Check out the new design

വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: അൻആം   ആയത്ത്:
قُلْ اَیُّ شَیْءٍ اَكْبَرُ شَهَادَةً ؕ— قُلِ اللّٰهُ ۫— شَهِیْدٌۢ بَیْنِیْ وَبَیْنَكُمْ ۫— وَاُوْحِیَ اِلَیَّ هٰذَا الْقُرْاٰنُ لِاُنْذِرَكُمْ بِهٖ وَمَنْ بَلَغَ ؕ— اَىِٕنَّكُمْ لَتَشْهَدُوْنَ اَنَّ مَعَ اللّٰهِ اٰلِهَةً اُخْرٰی ؕ— قُلْ لَّاۤ اَشْهَدُ ۚ— قُلْ اِنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّاِنَّنِیْ بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ ۟ۘ
(ऐ रसूल!) आप उन मुश्रिकों से, जो आपको झुठलाते हैं, कह दें : मेरी सच्चाई की सबसे महान और सबसे बड़ी गवाही कौन-सी चीज़ है? आप कह दें कि अल्लाह मेरी सच्चाई की सबसे बड़ी गवाही और सबसे महान चीज़ है, वह मेरे और तुम्हारे बीच गवाह है, वह जानता है जो कुछ मैं तुम्हारे पास लेकर आया हूँ और तुम उसका क्या जवाब दोगे। अल्लाह ने मेरी ओर इस क़ुरआन की वह़्य की है, ताकि मैं इसके द्वारा तुम्हें डराऊँ, तथा मैं इससे उन मनुष्यों और जिन्नों को डराऊँ, जिन तक यह (क़ुरआन) पहुँचे। (ऐ मुश्रिकों!) निःसंदेह तुम मानते हो कि अल्लाह के साथ और भी पूज्य हैं। (ऐ रसूल!) आप कह दें : मैं उसकी गवाही नहीं देता, जो तुमने स्वीकारा है, क्योंकि वह असत्य है। अल्लाह तो केवल एक ही पूज्य है, जिसका कोई शरीक नहीं, तथा मैं हर उस चीज़ से बरी हूँ, जो तुम उसके साथ शरीक ठहराते हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَلَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ یَعْرِفُوْنَهٗ كَمَا یَعْرِفُوْنَ اَبْنَآءَهُمْ ۘ— اَلَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟۠
जिन यहूदियों को हमने तौरात दिया और जिन ईसाइयों को हमने इंजील दिया, वे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को पूर्ण रूप से जानते हैं, जैसे वे अपने बच्चों को दूसरों के बच्चों के बीच से पहचान लेते हैं। अतः वे लोग जिन्होंने स्वयं को आग (नरक) में डालकर अपने आपको घाटे में डाला है, वे ईमान नहीं लाएँगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَوْ كَذَّبَ بِاٰیٰتِهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
जिसने अल्लाह का कोई साझी ठहराया और उसके साथ उसकी इबादत की, अथवा अल्लाह की उन आयतों को झुठलाया, जो उसने अपने रसूल पर उतारीं, उससे बड़ा अत्याचारी कोई नहीं। अल्लाह की ओर साझी की निस्बत करके और उसकी आयतों को झुठलाकर अत्याचार करने वाले लोग कभी सफल नहीं होंगे, यदि उन्होंने तौबा न की।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَیَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ اَشْرَكُوْۤا اَیْنَ شُرَكَآؤُكُمُ الَّذِیْنَ كُنْتُمْ تَزْعُمُوْنَ ۟
और क़ियामत के दिन को याद करें, जब हम उन सबको इकट्ठा करेंगे, उनमें से किसी को भी नहीं छोड़ेंगे, फिर हम उन लोगों से जिन्होंने अल्लाह के साथ उसके अलावा की पूजा की, उन्हें फटकार लगाते हुए कहेंगे : तुम्हारे वे साझी कहाँ हैं, जिन्हें तुम झूठा दावा करते थे कि वे अल्लाह के साझी हैं?!
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ لَمْ تَكُنْ فِتْنَتُهُمْ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوْا وَاللّٰهِ رَبِّنَا مَا كُنَّا مُشْرِكِیْنَ ۟
इस परीक्षा के बाद उनका इसके सिवा कोई बहाना न होगा कि वे अपने पूज्यों से किनारा कर लेंगे और झूठ-मूठ कहेंगे : अल्लाह की क़सम! जो हमारा पालनहार है, हम दुनिया में तेरे साथ शिर्क करने वाले नहीं थे, बल्कि हम तुझपर ईमान रखने वाले, तुझे एकमात्र पूज्य मानने वाले थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اُنْظُرْ كَیْفَ كَذَبُوْا عَلٰۤی اَنْفُسِهِمْ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟
(ऐ मुहम्मद!) देखो कैसे इन लोगों ने अपने बारे में शिर्क का इनकार करके खुद से झूठ बोला, तथा ये अपने सांसारिक जीवन में अल्लाह के साथ जो साझी गढ़ा करते थे, वे इनसे ग़ायब हो गए और इन्हें असहाय छोड़ गए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمِنْهُمْ مَّنْ یَّسْتَمِعُ اِلَیْكَ ۚ— وَجَعَلْنَا عَلٰی قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ یَّفْقَهُوْهُ وَفِیْۤ اٰذَانِهِمْ وَقْرًا ؕ— وَاِنْ یَّرَوْا كُلَّ اٰیَةٍ لَّا یُؤْمِنُوْا بِهَا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْكَ یُجَادِلُوْنَكَ یَقُوْلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
ऐ रसूल! जब आप क़ुरआन पढ़ते हैं, तो मुश्रिकों में से कुछ लोग आपकी तरफ़ कान लगाकर सुनते हैं, लेकिन वे जो कुछ सुनते हैं उससे लाभ नहीं उठाते; क्योंकि हमने उनके दिलों पर, उनके हठ और उनके मुँह फेरने के कारण, परदे डाल दिए हैं, ताकि वे क़ुरआन को ना समझ सकें और हमने उनके कानों में लाभप्रद सुनवाई से बहरापन रखा है। वे चाहे कितने ही स्पष्ट प्रमाण और स्पष्ट तर्क देख लें, उनपर ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि जब वे आपके पास आते हैं, आपसे झूठ के साथ सत्य के बारे में झगड़ते हैं। वे कहते हैं : जो कुछ आप लेकर आए हैं, वह पहले लोगों की किताबों से लिया गया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَهُمْ یَنْهَوْنَ عَنْهُ وَیَنْـَٔوْنَ عَنْهُ ۚ— وَاِنْ یُّهْلِكُوْنَ اِلَّاۤ اَنْفُسَهُمْ وَمَا یَشْعُرُوْنَ ۟
वे लोगों को रसूल पर ईमान लाने से मना करते हैं, और खुद भी उससे दूर रहते हैं। चुनाँचे जो व्यक्ति उससे लाभ उठाना चाहता है उसे लाभ नहीं उठाने देते और न ही वे स्वयं उससे लाभ उठाते हैं। और वे ऐसा करके केवल स्वयं को विनष्ट करते हैं। परंतु वे जानते ही नहीं कि वे जो कुछ कर रहे हैं, वह स्वयं का विनाश है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَوْ تَرٰۤی اِذْ وُقِفُوْا عَلَی النَّارِ فَقَالُوْا یٰلَیْتَنَا نُرَدُّ وَلَا نُكَذِّبَ بِاٰیٰتِ رَبِّنَا وَنَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) यदि आप देखें, जब वे क़ियामत के दिन आग पर पेश किए जाएँगे, तो वे पछताते हुए कहेंगे : ऐ काश! हम दुनिया के जीवन में लौटा दिए जाएँ और अल्लाह की आयतों को न झुठलाएँ, और हम अल्लाह पर ईमान लाने वालों में से हो जाएँ - तो आप उनकी बुरी स्थिति का आश्चर्यपूर्ण दृश्य देखेंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• بيان الحكمة في إرسال النبي عليه الصلاة والسلام بالقرآن، من أجل البلاغ والبيان، وأعظم ذلك الدعوة لتوحيد الله.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को क़ुरआन के साथ भेजने की हिकमत का वर्णन, जो कि उसे पूर्ण रूप से लोगों को पहुँचाना और उसका स्पष्टीकरण एवं व्याख्या करना है, और उनमें से सबसे बड़ा अल्लाह के एकेश्वरवाद की ओर बुलाना है।

• نفي الشريك عن الله تعالى، ودحض افتراءات المشركين في هذا الخصوص.
• अल्लाह तआला से साझी का इनकार करना, और इस संबंध में बहुदेववादियों की झूठ गढ़ी हुई बातों का खंडन करना।

• بيان معرفة اليهود والنصارى للنبي عليه الصلاة والسلام، برغم جحودهم وكفرهم.
• यहूदियों और ईसाइयों के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को पहचानने का वर्णन, इसके बावजूद कि उन्होंने इनकार किया और ईमान नहीं लाए।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: അൻആം
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

അടക്കുക