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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߢߐ߲߯ߠߊߓߣߐ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

अत्-तग़ाबुन

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
التحذير مما تحصل به الندامة والغبن يوم القيامة.
उस चीज़ से सावधान करना, जिसके कारण क़ियामत के दिन पछतावा तथा नुक़सान और घाटे का सामना होगा।

یُسَبِّحُ لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ۚ— لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ ؗ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
आकाशों और धरती में मौजूद सभी प्राणी अल्लाह के हर प्रकार की कमी और अपूर्णता के गुणों से पवित्र होने का वर्णन करते हैं, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं हैं। केवल उसी की बादशाहत है, इसलिए उसके सिवा कोई दूसरा बादशाह नहीं है, और उसी के लिए अच्छी प्रशंसा है, तथा वह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है, कोई चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती।
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هُوَ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ فَمِنْكُمْ كَافِرٌ وَّمِنْكُمْ مُّؤْمِنٌ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
वही है, जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हें पैदा किया। फिर तुममें से कोई उसके साथ कुफ़्र करने वाला है और उसका ठिकाना जहन्नम है, तथा तुममें से कोई उसपर ईमान रखने वाला है और उसका ठिकाना जन्नत है। और तुम जो कुछ भी करते हो, अल्लाह उसे खूब जानने वाला है, उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
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خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ وَصَوَّرَكُمْ فَاَحْسَنَ صُوَرَكُمْ ۚ— وَاِلَیْهِ الْمَصِیْرُ ۟
उसने आकाशों और धरती को सत्य के साथ पैदा किया, उन्हें व्यर्थ नहीं बनाया। तथा उसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे रूप बनाए, तो अपने उपकार और अनुग्रह से तुम्हारे रूप अच्छे बनाए। हालाँकि, यदि वह चाहता, तो उन्हें बदसूरत बना देता। और क़ियामत के दिन केवल उसी की ओर लौटकर जाना है। फिर वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला देगा। यदि अच्छा काम है, तो अच्छा बदला और यदि बुरा है, तो बुरा।
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یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَیَعْلَمُ مَا تُسِرُّوْنَ وَمَا تُعْلِنُوْنَ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
वह जानता है जो कुछ आकाशों में है और वह जानता है जो कुछ धरती में है, तथा वह जानता है जो काम तुम छिपाकर करते और वह जानता है जो काम तुम खुल्लम-खुल्ला करते हो। और अल्लाह दिलों के अंदर छिपी भलाई या बुराई को भी जानता है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है।
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اَلَمْ یَاْتِكُمْ نَبَؤُا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَبْلُ ؗ— فَذَاقُوْا وَبَالَ اَمْرِهِمْ وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
क्या तुम्हारे पास (ऐ मुश्रिको) पिछली झुठलाने वाली जातियों, जैसे नूह अलैहिस्सलाम की जाति तथा आद और समूद इत्यादि की खबर नहीं पहुँची है, जिन्होंने इस दुनिया में अपने कुफ़्र की सज़ा का स्वाद चखा और आख़िरत में उनके लिए एक दर्दनाक यातना है?! क्यों नहीं, तुम्हारे पास उनकी खबर आ चुकी है। अतः उनके परिणाम से नसीहत प्राप्त करो और अल्लाह के सामने तौबा कर लो, इससे पहले कि तुम्हारे साथ भी वही कुछ हो, जो उनके साथ हुआ था।
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ذٰلِكَ بِاَنَّهٗ كَانَتْ تَّاْتِیْهِمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَقَالُوْۤا اَبَشَرٌ یَّهْدُوْنَنَا ؗ— فَكَفَرُوْا وَتَوَلَّوْا وَّاسْتَغْنَی اللّٰهُ ؕ— وَاللّٰهُ غَنِیٌّ حَمِیْدٌ ۟
