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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: یوسف   آیت:
قَالَ هَلْ اٰمَنُكُمْ عَلَیْهِ اِلَّا كَمَاۤ اَمِنْتُكُمْ عَلٰۤی اَخِیْهِ مِنْ قَبْلُ ؕ— فَاللّٰهُ خَیْرٌ حٰفِظًا ۪— وَّهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : क्या मैं उसके बारे में तुमपर उसी तरह विश्वास करूँ, जिस तरह इससे पहले उसके सगे भाई यूसुफ़ के बारे में तुमपर विश्वास किया था?! मैंने उसके बारे में तुमपर भरोसा किया था, और तुमने उसकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा की थी। लेकिन तुमने जो प्रतिज्ञा की थी, उसे पूरा नहीं किया। इसलिए मुझे उसकी रक्षा करने की तुम्हारी प्रतिज्ञा का कोई भरोसा नहीं है, बल्कि मेरा भरोसा केवल अल्लाह पर है। क्योंकि वह जिसकी रक्षा करना चाहे, उसका सबसे अच्छा रक्षक है और जिसपर दया करना चाहे, उसपर सबसे अधिक दया करने वाला है।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا فَتَحُوْا مَتَاعَهُمْ وَجَدُوْا بِضَاعَتَهُمْ رُدَّتْ اِلَیْهِمْ ؕ— قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا نَبْغِیْ ؕ— هٰذِهٖ بِضَاعَتُنَا رُدَّتْ اِلَیْنَا ۚ— وَنَمِیْرُ اَهْلَنَا وَنَحْفَظُ اَخَانَا وَنَزْدَادُ كَیْلَ بَعِیْرٍ ؕ— ذٰلِكَ كَیْلٌ یَّسِیْرٌ ۟
जब उन्होंने अपने लाए हुए अनाज की बोरियाँ खोलीं, तो देखा कि उसका दाम वापस कर दिया गया है। यह देखकर उन्होंने अपने पिता से कहा : इस सम्मान के बाद हमें इस अज़ीज़ से और क्या चाहिए? यह हमारे अनाज का दाम है, जिसे अज़ीज़ ने अपने अनुग्रह से हमें वापस कर दिया है। हम अपने घर वालों के लिए अनाज ले आएँगे और अपने भाई की उससे रक्षा करेंगे जिसका आपको भय है, और उसे साथ ले जाने के कारण एक ऊँट के बोझभर ग़ल्ला अधिक लाएँगे। क्योंकि अज़ीज़ के लिए एक ऊँट की माप बढ़ाना बहुत आसान है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لَنْ اُرْسِلَهٗ مَعَكُمْ حَتّٰی تُؤْتُوْنِ مَوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ لَتَاْتُنَّنِیْ بِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ یُّحَاطَ بِكُمْ ۚ— فَلَمَّاۤ اٰتَوْهُ مَوْثِقَهُمْ قَالَ اللّٰهُ عَلٰی مَا نَقُوْلُ وَكِیْلٌ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : मैं उसे तुम्हारे साथ हरगिज़ नहीं भेजूँगा, यहाँ तक कि तुम मुझे अल्लाह का दृढ़ वचन दो कि उसे मेरे पास वापस लाओगे, सिवाय इस स्थिति के कि तुम सब को विनाश घेर ले और तुममें से कोई न बचे, और तुम उसे न रोकने में सक्षम हो और न ही वापस लौटने में। जब उन्होंने याक़ूब अलैहिस्सलाम को अल्लाह का दृढ़ वचन दे दिया, तो उन्होंने कहा : हम जो कुछ कह रहे हैं, उसपर अल्लाह गवाह है। इसलिए उसकी गवाही हमारे लिए पर्याप्त है।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ یٰبَنِیَّ لَا تَدْخُلُوْا مِنْ بَابٍ وَّاحِدٍ وَّادْخُلُوْا مِنْ اَبْوَابٍ مُّتَفَرِّقَةٍ ؕ— وَمَاۤ اُغْنِیْ عَنْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ ۚ— وَعَلَیْهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُتَوَكِّلُوْنَ ۟
और उनके पिता ने उन्हें वसीयत करते हुए कहा : तुम लोग मिस्र में एक साथ एक ही द्वार से प्रवेश न करना, बल्कि अलग-अलग दरवाज़ों से प्रवेश करना। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिक उत्तम है, कि यदि कोई तुम्हें हानि पहुँचाना चाहे तो सब उसके शिकार न हो। मैं यह बात तुमसे इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि तुमसे कोई ऐसा नुकसान दूर कर दूँ, जिससे अल्लाह तुम्हें पीड़ित करना चाहता है, या तुम्हें कोई ऐसा लाभ पहुँचा दूँ, जो अल्लाह नहीं चाहता है। क्योंकि फ़ैसला तो केवल अल्लाह का है और आदेश तो केवल उसी का चलता है। मैंने अपने सभी मामलों में अकेले उसी पर भरोसा किया है, और भरोसा करने वालों को अकेले उसी पर भरोसा करना चाहिए।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا دَخَلُوْا مِنْ حَیْثُ اَمَرَهُمْ اَبُوْهُمْ ؕ— مَا كَانَ یُغْنِیْ عَنْهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ اِلَّا حَاجَةً فِیْ نَفْسِ یَعْقُوْبَ قَضٰىهَا ؕ— وَاِنَّهٗ لَذُوْ عِلْمٍ لِّمَا عَلَّمْنٰهُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
चुनाँचे वे चल पड़े। उनके साथ यूसुफ़ का सगा भाई भी था। जब वे अपने पिता के आदेशानुसार अलग-अलग दरवाजों से प्रवेश किए, तो उनका अलग-अलग दरवाजों से प्रवेश करना उनसे अल्लाह की उनपर नियत की हुई कोई चीज़ टालने वाला नहीं था। यह तो केवल याक़ूब अलैहिस्सलाम का अपने बेटों के प्रति स्नेह था, जिसे उन्होंने प्रकट कर दिया और उन्हें उसकी वसीयत कर दी। हालाँकि उन्हें खूब पता था कि अल्लाह के फैसले के अलावा कोई फैसला नहीं है। क्योंकि हमने उन्हें तक़दीर (भाग्य) पर ईमान रखने और कारणों को अपनाने की जो शिक्षा दी थे, उसका वह ज्ञान रखते थे। लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं जानते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَخَاهُ قَالَ اِنِّیْۤ اَنَا اَخُوْكَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
जब यूसुफ़ के भाई यूसुफ़ के पास आए, और उनके साथ यूसुफ़ का सगा भाई भी था, तो उन्होंने अपने सगे भाई को अपने साथ कर लिया और चुपके से उससे कहा : मैं तुम्हारा सगा भाई : यूसुफ़ हूँ। अतः उन धृष्ट और अविवेकपूर्ण कार्यों से दुःखी न हो, जो तुम्हारे भाई करते आए हैं, जैसे कष्ट देना, हमसे ईर्ष्या करना और मुझे कुएँ में फेंकना।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الأمر بالاحتياط والحذر ممن أُثِرَ عنه غدرٌ، وقد ورد في الحديث الصحيح: ((لَا يُلْدَغُ المُؤْمِنٌ مِنْ جُحْرٍ وَاحِدٍ مَرَّتَيْنِ))، [أخرجه البخاري ومسلم].
• ऐसे व्यक्ति से सतर्कता और सावधानी अपनाने का आदेश, जिससे विश्वासघात का अनुभव हो, तथा प्रामाणिक हदीस में आया है : ''मोमिन एक ही बिल से दो बार नहीं डंसा जाता।'' (बुख़ारी व मुस्लिम)

• من وجوه الاحتياط التأكد بأخذ المواثيق المؤكدة باليمين، وجواز استحلاف المخوف منه على حفظ الودائع والأمانات.
• एहतियात के पहलुओं में से एक शपथ दिलाकर दृढ़ वचन लेना है, और जिस व्यक्ति के बारे में शंका हो उसे धरोहरों और अमानतों की रक्षा की क़सम खिलाने की वैधता।

• يجوز لطالب اليمين أن يستثني بعض الأمور التي يرى أنها ليست في مقدور من يحلف اليمين.
• क़सम खिलाने वाले के लिए जायज़ है कि कुछ ऐसी चीज़ों को क़सम से अलग कर ले, जिनके बारे में उसे लगे कि वे क़सम खाने वाले के सामर्थ्य से बाहर हैं।

• من الأخذ بالأسباب الاحتياط من المهالك.
• कारणों को अपनाने में से विनाश के स्थानों से सतर्क रहना भी है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: یوسف
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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