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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߓߏ߬ߛߟߌ߬ߟߊ ߟߎ߬   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
اِذْهَبْ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟ؗۖ
अल्लाह ने उनसे जो कुछ कहा, उसमें यह भी था : फ़िरऔन के पास जाओ। उसने अत्याचार और अहंकार की हद पार कर दी है।
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فَقُلْ هَلْ لَّكَ اِلٰۤی اَنْ تَزَكّٰی ۟ۙ
फिर उससे कहो : (ऐ फ़िरऔन) क्या तू कुफ़्र और पापों से पवित्र होना चाहता है?
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وَاَهْدِیَكَ اِلٰی رَبِّكَ فَتَخْشٰی ۟ۚ
और मैं तेरे उस पालनहार की ओर तेरा मार्गदर्शन करूँ, जिसने तुझे पैदा किया और तेरी देखभाल की, तो तू उससे डरने लगे। चुनाँचे तू ऐसे कार्य करने लगे, जो उसे प्रसन्न करते हैं और ऐसे कार्यों से बचे, जो उसे क्रोधित करते हैं?
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فَاَرٰىهُ الْاٰیَةَ الْكُبْرٰی ۟ؗۖ
फिर मूसा अलैहिस्सलाम ने उसे इस बात की बड़ी निशानी दिखाई कि वे अपने पालनहार के रसूल हैं। इस निशानी से अभिप्राय हाथ और छड़ी है।
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فَكَذَّبَ وَعَصٰی ۟ؗۖ
तो फ़िरऔन ने इस निशानी को झुठला दिया और मूसा अलैहिस्सलाम ने उसे जो आदेश दिया था, उसकी अवहेलना की।
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ثُمَّ اَدْبَرَ یَسْعٰی ۟ؗۖ
फिर वह मूसा अलैहिस्सलाम के लाए हुए धर्म पर ईमान लाने से मुँह फेर लिया अल्लाह की अवज्ञा करने और सत्य का विरोध करने में परिश्रम करते हुए।
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فَحَشَرَ ۫— فَنَادٰی ۟ؗۖ
फिर वह मूसा अलैहिस्सलाम को पराजित करने के लिए अपनी जाति के लोगों और अपने अनुयायियों को इकट्ठा किया, चुनाँचे उसने पुकार कर कहा :
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فَقَالَ اَنَا رَبُّكُمُ الْاَعْلٰی ۟ؗۖ
मैं तुम्हारा सबसे ऊँचा पालनहार हूँ। इसलिए तुम पर मेरे अलावा किसी दूसरे की आज्ञाकारिता नहीं है।
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فَاَخَذَهُ اللّٰهُ نَكَالَ الْاٰخِرَةِ وَالْاُوْلٰی ۟ؕ
तो अल्लाह ने उसे पकड़ लिया, चुनाँचे उसे इस दुनिया में समुद्र में डूबने के सज़ा दी और आख़िरत में उसे सबसे गंभीर यातना में डालकर दंडित करेगा।
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اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَعِبْرَةً لِّمَنْ یَّخْشٰی ۟ؕ۠
हमने फ़िरऔन को दुनिया और आख़िरत में जिस रूप में दंडित किया, उसमें अल्लाह से डरने वाले के लिए एक उपदेश है; क्योंकि वही उपदेशों से लाभान्वित होता है।
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ءَاَنْتُمْ اَشَدُّ خَلْقًا اَمِ السَّمَآءُ ؕ— بَنٰىهَا ۟۫
(ऐ मरणोपरांत पुनर्जीवन का इनकार करने वालो) क्या अल्लाह के लिए तुम्हें पैदा करना अधिक कठिन है या आकाश को पैदा करना, जिसे उसने बनाया है?!
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رَفَعَ سَمْكَهَا فَسَوّٰىهَا ۟ۙ
उसने उसके रूप को ऊपर की ओर ऊँचा बनाया और उसे सपाट बना दिया, जिसमें कोई छेद, या दरार, या दोष नहीं है।
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وَاَغْطَشَ لَیْلَهَا وَاَخْرَجَ ضُحٰىهَا ۪۟
और उसकी रात को सूरज के डूबने पर अंधकारमय कर दिया और सूरज के निकलने पर उसकी रोशनी को प्रकट कर दिया।
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وَالْاَرْضَ بَعْدَ ذٰلِكَ دَحٰىهَا ۟ؕ
और आकाश को पैदा करने के बाद धरती को बिछा दिया और उसमें उसके फ़ायदे की चीज़ें रख दीं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَخْرَجَ مِنْهَا مَآءَهَا وَمَرْعٰىهَا ۪۟
उससे बहते (जल) स्रोतों के रूप में उसका पानी निकाला और उसमें ऐसे पौधे उगाए, जो जानवर चरते हैं।
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وَالْجِبَالَ اَرْسٰىهَا ۟ۙ
और पर्वतों को धरती पर मज़बूती से स्थिर कर दिया।
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مَتَاعًا لَّكُمْ وَلِاَنْعَامِكُمْ ۟ؕ
