Check out the new design

വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: ന്നിസാഅ്   ആയത്ത്:
اَللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— لَیَجْمَعَنَّكُمْ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ لَا رَیْبَ فِیْهِ ؕ— وَمَنْ اَصْدَقُ مِنَ اللّٰهِ حَدِیْثًا ۟۠
अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद (पूज्य) नहीं। वह तुम्हारे पहले और बाद के लोगों को क़यामत के दिन अवश्य इकट्ठा करेगा, जिसमें कोई शक नहीं; ताकि तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला दिया जाए। और अल्लाह से अधिक सच्ची बात वाला कोई नहीं है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَمَا لَكُمْ فِی الْمُنٰفِقِیْنَ فِئَتَیْنِ وَاللّٰهُ اَرْكَسَهُمْ بِمَا كَسَبُوْا ؕ— اَتُرِیْدُوْنَ اَنْ تَهْدُوْا مَنْ اَضَلَّ اللّٰهُ ؕ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَلَنْ تَجِدَ لَهٗ سَبِیْلًا ۟
(मोमिनो!) तुम्हें क्या हो गया है कि तुम, मुनाफ़िक़ों के साथ व्यवहार के बारे में दो अलग-अलग पक्ष बन गए हो : एक पक्ष कहता है कि उनके कुफ़्र के कारण उनसे युद्ध करना चाहिए, तथा दूसरा पक्ष कहता है कि उनके ईमान लाने के कारण उनसे युद्ध नहीं करना चाहिए?! तुम्हें उनके बारे में मतभेद में नहीं पड़ना चाहिए, जबकि अल्लाह ने उनके बुरे कर्मों के कारण उन्हें कुफ़्र और गुमराही की ओर लौटा दिया है। क्या तुम उसे सीधी राह पर लगाना चाहते हो, जिसे अल्लाह ने सत्य को स्वीकार करने का सामर्थ्य नहीं दिया है? और जिसे अल्लाह पथभ्रष्ट कर दे, तुम्हें उसे मार्गदर्शन करने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَدُّوْا لَوْ تَكْفُرُوْنَ كَمَا كَفَرُوْا فَتَكُوْنُوْنَ سَوَآءً فَلَا تَتَّخِذُوْا مِنْهُمْ اَوْلِیَآءَ حَتّٰی یُهَاجِرُوْا فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— فَاِنْ تَوَلَّوْا فَخُذُوْهُمْ وَاقْتُلُوْهُمْ حَیْثُ وَجَدْتُّمُوْهُمْ ۪— وَلَا تَتَّخِذُوْا مِنْهُمْ وَلِیًّا وَّلَا نَصِیْرًا ۟ۙ
मुनाफ़िक़ों (पाखंडियों) की कामना है कि उनके कुफ़्र करने की तरह तुम भी उसका इनकार कर दो, जो तुमपर उतारा गया है, ताकि कुफ़्र करने में, तुम उनके बराबर हो जाओ। अतः उनकी इसी दुश्मनी के कारण, तुम उन्हें अपना मित्र न बनाओ, यहाँ तक कि वे, अपने ईमान के संकेत के रूप में, शिर्क के घर से इस्लाम के देश की ओर हिजरत कर जाएं। यदि वे इससे मुँह फेरें और अपनी स्थिति पर बने रहें, तो जहाँ भी पाओ, उन्हें पकड़ो और क़त्ल करो। तथा उनमें से किसी को न अपना मित्र बनाओ, जो तुम्हारे मामलों में तुम्हारा साथ दे और न सहायक बनाओ, जो तुम्हारे दुश्मनों के विरुद्ध तुम्हारी सहायता करे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِلَّا الَّذِیْنَ یَصِلُوْنَ اِلٰی قَوْمٍ بَیْنَكُمْ وَبَیْنَهُمْ مِّیْثَاقٌ اَوْ جَآءُوْكُمْ حَصِرَتْ صُدُوْرُهُمْ اَنْ یُّقَاتِلُوْكُمْ اَوْ یُقَاتِلُوْا قَوْمَهُمْ ؕ— وَلَوْ شَآءَ اللّٰهُ لَسَلَّطَهُمْ عَلَیْكُمْ فَلَقٰتَلُوْكُمْ ۚ— فَاِنِ اعْتَزَلُوْكُمْ فَلَمْ یُقَاتِلُوْكُمْ وَاَلْقَوْا اِلَیْكُمُ السَّلَمَ ۙ— فَمَا جَعَلَ اللّٰهُ لَكُمْ عَلَیْهِمْ سَبِیْلًا ۟
