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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߝߊ߬ߓߊ߮   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

ग़ाफ़िर

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
بيان حال المجادلين في آيات الله، والرد عليهم.
अल्लाह की आयतों (निशानियों) के बारे में झगड़ने वालों की स्थिति का वर्णन और उनका उत्तर (खंडन)।

حٰمٓ ۟ۚ
(ह़ा, मीम) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
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تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِیْزِ الْعَلِیْمِ ۟ۙ
क़ुरआन का अवतरण उस अल्लाह की ओर से है, जो सब पर प्रभुत्वशाली है, उसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, वह अपने बंदों के हितों काे भली- भाँति जानने वाला है, यह उसके रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरा है।
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غَافِرِ الذَّنْۢبِ وَقَابِلِ التَّوْبِ شَدِیْدِ الْعِقَابِ ذِی الطَّوْلِ ؕ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— اِلَیْهِ الْمَصِیْرُ ۟
जो पापियो के पापों को क्षमा करने वाला है, अपने तौबा करने वाले बंदों की तौबा कबूल करने वाला है, तौबा न करने वालों को कड़ी सज़ा देने वाला है, उपकार और अनुग्रह करने वाला है। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। केवल उसी की ओर क़ियामत के दिन सारी मख़लूकों को लौटकर जाना है, जिन्हें वह उनके कर्म अनुसार बदला देगा।
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مَا یُجَادِلُ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ اِلَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَلَا یَغْرُرْكَ تَقَلُّبُهُمْ فِی الْبِلَادِ ۟
अल्लाह की आयतों के बारे में, जो उसके एकत्व और उसके रसूलों की सच्चाई प्रस्तुत करती हैं, केवल वही लोग झगड़ते हैं, जो अपनी विवेकहीनता के कारण अल्लाह का इनकार कर बैठे हैं। अतः, आप उनपर ग़म न करें। क्योंकि उन्हें मोहलत ढील देने और धोखे में पड़ने के लिए दी गई है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّالْاَحْزَابُ مِنْ بَعْدِهِمْ ۪— وَهَمَّتْ كُلُّ اُمَّةٍ بِرَسُوْلِهِمْ لِیَاْخُذُوْهُ وَجٰدَلُوْا بِالْبَاطِلِ لِیُدْحِضُوْا بِهِ الْحَقَّ فَاَخَذْتُهُمْ ۫— فَكَیْفَ كَانَ عِقَابِ ۟
इनसे पहले नूह (अलैहिस्सलाम) की जाति ने झुठलाया। तथा उनके बाद भी बहुत-से समुदायों ने झुठलाया। चुनांचे आद समुदाय, समूद समुदाय, लूत अलैहिस्सलाम की जाति और मदयन वालों तथा फ़िरऔन ने झुठलाया। और हर समुदाय के लोगों ने अपने रसूल को पकड़कर मार डालने का इरादा किया। तथा उन्होंने अपने असत्य के ज़रिए सत्य का सफाया करने के लिए बहस की। जिसके नतीजे में हमने इन सारे समुदायों की गिरफ़्त कर ली। अब ज़रा ग़ौर करो कि उनके हक में मेरी यातना कैसी रही। क्योंकि उन्हें जो सज़ा दी गई थी, वह बड़ी सख़्त थी।
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وَكَذٰلِكَ حَقَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ عَلَی الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اَنَّهُمْ اَصْحٰبُ النَّارِ ۟
और जिस तरह अल्लाह ने उन झुठलाने वाली जातियों के विनाश का निर्णय लिया, उसी तरह (ऐ रसूल) आपके पालनहार की बात काफ़िरों पर अनिवार्य हो गई कि वे जहन्नम वाले लोग हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلَّذِیْنَ یَحْمِلُوْنَ الْعَرْشَ وَمَنْ حَوْلَهٗ یُسَبِّحُوْنَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَیُؤْمِنُوْنَ بِهٖ وَیَسْتَغْفِرُوْنَ لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ۚ— رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَیْءٍ رَّحْمَةً وَّعِلْمًا فَاغْفِرْ لِلَّذِیْنَ تَابُوْا وَاتَّبَعُوْا سَبِیْلَكَ وَقِهِمْ عَذَابَ الْجَحِیْمِ ۟
वह फ़रिश्ते जो (ऐ रसूल) आपके पालनहार के अर्श को उठाए हुए हैं, और जो अर्श के चारों ओर हैं, सब अल्लाह की उन चीज़ों से पाकी बयान करते हैं, जो उसके लायक नहीं हैं, और उसपर विश्वास रखते हैं और अल्लाह पर ईमान रखने वालों के हक में माफ़ी की दुआ करते रहते हैं। कहते हैंः ऐ हमारे पालनहार! तेरे ज्ञान तथा तेरी दया ने प्रत्येक चीज़ को घेर रखा है। अतः, उन लोगों को माफ़ कर दे, जो अपने गुनाहों से तौबा कर चुके हैं और तेरे धर्म का पालन कर रहे हैं, तथा उन्हें जहन्नम की आग से सुरक्षित रख।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الجمع بين الترغيب في رحمة الله، والترهيب من شدة عقابه: مسلك حسن.
• अल्लाह की रहमत व दया की तरगीब तथा उसकी सख्त यातना से डराना, दोनों बातें एक साथ हों तो बेहतर है।

• الثناء على الله بتوحيده والتسبيح بحمده أدب من آداب الدعاء.
• अल्लाह के एकत्व के साथ उसकी तारीफ़ करना तथा उसकी प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करना, दुआ के आदाब में से है।

• كرامة المؤمن عند الله؛ حيث سخر له الملائكة يستغفرون له.
• अल्लाह के निकट मोमिन के सम्मान का उल्लेख कि उसने फ़रिश्ते नियुक्त कर रखे हैं, जो मोमिन के लिए क्षमा माँगते रहते हैं।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߝߊ߬ߓߊ߮
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