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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߐ߬ߖߟߎ߬ߡߊ߬ߣߍ߲ ߠߎ߬   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

अस्-साफ़्फ़ात

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
تنزيه الله عما نسبه إليه المشركون، وإبطال مزاعمهم في الملائكة والجن.
अल्लाह को उस चीज़ से पवित्र ठहराना, जिसकी मुश्रिकों ने उसकी ओर निसबत की है, तथा फ़रिश्तों और जिन्नों के बारे में उनके दावों को ग़लत साबित करना।

وَالصّٰٓفّٰتِ صَفًّا ۟ۙ
मैं उन फ़रिश्तों की क़सम खाता हूँ जो अपनी इबादत में एक दूसरे से मिलकर पंक्तिबद्ध खड़े होते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَالزّٰجِرٰتِ زَجْرًا ۟ۙ
और मैं उन फ़रिश्तों की क़सम खाता हूँ, जो बादलों को डाँटते हैं और उन्हें हाँक कर वहाँ ले जाते हैं, जहाँ अल्लाह उन्हें बरसाना चाहाता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَالتّٰلِیٰتِ ذِكْرًا ۟ۙ
तथा मैं उन फ़रिश्तों की क़सम खाता हूँ, जो अल्लाह की वाणी की तिलावत करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّ اِلٰهَكُمْ لَوَاحِدٌ ۟ؕ
निःसंदेह (ऐ लोगो!) तुम्हारा सत्य पूज्य निश्चय एक ही है, जिसका कोई साझी नहीं और वह अल्लाह है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا وَرَبُّ الْمَشَارِقِ ۟ؕ
वह आकाशों का स्वामी, धरती का स्वामी और उन दोनों के बीच मौजूद सभी चीज़ों का स्वामी है, तथा सूर्य का स्वामी है उसके साल भर उदय होने और यास्त होने के स्थानों में।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا زَیَّنَّا السَّمَآءَ الدُّنْیَا بِزِیْنَةِ ١لْكَوَاكِبِ ۟ۙ
हमने पृथ्वी के निकटतम आकाश को एक सुंदर सजावट के साथ सुशोभित किया है, जो कि वे सितारे हैं जो देखने में चमचमाते रत्नों की तरह हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَحِفْظًا مِّنْ كُلِّ شَیْطٰنٍ مَّارِدٍ ۟ۚ
तथा हमने निचले आकाश को अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकल जाने वाले हर विद्रोही शैतान से सितारों के साथ सुरक्षित किया है। चुनाँचे उसे तारों के द्वारा मारा जाता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَا یَسَّمَّعُوْنَ اِلَی الْمَلَاِ الْاَعْلٰی وَیُقْذَفُوْنَ مِنْ كُلِّ جَانِبٍ ۟
ये शैतान आसमान में मौजूद फ़रिश्तों की बात नहीं सुन सकते, जब वे उस बारे में बात करते हैं जो उनका पालनहार अपने विधान या अपनी नियति से संबंधित उनकी ओर वह़्य करता है, और उन्हें हर तरफ़ से उल्काओं (आग के दहकते हुए अंगारों) के द्वारा मारा जाता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
دُحُوْرًا وَّلَهُمْ عَذَابٌ وَّاصِبٌ ۟ۙ
उन्हें फ़रिश्तों की बात सुनने से भगाने और दूर रखने के लिए। तथा उनके लिए आखिरत में दर्दनाक स्थायी यातना है, जो कभी खत्म नहीं होगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا مَنْ خَطِفَ الْخَطْفَةَ فَاَتْبَعَهٗ شِهَابٌ ثَاقِبٌ ۟
परंतु यह कि कोई शैतान अचानक किसी बात को उचक ले जाए। जो कि वह बात होती है, जिसके विषय में फ़रिश्ते आपस में बातचीत करते हैं और उनके बीच उसकी चर्चा होती है और उसकी जानकारी धरती के लोगों तक नहीं पहुँची होती है। तो ऐसी स्थिति में एक उज्ज्वल उल्का उसका पीछा करता है और उसे जला देता है। कभी तो वह शैतान उल्का के द्वारा जलाए जाने से पहले उस बात को अपने भाइयों तक पहुँचा देता है। फिर वह बात काहिनों तक पहुँच जाती है, जो उसमें सौ झूठ मिला देते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاسْتَفْتِهِمْ اَهُمْ اَشَدُّ خَلْقًا اَمْ مَّنْ خَلَقْنَا ؕ— اِنَّا خَلَقْنٰهُمْ مِّنْ طِیْنٍ لَّازِبٍ ۟
अतः (ऐ मुहम्मद!) मरणोपरांत पुनः उठाए जाने का इनकार करने वाले इन काफ़िरों से पूछें कि क्या वे हमारी पैदा की हुई रचनाओं जैसे आकाशों, धरती और फ़रिश्तों आदि से भी अधिक कठिन रचना वाले, शक्तिशाली शरीर वाले और बड़े-बड़े अंगों वाले हैं? निःसंदेह हमने उन्हें चिपचिपी मिट्टी से पैदा किया है। तो फिर वे मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार कैसे करते हैं, जबकि वे एक कमज़ोर चीज़ अर्थात् चिपकने वाली मिट्टी से पैदा किए गए हैं?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
بَلْ عَجِبْتَ وَیَسْخَرُوْنَ ۪۟
बल्कि (ऐ मुहम्मद!) आपको अल्लाह के सामर्थ्य और उसके अपनी रचना के मामलों का प्रबंधन करने पर आश्चर्य हो रहा है, तथा आपको मुश्रिकों के मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करने पर आश्चर्य होता है, और इन मुश्रिकों का हाल यह है कि वे मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने को झुठलाने की तीव्रता से, उसके बारे में आप जो कुछ कहते हैं, उसका मज़ाक उड़ाते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِذَا ذُكِّرُوْا لَا یَذْكُرُوْنَ ۪۟
और जब इन बहुदेववादियों को कोई उपदेश दिया जाता है, तो वे अपने दिलों की कठोरता के कारण उससे उपदेश ग्रहण नहीं करते और उससे लाभ नहीं उठाते।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِذَا رَاَوْا اٰیَةً یَّسْتَسْخِرُوْنَ ۪۟
और जब वे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की कोई निशानी देखते हैं, जो आपके सच्चे होने को दर्शाती है, तो उसका खूब मज़ाक़ उड़ाते हैं और उस पर आश्चर्य प्रकट करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَقَالُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚۖ
तथा वे कहते हैं : मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जो कुछ लेकर आए हैं, वह स्पष्ट जादू के अलावा कुछ नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟ۙ
क्या जब हम मर गए और मिट्टी तथा सड़ी-गली हड्डियाँ हो गए, तो क्या उसके बाद भी हम पुनर्जीवित करके अवश्य उठाए जाएँगे?! इसकी संभावना तो नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَوَاٰبَآؤُنَا الْاَوَّلُوْنَ ۟ؕ
और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी दोबारा उठाए जाएँगे, जो हमसे पहले मर चुके हैं?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قُلْ نَعَمْ وَاَنْتُمْ دَاخِرُوْنَ ۟ۚ
(ऐ मुहम्मद!) आप उन्हें जवाब देते हुए कह दीजिए : हाँ, तुम मिट्टी और सड़ी-गली हड्डियाँ होने के बाद भी उठाए जाओगे और तुम्हारे पहले बाप-दादा भी उठाए जाएँगे। तुम सभी को इस हाल में उठाया जाएगा कि तुम तुच्छ और अपमानित होगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّمَا هِیَ زَجْرَةٌ وَّاحِدَةٌ فَاِذَا هُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟
वह तो मात्र सूर (नरसिंघा) में मारी जाने वाली एक फूँक (दूसरी फूँक) होगी, तो अचानक वे सभी लोग क़ियामत के दिन के भयावह दृृश्यों को देख रहे होंगे और इस बात की प्रतीक्षा कर रहे होंगे कि अल्लाह उनके साथ क्या करने वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَقَالُوْا یٰوَیْلَنَا هٰذَا یَوْمُ الدِّیْنِ ۟
तथा मरणोपरांत पुनर्जीवन को झुठलाने वाले अनेकेश्वरवादी कहेंगे : हाय हमारा विनाश! यह तो बदले का दिन है, जिसमें अल्लाह अपने बंदों को उनके दुनिया के जीवन में किए हुए कार्यों का बदला देगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
هٰذَا یَوْمُ الْفَصْلِ الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تُكَذِّبُوْنَ ۟۠
तो उनसे कहा जाएगा : यह बंदों के बीच निर्णय का वही दिन है, जिसका तुम दुनिया में इनकार किया करते थे और उसे झुठलाया करते थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اُحْشُرُوا الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا وَاَزْوَاجَهُمْ وَمَا كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
22 -23 - उस दिन फ़रिश्तों से कहा जाएगा : उन बहुदेववादियों को इकट्ठा करो, जो शिर्क के द्वारा अपने आप पर ज़ुल्म करने वाले हैं, उन्हें तथा उनके जैसे अन्य शिर्क करने वालों और झुठलाने में उनका साथ देने वालों को, तथा उन मूर्तियों को भी, जिनकी वे अल्लाह को छोड़कर पूजा किया करते थे। फिर उन्हें जहन्नम का रास्ता दिखा दो और उसकी ओर हाँककर ले जाओ। क्योंकि वही उनका ठिकाना है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ فَاهْدُوْهُمْ اِلٰی صِرَاطِ الْجَحِیْمِ ۟
22 -23 - उस दिन फ़रिश्तों से कहा जाएगा : उन बहुदेववादियों को इकट्ठा करो, जो शिर्क के द्वारा अपने आप पर ज़ुल्म करने वाले हैं, उन्हें तथा उनके जैसे अन्य शिर्क करने वालों और झुठलाने में उनका साथ देने वालों को, तथा उन मूर्तियों को भी, जिनकी वे अल्लाह को छोड़कर पूजा किया करते थे। फिर उन्हें जहन्नम का रास्ता दिखा दो और उसकी ओर हाँककर ले जाओ। क्योंकि वही उनका ठिकाना है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَقِفُوْهُمْ اِنَّهُمْ مَّسْـُٔوْلُوْنَ ۟ۙ
और उन्हें जहन्नम में दाखिल करने से पहले हिसाब के लिए रोको। क्योंकि उनसे पूछताछ की जानी है। फिर उसके बाद उन्हें जहन्नम की ओर हाँककर ले जाओ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• تزيين السماء الدنيا بالكواكب لمنافع؛ منها: تحصيل الزينة، والحفظ من الشيطان المارد.
• निचले आकाश को तारों से सजाने के कई लाभ हैं, जिनमें आकाश की शोभा और सरकश शैतान से सरंक्षण शामिल है।

