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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߋߟߋ߲   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّبِعُوْا خُطُوٰتِ الشَّیْطٰنِ ؕ— وَمَنْ یَّتَّبِعْ خُطُوٰتِ الشَّیْطٰنِ فَاِنَّهٗ یَاْمُرُ بِالْفَحْشَآءِ وَالْمُنْكَرِ ؕ— وَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَیْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ مَا زَكٰی مِنْكُمْ مِّنْ اَحَدٍ اَبَدًا ۙ— وَّلٰكِنَّ اللّٰهَ یُزَكِّیْ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ سَمِیْعٌ عَلِیْمٌ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने और उसकी शरीयत पर अमल करने वाले लोगो! असत्य को सुशोभित करने में शैतान के मार्ग का अनुसरण न करो। और जो उसके मार्ग का अनुसरण करता है, तो वह बुरे कामों और बातों तथा शरीयत विरोधी चीज़ों का आदेश देता है। और अगर (ऐ ईमान वालो!) तुमपर अल्लाह का अनुग्रह न होता, तो तुममें से कोई भी कभी तौबा करके पवित्र न होता। परंतु अल्लाह जिसे चाहता है, उसकी तौबा क़बूल करके पवित्र करता है। और अल्लाह तुम्हारी बातों को सुनने वाला, तुम्हारे कर्मों को जानने वाला है। उससे उनमें से कुछ भी छिपा नहीं रहता। और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَلَا یَاْتَلِ اُولُوا الْفَضْلِ مِنْكُمْ وَالسَّعَةِ اَنْ یُّؤْتُوْۤا اُولِی الْقُرْبٰی وَالْمَسٰكِیْنَ وَالْمُهٰجِرِیْنَ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ۪ۖ— وَلْیَعْفُوْا وَلْیَصْفَحُوْا ؕ— اَلَا تُحِبُّوْنَ اَنْ یَّغْفِرَ اللّٰهُ لَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
तथा धर्म में प्रतिष्ठा और धन में विस्तार वाले लोग, अपने ज़रूरतमंद रिश्तेदारों को (जो कि गरीबी के शिकार हैं और अल्लाह की राह में हिजरत करने वालों में से हैं) उनके द्वारा किए गए पाप के कारण, आर्थिक सहायता न देने की क़सम न खाएँ। बल्कि उन्हें चाहिए कि अपने उन रिश्तेदारों को माफ़ कर दें और दरगुज़र कर जाएँ। क्या तुम यह पसंद नहीं करते हो कि अल्लाह तुम्हारे पापों को क्षमा कर दे, यदि तुम उनको माफ़ कर दो और जाने दो?! और निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदो को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है। इसलिए उसके बंदों को भी उसका अनुसरण करना चाहिए। यह आयत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु के बारे में उतरी, जब उन्होंने मिसतह (रज़ियल्लाहु अन्हु) के आयशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) पर आरोप लगाने में शामिल होने की वजह से, उनपर खर्च न करने की क़सम खा ली थी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّ الَّذِیْنَ یَرْمُوْنَ الْمُحْصَنٰتِ الْغٰفِلٰتِ الْمُؤْمِنٰتِ لُعِنُوْا فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ ۪— وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِیْمٌ ۟ۙ
निश्चय जो लोग सच्चरित्रा तथा अश्लीलता से बेखबर भोली-भाली मोमिन स्त्रियों पर तोहमत लगाते हैं, वे दुनिया एवं आख़िरत में अल्लाह की दया से दूर कर दिए गए। और आखिरत में उनके लिए बड़ी यातना है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یَّوْمَ تَشْهَدُ عَلَیْهِمْ اَلْسِنَتُهُمْ وَاَیْدِیْهِمْ وَاَرْجُلُهُمْ بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