यह यातना उन्हें इस कारण पहुँची कि उनके रसूल उनके पास अल्लाह की ओर से स्पष्ट प्रमाणों और प्रत्यक्ष तर्कों के साथ आते थे, तो उन्होंने रसूल के मानव जाति से होने का खंडन करते हुए कहा : क्या मनुष्य हमें सत्य का मार्गदर्शन करेंगे?!इस तरह उन्होंने इनकार किया और उनपर ईमान लाने से उपेक्षा किया। लेकिन उन्होंने अल्लाह को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया। और अल्लाह ने उनके ईमान और आज्ञाकारिता की परवाह न की, क्योंकि उनकी आज्ञाकारिता उसे किसी चीज़ में बढ़ाती नहीं है। और अल्लाह बेनियाज़ है, अपने बंदों का ज़रूरतमंद नहीं है, अपनी बातों और कार्यों में प्रशंसनीय है।
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زَعَمَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اَنْ لَّنْ یُّبْعَثُوْا ؕ— قُلْ بَلٰی وَرَبِّیْ لَتُبْعَثُنَّ ثُمَّ لَتُنَبَّؤُنَّ بِمَا عَمِلْتُمْ ؕ— وَذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ یَسِیْرٌ ۟
अल्लाह का इनकार करने वालों ने समझ रखा है कि अल्लाह उनकी मृत्यु के बाद उन्हें जीवित करके नहीं उठाएगा। (ऐ रसूल) आप इन पुनर्जीवन का इनकार करने वालों से कह दें : क्यों नहीं, मेरे पालनहार की क़सम, निश्चय तुम क़ियामत के दिन ज़रूर उठाए जाओगे। फिर निश्चय तुम दुनिया में किए हुए कर्मो से अवगत कराए जाओगे। और यह पुनर्जीवित करके उठाना अल्लाह के लिए आसान है। क्योंकि उसने तुम्हें पहली बार पैदा किया है, अतः वह मौत के बाद तुम्हें हिसाब और बदले के लिए पुनः जीवित करके उठाने की भी शक्ति रखता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاٰمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَالنُّوْرِ الَّذِیْۤ اَنْزَلْنَا ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟
तो तुम (ऐ लोगो) अल्लाह पर ईमान ले आओ और उसके रसूल पर ईमान ले आओ, और उस क़ुरआन पर ईमान ले आओ जिसे हमने अपने रसूल पर उतारा है। और अल्लाह तुम्हारे कार्यों से अवगत है। उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है। और वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला देगा।
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یَوْمَ یَجْمَعُكُمْ لِیَوْمِ الْجَمْعِ ذٰلِكَ یَوْمُ التَّغَابُنِ ؕ— وَمَنْ یُّؤْمِنْ بِاللّٰهِ وَیَعْمَلْ صَالِحًا یُّكَفِّرْ عَنْهُ سَیِّاٰتِهٖ وَیُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ؕ— ذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
और (ऐ रसूल!) उस दिन को याद करें, जिस दिन अल्लाह तुम्हें क़ियामत के दिन एकत्रित करेगा, ताकि तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला दे। जिस दिन काफ़िरों की हानि और उनका घाटा सामने आ जाएगा। क्योंकि ईमान वाले जन्नत के अंदर जहन्नमियों के घरों के वारिस बनेंगे, और जहन्नमी जहन्नम के अंदर जन्नतियों के ठिकानों के वारिस होंगे। और जो अल्लाह पर ईमान लाएगा और अच्छे कार्य करेगा, अल्लाह उसकी बुराइयों को मिटा देगा और ऐसी जन्नतों में दाख़िल करेगा, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बह रही होंगी। वे वहाँ हमेशा रहेंगे। न वे कभी वहाँ से निकलेंगे और न कभी उनसे उसकी नेमतें बाधित होंगी। यह जो उन्होंने प्राप्त किया, वही महान सफलता है, जिसकी बराबरी कोई अन्य सफलता नहीं कर सकती।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• من قضاء الله انقسام الناس إلى أشقياء وسعداء.
• अल्लाह के फैसले में से है कि लोग सौभाग्यशाली और दुर्भाग्यशाली में विभाजित हैं।

• من الوسائل المعينة على العمل الصالح تذكر خسارة الناس يوم القيامة.
• अच्छे काम में सहायक साधनों में से एक क़ियामत के दिन लोगों के नुकसान व घाटे को याद करना है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߢߐ߲߯ߠߊߓߣߐ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