• إثبات الصراط؛ وهو جسر ممدود على متن جهنم يعبره أهل الجنة، وتزل به أقدام أهل النار.
• 'सिरात' का सबूत। यह जहन्नम के ऊपर बना हुआ एक पुल है, जिसे जन्नती लोग पार कर जाएँगे और जहन्नमियों के पाँव उससे फिसल जाएँगे।

مَا لَكُمْ لَا تَنَاصَرُوْنَ ۟
उन्हें फटकारते हुए कहा जाएगा : तुम्हें क्या हो गया कि तुम एक-दूसरे की मदद नहीं करते, जिस तरह कि तुम दुनिया में एक-दूसरे की मदद किया करते थे और यह दावा करते थे कि तुम्हारी मूर्तियाँ तुम्हारी मदद करेंगी?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
بَلْ هُمُ الْیَوْمَ مُسْتَسْلِمُوْنَ ۟
बल्कि, आज वे अल्लाह के आदेश के प्रति आज्ञाकारी और विनीत हैं। वे अपनी लाचारी और उपाय की कमी के कारण एक-दूसरे का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ یَّتَسَآءَلُوْنَ ۟
और वे एक-दूसरे को संबोधित करके आपस में बुरा-भला कहेंगे और झगड़ा करेंगे, जबकि उस दिन एक-दूसरे को बुरा-भला कहने और आपस में झगड़ा करने से कुछ लाभ नहीं होगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوْۤا اِنَّكُمْ كُنْتُمْ تَاْتُوْنَنَا عَنِ الْیَمِیْنِ ۟
उस दिन अनुयायी उन लोगों से जिनका वे अनुसरण किया करते थे, कहेंगे : (ऐ हमारे प्रमुखो!) तुम हमारे पास धर्म और सत्य का चोला पहनकर आते थे और हमारे लिए अल्लाह के साथ कुफ़्र एवं शिर्क और पाप करने को सुंदर बनाकर पेश करते थे और हमें उस सत्य से घृणित कर देते थे, जो रसूलगण अल्लाह के पास से लाए थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوْا بَلْ لَّمْ تَكُوْنُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
जिन लोगों का अनुसरण किया गया था, वे अनुसरण करने वालों से कहेंगे : मामला ऐसा नहीं है - जैसा तुमने दावा किया है - सच्चाई यह है कि तुम कुफ़्र पर थे, तुम ईमान लाने वाले नहीं थे। बल्कि, तुम इनकार करने वाले थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَمَا كَانَ لَنَا عَلَیْكُمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ ۚ— بَلْ كُنْتُمْ قَوْمًا طٰغِیْنَ ۟
ऐ अनुयायियो! हमारा तुम पर कोई ज़ोर नहीं चलता था कि हम तुम्हें कुफ़्र, शिर्क और गुनाह की राह में ज़बरदस्ती डाल देते। बल्कि तुम खुद ही कुफ़्र और गुमराही में सीमा पार करने वाले थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَحَقَّ عَلَیْنَا قَوْلُ رَبِّنَاۤ ۖۗ— اِنَّا لَذَآىِٕقُوْنَ ۟
तो हम पर और तुम पर अल्लाह का वह वादा सिद्ध हो गया, जो उसने अपने इस कथन में किया था : ﴾لأَمْلأَنَّ جَهَنَّمَ مِنْكَ وَمِمَّنْ تَبِعَكَ مِنْهُمْ أَجْمَعِينَ﴿ ''निश्चय मैं जहन्नम को तुझसे और उन तमाम लोगों से भर दूँगा, जो उनमें से तेरा अनुसरण करेंगे।'' [सूरत साद : 85] अतः हम - अनिवार्य रूप से - वह यातना चखनने वाले हैं, जिसका हमारे पालनहार ने वादा किया था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاَغْوَیْنٰكُمْ اِنَّا كُنَّا غٰوِیْنَ ۟
इसलिए हमने तुम्हें गुमराही और कुफ़्र की ओर बुलाया। क्योंकि हम ख़ुद हिदायत की राह से भटके हुए थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّهُمْ یَوْمَىِٕذٍ فِی الْعَذَابِ مُشْتَرِكُوْنَ ۟
क़ियामत के दिन अनुसरण करने वाले और जिनका वे अनुसरण करते थे, सब के सब यातना में सहभागी होंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِیْنَ ۟
वास्तव में, जैसा हमने इन लोगों के साथ किया है कि उन्हें यातना चखाई है, वैसे ही हम दूसरे अपराधियों के साथ भी करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهُمْ كَانُوْۤا اِذَا قِیْلَ لَهُمْ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ یَسْتَكْبِرُوْنَ ۟ۙ
इन मुश्रिकों से जब दुनिया में कहा जाता था कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य नहीं, ताकि उसकी अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करें और उसके विपरीत चीज़ों को छोड़ दें, तो वे सत्य से अभिमान और घमंड करते हुए उसे क़बूल करने और मानने से इनकार कर देते थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَیَقُوْلُوْنَ اَىِٕنَّا لَتَارِكُوْۤا اٰلِهَتِنَا لِشَاعِرٍ مَّجْنُوْنٍ ۟ؕ
और वे अपने कुफ़्र के लिए तर्क देते हुए कहते थे : क्या हम अपने देवताओं की पूजा एक दीवाने कवि के कहने पर छोड़ दें?! ऐसा कहने से उनका तात्पर्य अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
بَلْ جَآءَ بِالْحَقِّ وَصَدَّقَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
वास्तव में, उन्होंने बहुत बड़ा झूठा आरोप लगाया है। क्योंकि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम दीवाने या कवि नहीं थे। बल्कि आप वह क़ुरआन लेकर आए हैं, जो अल्लाह को एक मानने (एकेश्वरवाद) और उसके रसूल का अनुसरण करने का आह्वान करता है। तथा रसूलगण अल्लाह के पास से जो तौहीद (एकेश्वरवाद) और आख़िरत का प्रमाण लेकर आए थे, उसमें उनकी पुष्टि की है और किसी भी चीज़ में उनका विरोध नहीं किया है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّكُمْ لَذَآىِٕقُوا الْعَذَابِ الْاَلِیْمِ ۟ۚ
(ऐ मुश्रिको!) तुम निश्चय अपने कुफ़्र और रसूलों को झुठलाने के कारण क़ियामत के दिन दर्दनाक यातना चखने वाले हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَمَا تُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟ۙ
(ऐ मुश्रिको!) तुम्हें केवल उसी का बदला दिया जाएगा, जो तुम दुनिया में अल्लाह के साथ कुफ़्र और गुनाह के कार्य किया करते थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
लेकिन अल्लाह के वे मोमिन बंदे, जिन्हें अल्लाह ने अपनी इबादत के लिए ख़ालिस (विशुद्ध) कर लिया है और उन्होंने खालिस अल्लाह की इबादत की है, वे इस यातना से छुटकारा पाने वाले हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ رِزْقٌ مَّعْلُوْمٌ ۟ۙ
उन ख़ालिस (विशुद्ध) किए हुए बंदों के लिए अल्लाह की ओर से प्रदान की हुई रोज़ी है, जिसका पाकीज़ा, अच्छा और स्थायी होना सर्वज्ञात है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَوَاكِهُ ۚ— وَهُمْ مُّكْرَمُوْنَ ۟ۙ
वह जीविका विभिन्न प्रकार के फल हैं, जो उन सबसे अच्छी चीज़ों में से होंगे जो वे खाना चाहेंगे हैं और जिसकी वे इच्छा करेंगे। इससे बढ़कर, वे दर्जों की बुलंदी और अल्लाह के सम्मानित चेहरे को देखने की प्रतिष्ठा से सम्मानित किए गए होंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فِیْ جَنّٰتِ النَّعِیْمِ ۟ۙ
यह सब उन्हें स्थायी एवं निरंतर नेमत के बागों में प्राप्त होगा, जो न कभी बाधित होगी और न समाप्त होगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
عَلٰی سُرُرٍ مُّتَقٰبِلِیْنَ ۟
वे तख़्तों पर आमने-सामने बैठे होंगे और एक-दूसरे को देख रहे होंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یُطَافُ عَلَیْهِمْ بِكَاْسٍ مِّنْ مَّعِیْنٍ ۟ۙ
उनपर ऐसी शराब के प्याले फिराए जाएँगे, जो बहते पानी की तरह साफ़ होगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
بَیْضَآءَ لَذَّةٍ لِّلشّٰرِبِیْنَ ۟ۚ
उसका रंग सफ़ेद होगा। जो उसे पिएगा, भरपूर आनंद उठाएगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَا فِیْهَا غَوْلٌ وَّلَا هُمْ عَنْهَا یُنْزَفُوْنَ ۟
वह दुनिया की शराब की तरह नहीं होगी। चुनाँचे उसमें ऐसा नशा नहीं होगा जो आदमी को मदहोश कर दे। तथा उसका सेवन करने वाले के सिर में दर्द नहीं होगा। बल्कि उसके पीने वाले का शरीर और उसकी बुद्धि सलामत रहेगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ عِیْنٌ ۟ۙ
और उनके पास जन्नत में पवित्र औरतें होंगी, जिनकी नज़रें उनके पतियों के सिवा किसी की ओर नहीं उठेंगी, तथा सुंदर आँखों वाली होंगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
كَاَنَّهُنَّ بَیْضٌ مَّكْنُوْنٌ ۟
मानो वे पीलापन लिए हुए अपने रंगों की सफेदी में पक्षी का संरक्षित अंडा हों, जिसे हाथों ने न छुआ हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ یَّتَسَآءَلُوْنَ ۟
फिर कुछ जन्नती दूसरे जन्नतियों से उनके अतीत और दुनिया में उनके साथ पेश आने वाले हालात के बारे में पूछेंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ قَآىِٕلٌ مِّنْهُمْ اِنِّیْ كَانَ لِیْ قَرِیْنٌ ۟ۙ
इन ईमान वालों में से एक कहने वाला कहेगा : दुनिया में मेरा एक साथी था, जो दोबारा जीवित होकर उठने का इनकार करता था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• سبب عذاب الكافرين: العمل المنكر؛ وهو الشرك والمعاصي.
• काफ़िरों की यातना का कारण : गलत कार्य है और वह बहुदेववाद और पाप है।