यह सब (ऐ लोगो) तुम्हारे लिए और तुम्हारे मवेशियों के लिए लाभदायक चीज़ें हैं। अतः जिसने यह सब पैदा किया, वह उन्हें नए सिरे से पैदा करने में अक्षम नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِذَا جَآءَتِ الطَّآمَّةُ الْكُبْرٰی ۟ؗۖ
फिर जब सूर में दूसरी बार फूँक मारी जाएगी, जिसकी भयावहता हर चीज़ को घेर लेगी और क़ियामत शुरू हो जाएगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یَوْمَ یَتَذَكَّرُ الْاِنْسَانُ مَا سَعٰی ۟ۙ
जिस दिन क़ियामत आ जाएगी, इनसान अपने किए हुए काम को याद करेगा, चाहे वह अच्छा हो या बुरा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَبُرِّزَتِ الْجَحِیْمُ لِمَنْ یَّرٰی ۟
और जहन्नम को लाया जाएगा और उसे देखने वालों के लिए आँखों के सामने प्रकट कर दिया जाएगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاَمَّا مَنْ طَغٰی ۟ۙ
तो जो व्यक्ति गुमराही में हद को पार कर गया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاٰثَرَ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا ۟ۙ
तथा उसने दुनिया के नश्वर जीवन को आख़िरत के बाकी रहने वाले जीवन पर प्राथमिकता दी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّ الْجَحِیْمَ هِیَ الْمَاْوٰی ۟ؕ
तो जहन्नम ही उसका ठिकाना है, जहाँ वह शरण लेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاَمَّا مَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ وَنَهَی النَّفْسَ عَنِ الْهَوٰی ۟ۙ
41- 42- परंतु जो व्यक्ति अपने पालनहार के सामने खड़ा होने से डर गया और अपने नफ़्स को अल्लाह की हराम की हुई चीज़ का पालन करने से रोक लिया, जिसकी उसका नफ़्स इच्छा करता है, तो जन्नत ही उसका ठिकाना है, जहाँ वह निवास ग्रहण करेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّ الْجَنَّةَ هِیَ الْمَاْوٰی ۟ؕ
41- 42- परंतु जो व्यक्ति अपने पालनहार के सामने खड़ा होने से डर गया और अपने नफ़्स को अल्लाह की हराम की हुई चीज़ का पालन करने से रोक लिया, जिसकी उसका नफ़्स इच्छा करता है, तो जन्नत ही उसका ठिकाना है, जहाँ वह निवास ग्रहण करेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ السَّاعَةِ اَیَّانَ مُرْسٰىهَا ۟ؕ
(ऐ रसूल) ये मरणोपरांत पुनः जीवित होने को झुठलाने वाले लोग आपसे पूछते हैं कि क़ियामत कब आएगी?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فِیْمَ اَنْتَ مِنْ ذِكْرٰىهَا ۟ؕ
आपको इसकी जानकारी नहीं है कि उन्हें बता सकें, और यह आपका काम नहीं है। आपका काम तो उसके लिए तैयारी करना है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلٰی رَبِّكَ مُنْتَهٰىهَا ۟ؕ
क़ियामत के ज्ञान की अंतिमता केवल तुम्हारे पालनहार की ओर है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّمَاۤ اَنْتَ مُنْذِرُ مَنْ یَّخْشٰىهَا ۟ؕ
आप तो केवल उस व्यक्ति को डराने वाले हैं, जो क़ियामत से डरता है; क्योंकि वही है जो आपके डराने से लाभान्वित होता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
كَاَنَّهُمْ یَوْمَ یَرَوْنَهَا لَمْ یَلْبَثُوْۤا اِلَّا عَشِیَّةً اَوْ ضُحٰىهَا ۟۠
जिस दिन वे क़ियामत को अपनी आँखों से देखेंगे, तो (ऐसा समझेंगे) मानो वे अपने सांसारिक जीवन में केवल एक दिन की संध्या या उसकी सुबह ही ठहरे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• وجوب الرفق عند خطاب المدعوّ.
• आमंत्रित व्यक्ति से बात करते समय नरमी बरतने की अनिवार्यता।

• الخوف من الله وكفّ النفس عن الهوى من أسباب دخول الجنة.
• अल्लाह से डरना और नफ़्स को ख़्वाहिश की पैरवी से रोकना, जन्नत में प्रवेश करने के कारणों में से हैं।

• علم الساعة من الغيب الذي لا يعلمه إلا الله.
• क़ियामत के समय का ज्ञान उस ग़ैब (परोक्ष) से है, जिसे केवल अल्लाह ही जानता है।

• بيان الله لتفاصيل خلق السماء والأرض.
• अल्लाह का आकाश और धरती की रचना का विवरण बयान करना।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߓߏ߬ߛߟߌ߬ߟߊ ߟߎ߬
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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