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വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക


പരിഭാഷ ആയത്ത്: (21) അദ്ധ്യായം: ഫുർഖാൻ
وَقَالَ الَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ لِقَآءَنَا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْنَا الْمَلٰٓىِٕكَةُ اَوْ نَرٰی رَبَّنَا ؕ— لَقَدِ اسْتَكْبَرُوْا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ وَعَتَوْ عُتُوًّا كَبِیْرًا ۟
और जो काफ़िर हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और हमारी सज़ा से नहीं डरते, उन्होंने कहा : अल्लाह ने हमारे पास फ़रिश्ते क्यों नहीं भेजे, जो हमें मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सत्यता के विषय में बताते, अथवा हम अपने पालनहार को अपनी आँखों से देख लेते और वह हमें इस विषय में सब कुछ बता देता? निश्चित रूप से इन लोगों के दिलों में अहंकार इतना बढ़ गया है कि उसने इन्हें ईमान से रोक दिया है और वे ऐसा कहकर कुफ़्र और सरकशी में सीमा को पार कर चुके हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ഈ പേജിലെ ആയത്തുകളിൽ നിന്നുള്ള പാഠങ്ങൾ:
• الكفر مانع من قبول الأعمال الصالحة.
• 'कुफ़्र' नेक कामों के क़बूल होने की राह में बाधा है।

• خطر قرناء السوء.
• बुरे साथियों का ख़तरा।

• ضرر هجر القرآن.
• क़ुरआन को छोड़ने का नुक़सान।

• من حِكَمِ تنزيل القرآن مُفَرّقًا طمأنة النبي صلى الله عليه وسلم وتيسير فهمه وحفظه والعمل به.
• क़ुरआन को थोड़ा-थोड़ा करके उतारने की हिकमतों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना और उसके समझने, याद करने तथा अमल करने को सुविधाजनक बनाना शामिल हैं।

 
പരിഭാഷ ആയത്ത്: (21) അദ്ധ്യായം: ഫുർഖാൻ
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഖുർആൻ സംക്ഷിപ്ത വിശദീകരണം - പരിഭാഷ (ഹിന്ദി) - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

മർക്കസ് തഫ്സീർ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചത്.

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