• من نعيم أهل الجنة أنهم نعموا باجتماع بعضهم مع بعض، ومقابلة بعضهم مع بعض، وهذا من كمال السرور.
• जन्नतियों को प्राप्त होने वाली नेमतों में से एक उनका एक-दूसरे से मिलना और एक-दूसरे के आमने-सामने बैठना है। और यह एक पूर्ण खुशी है।

یَّقُوْلُ ءَاِنَّكَ لَمِنَ الْمُصَدِّقِیْنَ ۟
वह मुझसे इनकार करते हुए और व्यंग्यात्मक रूप से कहा करता था : क्या - ऐ मेरे दोस्त - तू भी उन लोगों में से है जो मृतकों के फिर से जीवित किए जाने में विश्वास करते हैं?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَدِیْنُوْنَ ۟
क्या जब हम मर गए और हम सड़ी-गली हड्डियाँ हो गए, तो क्या हम अवश्य दोबारा उठाए जाएँगे और हमें हमारे दुनिया में किए हुए कार्यों का बदला दिया जाएगा?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ هَلْ اَنْتُمْ مُّطَّلِعُوْنَ ۟
उसका ईमान वाला साथी अपने जन्नती दोस्तों से कहेगा : मेरे साथ झाँको, ताकि हम उस साथी का अंजाम देखें, जो मरने के बाद दोबारा उठाए जाने का इनकार किया करता था?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاطَّلَعَ فَرَاٰهُ فِیْ سَوَآءِ الْجَحِیْمِ ۟
चुनाँचे वह झांककर देखेगा, तो अपने साथी को जहन्नम के बीचों-बीच देखेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ تَاللّٰهِ اِنْ كِدْتَّ لَتُرْدِیْنِ ۟ۙ
वह कहेगा : अल्लाह की क़सम! (ऐ साथी!) तू क़रीब था कि मुझे कुफ़्र और मरने के बाद दोबारा जीवित होकर उठने के इनकार की ओर बुलाकर मुझे जहन्नम में दाख़िल करके, नष्ट कर देता।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّیْ لَكُنْتُ مِنَ الْمُحْضَرِیْنَ ۟
अगर अल्लाह ने ईमान के लिए मार्गदर्शन और उसका सामर्थ्य प्रदान करके मुझपर उपकार न किया होता, तो मैं भी तेरी तरह यातना में उपस्थित किए गए लोगों में शामिल होता।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَفَمَا نَحْنُ بِمَیِّتِیْنَ ۟ۙ
तो हम (जन्नत वाले) कभी मरने वाले नहीं हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا مَوْتَتَنَا الْاُوْلٰی وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِیْنَ ۟
दुनिया के जीवन में हमारी पहली मौत के अलावा। बल्कि हम जन्नत में हमेशा के लिए रहेंगे। तथा हमे काफ़िरों की तरह कोई यातना नहीं दी जाएगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
यह बदला जो हमारे पालनहार ने हमें दिया है (अर्थात् जन्नत में प्रवेश करना, उसमें हमेशा के लिए रहना और नरक की आग से सुरक्षित रहना) बहुत बड़ी सफलता है, जिसके बराबर कोई सफलता नहीं हो सकती।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لِمِثْلِ هٰذَا فَلْیَعْمَلِ الْعٰمِلُوْنَ ۟
इसी जैसे बड़े बदले के लिए कार्य करने वालों को कार्य करना चाहिए। क्योंकि यही लाभदायक व्यापार है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَذٰلِكَ خَیْرٌ نُّزُلًا اَمْ شَجَرَةُ الزَّقُّوْمِ ۟
क्या यह उल्लेख की गई नेमत जिसे अल्लाह ने अपने उन बंदों के लिए तैयार कर रखी है, जिन्हें अपने आज्ञापालन के लिए विशिष्ट कर लिया है, अधिक अच्छी और बेहतर स्थिति एवं गरिमा वाली है, या क़ुरआन में शापित ज़क़्क़ूम (थोहड़) का पेड़, जो कि काफ़िरों का भोजन है, जो न मोटा करेगा और न भूख मिटाएगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا جَعَلْنٰهَا فِتْنَةً لِّلظّٰلِمِیْنَ ۟
हमने इस पेड़ को एक परीक्षा बनाया है, जिसके द्वारा उन लोगों को परीक्षा में डाला जाता है, जो कुफ़्र और गुनाहों के द्वारा अत्याचार करने वाले हैं। जैसा कि उन्होंने कहा : आग पेड़ों को खा जाती है; इसलिए यह संभव नहीं है कि आग में पेड़ उगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهَا شَجَرَةٌ تَخْرُجُ فِیْۤ اَصْلِ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
थोहड़ का पेड़ गंदी जगह में उगने वाला पेड़ है। चुनाँचे वह जहन्नम के तल में उगता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
طَلْعُهَا كَاَنَّهٗ رُءُوْسُ الشَّیٰطِیْنِ ۟
इसका जो फल निकलता है, वह देखने में बद्सूरत होता है, मानो वह शैतानों का सिर हो, और दृष्टि की कुरूपता अंतरमन की कुरूपता का प्रमाण है। और इसका अर्थ यह है कि इसके फल का स्वाद बहुत खराब है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّهُمْ لَاٰكِلُوْنَ مِنْهَا فَمَالِـُٔوْنَ مِنْهَا الْبُطُوْنَ ۟ؕ
काफ़िर लोग निश्चय उसका कड़वा, बदसूरत फल खाएँगे और उससे अपने खाली पेट भरेंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ثُمَّ اِنَّ لَهُمْ عَلَیْهَا لَشَوْبًا مِّنْ حَمِیْمٍ ۟ۚ
फिर उन्हें उन फलों को खाने के बाद पीने के लिए जो चीज़ दी जाएगी, वह एक बदसूरत, गर्म मिश्रण होगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ثُمَّ اِنَّ مَرْجِعَهُمْ لَاۡاِلَی الْجَحِیْمِ ۟
फिर उसके बाद उन्हें जहन्नम की यातना की ओर लौटाया जाएगा। चुनाँचे वे एक यातना से दूसरी यातना की ओर स्थानांतरित होते रहेंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهُمْ اَلْفَوْا اٰبَآءَهُمْ ضَآلِّیْنَ ۟ۙ
इन काफ़िरों ने अपने बाप-दादा को हिदायत के रास्ते से भटका हुआ पाया, और उनकी देखा-देखी उन्हीं के रास्ते पर चल पड़े। उन्होंने प्रमाण से कोई सरोकार नहीं रखा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَهُمْ عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ یُهْرَعُوْنَ ۟
तो वे गुमराही में अपने बाप-दादों के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए दौड़े चले जा रहे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَقَدْ ضَلَّ قَبْلَهُمْ اَكْثَرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ
निश्चय इनसे पहले भी अगले लोगों में से अधिकांश लोग गुमराह हुए हैं। सो (ऐ रसूल!) आपकी जाति के लोग गुमराह होने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا فِیْهِمْ مُّنْذِرِیْنَ ۟
तथा हमने उन पहले समुदायों में भी रसूल भेजे, जो उन्हें अल्लाह की यातना से डराते थे, परंतु उन्होंने इनकार कर दिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟ۙ
तो (ऐ रसूल!) देखो कि उन लोगों का अंत कैसे हुआ, जिन्हें उनके रसूलों ने डराया, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी। निःसंदेह उनका अंजाम हमेशा के लिए जहन्नम में प्रवेश करना था। यह सब उनके कुफ़्र करने और रसूलों को झुठलाने के कारण हुआ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟۠
परंतु जिन्हें अल्लाह ने अपने ऊपर ईमान लाने के लिए चुन लिया है, तो वे उस यातना से मुक्ति पाने वाले हैं, जो उन झुठलाने वाले काफ़िरों का परिणाम हुआ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَقَدْ نَادٰىنَا نُوْحٌ فَلَنِعْمَ الْمُجِیْبُوْنَ ۟ؗۖ
और हमारे नबी नूह अलैहिस्सलाम ने हमें पुकारा, जब उन्होंने अपनी झुठलाने वाली जाति के ख़िलाफ बद्दुआ की। तो निश्चय हम अच्छे दुआ स्वीकार करने वाले हैं। चुनाँचे हमने उनके विरुद्ध उनकी बद्दुआ को स्वीकार करने में जल्दी की।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَنَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ؗۖ
हमने उसे, उसके घर वालों और उसके साथ के ईमान वालों को उसकी जाति के कष्ट से तथा उस भयानक बाढ़ में डूबने से बचा लिया, जो उसकी जाति के काफ़िरो पर भेजा गई थी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الظفر بنعيم الجنان هو الفوز الأعظم، ولمثل هذا العطاء والفضل ينبغي أن يعمل العاملون.
• जन्नत की नेमतों की प्राप्ति ही सबसे बड़ी सफलता है। और इसी तरह की सफलता की प्राप्ति के लिए काम करने वालों को काम करना चाहिए।

