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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߕߏ߬ߙߏ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

अत्-तीन

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
امتنان الله على الإنسان باستقامة فطرته وخلقته، وكمال الرسالة الخاتمة.
अल्लाह का मनुष्य पर उसकी प्रकृति और सृष्टि की दृढ़ता (सीधापन), और अंतिम संदेश की पूर्णता के साथ उपकार करना।

وَالتِّیْنِ وَالزَّیْتُوْنِ ۟ۙ
अल्लाह ने अंजीर की एवं ज़ैतून की तथा फिलिस्तीन की भूमि में उनके पैदा होने की जगह की क़सम खाई है, जहाँ ईसा अलैहिस्सलाम भेजे गए थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَطُوْرِ سِیْنِیْنَ ۟ۙ
और सीना (सीनाई) पर्वत की क़सम खाई है, जिसके पास अल्लाह ने अपने नबी मूसा अलैहिस्सलाम से बात की थी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَهٰذَا الْبَلَدِ الْاَمِیْنِ ۟ۙ
तथा उसने बलद-ए-हराम (पवित्र नग) मक्का की क़सम खाई है, जिसमें जो कोई भी प्रवेश करेगा वह सुरक्षित रहेगा, जिसमें मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नबी बनाकर भेजे गए थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ فِیْۤ اَحْسَنِ تَقْوِیْمٍ ۟ؗ
हमने इनसान को सबसे अनुकूल संरचना और सबसे अच्छे रूप में पैदा किया है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ثُمَّ رَدَدْنٰهُ اَسْفَلَ سٰفِلِیْنَ ۟ۙ
पिर हमने उसे दुनिया में बुढ़ापे और सठियाव की ओर लौटा दिया, इसलिए वह अपने शरीर से लाभ नहीं उठा सकता, जैसे कि अगर वह अपना स्वभाव बिगाड़ ले और जहन्नम में चला जाए, तो वह अपने शरीर से लाभ नहीं उठा सकेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَلَهُمْ اَجْرٌ غَیْرُ مَمْنُوْنٍ ۟ؕ
परंतु जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, वे यद्यपि बूढ़े हो जाएँ, उनके लिए हमेशा रहने वाला बदला है, जो कभी खत्म नहीं होगा और वह जन्नत है। क्योंकि उन्होंने अपने स्वभाव को शुद्ध किया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَمَا یُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّیْنِ ۟ؕ
तो (ऐ इनसान!) तुझे कौन-सी चीज़ बदले के दिन को झुठलाने पर उकसाती है, जबकि तूने उसकी शक्ति एवं क्षमता की बहुत-सी निशानियाँ देखी हैं?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلَیْسَ اللّٰهُ بِاَحْكَمِ الْحٰكِمِیْنَ ۟۠
क्या अल्लाह - क़ियामत के दिन को बदले का दिन बनाकर - सब हाकिमों से बड़ा और सबसे अधिक न्याय करनेवाला हाकिम नहीं है?! क्या यह उचित है कि अल्लाह अपने बंदों को उनके बीच फ़ैसला किए बिना व्यर्थ छोड़ दे, और अच्छा कार्य करने वाले को उसके अच्छे कार्य और बुरा कार्य करने वाले को उसकी बुराई का बदला न दे?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• رضا الله هو المقصد الأسمى.
अल्लाह तआला का अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सम्मान करते हुए आपके लिए आपके ज़िक्र को ऊँचा कर देना।

• أهمية القراءة والكتابة في الإسلام.
• अल्लाह की प्रसन्नता ही सर्वोच्च लक्ष्य है।

• خطر الغنى إذا جرّ إلى الكبر والبُعد عن الحق.
• इस्लाम में लिखने-पढ़ने का महत्व।

• النهي عن المعروف صفة من صفات الكفر.
• संपन्नता का खतरा, अगर वह घमंड और सत्य से दूरी की ओर ले जाए।

• إكرام الله تعالى نبيه صلى الله عليه وسلم بأن رفع له ذكره.
• भले काम से रोकना, कुफ़्र की विशेषताओं में से एक है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߕߏ߬ߙߏ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