परन्तु उनमें से जो लोग ऐसी क़ौम के पास पहुँच जाएँ कि तुम्हारे और उनके बीच युद्ध विराम का निश्चित अनुबंध है, अथवा वे लोग जो तुम्हारे पास इस स्थिति में आएँ कि उनके दिल संकुचित हों, वे न तुमसे लड़ना चाहते हों न अपनी क़ौम से लड़ना चाहते हों। हालाँकि यदि अल्लाह चाहता, तो उन्हें तुम्हारे ऊपर सक्षम कर देता और वे तुमसे लड़ाई करते।इसलिए अल्लाह की ओर से उसकी आफियत (विपत्ति रहित अवस्था) को स्वीकार करो और उन्हें क़त्ल करने अथवा बंदी बनाने से परहेज़ करो। यदि वे तुमसे अलग रहें और तुमसे युद्ध न करें, तथा तुमसे लड़ाई छोड़कर तुम्हारे साथ संधि के लिए हाथ बढ़ाएँ, तो अल्लाह ने तुम्हारे लिए उन्हें क़त्ल करने अथवा बंदी बनाने का कोई रास्ता नहीं बनाया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
سَتَجِدُوْنَ اٰخَرِیْنَ یُرِیْدُوْنَ اَنْ یَّاْمَنُوْكُمْ وَیَاْمَنُوْا قَوْمَهُمْ ؕ— كُلَّ مَا رُدُّوْۤا اِلَی الْفِتْنَةِ اُرْكِسُوْا فِیْهَا ۚ— فَاِنْ لَّمْ یَعْتَزِلُوْكُمْ وَیُلْقُوْۤا اِلَیْكُمُ السَّلَمَ وَیَكُفُّوْۤا اَیْدِیَهُمْ فَخُذُوْهُمْ وَاقْتُلُوْهُمْ حَیْثُ ثَقِفْتُمُوْهُمْ ؕ— وَاُولٰٓىِٕكُمْ جَعَلْنَا لَكُمْ عَلَیْهِمْ سُلْطٰنًا مُّبِیْنًا ۟۠
- ऐ मोमिनो! - तुम मुनाफ़िक़ों का एक अन्य समूह ऐसा पाओगे, जो तुम्हारे सामने ईमान को प्रदर्शित करते हैं ताकि वे खुद के लिए प्रतिरक्षा प्राप्त कर सकें। परन्तु जब वे अपनी काफ़िर क़ौम के पास जाते हैं, तो उनके सामने कुफ़्र को प्रदर्शित करते हैं, ताकि उनसे भी निश्चिंत और सुरक्षित रहें। जब भी उन्हें अल्लाह का इनकार करने और उसके साथ शिर्क करने के लिए बुलाया जाता है, तो वे उसमें भयानक रूप से गिर जाते हैं। ये लोग यदि तुमसे लड़ना न छोड़ें, सुलह करने के लिए आगे न आएं और अपने हाथ तुमसे न रोकें, तो उन्हें जहाँ पाओ, पकड़ो और क़त्ल करो। और वे लोग जिनकी यह विशेषता है, हमने तुम्हारे लिए उन्हें पकड़ने और क़त्ल करने का स्पष्ट तर्क बना दिया है; और ऐसा उनके विश्वासघात और चालबाज़ी के कारण किया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• خفاء حال بعض المنافقين أوقع الخلاف بين المؤمنين في حكم التعامل معهم.
• कुछ मुनाफ़िक़ों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण, उनके साथ व्यवहार के हुक्म के बारे में मोमिनों के बीच मतभेद पैदा हो गया।

• بيان كيفية التعامل مع المنافقين بحسب أحوالهم ومقتضى المصلحة معهم.
• मुनाफ़िक़ों के साथ, उनकी परिस्थितियों और उनके साथ हित की अपेक्षा के अनुसार व्यवहार करने के तरीक़े का वर्णन।

• عدل الإسلام في الكف عمَّن لم تقع منه أذية متعدية من المنافقين.
• मुनाफ़िक़ों में से जिससे कोई कष्ट नहीं पहुँचा है उससे हाथ रोक लेने में इस्लाम का न्याय।

• يكشف الجهاد في سبيل الله أهل النفاق بسبب تخلفهم عنه وتكلُّف أعذارهم.
• अल्लाह के रास्ते में जिहाद निफ़ाक़ वालों को उजागर कर देता है, क्योंकि वे उससे पीछे रहते हैं और बहाने बनाते हैं।

 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: ന്നിസാഅ്
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

അടക്കുക