• إن طعام أهل النار هو الزقّوم ذو الثمر المرّ الكريه الطعم والرائحة، العسير البلع، المؤلم الأكل.
• जहन्नमियों का भोजन थोहड़ का वृक्ष है, जो एक कड़वा फल है, जिसका स्वाद और गंध बहुत खराब, निगलने में मुश्किल, और खाने में दर्ददायक है।

• أجاب الله تعالى دعاء نوح عليه السلام بإهلاك قومه، والله نعم المقصود المجيب.
• अल्लाह ने नूह अलैहिस्सलाम की दुआ सुन ली, जो उन्होंने अपने समुदाय के विनाश के लिए की थी। अल्लाह बेहतर मक़सूद (उद्दिष्ट) और बेहतर क़बूल करने वाला है।

وَجَعَلْنَا ذُرِّیَّتَهٗ هُمُ الْبٰقِیْنَ ۟ؗۖ
और हमने केवल उनके घर वालों और उनके मोमिन अनुयायियों को बचाया। और उनके सिवा उनकी जाति के काफ़िर लोगों को डुबो दिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ؗۖ
और हमने बाद में आने वाले समुदायों में उनकी अच्छी प्रशंसा बाकी रखी, जिसके साथ लोग उनकी प्रशंसा करते रहेंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سَلٰمٌ عَلٰی نُوْحٍ فِی الْعٰلَمِیْنَ ۟
नूह़ अलैहिस्सलाम के लिए इस बात से सुरक्षा और सलामती है कि बाद में आने वाली जातियों के लोग उनके बारे में कोई बुरी बात कहें। बल्कि सदा उनके लिए प्रशंसा और अच्छा स्मरण ही बाक़ी रहेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
यह बदला जो हमने नूह अलैहिस्सलाम को दिया, इसी तरह का बदला हम उन लोगों को देते हैं, जो बेहतर तौर पर केवल अल्लाह की इबादत करते और उसका आज्ञापालन करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय नूह़ अलैहिस्सलाम हमारे मोमिन और अल्लाह का आज्ञापालन करने वाले बंदों में से थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ثُمَّ اَغْرَقْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟
फिर हमने बाकी लोगों को उस तूफान (बाढ़) में डुबो दिया, जिसे हमने उनपर भेजा था और परिणामस्वरूप उनमें से कोई भी बाकी नहीं बचा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّ مِنْ شِیْعَتِهٖ لَاِبْرٰهِیْمَ ۟ۘ
और इबराहीम अलैहिस्सलाम भी उन्हीं के धर्म पर चलने वाले उन लोगों में से थे, जो अल्लाह की तौह़ीद (एकेश्वरवाद) की ओर बुलाने में उनके साथ सहमत थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِذْ جَآءَ رَبَّهٗ بِقَلْبٍ سَلِیْمٍ ۟
उस समय को याद करें, जब वह अपने रब के पास शिर्क से पाक और अल्लाह के लिए उसकी मखलूक़ का भला चाहने वाला दिल लेकर आए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖ مَاذَا تَعْبُدُوْنَ ۟ۚ
जिस समय उन्होंने अपने पिता तथा अपनी जाति के बहुदेववादियों से उन्हें फटकार लगाते हुए कहा : तुम अल्लाह के सिवा किस चीज़ की पूजा करते हो?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَىِٕفْكًا اٰلِهَةً دُوْنَ اللّٰهِ تُرِیْدُوْنَ ۟ؕ
क्या अल्लाह को छोड़कर अपने झूठे पूज्यों की इबादत करते हो?
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَمَا ظَنُّكُمْ بِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
(ऐ मेरी जाति के लोगो!) सर्व संसार के पालनहार के विषय में तुम्हारा क्या गुमान है, जब तुम उससे उसके अलावा किसी और की पूजा करते हुए मिलोगे?! तुम ही बताओ कि वह तुम्हारे साथ क्या करेगा?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَنَظَرَ نَظْرَةً فِی النُّجُوْمِ ۟ۙ
तो इबराहीम (अलैहिस्सलाम) ने एक दृष्टि तारों पर डाली, जबकि वह अपनी जाति के लोगों के साथ बाहर जाने से छुटकारा पाने के लिए उपाय कर रहे थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَقَالَ اِنِّیْ سَقِیْمٌ ۟
तो उसने अपनी जाति के लोगों के साथ उनके त्योहार में जाने से बहाना बनाते हुए कहा : मैं बीमार हूँ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَتَوَلَّوْا عَنْهُ مُدْبِرِیْنَ ۟
तो उन्होंने उसे अपने पीछे छोड़ दिया और चले गए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَرَاغَ اِلٰۤی اٰلِهَتِهِمْ فَقَالَ اَلَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۚ
फिर वह उनके उन बुतों की ओर गए, जिनकी वे अल्लाह को छोड़कर पूजा करते थे। चुनाँचे उनके बुतों का मज़ाक़ उड़ाते हुए बोले : क्या तुम उस भोजन से नहीं खाते जो बहुदेववादी तुम्हारे लिए बनाते हैं?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
مَا لَكُمْ لَا تَنْطِقُوْنَ ۟
तुम्हें क्या हुआ कि तुम बोलते नहीं, और जो तुमसे पूछता है उसे कोई जवाब नहीं देते ?! क्या ऐसे की अल्लाह को छोड़कर पूजा की जानी चाहिए?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَرَاغَ عَلَیْهِمْ ضَرْبًا بِالْیَمِیْنِ ۟
फिर इबराहीम अलैहिस्सलाम उन्हें अपने दाहिने हाथ से मारते हुए उनपर पिल पड़े, ताकि उन्हें तोड़ दें।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاَقْبَلُوْۤا اِلَیْهِ یَزِفُّوْنَ ۟
फिर इन बुतों को पूजने वाले तेज़ी से दौड़ते हुए इबराहीम अलैहिस्सलाम के पास आए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ اَتَعْبُدُوْنَ مَا تَنْحِتُوْنَ ۟ۙ
तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने स्थिरता से उनका सामना किया और उन्हें फटकारते हुए कहा : क्या तुम अल्लाह को छोड़कर ऐसे बुतों की पूजा करते हो, जिन्हें अपने हाथों से तराशते हो?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاللّٰهُ خَلَقَكُمْ وَمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
जबकि अल्लाह ही ने तुम्हें पैदा किया तथा तुम्हारे कार्यों को पैदा किया, और तुम्हारे कार्यों में से ये मूर्तियाँ भी हैं। अतः अल्लाह ही इस बात का हक़दार है कि एकमात्र उसी की इबादत की जाए और उसके साथ किसी दूसरे को साझी न बनाया जाए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوا ابْنُوْا لَهٗ بُنْیَانًا فَاَلْقُوْهُ فِی الْجَحِیْمِ ۟
जब वे उससे वाद-विवाद करने में असमर्थ हो गए, तो उन्होंने बल प्रयोग किया। चुनाँचे उन्होंने आपस में परामर्श किया कि वे इब्राहीम के साथ क्या करें। उन्होंने कहा : इसके लिए एक इमारत बनाओ, उसे लकड़ी से भरकर आग लगाओ और जब वह खूब भड़क उठे, तो इसे उसमें फेंक दो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاَرَادُوْا بِهٖ كَیْدًا فَجَعَلْنٰهُمُ الْاَسْفَلِیْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम की जाति के लोगों ने उनके साथ उन्हें विनष्ट करने का बुरा इरादा किया, ताकि उनसे आराम पा जाएँ, तो हमने आग को इबराहीम अलैहिस्सलाम के लिए ठंडी और सलामती वाली बनाकर उन्हीं लोगों को असफल (हानि उठाने वाला) बना दिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَقَالَ اِنِّیْ ذَاهِبٌ اِلٰی رَبِّیْ سَیَهْدِیْنِ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने कहा : मैं अपनी जाति के देश को छोड़कर अपने पालनहार की ओर हिजरत करने वाला हूँ, ताकि उसकी इबादत कर सकूँ। मेरा पालनहार मुझे वह रास्ता दिखाएगा, जिसमें मेरे लिए दुनिया और आखिरत की भलाई है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
رَبِّ هَبْ لِیْ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
ऐ मेरे पालनहार! मुझे एक नेक पुत्र प्रदान कर, जो परदेस में मेरा सहायक और मेरी जाति के लोगों का एवज़ (प्रतिकार) हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَبَشَّرْنٰهُ بِغُلٰمٍ حَلِیْمٍ ۟
तो हमने उनकी दुआ क़बूल की और उन्हें ऐसी सूचना दी, जिससे उनका दिल प्रसन्न हो जाए। हमने उन्हें एक लड़के की खुशख़बरी दी, जो बड़ा होकर सहनशील बनेगा। यह लड़का इसमाईल अलैहिस्सलाम हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْیَ قَالَ یٰبُنَیَّ اِنِّیْۤ اَرٰی فِی الْمَنَامِ اَنِّیْۤ اَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَاذَا تَرٰی ؕ— قَالَ یٰۤاَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ ؗ— سَتَجِدُنِیْۤ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ مِنَ الصّٰبِرِیْنَ ۟
जब इसमाईल जवान हो गए और अपने पिता के साथ दौड़-धूप करने के योग्य हो गाए, तो उनके पिता इबराहीम अलैहिस्सलाम ने एक सपना देखा। याद रहे कि नबियों का सपना वह़्य (प्रकाशना) होता है। इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे इसमाईल अलैहिस्सलाम को इस सपने के आशय के बारे में सूचित करते हुए कहा : ऐ मेरे प्यारे बेटे! मैंने सपने में देखा है कि मैं तुझे ज़बह कर रहा हूँ। तो अब देख, इस बारे में तेरा क्या खयाल है? इसमाईल अलैहिस्सलाम ने अपने पिता को उत्तर दिया : ऐ मेरे पिता! अल्लाह ने आपको मुझे ज़बह करने का जो आदेश दिया है, उसे कर डालिए। अगर अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवानों और अल्लाह के निर्णय से संतुष्ट होने वालों में से पाएँगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• من مظاهر الإنعام على نوح: نجاة نوح ومن آمن معه، وجعل ذريته أصول البشر والأعراق والأجناس، وإبقاء الذكر الجميل والثناء الحسن.
• नूह अलैहिस्सलाम पर अल्लाह के अनुग्रह के प्रकटीकरण में से कुछ इस प्रकार हैं : नूह अलैहिस्सलाम और उनके साथ ईमान लाने वालों को डूबने से बचाना, उनकी संतति को सभी वर्गों एवं नस्लों के मनुष्यों का मूल बनाना और उनके सुंदर स्मरण और अच्छी प्रशंसा को बाद में आने वाले समुदायों में बाक़ी रखना।

• أفعال الإنسان يخلقها الله ويفعلها العبد باختياره.
• बंदों के कार्यों को अल्लाह पैदा करता है और बंदा उन्हें अपनी मर्ज़ी से करता है।

• الذبيح بحسب دلالة هذه الآيات وترتيبها هو إسماعيل عليه السلام؛ لأنه هو المُبَشَّر به أولًا، وأما إسحاق عليه السلام فبُشِّر به بعد إسماعيل عليه السلام.
• इन आयतों की दलालत और इनके क्रम से यह बात निकलकर सामने आती है कि ज़बीह (ज़बह के लिए प्रस्तावित व्यक्ति) इसमाईल अलैहिस्सलाम हैं। क्योंकि सबसे पहले उन्हीं की खुशख़बरी दी गई थी। रही बात इसहाक़ अलैहिस्सलाम की, तो उनकी खुशख़बरी इसमाईल अलैहिस्सलाम के बाद दी गई थी।

• قول إسماعيل: ﴿سَتَجِدُنِي إِن شَآءَ اْللهُ مِنَ اْلصَّابِرِينَ﴾ سبب لتوفيق الله له بالصبر؛ لأنه جعل الأمر لله.
• इसमाईल अलैहिस्सलाम का यह कहना : ﴾سَتَجِدُنِي إِن شَآءَ اْللهُ مِنَ اْلصَّابِرِينَ﴿ ''अगर अल्लाह ने चाहा तो आप अवश्य मुझे धैर्यवानों में से पाएँगे।'' इस बात का कारण है कि अल्लाह ने उन्हें सब्र का सामर्थ्य प्रदान किया, क्योंकि उन्होंने इस मामले को अल्लाह के हवाले कर दिया था।

