िम्मेदार, हर प्राणी के कार्यों की निगरानी करने वाला है, चुनाँचे वह उसे उसके कार्यों का बदला देगा, वह उपासना किए जाने के अधिक योग्य है, या ये मूर्तियाँ जिन्हें इस बात का कोई अधिकार नहीं कि उनकी पूजा की जाए? हालाँकि काफ़िरों ने उन्हें अन्यायपूर्वक और झूठमूठ अल्लाह का साझी बना लिया है। (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : तुम हमें उन साझियों के नाम बताओ, जिनकी तुमने अल्लाह के साथ पूजा की है, यदि तुम अपने दावे में सच्चे हो। या क्या तुम अल्लाह को ऐसे साझियों के बारे में बता रहे हो, जिन्हें वह धरती में नहीं जानता? या फिर तुम उसे एक ऊपरी बात बता रहे हो, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है? बल्कि, शैतान ने इनकार करने वालों की नज़र में उनके छल को सुंदर बना दिया है, जिसके कारण वे अल्लाह का इनकार कर बैठे हैं और शैतान ने उन्हें हिदायत के रास्ते से हटा दिया है। और जिसे अल्लाह हिदायत के मार्ग से दूर कर दे, उसके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं, जो उसका मार्गदर्शन कर सके।
عربي تفسیرونه:
لَهُمْ عَذَابٌ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَشَقُّ ۚ— وَمَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ وَّاقٍ ۟
इस सांसारिक जीवन ही में उनके लिए यातना है कि उन्हें मोमिनों के हाथों क़त्ल एवं क़ैद का सामना करना पड़ेगा। जबकि आख़िरत की यातना जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है, उनके लिए दुनिया की यातना से अधिक कठोर और भारी है। क्योंकि उसमें तीव्रता और निर्बाध स्थायित्व होगा। और उन्हें क़ियामत के दिन अल्लाह की यातना से कोई बचाने वाला भी न होगा।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• أن الأصل في كل كتاب منزل أنه جاء للهداية، وليس لاستنزال الآيات، فذاك أمر لله تعالى يقدره متى شاء وكيف شاء.
• हर आसमानी किताब में मूल सिद्धांत यह है कि वह मार्गदर्शन के लिए आई है, निशानियाँ उतरवाने के लिए नहीं। यह तो अल्लाह का मामला (काम) है। वह जब चाहे और जैसे चाहे उसे नियत करता है।

• تسلية الله تعالى للنبي صلى الله عليه وسلم، وإحاطته علمًا أن ما يسلكه معه المشركون من طرق التكذيب، واجهه أنبياء سابقون.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान का नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सांत्वना देना, तथा आपको सूचित करना कि मुश्रिक लोग आपके साथ झुठलाने के जो तरीक़े अपना रहे हैं, पिछले नबियों ने भी उनका सामना किया है।

• يصل الشيطان في إضلال بعض العباد إلى أن يزين لهم ما يعملونه من المعاصي والإفساد.
• शैतान कुछ बंदों को गुमराह करने के मामले में इस हद तक पहुँच जाता है कि उनके गुनाहों और बिगाड़ के कामों को उनकी आँखों में सुंदर बना देता है।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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