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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: മാഇദ   ആയത്ത്:
وَقَفَّیْنَا عَلٰۤی اٰثَارِهِمْ بِعِیْسَی ابْنِ مَرْیَمَ مُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ مِنَ التَّوْرٰىةِ ۪— وَاٰتَیْنٰهُ الْاِنْجِیْلَ فِیْهِ هُدًی وَّنُوْرٌ ۙ— وَّمُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ مِنَ التَّوْرٰىةِ وَهُدًی وَّمَوْعِظَةً لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟ؕ
और हमने बनी इसराईल के नबियों के पद-चिन्हों पर मरयम के पुत्र ईसा को भेजा, जो उसपर ईमान रखने वाले थे जो कुछ तौरात में था और उसी के अनुसार फैसला करने वाले थे। तथा हमने उन्हें इंजील प्रदान की, जिसमें सत्य के लिए मार्गदर्शन शामिल है, तथा उसमें ऐसे प्रमाण हैं, जो संदेहों को दूर करते हैं और ऐसे प्रावधान हैं जो समस्याओं का समाधान करते हैं, तथा वह उससे पहले उतरने वाली पुस्तक तौरात के अनुकूल है, सिवाय उसके कुछ नियमों में, जिन्हें उसने निरस्त कर दिया है। तथा हमने इंजील को संयमियों (परहेज़गारों) के लिए पथप्रदर्शक और उस चीज़ को करने से रोकने वाला बना दिया जिसे उसने उनपर निषिद्ध किया था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلْیَحْكُمْ اَهْلُ الْاِنْجِیْلِ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ فِیْهِ ؕ— وَمَنْ لَّمْ یَحْكُمْ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟
ईसाइयों को चाहिए कि उसपर विश्वास करें, जो अल्लाह ने इंजील में उतारा है तथा (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उनके बीच नबी बनाकर भेजे जाने से पहले उसमें जो सच्चाई आई) उसके अनुसार फ़ैसला करें। और जो उसके अनुसार फ़ैसला न करे, जो अल्लाह ने उतारा है, तो वही लोग अल्लाह की अवज्ञा करने वाले, सत्य को छोड़ने वाले तथा असत्य की ओर झुकने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ مِنَ الْكِتٰبِ وَمُهَیْمِنًا عَلَیْهِ فَاحْكُمْ بَیْنَهُمْ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ وَلَا تَتَّبِعْ اَهْوَآءَهُمْ عَمَّا جَآءَكَ مِنَ الْحَقِّ ؕ— لِكُلٍّ جَعَلْنَا مِنْكُمْ شِرْعَةً وَّمِنْهَاجًا ؕ— وَلَوْ شَآءَ اللّٰهُ لَجَعَلَكُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّلٰكِنْ لِّیَبْلُوَكُمْ فِیْ مَاۤ اٰتٰىكُمْ فَاسْتَبِقُوا الْخَیْرٰتِ ؕ— اِلَی اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِیْعًا فَیُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ فِیْهِ تَخْتَلِفُوْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) हमने आपकी ओर क़ुरआन को सच्चाई के साथ उतारा है, जिसके अल्लाह की ओर से होने में कोई शक एवं संदेह नहीं है। जो इससे पहले उतरी हुई पुस्तकों की पुष्टि करने वाला तथा उनका संरक्षक है। अतः उनमें से जो कुछ इसके मुताबिक़ है, वह सत्य है और जो कुछ इसके विरुद्ध है, वह असत्य है। इसलिए आप लोगों के बीच उसके अनुसार फ़ैसला करें, जो अल्लाह ने इस (क़ुरआन) में आपपर उतारा है, तथा आपके ऊपर जो संदेह रहित सत्य अवतिरत किया गया है उसे छोड़कर उनकी उन इच्छाओं का पालन न करें, जो उन्होंने ग्रहण की हैं। हमने हर समुदाय के लिए व्यावहारिक नियमों का एक कानून और एक स्पष्ट तरीक़ा बनाया है जिसके द्वारा वे मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। यदि