فَلَمَّاۤ اَسْلَمَا وَتَلَّهٗ لِلْجَبِیْنِ ۟ۚ
फिर जब दोनों अल्लाह के आदेश के प्रति समर्पित हो गए और उसकी आज्ञा के पालन के लिए तैयार हो गए, तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे को उसकी पेशानी के एक किनारे पर लिटा दिया, ताकि उसे ज़बह करने का उन्हें जो आदेश मिला था उसका पालन करें।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَنَادَیْنٰهُ اَنْ یّٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۟ۙ
तथा हमने इबराहीम अलैहिस्सलाम को, जब वह अपने बेटे को ज़बह करने के अल्लाह के आदेश को लागू करने वाले थे, आवाज़ दी : ऐ इबराहीम!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَدْ صَدَّقْتَ الرُّءْیَا ۚ— اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
आपने अपने बेटे को ज़बह करने का दृढ़ संकल्प करके उस सपने को पूरा कर दिया, जो आपने देखा था। निश्चित रूप से (जिस तरह हमने आपको इस महान परीक्षा से छुटकारा दिलाकर आपको बदला दिया है) उसी तरह हम सदाचारियों को बदला देते हैं, चुनाँचे उन्हें विपत्तियों और कठिनाइयों से छुटकारा दिलाते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْبَلٰٓؤُا الْمُبِیْنُ ۟
निःसंदेह यही तो स्पष्ट परीक्षण है और इबराहीम अलैहिस्सलाम इसमें सफल हुए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَفَدَیْنٰهُ بِذِبْحٍ عَظِیْمٍ ۟
और हमने इसमाईल अलैहिस्सलाम के बदले में एक महान मेढ़ा दिया कि उसे उनकी ओर से ज़बह किया जाए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ؗ
और हमने बाद में आने वाले समुदायों में इबराहीम अलैहिस्सलाम की अच्छी प्रशंसा बाक़ी रखी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سَلٰمٌ عَلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम के लिए अल्लाह की ओर से सलाम (अभिवादन), तथा हर नुक़सान और विपत्ति से सुरक्षा की दुआ हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
जिस तरह हमने इबराहीम अलैहिस्सलाम को उनके आज्ञापालन का यह बदला दिया, उसी तरह हम सदाचारियों को (भी) बदला देते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय इबराहीम अलैहिस्सलाम हमारे मोमिन बंदों में से थे, जो अल्लाह की बंदगी के तक़ाज़ों को पूरा करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَبَشَّرْنٰهُ بِاِسْحٰقَ نَبِیًّا مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
तथा हमने उन्हें एक और बालक की शुभ सूचना दी, जो नबी और नेक बंदा बनेगा, और वह इसहाक़ अलैहिस्सलाम हैं। यह उनके अपने इकलौते बेटे इसमाईल अलैहिस्सलाम को ज़बह करने में अल्लाह का आज्ञापालन करने के बदले के तौर पर है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَبٰرَكْنَا عَلَیْهِ وَعَلٰۤی اِسْحٰقَ ؕ— وَمِنْ ذُرِّیَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَّظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ مُبِیْنٌ ۟۠
और हमने उनपर और उनके बेटे इसहाक़ पर अपनी ओर से बरकत उतारी। चुनाँचे उन दोनों को ढेर सारी नेमतें प्रदान कीं, जिनमें उनकी संतान को खूब बढ़ाना भी शामिल है। उनके वंश में से कुछ लोग अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करके अच्छे काम करने वाले हैं, जबकि उनमें से कुछ लोग कुफ़्र और पाप करके अपने आप पर खुला अत्याचार करने वाले हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟ۚ
और हमने मूसा और उनके भाई हारून को नबी बनाकर उनपर उपकार किया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَنَجَّیْنٰهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ
तथा हमने उन दोनों को और उनकी जाति बनी इसराईल को फ़िरऔन की ग़ुलामी और डूबने से बचा लिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَنَصَرْنٰهُمْ فَكَانُوْا هُمُ الْغٰلِبِیْنَ ۟ۚ
हमने फ़िरऔन और उसकी सेना के विरुद्ध उनकी मदद की, जिसके परिणामस्वरूप वे अपने शत्रु पर प्रबल हुए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاٰتَیْنٰهُمَا الْكِتٰبَ الْمُسْتَبِیْنَ ۟ۚ
हमने मूसा और उनके भाई हारून को तौरात प्रदान की, जो अल्लाह की ओर से एक स्पष्ट पुस्तक है, जिसमें कोई संशयता नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَهَدَیْنٰهُمَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِیْمَ ۟ۚ
और हमने दोनों को सीधे मार्ग पर चलाया, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है। और वह इस्लाम धर्म का मार्ग है, जो अल्लाह महिमावान की प्रसन्नता तक पहुँचाने वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِمَا فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙۖ
और हमने बाद में आने वाले समुदायों में उन दोनों की अच्छी प्रशंसा और अच्छा स्मरण बाक़ी रखा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سَلٰمٌ عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟
उन दोनों के लिए अल्लाह की ओर से पवित्र सलाम, उनकी प्रशंसा तथा हर विपत्ति से सुरक्षा की दुआ हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निश्चित रूप से जिस तरह हमने मूसा और हारून को यह उत्तम बदला दिया, उसी तरह हम अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करके अच्छे काम करने वालों को बदला देते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهُمَا مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय मूसा और हारून हमारे उन बंदों में से थे, जो अल्लाह पर ईमान रखने वाले, उसके निर्धारित किए हुए विधानों का पालन करने वाले थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّ اِلْیَاسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
निश्चय इलयास अपने पालनहार की ओर से भेजे गए रसूलों में से थे, जिन्हें अल्लाह ने नुबुव्वत व रिसालत (पैग़ंबरी) से सम्मानित किया था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
जब उन्होंने अपनी जाति बनी इसराईल से कहा, जिनकी ओर वह रसूल बनाकर भेजे गए थे : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुम अल्लाह के आदेशों का पालन करके, जिसमें तौहीद शामिल है, और उसके निषेधों से बचकर, जिसमें शिर्क शामिल है, उससे डरते नहीं हो?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَتَدْعُوْنَ بَعْلًا وَّتَذَرُوْنَ اَحْسَنَ الْخَالِقِیْنَ ۟ۙ
क्या तुम अल्लाह के अलावा अपनी मूर्ति 'बअ्ल' की पूजा करते हो और अल्लाह की इबादत छोड़ देते हो, जो पैदा करने वालों में सबस बेहतर है?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اللّٰهَ رَبَّكُمْ وَرَبَّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
जबकि अल्लाह ही तुम्हारा पालनहार है, जिसने तुम्हें पैदा किया और इससे पहले तुम्हारे बाप-दादा को भी पैदा किया। अतः वही इबादत का हक़दार है, न कि उसके अलावा वे मूर्तियाँ जो न तो लाभ पहुँचा सकती हैं और न हानि।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे।