यह यातना उन्हें क़ियामत के दिन दी जाएगी। जिस दिन उनकी ज़बानें, उनके विरुद्ध, उन ग़लत बातों की गवाही देंगी, जो उन्होंने बोली थीं। तथा उनके हाथ और उनके पाँव उनके विरुद्ध उसकी गवाही देंगे जो वे किया करते थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یَوْمَىِٕذٍ یُّوَفِّیْهِمُ اللّٰهُ دِیْنَهُمُ الْحَقَّ وَیَعْلَمُوْنَ اَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ الْمُبِیْنُ ۟
उस दिन अल्लाह उन्हें न्याय के साथ उनका पूरा-पूरा बदला देगा और वे जान लेंगे कि अल्लाह ही सत्य है। अतः उसके द्वारा जारी होने वाली हर खबर या वादा या धमकी, एक स्पष्ट सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلْخَبِیْثٰتُ لِلْخَبِیْثِیْنَ وَالْخَبِیْثُوْنَ لِلْخَبِیْثٰتِ ۚ— وَالطَّیِّبٰتُ لِلطَّیِّبِیْنَ وَالطَّیِّبُوْنَ لِلطَّیِّبٰتِ ۚ— اُولٰٓىِٕكَ مُبَرَّءُوْنَ مِمَّا یَقُوْلُوْنَ ؕ— لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِیْمٌ ۟۠
पुरुषों, महिलाओं, कार्यों और बातों में से जो भी अपवित्र है, वह उसी के लिए उपयुक्त और अनुकूल है, जो अपवित्र है। और इनमें से जो भी पवित्र है, वह उसी के लिए उपयुक्त और अनुकूल है, जो पवित्र है। ये पवित्र पुरुष और पवित्र स्त्रियाँ उससे बरी किए गए हैं, जो उनके बारे में अपवित्र पुरुष और अपवित्र स्त्रियाँ कहती हैं। उनके लिए अल्लाह की ओर से क्षमादान है, जिससे वह उनके गुनाह माफ़ कर देगा। तथा उनके लिए सम्मान वाली जीविका है, और वह जन्नत है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَدْخُلُوْا بُیُوْتًا غَیْرَ بُیُوْتِكُمْ حَتّٰی تَسْتَاْنِسُوْا وَتُسَلِّمُوْا عَلٰۤی اَهْلِهَا ؕ— ذٰلِكُمْ خَیْرٌ لَّكُمْ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसकी शरीयत पर चलने वालो! अपने घरों के सिवा अन्य घरों में उस समय तक प्रवेश न करो, जब तक उसके निवासियों से प्रवेश की अनुमति न ले लो और उन्हें सलाम न कर लो। सलाम करते और अनुमति लेते समय इस तरह कहो : "अस्सलामु अलैकुम, क्या मै अंदर आ सकता हूँ?" यह अनुमति प्राप्त करना जिसका तुम्हें आदेश दिया गया है, अचानक प्रवेश करने से बेहतर है। ताकि तुम अनुमति लेने के इस आदेश को याद रखो और उसका पालन करो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• إغراءات الشيطان ووساوسه داعية إلى ارتكاب المعاصي، فليحذرها المؤمن.
• शैतान के प्रलोभन और उसके उकसाव पाप करने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसलिए मोमिन को उनसे सावधान रहना चाहिए।

• التوفيق للتوبة والعمل الصالح من الله لا من العبد.
• तौबा और सत्कर्म का सामर्थ्य अल्लाह की ओर से मिलता है, बंदे की ओर से नहीं।

• العفو والصفح عن المسيء سبب لغفران الذنوب.
• ग़लती करने वाले को माफ़ करना और नज़र अंदाज़ कर देना, पापों की क्षमा का एक कारण है।

• قذف العفائف من كبائر الذنوب.
• सच्चरित्र महिलाओं पर व्यभिचार का आरोप लगाना, बड़े गुनाहों में से है।

• مشروعية الاستئذان لحماية النظر، والحفاظ على حرمة البيوت.
• अनुमति लेने की वैधता, आँखों की सुरक्षा और घरों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߋߟߋ߲
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