अल्लाह सारी शरीयतों को एक करना चाहता, तो वह उन्हें एक कर देता। परंतु उसने प्रत्येक समुदाय के लिए एक (स्थायी) शरीयत बनाई है, ताकि वह सबकी परीक्षा ले, और आज्ञापालन करने वाला अवज्ञाकारी से प्रगट हो जाए। अतः अच्छे काम करने और बुरे काम छोड़ने में जल्दी करो। क्योंकि क़ियामत के दिन तुम सबको अकेले अल्लाह ही की ओर लौटना है, और वह तुम्हें उससे सूचित करेगा, जिसके बारे में तुम मतभेद किया करते थे, तथा वह तुम्हें तुम्हारे द्वारा किए गए कामों का बदला देगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَنِ احْكُمْ بَیْنَهُمْ بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ وَلَا تَتَّبِعْ اَهْوَآءَهُمْ وَاحْذَرْهُمْ اَنْ یَّفْتِنُوْكَ عَنْ بَعْضِ مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ اِلَیْكَ ؕ— فَاِنْ تَوَلَّوْا فَاعْلَمْ اَنَّمَا یُرِیْدُ اللّٰهُ اَنْ یُّصِیْبَهُمْ بِبَعْضِ ذُنُوْبِهِمْ ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ النَّاسِ لَفٰسِقُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) उनके बीच उसके अनुसार निर्णय करें, जो अल्लाह ने आपकी ओर अवतिरत किया है और उनके उन विचारों का पालन न करें जो इच्छाओं का पालन करने से उत्पन्न हुए हैं, तथा उनसे सावधान रहें कि ऐसा न हो कि वे आपको किसी ऐसी चीज़ से भटका दें, जो अल्लाह ने आपपर अवतरित किया है। क्योंकि वे ऐसा करने में कोई कसर न छोड़ेंगे। यदि वे अल्लाह के द्वारा आपपर उतारी गई शरीयत के अनुसार फ़ैसला को स्वीकार करने से इनकार करें, तो आप जान लें कि अल्लाह उन्हें उनके कुछ पापों की सज़ा दुनिया ही में देना चाहता है। जबकि उन सभी पर उन्हें आख़िरत में दंडित करेगा। और सच्चाई यह है कि बहुत-से लोग अल्लाह के आज्ञापालन से निकल जाने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَحُكْمَ الْجَاهِلِیَّةِ یَبْغُوْنَ ؕ— وَمَنْ اَحْسَنُ مِنَ اللّٰهِ حُكْمًا لِّقَوْمٍ یُّوْقِنُوْنَ ۟۠
क्या वे आपके फ़ैसले को छोड़कर मूर्तिपूजा करने वाले जाहिलिय्यत (पूर्व-इस्लामिक काल) के लोगों का फ़ैसला चाहते हैं, जो अपनी इच्छाओं के अनुसार फ़ैसला करते हैं?! विश्वास रखने वालों के निकट, जो अल्लाह के बारे में उस चीज़ को समझते हैं जो उसने अपने रसूल पर उतारी है, अल्लाह से बेहतर फ़ैसला करने वाला कोई नहीं है। न कि अज्ञानता और इच्छाओं के पीछे चलने वाले लोग, जो केवल वही स्वीकार करते हैं जो उनकी इच्छाओं से मेल खाता है, भले ही वह ग़लत हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• الأنبياء متفقون في أصول الدين مع وجود بعض الفروق بين شرائعهم في الفروع.
• सभी पैगंबर धर्म के मूल सिद्धांतों में सहमत हैं, जबकि फ़ुरू'आत (अप्रधान मुद्दों) में उनकी शरीयतों में कुछ अंतर पाया जाता है।

• وجوب تحكيم شرع الله والإعراض عمّا عداه من الأهواء.
• अल्लाह की शरीयत के अनुसार फ़ैसला करना तथा उसके सिवा अन्य इच्छाओं से दूर रहना ज़रूरी है।

• ذم التحاكم إلى أحكام أهل الجاهلية وأعرافهم.
• जाहिलिय्यत के लोगों के नियमों और रीति-रिवाजों की ओर फ़ैसला के लिए जाने की निंदा।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: മാഇദ
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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

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