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है।

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है।

فَكَذَّبُوْهُ فَاِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَ ۟ۙ
तो उनकी जाति की प्रतिक्रिया यह थी कि उन्होंने उसे झुठला दिया, इसलिए वे अपने झुठलाने के कारण यातना में उपस्थित किए जाने वाले हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
परंतु उनकी जाति में से जो व्यक्ति मोमिन और अल्लाह की इबादत में इख़्लास (निष्ठा) से काम लेने वाला है; तो वह यातना में उपस्थित किए जाने से मुक्ति पाने वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙ
और हमने बाद में आने वाले समुदायों में उनकी अच्छी प्रशंसा और अच्छा स्मरण बाक़ी रखा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سَلٰمٌ عَلٰۤی اِلْ یَاسِیْنَ ۟
इलयास के लिए अल्लाह की ओर से सलाम और प्रशंसा हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निश्चित रूप से जिस तरह हमने इलयास को यह उत्तम बदला दिया, उसी तरह हम अपने मोमिन बंदों में से अच्छे कार्य करने वालों को बदला देते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय इलयास हमारे सच्चे मोमिन बंदों में से थे, जो अपने पालनहार पर अपने ईमान में सच्चे थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّ لُوْطًا لَّمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
निश्चय लूत अलैहिस्सलाम अल्लाह के उन रसूलों में से थे, जिन्हें अल्लाह ने उनकी जातियों की ओर शुभ सूचना देने वाला और डराने वाला बनाकर भेजा था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِذْ نَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗۤ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
आप उस समय को याद करें, जब हमने उन्हें और उनके सभी परिजनों को उनके समुदाय पर भेजी गई यातना से बचाया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا عَجُوْزًا فِی الْغٰبِرِیْنَ ۟
सिवाय उनकी पत्नी के। क्योंकि वह भी अपनी जाति पर आने वाली यातना की चपेट में आ गई। इसलिए कि वह भी उन्हीं की तरह काफ़िर थी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ثُمَّ دَمَّرْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟
फिर हमने उनके समुदाय के बाकी उन लोगों को नष्ट कर दिया, जिन्होंने उन्हें झुठलाया था और जो कुछ वह लेकर आए थे उसपर विश्वास नहीं किया था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّكُمْ لَتَمُرُّوْنَ عَلَیْهِمْ مُّصْبِحِیْنَ ۟ۙ
और तुम (ऐ मक्का वालो!) सुबह के समय शाम (लेवंत) की यात्रा पर, उनके घरों से गुज़रते हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَبِالَّیْلِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠
तथा रात में भी तुम उनके पास से गुज़रते हो। तो क्या तुम समझते नहीं, तथा उनके झुठलाने और इनकार करने तथा ऐसा अनैतिक कार्य करने के बाद, जो उनसे पहले किसी ने नहीं किया था, उनके साथ जो कुछ हुआ, उससे नसीहत नहीं पकड़ते?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّ یُوْنُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
और हमारे बंदे यूनुस अल्लाह के उन रसूलों में से थे, जिन्हें अल्लाह ने उनकी जातियों की ओर शुभ सूचना देने वाला और डराने वाला बनाकर भेजा था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِذْ اَبَقَ اِلَی الْفُلْكِ الْمَشْحُوْنِ ۟ۙ
जब वह अपने पालनहार की आज्ञा के बिना अपनी जाति के पास से भाग खड़े हुए और यात्रियों तथा सामान से भरी हुई कश्ती में सवार हो गए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ الْمُدْحَضِیْنَ ۟ۚ
जब कश्ती अपनी समाई से अधिक भरी होने के कारण डूबने के क़रीब हो गई, तो उसमें सवार लोगों ने, यात्रियों की बड़ी संख्या के कारण कश्ती के डूबने के डर से, क़ुर'आ-अंदाज़ी की, ताकि कुछ लोगों को फेंक दें। तो यूनुस अलैहिस्सलाम उन हारने वाले लोगों में से एक थे, चुनाँचे उन्होंने आपको समुद्र में फेंक दिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَالْتَقَمَهُ الْحُوْتُ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟
जब उन लोगों ने उन्हें समुद्र में फेंक दिया, तो मछली ने उन्हें पकड़कर निगल लिया। जबकि उन्होंने अल्लाह की अनुमति के बिना समुद्र की ओर जाकर, ऐसा कार्य किया था, जो निंदा का पात्र था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَلَوْلَاۤ اَنَّهٗ كَانَ مِنَ الْمُسَبِّحِیْنَ ۟ۙ
अगर यह बात न होती कि यूनुस अलैहिस्सलाम इस विपत्ति से ग्रस्त होने से पहले भी अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करने वालों में से थे, तथा यदि वह मछली के पेट में भी अल्लाह की तसबीह करने वाले न होते।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَلَبِثَ فِیْ بَطْنِهٖۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟ۚ
तो वह मछली के पेट में क़ियामत के दिन तक रहते और वही उनकी क़ब्र बन जाता।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَنَبَذْنٰهُ بِالْعَرَآءِ وَهُوَ سَقِیْمٌ ۟ۚ
फिर हमने उन्हें मछली के पेट से पेड़ों और निर्माण से रहित भूमि पर फेंक दिया, इस अवस्था में कि उनका शरीर एक अवधि तक मछली के पेट में रहने के कारण कमज़ोर हो गया था।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاَنْۢبَتْنَا عَلَیْهِ شَجَرَةً مِّنْ یَّقْطِیْنٍ ۟ۚ
और हमने उनपर उस खाली भूमि में कुम्हड़े का एक पेड़ (बेल) उगा दिया, ताकि वह उससे साया प्राप्त करें और उसका फल खाएँ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاَرْسَلْنٰهُ اِلٰی مِائَةِ اَلْفٍ اَوْ یَزِیْدُوْنَ ۟ۚ
और हमने उन्हें उनकी जाति की ओर भेज दिया, जिनकी संख्या एक लाख थी, बल्कि वे उससे अधिक होंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاٰمَنُوْا فَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰی حِیْنٍ ۟ؕ
चुनाँचे वे ईमान ले आए और यूनुस अलैहिस्सलाम के लाए हुए संदेश को सत्य माना। तो अल्लाह ने उन्हें, उनके सांसारिक जीवन में लाभ उठाने दिया, यहाँ तक कि उनके लिए उनकी निर्धारित समय सीमा समाप्त हो गई।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاسْتَفْتِهِمْ اَلِرَبِّكَ الْبَنَاتُ وَلَهُمُ الْبَنُوْنَ ۟ۙ
तो (ऐ मुहम्मद!) आप मुश्रिकों से खंडन के तौर पर पूछें : क्या तुम अल्लाह के लिए बेटियाँ ठहराते हो, जिन्हें तुम नापसंद करते हो, और अपने लिए बेटे सिद्ध करते हो, जिन्हें तुम पसंद करते हों?! भला यह कौन सा विभाजन है?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَمْ خَلَقْنَا الْمَلٰٓىِٕكَةَ اِنَاثًا وَّهُمْ شٰهِدُوْنَ ۟
उन्होंने कैसे दावा किया कि फ़रिश्ते मादा हैं, जबकि वे उनकी रचना के समय उपस्थित नहीं थे और उन्होंने उनकी रचना को नहीं देखा है?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلَاۤ اِنَّهُمْ مِّنْ اِفْكِهِمْ لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
151-152 - सुन लो, निःसंदेह बहुदेववादी लोग अल्लाह पर झूठ बाँधते हुए और मिथ्यारोपण करते हुए उसकी ओर संतान की निसबत करते हैं, और निश्चित रूप से वे अपने इस दावे में झूठे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَدَ اللّٰهُ ۙ— وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
151-152 - सुन लो, निःसंदेह बहुदेववादी लोग अल्लाह पर झूठ बाँधते हुए और मिथ्यारोपण करते हुए उसकी ओर संतान की निसबत करते हैं, और निश्चित रूप से वे अपने इस दावे में झूठे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَصْطَفَی الْبَنَاتِ عَلَی الْبَنِیْنَ ۟ؕ
क्या अल्लाह ने अपने लिए उन बेटों के स्थान पर जिन्हें तुम पसंद करते हो, उन लड़कियों को चुना है जिन्हें तुम नापसंद करते हो?! हरगिज़ नहीं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• سُنَّة الله التي لا تتبدل ولا تتغير: إنجاء المؤمنين وإهلاك الكافرين.
• अल्लाह का अटल नियम जिसमें कोई परिवर्तन नहीं होता : मोमिनों का उद्धार और काफ़िरों का विनाश है।

• ضرورة العظة والاعتبار بمصير الذين كذبوا الرسل حتى لا يحل بهم ما حل بغيرهم.
• उन लोगों के अंजाम से उपदेश ग्रहण करने और सीख लेने की आवश्यकता, जिन्होंने रसूलों को झुठलाया, ताकि उनके साथ वह न घटित हो जो दूसरों के साथ हुआ।

• جواز القُرْعة شرعًا لقوله تعالى: ﴿ فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ اْلْمُدْحَضِينَ ﴾.
• अल्लाह के कथन : ﴾فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ اْلْمُدْحَضِينَ﴿ के आधार पर, शरीयत की दृष्टि से क़ुर'आ-अंदाज़ी की वैधता।

مَا لَكُمْ ۫— كَیْفَ تَحْكُمُوْنَ ۟
(ऐ मुश्रिको!) तुम्हें क्या हो गया है कि यह अन्यायपूर्ण फ़ैसला कर रहे हो, कि अल्लाह के लिए बेटियाँ ठहराते हो और अपने लिए बेटे?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟ۚ
क्या तुम अपने इस असत्य अक़ीदे के गलत होने के बारे में सोच-विचार नहीं करते?! क्योंकि अगर तुम सोच-विचार किए होते, तो इस तरह की बात न कहते।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَمْ لَكُمْ سُلْطٰنٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
क्या तुम्हारे पास किसी किताब या रसूल से इसका कोई स्पष्ट तर्क और प्रत्यक्ष प्रमाण है?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاْتُوْا بِكِتٰبِكُمْ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
अगर तुम अपने दावे में सच्चे हो, तो अपनी वह पुस्तक लाओ जिसमें इसका प्रमाण हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَجَعَلُوْا بَیْنَهٗ وَبَیْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ؕ— وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ اِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَ ۟ۙ
मुश्रिकों ने यह दावा करके कि फ़रिश्ते अल्लाह की बेटियाँ हैं, अल्लाह और फ़रिश्तों के बीच, जो उनसे पोशीदा हैं, रिश्तेदारी बना दी। हालाँकि फ़रिश्तों को मालूम है कि अल्लाह मुश्रिकों को हिसाब के लिए ज़रूर हाज़िर करेगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह उन बातों से पवित्र और सर्वोच्च है, जो मुश्रिक लोग उसके बारे में ऐसी चीज़ें वर्णन करते हैं जो उसकी महिमा के योग्य नहीं हैं, जैसे उसका बेटा और साझी होना आदि।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय अल्लाह के चुने हुए बंदों के। क्योंकि वे अल्लाह को केवल उसकी महिमा के योग्य उसके प्रताप और पूर्णता के गुणों के साथ वर्णित करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
तो (ऐ मुश्रिको!) तुम और तुम्हारे वे पूज्य जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजते हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
مَاۤ اَنْتُمْ عَلَیْهِ بِفٰتِنِیْنَ ۟ۙ
तुम किसी को भी सत्य धर्म से नहीं भटका सकते।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ الْجَحِیْمِ ۟
सिवाय उसके, जिसके बारे में अल्लाह ने निर्णय कर दिया है कि वह जहन्नम में प्रवेश करने वालों में से है। तो अल्लाह उसके बारे में अपने निर्णय को लागू करेगा। चुनाँचे वह कुफ़्र करेगा और जहन्नम में प्रवेश करेगा। जहाँ तक तुम्हारा और तुम्हारे पूज्यों का संबंध है, तो तुम्हें ऐसा करने की कोई शक्ति हासिल नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَمَا مِنَّاۤ اِلَّا لَهٗ مَقَامٌ مَّعْلُوْمٌ ۟ۙ
फ़रिश्तों ने अल्लाह के प्रति अपनी दासता और मुश्रिकों के दावों से अपने बरी होने को स्पष्ट करते हुआ कहा : हममें से प्रत्येक व्यक्ति का अल्लाह की इबादत और उसकी आज्ञाकारिता में एक नियत स्थान है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَّاِنَّا لَنَحْنُ الصَّآفُّوْنَ ۟ۚ
165 - 166- तथा निःसंदेह हम - फ़रिश्ते - अल्लाह की इबादत और उसके आज्ञापालन में पंक्तियों में खड़े रहते हैं। और निश्चय हम अल्लाह को उन विशेषताओं और गुणों से पवित्र ठहराते हैं, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنَّا لَنَحْنُ الْمُسَبِّحُوْنَ ۟
165 - 166- तथा निःसंदेह हम - फ़रिश्ते - अल्लाह की इबादत और उसके आज्ञापालन में पंक्तियों में खड़े रहते हैं। और निश्चय हम अल्लाह को उन विशेषताओं और गुणों से पवित्र ठहराते हैं, जो उसकी महिमा के योग्य नहीं हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِنْ كَانُوْا لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
167-170 - मक्का के मुश्रिक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले कहा करते थे : अगर हमारे पास पहले लोगों की किताबों, उदाहरण के तौर पर तौरात, जैसी कोई किताब होती; तो हम अल्लाह ही के लिए इबादत को ख़ालिस करते। जबकि वे इस बारे में झूठे हैं। क्योंकि उनके पास मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरआन लेकर आए, परंतु उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः शीघ्र ही वे उस गंभीर यातना को जान लेंगे जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَوْ اَنَّ عِنْدَنَا ذِكْرًا مِّنَ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ
167-170 - मक्का के मुश्रिक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले कहा करते थे : अगर हमारे पास पहले लोगों की किताबों, उदाहरण के तौर पर तौरात, जैसी कोई किताब होती; तो हम अल्लाह ही के लिए इबादत को ख़ालिस करते। जबकि वे इस बारे में झूठे हैं। क्योंकि उनके पास मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरआन लेकर आए, परंतु उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः शीघ्र ही वे उस गंभीर यातना को जान लेंगे जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لَكُنَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
167-170 - मक्का के मुश्रिक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले कहा करते थे : अगर हमारे पास पहले लोगों की किताबों, उदाहरण के तौर पर तौरात, जैसी कोई किताब होती; तो हम अल्लाह ही के लिए इबादत को ख़ालिस करते। जबकि वे इस बारे में झूठे हैं। क्योंकि उनके पास मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरआन लेकर आए, परंतु उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः शीघ्र ही वे उस गंभीर यातना को जान लेंगे जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَكَفَرُوْا بِهٖ فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟
167-170 - मक्का के मुश्रिक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले कहा करते थे : अगर हमारे पास पहले लोगों की किताबों, उदाहरण के तौर पर तौरात, जैसी कोई किताब होती; तो हम अल्लाह ही के लिए इबादत को ख़ालिस करते। जबकि वे इस बारे में झूठे हैं। क्योंकि उनके पास मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरआन लेकर आए, परंतु उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः शीघ्र ही वे उस गंभीर यातना को जान लेंगे जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
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وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
171-173 - और हमारे रसूलों के संबंध में हमारी बात गुज़र चुकी है कि वही अपने दुश्मनों पर विजयी रहेंगे क्योंकि अल्लाह ने उन्हें तर्क और शक्ति प्रदान की है। और यह कि हमारे उन सैनिकों ही को प्रभुत्व प्राप्त होगा, जो अल्लाह के मार्ग में इसलिए लड़ाई करते हैं ताकि अल्लाह का वचन सर्वोच्च हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُوْرُوْنَ ۪۟
171-173 - और हमारे रसूलों के संबंध में हमारी बात गुज़र चुकी है कि वही अपने दुश्मनों पर विजयी रहेंगे क्योंकि अल्लाह ने उन्हें तर्क और शक्ति प्रदान की है। और यह कि हमारे उन सैनिकों ही को प्रभुत्व प्राप्त होगा, जो अल्लाह के मार्ग में इसलिए लड़ाई करते हैं ताकि अल्लाह का वचन सर्वोच्च हो।
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وَاِنَّ جُنْدَنَا لَهُمُ الْغٰلِبُوْنَ ۟
171-173 - और हमारे रसूलों के संबंध में हमारी बात गुज़र चुकी है कि वही अपने दुश्मनों पर विजयी रहेंगे क्योंकि अल्लाह ने उन्हें तर्क और शक्ति प्रदान की है। और यह कि हमारे उन सैनिकों ही को प्रभुत्व प्राप्त होगा, जो अल्लाह के मार्ग में इसलिए लड़ाई करते हैं ताकि अल्लाह का वचन सर्वोच्च हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟ۙ
तो (ऐ रसूल!) इन दुश्मनी रखने वाले मुश्रिकों से एक अवधि तक के लिए, जिसे अल्लाह जानता है, मुँह फेरे रहें यहाँ तक कि उनकी यातना का समय आ जाए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَّاَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ یُبْصِرُوْنَ ۟
तथा उन्हें देखें जब उनपर यातना उतरे। चुनाँचे वे भी उस समय देख लेंगे, जब उन्हें देखने से कोई लाभ नहीं होगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَفَبِعَذَابِنَا یَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
क्या ये मुश्रिक लोग अल्लाह की यातना के लिए जल्दी कर रहे हैं?!
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَاِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَآءَ صَبَاحُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟
चुनाँचे जब उनपर अल्लाह की यातना उतरेगी, तो उनकी सुबह बहुत ही बुरी सुबह होगी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) उनसे मुँह फेर लें, यहाँ तक कि अल्लाह उनकी यातना का फैसला कर दे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَّاَبْصِرْ فَسَوْفَ یُبْصِرُوْنَ ۟
और आप देखते रहें। बहुत जल्द ये लोग भी देख लेंगे कि उनपर अल्लाह की कौन-सी यातना और सज़ा उतरती है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
سُبْحٰنَ رَبِّكَ رَبِّ الْعِزَّةِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۚ
(ऐ मुहम्मद!) आपका पालनहार, जो सारी शक्ति का मालिक है, उन सभी कमियों और त्रुटियों से पवित्र और सर्वोच्च है, जो बहुदेववादी उसके बारे में बयान करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَسَلٰمٌ عَلَی الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚ
और अल्लाह का सलाम (अभिवादन) और उसकी प्रशंसा है, उसके सम्माननीय रसूलों के लिए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति सर्वशक्तिमान व महिमावान अल्लाह के लिए है। क्योंकि वही उसके योग्य है, और वह सारे संसार का पालनहार है, उसके सिवा उनका कोई पालनहार नहीं है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• سُنَّة الله نصر المرسلين وورثتهم بالحجة والغلبة، وفي الآيات بشارة عظيمة؛ لمن اتصف بأنه من جند الله، أنه غالب منصور.
• अल्लाह का नियम रहा है कि वह तर्क और प्रभुत्व से रसूलों और उनके उत्तराधिकारियों की मदद करता है। तथा इन आयतों में उस व्यक्ति के लिए, जिसे अल्लाह का सिपाही बताया गया है, एक बहुत बड़ी खुशख़बरी है कि वह प्रभुत्वशाली और विजयी रहेगा।

• في الآيات دليل على بيان عجز المشركين وعجز آلهتهم عن إضلال أحد، وبشارة لعباد الله المخلصين بأن الله بقدرته ينجيهم من إضلال الضالين المضلين.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि मुश्रिक लोग और उनके पूज्यगण किसी को भी गुमराह करने में असमर्थ और लाचार हैं। तथा अल्लाह के शुद्ध बंदों के लिए यह खुशख़बरी है कि अल्लाह अपनी शक्ति से उन्हें गुमराह करने वाले पथभ्रष्टों की गुमराही से सुरक्षित रखता है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߐ߬ߖߟߎ߬ߡߊ߬ߣߍ߲ ߠߎ߬
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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